PVCHR initiative supported by EU

Reducing police torture against Muslim at Grass root level by engaging and strengthening Human Rights institutions in India

Friday, May 31, 2013

लल्लापुरा, बादशाहबाग, थाना-सिगरा, वाराणसी के निवासी दानिश की संदिग्ध अवस्था में लाश मिलने पर घरवालो को ह्त्या का शक है | मौत की जांच कराये जाने के सम्बन्ध में |

सेवा में,                                                      31 मई, 2013

पुलिस महानिदेशक महोदय,

उत्तर-प्रदेश,

लखनऊ |


विषय : लल्लापुरा, बादशाहबाग, थाना-सिगरा, वाराणसी के निवासी दानिश की संदिग्ध अवस्था में लाश मिलने पर घरवालो को ह्त्या का शक है | मौत की जांच 

कराये जाने के सम्बन्ध में |


महोदय,

      आपको यह अवगत कराना है कि पीडिता सुल्ताना बानो पत्नी मो० फारुख निवासी C- 19/15 लल्लापुरा, बादशाहबाग़ है | पीडिता दूसरे के घरो में खाना बनाने का काम करती है | पीडिता का एक पुत्र व एक पुत्री है | पुत्री की शादी हो चुकी है | पीडिता व उसका पुत्र साथ में रहते है | पीडिता का पुत्र दानिश घर में ही पावरलूम चलाने का काम करता था | दानिश की उम्र लगभग 22 वर्ष थी | 17 मई 2013 को पीडिता सुबह 10 बजे के लगभग अपने काम पर चली गयी | उस समय उसका लड़का पावरलूम पर काम कर रहा था | पीडिता जहाँ काम करती है वहाँ पर मोहल्ले के कुछ लड़को ने दोपहर करीब 1:30 बजे आकर बताया कि दानिश की तबियत बहुत ख़राब हो गयी है | तभी एक छोटा लड़का लगभग 10 वर्ष का उसने बताया कि दानिश ने फाँसी लगा ली है | यह सुनते ही पीडिता तुरन्त अपने घर गयी लेकिन घर पहुचने पर पता चला कि लोग उसके बेटे को लेकर कबीर चौरा अस्पताल गए है तो पीडिता भी तुरन्त अस्पताल गयी | वहाँ लोगो ने बताया कि अभी अभी वो लोग उसके लडके को लेकर घर चले गए है | पीडिता वापस भागकर घर गयी | घर पर देखा तो उसका बेटा चौकी पर मरा पडा था | पीडिता यह देखकर बेहोश हो गयी | जिसके बाद सिगरा थाने को सूचना दी गयी | पुलिस आयी और लाश पोस्टमार्टम के लिए ले गयी | लेकिन आज तक मुझे पोस्टमार्टम की रिपोर्ट नहीं मिली |

      साथ ही यह शक है की पिडीत के पुत्र ने आत्महत्या नहीं की है बल्कि उसकी ह्त्या की गयी है | क्योकि आत्महत्या की कोइ भी वजह नहीं है | सब कुछ बिलकुल ठीक चल रहा था | तब वो आत्महत्या क्यों करता | आज तक यह भी पता नहीं चल पाया कि पीडिता के पुत्र को फाँसी के फंदे से नीचे कौन उतारा और सबसे पहले लाश किसने देखी थी |

      अतः आपसे अनुरोध है कि कृपया आप इस मामले को संज्ञान में लेते हुए इस मौत की निष्पक्ष जांच कराते हुए दोषियों के खिलाफ न्यायोचित कार्यवाही करने की कृपा करे |

 

भवदीय

डा0 लेनिन

महासचिव

मानवाधिकार जननिगरानी समिती

सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी

+91-9935599333

  

 
 


लल्लापुरा, बादशाहबाग, थाना-सिगरा के निवासी दानिश की संदिग्ध अवस्था में लाश मिलने पर घरवालो को ह्त्या का शक है | मौत की जांच कराये जाने के सम्बन्ध में |

सेवा में,                                                      31 मई, 2013

माननीय प्रधानमंत्री महोदय,

भारत सरकार,

नई दिल्ली |


विषय : लल्लापुरा, बादशाहबाग, थाना-सिगरा के निवासी दानिश की संदिग्ध अवस्था में लाश मिलने पर घरवालो को ह्त्या का शक है | मौत की जांच 

