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Reducing police torture against Muslim at Grass root level by engaging and strengthening Human Rights institutions in India

Thursday, November 22, 2012

जिला मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश अगवानपुर (कांठ) के पुलिस चौकी इंचार्ज द्वारा धार्मिक चबूतरे को तोडने, महिलाओ के साथ दुर्व्यवहार करने व अन्य दोषियो द्वारा माहौल बिगाडने के सन्दर्भ मे।


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सेवा मे                                      दिनांक-22नवम्बर2012
श्रीमान अध्यक्ष
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग
नई दिल्ली 

विषय- जिला मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश  अगवानपुर (कांठ) के पुलिस चौकी इंचार्ज द्वारा धार्मिक चबूतरे को तोडने, महिलाओ के साथ दुर्व्यवहार करने व अन्य दोषियो द्वारा माहौल बिगाडने के सन्दर्भ मे।

महोदय
       मै आपका ध्यान दैनिक समाचार पत्र अमर उजाला के दिनांक-21-11-2012 के शीर्षक "धार्मिक स्थल की बेहुरमती को लेकर हंगामा” की ओर आकृष्ट कराना चाहता हू। कस्बा अगवानपुर (कांठ) मुरादाबाद के पंचायती इमामबाडा मनिहारान के विवादित भूमि के कुछ भूमि को कस्बे के कैलाश पुत्र रामरक्षपाल सिह ने मुहल्ला न्यारियान के मो0 रफी पुत्र मो0 शरीफ को बेच दिया उक्त रफी द्वारा निमार्ण कराया जाने लगा तो लोगो ने निर्माण को रोकवा दिया और दिनांक- 19-11-2012 की शाम साफ-सफाई कर चबूतरे पर ताजिया रख दिया। जानकारी होने पर चौकी इंचार्ज रमेश बाबू पहुंचे और महिला अजादारो से अभद्रता किये, ताजिये की बेहुरमती की और चबूतरे को भी तोड कर क्षतिग्रस्त कर दिया, जिससे दूसरे दिन वहा लोगो ने ताजिये के जुलूस को रोक दिया और चौकी इंचार्ज के विरुद्ध कार्यवाही की मांग कर नारेबाजी करने लगे। उच्च अधिकारियो के पहुचने व हस्तक्षेप करने व आश्वासन के बाद माहौल को शांत कराया गया। उक्त प्रकरण मे मुहर्रम जैसे मौके पर जिम्मेदार पुलिस चौकी इंचार्ज द्वारा व अन्य दोषी कैलाश, रफी द्वारा माहौल को तनाव पूर्ण बनाने की जांचकर दोषियो के विरुद्ध त्वरित कार्यवाही किया जाना आवश्यक है।
      अत: उक्त प्रकरण को संज्ञान मे लेते हुए त्वरित कार्यवाही करने की कृपा करे।


                                               भवदीय
                                     
                                             
                                           
                                             डा0 लेनिन
                                             (महासचिव)
                                      मानवाधिकार जन निगरानी समिति
                                       सा0 4/2 ए दौलतपुर वाराणसी 
                                          +91-9935599333                                           
                                          lenin@pvchr.asia



धार्मिक स्थल की बेहुरमती को लेकर हंगामा


Moradabad | Last updated on: November 21, 2012 12:00 PM IST




अगवानपुर(कांठ)। पंचायती इमामबाड़ा मनिहारान पर ताजिये की बेहुरमती और महिला अजादारों के साथ गाली गलौच का आरोप लगाते हुए अजादारों ने जमकर हंगामा काटा। विरोध में उन्होंने मुहर्रम का जुलूस रोक दिया और चौकी इंचार्ज के खिलाफ नारेबाजी की। आरोप है कि इंचार्ज ने धार्मिक स्थल के चबूतरे को तोड़ दिया। सूचना पर पुलिस अधिकारियों के हाथ पैर फूल गए। देर शाम उन्होंने आश्वासन देकर सभी को शांत किया और जुलूस आगे बढ़वाया।
पंचायती इमामबाड़ा मनिहारान की भूमि को लेकर चल रहा विवाद सोमवार देर रात तूल पकड़ गया। बताते चलें कि कस्बे के कैलाश पुत्र रामरक्षपाल सिंह ने कुछ भूमि मुहल्ला न्यारियान के मौ. रफी पुत्र मौ. शरीफ को बेची थी। पंद्रह दिन पहले यह मामला जगजाहिर हुआ, जब मौ. रफी ने यहां निर्माण शुरू करा दिया। लेकिन विरोध होने पर निर्माण रोक दिया गया। पुलिस ने दोनों पक्षों को हिदायत दी थी।
सोमवार शाम मुहल्ले के लोग इस स्थान पर साफ सफाई व रोशनी करने पहुंचे। चबूतरे पर ताजिया रख दिया गया। जानकारी होने पर चौकी इंचार्ज राकेश बाबू पहुंचे। उन्होंने समझाने की कोशिश की तो मुहल्ले वालों से नोकझोंक हो गई। आरोप है कि इस दौरान चौकी इंचार्ज ने महिला अजादारों से अभद्रता की। ताजिये की बेहुरमती की और चबूतरे को भी तोड़ दिया। मंगलवार सुबह ग्रामीण एकत्र होकर कलक्ट्रेट पहुंचे और चौकी इंचार्ज को हटाने की मांग की। वापस लौटकर उन्होंने ताजियों का जुलूस रोक दिया। हंगामा करने लगे। सूचना पर फोर्स भेजी गई। सीओ, एसडीएम ने उन्हें जांच का आश्वासन देकर शांत किया। शांति व्यवस्था के लिए क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया। एसएसपी ने जांच में दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की बात कही है।
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परंपरागत ढंग से निकला जुलूस
घटना के बाद मुहर्रम का जुलूस मुतालिब हुसैन के इमामबाडे और कस्बे के विभिन्न मार्गों से होता हुआ इमामबाडा मनिहारान पहुंचा। इस मौके पर हसनैन, हसन नबाव, डॉ अली रजा, आफताफ आलम, रईस आगा, शाने रजा, प्यारे नबाव, शहजाद, मौ. रजा आदि अनेकों लोग मौजूद थे।
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आपसी विवाद का रंग देने की कोशिश
अराजक तत्वों ने इस मामले को दो पक्षों के बीच विवाद का रंग देने की कोशिश भी की। शिया समुदाय के लोगों का कहना था कि इमामबाड़े से उसकी आस्था जुड़ी है। यहां उनके जलूस भी पहुंचते हैं। उन्होंने कहा कि मामले में पुलिस की गलती है। आपसी विवाद की कोई बात नहीं।

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