PVCHR initiative supported by EU

Reducing police torture against Muslim at Grass root level by engaging and strengthening Human Rights institutions in India

Thursday, December 27, 2012

A very positive assessment order of Income Tax department

PVCHR: A very positive assessment order of Income Tax dep...: Congratulation to all management team and staffs of PVCHR for their hard work for transparency and accountability. After many intensive in...

Saturday, December 22, 2012

2013 as a year for Neo Dalit Movement against caste System and other exclusion



PVCHR wishes a Cheerful Christmas to you and loved ones. May the success, satisfaction and achievements be the gifts of the New Year for you. Have a wonderful Christmas and Joyous New Year. PVCHR is going to observe the 2013 as a year for Neo Dalit Movement against caste System and other exclusion.

Thursday, December 20, 2012

Indian government should repeal sedition law


In October, J. L. Chugh, joint secretary of the Indian Home Ministry, issued a statement to the local People's Vigilance Committee on Human Rights in India, and said a hearing would be convened to discuss the sedition law, according to CPJ's review of the statement. But the notice did not include a date or offer further details about the hearing. Two months have passed since that communique without further indications from your government about a specific timetable for addressing this critical issue.

http://cpj.org/2012/12/indian-government-should-repeal-sedition-law.php

Tuesday, December 18, 2012

PVCHR observed Minorities Rights Day


Today PVCHR observed Minorities Rights Day in four district of Uttar Pradesh with focus discussion on strengthening human rights institutions in India and also through human rights street movements. The objective of the Observance shall be highlighting rights of Minorities, Protection and Safeguard of the rights of the Minorities as enshrined in the Constitution of India.

During this auspicious day PVCHR shared the analysis report showing NHRC discrimination between Hindu and Muslim survivors. 
http://muslim-minority.blogspot.in/2012/11/nhrc-discrimination-with-hindu-and_7031.html

The Commission had a major role in protecting the rights of the minority communities and in bringing about better understanding among the various religious minority communities.

In order to strengthen the cause of the minorities, the United Nations promulgated the “Declaration on the Rights of Persons belonging to National or Ethnic, Religious and Linguistic Minorities” on 18th December 1992 proclaiming that:

“States shall protect the existence of the National or Ethnic, Cultural, Religious and Linguistic identity of minorities within their respective territories and encourage conditions for the promotion of that identity.”

Monday, December 17, 2012

चौकी जमालपुर, थाना- क्वार्सी, अलीगढ के दबंगो द्वारा दुकान लगाने के एवज मे पीडित से जबरिया पैसे वसूल करने व न देने पर जान से मारने की धमकी देने तथा बार-बार शिकायत करने के बावजूद स्थानीय ताने की पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही न करने के सब्दर्भ मे।

सेवा मे                                17-12-2012
श्रीमान अध्यक्ष महोदय
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग
नई दिल्ली।

विषय- चौकी जमालपुर, थाना- क्वार्सी, अलीगढ के दबंगो द्वारा दुकान लगाने के एवज मे पीडित से जबरिया पैसे वसूल करने व न देने पर जान से मारने की धमकी देने तथा बार-बार शिकायत करने के बावजूद स्थानीय ताने की पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही न करने के सब्दर्भ मे।

महोदय,

   विदित हो कि पीडित अफसर पुत्र नूर मोहम्मद नि0- गुलस्ता कालोनी, अनूपशहर रोड बाईपास, चौकी जमालपुर, थाना- क्वार्सी, अलीगढ जमालपुर पुलिया के पास छोटी सी दूकान लगाकर फुटकर लेहसुन प्याज का छोटा मोटा धन्धा कर अपना व अपने परिवार का भरण पोषण करता है। विगत वर्षो से बाज़ार के कुछ दबंग युवक पीडित से दूकान लगाने के एवज मे 50/- रुपये रोज ग्ंडाटैक्स की मांग कर प्रताडित करते रहते है तथा न देने व शिकायत करने पर बराबर जान-माल की धमकी देते रहते है, जिसके बाबत पीडित ने स्थानीय पुलिस चौकी, थाना व अन्य उच्च अधिकारियो के यहा शिकायत पूर्व मे कर चुका है, परंतु स्थानीय पुलिस चौकी के प्रभाव प्रलोभन रखने के कारण उक्त दबंगो पर स्थानीय पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही न करने के कारण दबंगो का मनोबल काफी बढा हुआ है तथा आये दिन उनके द्वारा बाज़ार के छोटे व्यवसायिओ को डरा धमका कर अवैध धन वसूली की जाती है तथा दूकाने जबरिया नही लगाने दी जाती है जिससे जिवकोपार्जन कर पाना पीडित के लिये मुश्किल हो जाता है। उक्त प्रकरन मे जांच कर दोषी दबंगो व संलिप्त पुलिसकर्मियो के विरुद्ध कार्यवाही किया जाना आवश्यक है।
            अत: उक्त प्रकरण मे उचित कार्यवाही करने की कृपा करे।
संलग्नक- पीडित द्वारा पूर्व मे प्रेषित प्रार्थनापत्रो की छायाप्रति।
       