कराये जाने के सम्बन्ध में |


महोदय,

      आपको यह अवगत कराना है कि पीडिता सुल्ताना बानो पत्नी मो० फारुख निवासी C- 19/15 लल्लापुरा, बादशाहबाग़ है | पीडिता दूसरे के घरो में खाना बनाने का काम करती है | पीडिता का एक पुत्र व एक पुत्री है | पुत्री की शादी हो चुकी है | पीडिता व उसका पुत्र साथ में रहते है | पीडिता का पुत्र दानिश घर में ही पावरलूम चलाने का काम करता था | दानिश की उम्र लगभग 22 वर्ष थी | 17 मई 2013 को पीडिता सुबह 10 बजे के लगभग अपने काम पर चली गयी | उस समय उसका लड़का पावरलूम पर काम कर रहा था | पीडिता जहाँ काम करती है वहाँ पर मोहल्ले के कुछ लड़को ने दोपहर करीब 1:30 बजे आकर बताया कि दानिश की तबियत बहुत ख़राब हो गयी है | तभी एक छोटा लड़का लगभग 10 वर्ष का उसने बताया कि दानिश ने फाँसी लगा ली है | यह सुनते ही पीडिता तुरन्त अपने घर गयी लेकिन घर पहुचने पर पता चला कि लोग उसके बेटे को लेकर कबीर चौरा अस्पताल गए है तो पीडिता भी तुरन्त अस्पताल गयी | वहाँ लोगो ने बताया कि अभी अभी वो लोग उसके लडके को लेकर घर चले गए है | पीडिता वापस भागकर घर गयी | घर पर देखा तो उसका बेटा चौकी पर मरा पडा था | पीडिता यह देखकर बेहोश हो गयी | जिसके बाद सिगरा थाने को सूचना दी गयी | पुलिस आयी और लाश पोस्टमार्टम के लिए ले गयी | लेकिन आज तक मुझे पोस्टमार्टम की रिपोर्ट नहीं मिली |

      साथ ही यह शक है की पिडीत के पुत्र ने आत्महत्या नहीं की है बल्कि उसकी ह्त्या की गयी है | क्योकि आत्महत्या की कोइ भी वजह नहीं है | सब कुछ बिलकुल ठीक चल रहा था | तब वो आत्महत्या क्यों करता | आज तक यह भी पता नहीं चल पाया कि पीडिता के पुत्र को फाँसी के फंदे से नीचे कौन उतारा और सबसे पहले लाश किसने देखी थी |

      अतः आपसे अनुरोध है कि कृपया आप इस मामले को संज्ञान में लेते हुए इस मौत की निष्पक्ष जांच कराते हुए दोषियों के खिलाफ न्यायोचित कार्यवाही करने की कृपा करे |

 

भवदीय

डा0 लेनिन

महासचिव

मानवाधिकार जननिगरानी समिती

सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी

+91-9935599333

  

 
 

लल्लापुरा, बादशाहबाग, थाना-सिगरा के निवासी दानिश की संदिग्ध अवस्था में लाश मिलने पर घरवालो को ह्त्या का शक है | मौत की जांच कराये जाने के सम्बन्ध में |

सेवा में,                                                      31 मई, 2013

माननीय मुख्यमंत्री महोदय,

उत्तर-प्रदेश सरकार,

लखनऊ|


विषय : लल्लापुरा, बादशाहबाग, थाना-सिगरा के निवासी दानिश की संदिग्ध अवस्था में लाश मिलने पर घरवालो को ह्त्या का शक है | मौत की जांच 

कराये जाने के सम्बन्ध में |


महोदय,

      आपको यह अवगत कराना है कि पीडिता सुल्ताना बानो पत्नी मो० फारुख निवासी C- 19/15 लल्लापुरा, बादशाहबाग़ है | पीडिता दूसरे के घरो में खाना बनाने का काम करती है | पीडिता का एक पुत्र व एक पुत्री है | पुत्री की शादी हो चुकी है | पीडिता व उसका पुत्र साथ में रहते है | पीडिता का पुत्र दानिश घर में ही पावरलूम चलाने का काम करता था | दानिश की उम्र लगभग 22 वर्ष थी | 17 मई 2013 को पीडिता सुबह 10 बजे के लगभग अपने काम पर चली गयी | उस समय उसका लड़का पावरलूम पर काम कर रहा था | पीडिता जहाँ काम करती है वहाँ पर मोहल्ले के कुछ लड़को ने दोपहर करीब 1:30 बजे आकर बताया कि दानिश की तबियत बहुत ख़राब हो गयी है | तभी एक छोटा लड़का लगभग 10 वर्ष का उसने बताया कि दानिश ने फाँसी लगा ली है | यह सुनते ही पीडिता तुरन्त अपने घर गयी लेकिन घर पहुचने पर पता चला कि लोग उसके बेटे को लेकर कबीर चौरा अस्पताल गए है तो पीडिता भी तुरन्त अस्पताल गयी | वहाँ लोगो ने बताया कि अभी अभी वो लोग उसके लडके को लेकर घर चले गए है | पीडिता वापस भागकर घर गयी | घर पर देखा तो उसका बेटा चौकी पर मरा पडा था | पीडिता यह देखकर बेहोश हो गयी | जिसके बाद सिगरा थाने को सूचना दी गयी | पुलिस आयी और लाश पोस्टमार्टम के लिए ले गयी | लेकिन आज तक मुझे पोस्टमार्टम की रिपोर्ट नहीं मिली |

