सेवा में, 12 अगस्त, 2013
श्रीमान अध्यक्ष महोदय,
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,
नई दिल्ली |
विषय : उत्तर-प्रदेश के अलीगढ़ जिले के जिला महिला अस्पताल में गर्भवती महिला की नसबंदी के दौरान मौत के सम्बन्ध में |
महोदय,
आपको यह अवगत करना चाहता हूँ कि जहीर पुत्र हफीज, भुजपुरा, थाना-कोतवाली नगर अलीगढ़, उत्तर प्रदेश का निवासी है | जहीर की पत्नी खातून दिनांक 13 अप्रैल, 2013 को मोहन लाल गौतम राजकीय महिला चिकित्सालय अलीगढ़ में नसबंदी कराने के लिए भर्ती हुयी | इसके बाद नसबंदी के पहले अस्पताल द्वारा जितनी भी जांच की जाती है की गयी और इसके बाद उसे बेहोशी का इंजेक्शन दिया गया | अभी आपरेशन शुरू कर दिया जिससे खातून की हालत बिगड़ने लगी | डाक्टरों के हाथ पाँव फूलने लगे | तुरन्त ही 108 नंबर पर फोन करके एम्बुलेंस बुलाकर उस महिला को मेडिकल कालेज भेजा गया जहाँ डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया | इस पूरे घटना में जान बूझ कर लापरवाही की गयी जिसमे डा0 रानी गुप्ता, डा0 मंजू अग्रवाल, डा0 पी0 एल0 जैन व नर्स हेमलता, गौरी व अन्य स्टाफ शामिल थे | क्योकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह बात सामने आयी कि महिला गर्भवती थी | तब यह प्रश्न उठता है कि क्या नसबंदी के पूर्व मरीजो का कोइ जांच नहीं होता यदि होता है तो इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हो गयी | इस पूरे प्रकरण में उच्च स्तरीय जांच होने के पश्चात ही वहा चल रहे गोरखधंधे का खुलासा हो सके | क्योकि इस मौत के बाद जिले स्तर पर जांच के नाम पर लगातार स्टाफ और डाक्टरों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है | अभी तक इस मामले में जिला प्रशासन द्वारा कोइ भी कार्यवाही नहीं की गयी है |
अतः आपसे निवेदन है कि कृपया इस मामले की उच्च स्तरीय जाँच का निर्देश दे तथा दोषी कर्मचारियों व अधिकारियो के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत करने का आदेश दे | साथ ही मृतक के परिवार को मुआवजा दिलाया जाय |
संलग्नक :
1. अखबार में प्रकाशित खबर की कापी |
भवदीय
डा0 लेनिन
महासचिव
मानवाधिकार जननिगरानी समिति
सा 4/ 2 ए दौलतपुर, वाराणसी
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