            भवदीय
           डा0 लेनिन
           (महासचिव)  
    मानवाधिकार जननिगारानी समिती
  सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी, उत्तर-प्रदेश
         +91-9935599333 
         lenin@pvchr.asia 

थाना देहली गेट अलीगढ के पीडित के भाई के हत्या के दोषियो के विरुद्ध कार्यवाही करने व हत्यारोपित के भाई द्वारा अपने घर मे आग लगाकर पीडित को फर्जी मुकदमे मे फसाने का प्रयास करने व पीडित के मृत भाई की पत्नी को मुआवजा दिये जाने के सन्दर्भ मे।

सेवा मे                                        17-12-2012
श्रीमान अध्यक्ष महोदय
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग
नई दिल्ली।

विषय- थाना देहली गेट अलीगढ के पीडित के भाई के हत्या के दोषियो के विरुद्ध कार्यवाही करने व हत्यारोपित के भाई द्वारा अपने घर मे आग लगाकर पीडित को फर्जी मुकदमे मे फसाने का प्रयास करने व पीडित के मृत भाई की पत्नी को मुआवजा दिये जाने  के सन्दर्भ मे।

महोदय,
      विदित हो कि पीडित जाहिद पुत्र कल्लन खाँ नि0- नीवरी मोड सोसायटी के पास थाना देहली गेट अलीगढ के भाई साहिद को दिनांक 23-11-2012 को  पीडित के पडोसी चमन खाँ पुत्र रसीद खाँ व आसु पुत्र काले खाँ पुरानी मोटर साईकिल खरीदवाने के बहाने घर से बुला कर ले गये और पीडित के भाई की हत्या अपने साथियो के साथ मिलकर कर दिये तथा पीडित के भाई की लाश को गायब कर दिये। उक्त घटना मे स्थानीय थाने की पुलिस द्वारा दोनो नामजद अभियुक्तो को पकड लिया गया है, परंतु अन्य सह्योगी अभी प्रकाश मे नही आये है। इसी क्रम मे मामले मे पैरवी न करने का दबाव बनाने के उद्देश्य से आरोपित चमन के परिजनो द्वारा घर मे आग लगाकर व लूटपाट का आरोप लगाकर पीडित व पीडित के परिजनो को उक्त मामले मे पैरवी न करने का मानसिक दबाव बनाया जा रहा है। पीडित का भाई एक गरीब मजदूर था उसकी हत्या के बाद उसके पत्नी व बच्चो को जीवनयापन करने मे समस्याओ का सामना करना पड रहा है तथा आरोपितो द्वारा भविष्य मे उनके साथ किसी अप्रिय घटना कारित करने या कराने का प्रबल खतरा उत्पन्न हो गया है। ऎसी स्थिति मे पीडित के भाई के हत्या मे दोषियो के विरुद्ध कार्यवाही तथा पीडित परिवार को सुरक्षा तथा विपक्षी गण द्वारा लागाये जा रहे झूठे आरोपो की जांच कराया जाना तथा मृत की पत्नी को समाज की मुख्य धारा से जोडने हेतु मनोवैज्ञानिक सहायता व मुआवाजा दिया जाना आवश्यक है।
           अत: उक्त प्रकरण मे उचित कार्यवाही करने की कृपा करे।
संलग्नक- एफ0 आई0 आर0 की छायाप्रति।
      

            भवदीय
           डा0 लेनिन
           (महासचिव)  
    मानवाधिकार जननिगारानी समिती
  सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी, उत्तर-प्रदेश
         +91-9935599333 
         lenin@pvchr.asia 

थाना- सरधना, मेरठ के पीडिता नज़मा व नसरीन को दहेज के लिये ससुराल पक्ष द्वारा शारीरिक व मानसिक रुप से प्रताडित करने तथा पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही न करने सन्दर्भ मे।

सेवा मे                                17-12-2012
श्रीमान अध्यक्ष महोदय
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग
नई दिल्ली।

विषय-  थाना- सरधना, मेरठ के पीडिता नज़मा व नसरीन को दहेज के लिये ससुराल पक्ष द्वारा शारीरिक व मानसिक रुप से प्रताडित करने तथा पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही न करने सन्दर्भ मे।

