सेवा में, 24 अगस्त, 2013
श्रीमान पुलिस महानिदेशक महोदय,
उत्तर-प्रदेश,
लखनऊ |
विषय : उत्तर-प्रदेश के जिला मुरादाबाद के थाना-बनियाठेर, ग्राम-पीपली
में साम्प्रदायिक ताकतों के दबाव में पुलिस द्वारा निर्दोष मुस्लिम युवको
को बलात्कार व हत्या के झूठे मामले में फ़साने व पुलिस द्वारा थाने में उन
युवको को बुरी तरह से मारने पीटने के सम्बन्ध में |
महोदय,
आपका ध्यान इस और आकृष्ट कराना चाहता हूँ कि `उत्तर प्रदेश के
मुरादाबाद जिले के ग्राम श्यामपुर भूडी निवासी तारा चाँद मौर्य की पुत्री
तारा जो कक्षा 8 की छात्रा थी | दिनांक 29 दिसम्बर, 2012 को वह स्कूल गयी
तो फिर वापस नहीं आयी | घरवाले उसे सभी संभव जगह खोजने लगे लेकिन वह नहीं
मिली | दिनांक 2 जनवरी, 2013 को सुबह अंजू की लाश पीपली और अकरौली गाँव
के बीच एक खेत में मिली | जिसके बाद अंजू के घरवालो ने अज्ञात व्यक्तियों
के खिलाफ मुकद्दमा दर्ज करवाया |
पुलिस अभी इस केस में छानबीन करती इससे पहले पीपली गाँव के भाजपा
के सदस्यो ने इस घटना को साम्प्रदायिक रंग देने के लिए हिन्दू लोगो को
भड़काकर थाने का घेराव किया और चन्दौसी मुरादाबाद रोड को जाम कर पुलिस पर
दबाव बनाने लगे कि जिसके कारण बनियाठेर थाने की पुलिस ने पीपली गाँव के
तीन निर्दोष मुस्लिम युवको मुशाहिद पुत्र शाहिद, इकबाल पुत्र अनवार और
मुशर्रफ पुत्र भोलू को रात में गिरफ्तार कर लिया और रात भर पुलिस उन तीनो
युवको को जुर्म कबूल करने का दबाव बनाती रही लेकिन जब उन युवको ने जुर्म
कबूल नहीं किया और कहा कि वे निर्दोष है |
तब पुलिस ने उनके कपडे उतारकर उन लोगो को नंगा करके बर्फ की सिल्ली पर
लिटा दिया जबकि उस समय भयंकर ठण्ड पड रही थी | उसके बाद पूरी रात पुलिस
वालो ने उन युवको को बेरहमी से पीटते रहे और लगातार जुर्म कबूल करने का
दबाव बनाते रहे | जब सुबह उन युवको के परिजन मिलने के लिए थाने पर गए तो
पुलिस वालो ने उन लोगो के साथ भी मार पीट की व गाली देते हुए उन लोगो को
बिना मुलाकात कराये वहा से भगा दिया |
पुलिस लगातार उन युवको को यातनाये दे रही थी | इकबाल को पुलिस ने कहा
इनकाउन्टर करने की धमकी दी | तीन दिन तक यातना देने के बाद पुलिस ने उन
तीनो युवको के खिलाफ धारा 302, 201 व 376(G) के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल
भेज दिया | लेकिन पुलिस के पास अभी तक उन लोगो के खिलाफ कोइ भी ठोस सबूत
या कोइ भी गवाह उस घटना से सम्बंधित नहीं है फिर किस आधार पर पुलिस ने
मुकदमा पंजीकृत किया है यह बड़ा प्रश्न खडा होता है कि कही साम्प्रदायिक
तनाव से बचने के लिए पुलिस ने निर्दोष मुस्लिम युवको को झूठे केस में फसा
दिया है |
अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि कृपया इस मामले को संज्ञान में लेते हुए
स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराई जाय | साथ ही दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ
भी कानूनी कार्यवाही करने की कृपा करे |
भवदीय
डा0 लेनिन
महासचिव
सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी,
+91-9935599333
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