महोदय,

    विदित हो कि पीडिता नाज़मा व नसरीन पुत्री याकूब नि0- नबावगढी थाना- सरधना, मेरठ का निकाह मुस्लिम रीति-रिवाज से दिनांक- 22 मई 2011 को आरिफ व आकिल पुत्रगण सत्तार नि0- सौरम थाना शाहपुर जिला- मुज़फ्फरपुर के साथ सम्पन्न हुआ था। पीडिता के पिता ने अपनी हैसियत के मुताबिक खर्च किया था तथा सभी घरेलू सामान दियाथा, कुछ दिनो उपरांत ससुराल पक्ष द्वारा पीडिता को दहेज मे दो लाख रुपये लाने के लिये मानसिक व शारीरिक रुप से प्रताडित किया जाने लगा तथा पीडिता नज़मा के एक बार विदा हिकर मायके आने पर नसरीन को मिट्टी का तेल छिडक कर जलाकर मारने का प्रयास ससुराल पक्ष द्वारा किया गया था, पडोसियो के पहुचने पर पीडिता की जान बच सकी थी। उक्त प्रताडना व ससुराल पक्ष द्वारा पीडिताओ को मानसिक व शारीरिक रुप से प्रताडित करने के बाबत पीडिता के पिता याकूब द्वारा सरधना थाने मे विपक्षियो के विरुद्ध कार्यवाही करने के लिये प्रार्थना पत्र दिया गया, परंतु स्थानीय थाने द्वारा कोई कार्यवाही न करने पर पीडिता नाज़मा व नसरीन के पिता द्वारा माननीय न्यायालय मे 156(3) सी0आर0पी0सी0 के तहत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर मुकदमा दर्ज कर विवेचना करने का आदेश पारित कराया गया परंतु स्थानीय थाने की पुलिस द्वारा विपक्षियो के प्रभव व प्रलोभन मे उन पर कोई कार्यवाही नही की गयी जिससे उनका मनोबल काफी बढा हुआ है तथा आये दिन विपक्षी ससुराल पक्ष द्वारा पीडिता पक्ष को जान से मारने की बरबर धमकी दी जाती है। ऎसी स्थिति मे विपक्षियो के विरुद्ध कारायवाही किया जाना व पीडिता पक्ष की सुरक्षा सुनिश्चित किये जाने हेतु जांच कर कार्यवाही किया जाना आवश्यक है।

  अत: उक्त प्रकरण मे उचित कार्यवाही करने की कृपा करे।

संलग्नक- 1- पूर्व मे प्रेषित प्रार्थना पत्र की छायाप्रति।
         2- अखबार के कतरन की छायाप्रति। 


            भवदीय
           डा0 लेनिन
           (महासचिव)  
    मानवाधिकार जननिगारानी समिती
  सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी, उत्तर-प्रदेश
         +91-9935599333 
         lenin@pvchr.asia 

थाना- लिसाडी गेट मेरठ के दबंग भू-माफिया द्वारा जमीन के नाम पर पीडिता का एक लाख रुपया हडपने, घर मे घुसकर तीन वर्षीय पुत्र को तमंचे के बल पर अगवा कर बलात्कार की कोशिश,लूटपाट करने, पति पर जान लेवा हमला करने तथा स्थानीय थाने की पुलिस द्वाराकोई कार्यवाही न करने के सन्दर्भ मे।

सेवा मे                              17-12-2012
श्रीमान अध्यक्ष महोदय
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग
नई दिल्ली।

विषय-  थाना- लिसाडी गेट मेरठ  के दबंग भू-माफिया द्वारा जमीन के नाम पर पीडिता का एक लाख रुपया हडपने, घर मे घुसकर तीन वर्षीय पुत्र को तमंचे के बल पर अगवा कर बलात्कार की कोशिश,लूटपाट करने, पति पर जान लेवा हमला करने तथा स्थानीय थाने की पुलिस द्वाराकोई कार्यवाही न करने के सन्दर्भ मे।

महोदय,    

       विदित हो कि पीडिता नरगिस पत्नी उस्मान नि0- मिलन पैलेस के पीछे शजाद कालोनी समर गार्डेन थाना- लिसाडी गेट मेरठ ने स्थानीय प्रापर्टी डीलर शहजाद को सौ वर्ग गज़ का प्लाट के लिये एक लाख रुपये बतौर एडवांस दिया था बाकी एक लाख रुपये बैनामा के समय देने की बात तय थी, परंतु उक्त प्रापर्टी डीलर शहजाद अपने अन्य साथियो के साथ दिनांक 11-6-012 को पीडिता के घर चढ आया और जमीन का सौदा पैसे की जगह पीडिता के शरीर से करने लगा पीडिता के इन्कार करने पर पीडिता के पुत्र ईशान को तमंचे की बल पर उठा लिया और पीडिता के साथ मारपीट कर पीडिता के कानो से सोने की कुंडल, एक लाख रुपया लूट लिये और जबरदस्ती पीडिता के साथ बलात्कार करने की कोशिश की पीडिता के शोरगुल करने पर पीडिता का पति मौके पर पहुंच गया तो उक्त लोगो द्वारा पीडिता के पति को भी तमंचे की बट से मारपीट कर गम्भीर रुप से घायल कर दिया, शोरगुल से अन्य लोगो के इकट्ठे होने पर उक्त विपक्षी पीडिता को जान से मारने की धमकी देते हुए उसके पुत्र को उठा ले गये। उक्त प्रकरण की सूचना स्तानीय थाने मे दर्ज कराने के बावजूद भी पुलिस द्वारा उन दबंगो के प्रभाव व प्रलोभन मे उनके विरुद्ध कोई भी कार्यवाही नही की गयी, जिससे उनका मनोबल काफी बढा हुआ है तथा पुलिस के शह पर दबंग भू-माफिया पीडिता का रुपया भी वापस नही कर रहे है और ना ही प्लाट दे रहे। उक्त प्रकरण की जांच कर दोषियो के विरुद्ध कार्यवाही किया जाना आवश्यक है।

             अत: उक्त प्रकरण मे उचित कार्यवाही करने की कृपा करे।
संलग्नक- 1- अखबार के कतरन की छायाप्रति।
         2- एफ0 आई0 आर0 की छायाप्रति।
            

            भवदीय
           डा0 लेनिन
           (महासचिव)  
    मानवाधिकार जननिगारानी समिती
  सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी, उत्तर-प्रदेश
         +91-9935599333 
         lenin@pvchr.asia 

थाना नौचन्दी जिला मेरठ के पीडित के पिता को लूटेरो द्वारा ढाई लाख रुपये लूटने व गोली मारकर हत्या करने, स्थानीय थाने की पुलिस द्वारा कार्यवाही न करने तथा पीडित को मुआवजा दिये जाने के सन्दर्भ मे।

सेवा मे           17-12-2012

श्रीमान अध्यक्ष महोदय
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग
नई दिल्ली।

विषय-  थाना नौचन्दी जिला मेरठ के पीडित के पिता को लूटेरो द्वारा ढाई लाख रुपये लूटने व गोली मारकर हत्या करने, स्थानीय थाने की पुलिस द्वारा कार्यवाही न करने तथा पीडित को मुआवजा दिये जाने के सन्दर्भ मे।

महोदय,
         विदित हो कि पीडित मो0 फारूख पुत्र अली हसन नि0- गली न0-16 ढवाई नगर थाना नौचन्दी मेरठ के पिता मृत फारुख कपडो का सैम्पल लेने व वसूली करने बराबर दिल्ली जाया करते थे कि दिनांक 26-11-2012 को पीडित के पिता को अज्ञात मोटर साईकिल सवार बदमाशो द्वारा गोली मारकर ढाई लाख रुपया लूट लिया गया था जिसमे पीडित के पिता फारुख की गोली लगने से मौके पर ही मृत्यु हो गयी थी, उक्त घटना की रिपोर्ट मृत फारुख के साथ आ रहे अशफाक पुत्र इलियास ने अज्ञात बदमाशो के विरुद्ध थाना रेलवे गेट मेरठ मे मुकदमा दर्ज कराया गया था, परंतु स्थानीय थाने के पुलिस द्वारा अभी तक किसी भी बदमाशो की गिरफ्तारी नही की जा सकी है और ना ही स्थानीय प्रशासन द्वारा पीडित को कोई मुआवजा ही दिया गया है। पीडित का पिता ही घर का कमाने वाला मुखिया था वही परिवार का भरण-पोषण करता था, पीडित के पिता की हत्या होने व पुलिस के द्वारा लूट के रुपयो की अभी तक बरामदगी न कर पाने के कारण पीडित के परिवार की आर्थिक स्थिति काफी दयनीय हो गयी है। उक्त प्रकरण मे दोषियो के विरुद्ध कार्यवाही किया जाना व पीडित परिवार को समाज की मुख्य धारा से जोडने हेतु मुआवजा दिया जाना आवश्यक है।
        
 अत: उक्त प्रकरण मे उचित कार्यवाही करने की कृपा करे।

संलग्नक-  1- अखबार के कतरन की छायाप्रति।
          2- एफ0 आई0 आर0 की छायाप्रति।


             भवदीय
           डा0 लेनिन
           (महासचिव)  
    मानवाधिकार जननिगारानी समिती
  सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी, उत्तर-प्रदेश
         +91-9935599333 
         lenin@pvchr.asia 

Sunday, December 16, 2012

जिला मेरठ में पीडित के पुत्र को दबंगो द्वारा अपहरण कर हत्या करने तथा स्थानीय थाने की पुलिस द्वारा आत्महत्या साबित कर मामले को रफा-दफा करने के सन्दर्भ मे।

सेवा मे                                          17-12-2012

श्रीमान अध्यक्ष महोदय

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग

नई दिल्ली।


विषय- जिला मेरठ में पीडित के पुत्र को दबंगो द्वारा अपहरण कर हत्या करने तथा स्थानीय थाने की पुलिस द्वारा आत्महत्या साबित कर मामले को रफा-दफा करने के सन्दर्भ मे।


महोदय,

    विदित हो कि पीडित निजामुद्दीन नि0- मोहला- सराय लाल दास थाना देहली गेट मेरठ का पुत्र रियाज़ुद्दीन चान्दी का कारोबार करता था इसी सिलसिले मे पीडित के पुत्र ने मुहल्ले के ही अकबर, शहजाद और अशरफ से उधार चान्दी लिया था, पीडित के पुत्र का कारोबार मे घाटा होने के कारण उस पर लोगो का 21 लाख रुपये कर्ज हो गया जिसे वह घाटा होने के कारण लौटा नही पा रहा था। 20 नवम्बर 2012 को उक्त अकबर, शहजाद और अशरफ वगैरह पीडित के घर चढ कर उक्त रुपयो के बाबत पीडित के पुत्र रियाज़ुद्दीन को मारे पीटे तथा अपहरण कर हत्या कर दिये परंतु स्थानीय थाने की पुलिस ने पीडित के पुत्र की हत्या को आत्महत्या साबित कर मामले को रफा- दफा कर दिया। पीडित के द्वारा उच्च अधिकारियो के यहा गुहार लगाने पर पुन: पोस्टमार्टम कराये जाने का आदेश श्रीमान जिलाधिकारी महोदय द्वारा दिया गया है। ऎसी स्थिति मे उक्त प्रकरण की जांच कर दोषियो के विरुद्ध कार्यवाही किया जाना आवश्यक है।


             अत: उक्त प्रकरण मे उचित कार्यवाही करने की कृपा करे।


संलग्नक

- http://epaper.jagran.com/story1.aspx?id=9034&boxid=104975288&ed_date=13-dec-2012&ed_code=29&ed_page=4


     

 भवदीय

डा0 लेनिन

(महासचिव)

सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी, उत्तर-प्रदेश 

+91-9935599333

lenin@pvchr.asia 


 

 

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Friday, December 7, 2012

वाराणसी जिले के मण्डलीय अस्पताल के शवगृह में प्रसासनिक लापरवाही के कारण बंदी का शव नेवलो व छुछुन्दरो द्वारा क्षत-विक्षत किये जाने के सम्बन्ध में

सेवा में,                             दिनांक : 7/12/2012   

श्रीमान अध्यक्ष महोदय,

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,

नई दिल्ली |

 

विषय : वाराणसी जिले के मण्डलीय अस्पताल के शवगृह में प्रसासनिक लापरवाही के कारण बंदी का शव नेवलो व छुछुन्दरो द्वारा क्षत-विक्षत किये जाने के सम्बन्ध में |

 

महोदय,

       आपका ध्यान दैनिक समाचार पत्र "दैनिक जागरण" 7 दिसम्बर, 2012 के इस खबर "बंदी का शव नोंच ले गए नेवले व छछूंदर" की और कराना चाहता हूँ ज्ञात हो की वाराणसी जिले के मंडलीय अस्पताल की मर्चरी को नेवले और छछूंदरों ने किचेन बना लिया सिद्धदोष बंदी के शव को रात भर में क्षत-विक्षत कर दिया | यह बात तब पता चली जब शव को पंचनामे के लिए निकाला गया | इसे देखकर परिजन और अफसरों के पैरों तले से जमीन खिसक गई |

केंद्रीय कारागार में बंद अब्दुल जब्बार की हालत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान 14 नवंबर को उसकी मौत हो गई। अगली सुबह मर्चरी से शव निकाले जाने पर शव की हालत देखकर परिजन भड़क उठे क्योकि शव बिलकुल क्षत विक्षत था और उसे पहचानना बहुत मुश्किल था । जांच में पता चला कि शव पर चूहे- नेवले व छछूंदरों के तेज दांतों से निशान हैं। शव क्षत विक्षत होने से पंचनामा व पोस्टमार्टम के दौरान कारणों पर आशंकाएं उत्पन्न होने की संभावना जताई। शवगृह का बुरा हाल मर्चरी में लगी खिड़कियों के शीशे और जालियां टूटी हैं। इनसे होकर बगल के कूड़ाघर से चूहे-नेवले और छछूंदर इसमें आते जाते रहते हैं। यहां लगे दोनों फ्रीजर के दरवाजे खराब होने से उसमें घुसकर शव को क्षतिग्रस्त कर देते हैं। यही नहीं फ्रीजर में करेंट उतरने से उसका कनेक्शन भी काट दिया गया है। मर्चरी में लावारिश शव या फिर दुर्घटना के बाद मेडिकोलीगल केस से जुड़े शव रखे जाते हैं। इनकी पहचान या परिजनों के आने अथवा पोस्टमार्टम के लिए भेजे जाने की औपचारिकता पूरी करने में लंबा समय लगता है। गर्मी के दिनों में इससे शव खराब भी हो जाते हैं |

लेकिन आज तक प्रसासनिक अधिकारियों ने इस पर कोइ ध्यान नहीं दिया यह पहला केस नहीं है इससे पहले भी इस तरह के मामले प्रकाश में आ चुका है | परन्तु कोइ भी विभागीय कार्यवाही किसी भी अधिकारी द्वारा नहीं किया गया |

       अतः इस मानवाधिकार उल्लंघन के मामले को संज्ञान में लेते हुए दोषियों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्यवाही का आदेश दें साथ ही अभी तक इस तरह की पहले हुयी घटनाओं की जांच कराते हुए उनके परिजनों को मुआवजा दिलाने की कृपा करे |

संलग्नक : अखबार की छाया प्रति 


http://in.jagran.yahoo.com/epaper/index.php?location=40&edition=2012-12-07&pageno=5#id=111756644872529944_40_2012-12-07 

भवदीय

डा० लेनिन

महासचिव मानवाधिकार जननिगरानी समिती

सा 4/2 ए दौलतपुरवाराणसी

91-9935599333

lenin@pvchr.asia 

 

 

 


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Thursday, November 22, 2012

मानवाधिकार जन निगरानी समिति के पैरवी के बाद मुरादाबाद के २ मुस्लिम युवको के ऊपर से पुलिस ने हटाया रासुका




जिला मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश अगवानपुर (कांठ) के पुलिस चौकी इंचार्ज द्वारा धार्मिक चबूतरे को तोडने, महिलाओ के साथ दुर्व्यवहार करने व अन्य दोषियो द्वारा माहौल बिगाडने के सन्दर्भ मे।


PVCHR MINORITY minority.pvchr@gmail.com
4:04 PM (9 minutes ago)


to akpnhrcjrlawnhrcionhrccovdnhrcLeninleninpvchr.adv.india
सेवा मे                                      दिनांक-22नवम्बर2012
श्रीमान अध्यक्ष
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग
नई दिल्ली 

विषय- जिला मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश  अगवानपुर (कांठ) के पुलिस चौकी इंचार्ज द्वारा धार्मिक चबूतरे को तोडने, महिलाओ के साथ दुर्व्यवहार करने व अन्य दोषियो द्वारा माहौल बिगाडने के सन्दर्भ मे।

महोदय
       मै आपका ध्यान दैनिक समाचार पत्र अमर उजाला के दिनांक-21-11-2012 के शीर्षक "धार्मिक स्थल की बेहुरमती को लेकर हंगामा” की ओर आकृष्ट कराना चाहता हू। कस्बा अगवानपुर (कांठ) मुरादाबाद के पंचायती इमामबाडा मनिहारान के विवादित भूमि के कुछ भूमि को कस्बे के कैलाश पुत्र रामरक्षपाल सिह ने मुहल्ला न्यारियान के मो0 रफी पुत्र मो0 शरीफ को बेच दिया उक्त रफी द्वारा निमार्ण कराया जाने लगा तो लोगो ने निर्माण को रोकवा दिया और दिनांक- 19-11-2012 की शाम साफ-सफाई कर चबूतरे पर ताजिया रख दिया। जानकारी होने पर चौकी इंचार्ज रमेश बाबू पहुंचे और महिला अजादारो से अभद्रता किये, ताजिये की बेहुरमती की और चबूतरे को भी तोड कर क्षतिग्रस्त कर दिया, जिससे दूसरे दिन वहा लोगो ने ताजिये के जुलूस को रोक दिया और चौकी इंचार्ज के विरुद्ध कार्यवाही की मांग कर नारेबाजी करने लगे। उच्च अधिकारियो के पहुचने व हस्तक्षेप करने व आश्वासन के बाद माहौल को शांत कराया गया। उक्त प्रकरण मे मुहर्रम जैसे मौके पर जिम्मेदार पुलिस चौकी इंचार्ज द्वारा व अन्य दोषी कैलाश, रफी द्वारा माहौल को तनाव पूर्ण बनाने की जांचकर दोषियो के विरुद्ध त्वरित कार्यवाही किया जाना आवश्यक है।
      अत: उक्त प्रकरण को संज्ञान मे लेते हुए त्वरित कार्यवाही करने की कृपा करे।


                                               भवदीय
                                     
                                             
                                           
                                             डा0 लेनिन
                                             (महासचिव)
                                      मानवाधिकार जन निगरानी समिति
                                       सा0 4/2 ए दौलतपुर वाराणसी 
                                          +91-9935599333                                           
                                          lenin@pvchr.asia



धार्मिक स्थल की बेहुरमती को लेकर हंगामा


Moradabad | Last updated on: November 21, 2012 12:00 PM IST




अगवानपुर(कांठ)। पंचायती इमामबाड़ा मनिहारान पर ताजिये की बेहुरमती और महिला अजादारों के साथ गाली गलौच का आरोप लगाते हुए अजादारों ने जमकर हंगामा काटा। विरोध में उन्होंने मुहर्रम का जुलूस रोक दिया और चौकी इंचार्ज के खिलाफ नारेबाजी की। आरोप है कि इंचार्ज ने धार्मिक स्थल के चबूतरे को तोड़ दिया। सूचना पर पुलिस अधिकारियों के हाथ पैर फूल गए। देर शाम उन्होंने आश्वासन देकर सभी को शांत किया और जुलूस आगे बढ़वाया।
पंचायती इमामबाड़ा मनिहारान की भूमि को लेकर चल रहा विवाद सोमवार देर रात तूल पकड़ गया। बताते चलें कि कस्बे के कैलाश पुत्र रामरक्षपाल सिंह ने कुछ भूमि मुहल्ला न्यारियान के मौ. रफी पुत्र मौ. शरीफ को बेची थी। पंद्रह दिन पहले यह मामला जगजाहिर हुआ, जब मौ. रफी ने यहां निर्माण शुरू करा दिया। लेकिन विरोध होने पर निर्माण रोक दिया गया। पुलिस ने दोनों पक्षों को हिदायत दी थी।
सोमवार शाम मुहल्ले के लोग इस स्थान पर साफ सफाई व रोशनी करने पहुंचे। चबूतरे पर ताजिया रख दिया गया। जानकारी होने पर चौकी इंचार्ज राकेश बाबू पहुंचे। उन्होंने समझाने की कोशिश की तो मुहल्ले वालों से नोकझोंक हो गई। आरोप है कि इस दौरान चौकी इंचार्ज ने महिला अजादारों से अभद्रता की। ताजिये की बेहुरमती की और चबूतरे को भी तोड़ दिया। मंगलवार सुबह ग्रामीण एकत्र होकर कलक्ट्रेट पहुंचे और चौकी इंचार्ज को हटाने की मांग की। वापस लौटकर उन्होंने ताजियों का जुलूस रोक दिया। हंगामा करने लगे। सूचना पर फोर्स भेजी गई। सीओ, एसडीएम ने उन्हें जांच का आश्वासन देकर शांत किया। शांति व्यवस्था के लिए क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया। एसएसपी ने जांच में दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की बात कही है।
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परंपरागत ढंग से निकला जुलूस
घटना के बाद मुहर्रम का जुलूस मुतालिब हुसैन के इमामबाडे और कस्बे के विभिन्न मार्गों से होता हुआ इमामबाडा मनिहारान पहुंचा। इस मौके पर हसनैन, हसन नबाव, डॉ अली रजा, आफताफ आलम, रईस आगा, शाने रजा, प्यारे नबाव, शहजाद, मौ. रजा आदि अनेकों लोग मौजूद थे।
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आपसी विवाद का रंग देने की कोशिश
अराजक तत्वों ने इस मामले को दो पक्षों के बीच विवाद का रंग देने की कोशिश भी की। शिया समुदाय के लोगों का कहना था कि इमामबाड़े से उसकी आस्था जुड़ी है। यहां उनके जलूस भी पहुंचते हैं। उन्होंने कहा कि मामले में पुलिस की गलती है। आपसी विवाद की कोई बात नहीं।

Monday, November 12, 2012

फैजाबाद दंगे में पूर्व देवकाली मंदिर की मूर्ति चोरी होने व बरामदगी में साम्प्रदायिक राजनीति के तहत पूर्व नियोजित दंगे की जांच व पूर्व प्रेषित खुफिया एजेंसी व इंटेलीजेंस ब्यूरो की खबर को ध्यान न देने में पुलिस व स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता के सन्दर्भ में |

सेवा में,                                         दिनांक : 12 नवम्बर, 2012
            माननीय मुख्यमंत्री महोदय,
            उत्तर-प्रदेश  शासन          
      लखनऊ |

विषय : फैजाबाद दंगे में पूर्व देवकाली मंदिर की मूर्ति चोरी होने व बरामदगी में साम्प्रदायिक राजनीति के तहत पूर्व नियोजित दंगे की जांच व पूर्व प्रेषित खुफिया एजेंसी व इंटेलीजेंस ब्यूरो की खबर को ध्यान न देने में पुलिस व स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता के सन्दर्भ में |

महोदय,
            विदित हो कि दिनांक 24 अक्टूबर, 2012 को फ़ैजाबाद के रकाबगंज मोहल्ले में हुए दंगो के पीछे पुलिस विभाग और स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता के कारण कम समय में ही कई स्थानों पर टकराव व तनाव उत्पन्न हो गया व दंगे का रूप ले लिया |         
            इन दंगो की शुरूआत दिनांक 21-22 सितम्बर, 2012 की रात देवकाली मंदिर की मूर्ति चोरी होने पर हिंदूवादी समूहों के अफवाह तंत्रो ने आम जनमानस के भीतर मुस्लिम समुदाय द्वारा मूर्ति चोरी करने की अफवाह फैलाई साथ ही दुर्गा पूजा समिति फैजाबाद ने यह भी कहा कि वो पूजा पंडालो पर विरोध स्वरुप पंडालो को कुछ घंटो तक दर्शन के लिए बंद रखा जाएगा | लेकिन 23 अक्टूबर, 2012 को उस समय हिन्दूवादी ताकतों के मंसूबे पस्त हो गए जब मूर्ती चोरी में पकडे गए चोर हिन्दू मिले |
       इसके अलावा उत्तर-प्रदेश पुलिस की अपनी खुफिया एजेंसी और इंटेलिजेंस ब्यूरो की रिपोर्ट में फैजाबाद में दुर्गापूजा और मूर्ती विसर्जन के दौरान बवाल होने की आशंका जताते हुए प्रशासन को रिपोर्ट भेजी गयी थी | साथ ही स्थानीय प्रशासन ने जिले में धारा 144 भी लागू कर रखा था | इसके बावजूद विसर्जन के दौरान छेड़खानी और पत्थरबाजी की घटना कैसे घटित हो गयी ? यह एक बड़ा प्रश्न है ?
       बवाल भड़काने के दौरान मौके पर पुलिस के कार्य शैली व बेवजह चौकी प्रभारी द्वारा गोली चलाया जाना, स्थानीय इन्स्पेक्टर के बयान से धार्मिक भावना भड़काया जान व घटना में संलिप्त सभासद और ब्यूटी पार्लर के मालिक की गिरफ्तारी न करना तथा लगातार बवाल बढ़ने के बावजूद 12 घंटे बाद कर्फ्यू लगाया जाना, स्थानीय प्रशासन व पुलिसिया कार्यवाही पर सवालिया निशान खडा करती है कि पूर्व में खुफिया एजेंसी व इंटेलिजेंस की पुख्ता रिपोर्ट होने के बावजूद स्थानीय प्रशासन व पुलिस ने उक्त घटना में जिस तरह से कार्य किया है उससे प्रतीत होता है कि उक्त घटना पूर्व नियोजित व स्थानीय प्रशासन के शह पर जान बूझ कर कराया गया है |
साथ ही केन्द्रीय दुर्गा पूजा समिति की भूमिका संदिग्ध दिखाई देती है क्योकि उनके निमंत्रण पात्र पर 3 नंबर बिंदु में लिखा है की जूलूस में अधिक संख्या में लोग आये लिकिन महिलाओं व बच्चो को न लेकर आये | क्या उन्हें होने वाली हिंसा का अंदाजा पहले से ही था ?
हिंसा का कारण अभी तक यह निकलकर आया कि किसी नवयुवक द्वारा किसी लड़की को छेड़ना रहा तब वह नवयुवक कौन था ? क्या जूलूस के साथ मौजूद सुरक्षा बल ने उसे नहीं देखा ? इस घटना पर कोइ प्राथमिकी क्यों नहीं दर्ज की गयी |
अतः आपसे निवेदन है कि इन सभी बिन्दुओ को ध्यान में रखते हुए इस साम्प्रदायिक एवं निंदनीय घटना की स्वतन्त्र एजेंसी से जांच कराई जाए और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाय | मृतकों के परिवार व घायलों को जल्द से जल्द उचित मुआवजा दिलाया जाय | साथ ही दीपावली और मुहर्रम के त्यौहार को ध्यान में रखते हुए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की जाय |

                                                       भवदीय
                                                      डा० लेनिन
                                                       महासचिव
                                               मानवाधिकार जननिगरानी समिति
                                                 सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी
                                                                                            +91-993559933


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