      साथ ही यह शक है की पिडीत के पुत्र ने आत्महत्या नहीं की है बल्कि उसकी ह्त्या की गयी है | क्योकि आत्महत्या की कोइ भी वजह नहीं है | सब कुछ बिलकुल ठीक चल रहा था | तब वो आत्महत्या क्यों करता | आज तक यह भी पता नहीं चल पाया कि पीडिता के पुत्र को फाँसी के फंदे से नीचे कौन उतारा और सबसे पहले लाश किसने देखी थी |

      अतः आपसे अनुरोध है कि कृपया आप इस मामले को संज्ञान में लेते हुए इस मौत की निष्पक्ष जांच कराते हुए दोषियों के खिलाफ न्यायोचित कार्यवाही करने की कृपा करे |

 

भवदीय

डा0 लेनिन

महासचिव

मानवाधिकार जननिगरानी समिती

सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी

+91-9935599333

  

 
 




लल्लापुरा, बादशाहबाग, थाना-सिगरा के निवासी दानिश की संदिग्ध अवस्था में लाश मिलने पर घरवालो को ह्त्या का शक है | मौत की जांच कराये जाने के सम्बन्ध में |

सेवा में,                                                      31 मई, 2013

अध्यक्ष महोदय,

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,

नई दिल्ली |


विषय : लल्लापुरा, बादशाहबाग, थाना-सिगरा के निवासी दानिश की संदिग्ध अवस्था में लाश मिलने पर घरवालो को ह्त्या का शक है | मौत की जांच 

कराये जाने के सम्बन्ध में |


महोदय,

      आपको यह अवगत कराना है कि पीडिता सुल्ताना बानो पत्नी मो० फारुख निवासी C- 19/15 लल्लापुरा, बादशाहबाग़ है | पीडिता दूसरे के घरो में खाना बनाने का काम करती है | पीडिता का एक पुत्र व एक पुत्री है | पुत्री की शादी हो चुकी है | पीडिता व उसका पुत्र साथ में रहते है | पीडिता का पुत्र दानिश घर में ही पावरलूम चलाने का काम करता था | दानिश की उम्र लगभग 22 वर्ष थी | 17 मई 2013 को पीडिता सुबह 10 बजे के लगभग अपने काम पर चली गयी | उस समय उसका लड़का पावरलूम पर काम कर रहा था | पीडिता जहाँ काम करती है वहाँ पर मोहल्ले के कुछ लड़को ने दोपहर करीब 1:30 बजे आकर बताया कि दानिश की तबियत बहुत ख़राब हो गयी है | तभी एक छोटा लड़का लगभग 10 वर्ष का उसने बताया कि दानिश ने फाँसी लगा ली है | यह सुनते ही पीडिता तुरन्त अपने घर गयी लेकिन घर पहुचने पर पता चला कि लोग उसके बेटे को लेकर कबीर चौरा अस्पताल गए है तो पीडिता भी तुरन्त अस्पताल गयी | वहाँ लोगो ने बताया कि अभी अभी वो लोग उसके लडके को लेकर घर चले गए है | पीडिता वापस भागकर घर गयी | घर पर देखा तो उसका बेटा चौकी पर मरा पडा था | पीडिता यह देखकर बेहोश हो गयी | जिसके बाद सिगरा थाने को सूचना दी गयी | पुलिस आयी और लाश पोस्टमार्टम के लिए ले गयी | लेकिन आज तक मुझे पोस्टमार्टम की रिपोर्ट नहीं मिली |

      साथ ही यह शक है की पिडीत के पुत्र ने आत्महत्या नहीं की है बल्कि उसकी ह्त्या की गयी है | क्योकि आत्महत्या की कोइ भी वजह नहीं है | सब कुछ बिलकुल ठीक चल रहा था | तब वो आत्महत्या क्यों करता | आज तक यह भी पता नहीं चल पाया कि पीडिता के पुत्र को फाँसी के फंदे से नीचे कौन उतारा और सबसे पहले लाश किसने देखी थी |

      अतः आपसे अनुरोध है कि कृपया आप इस मामले को संज्ञान में लेते हुए इस मौत की निष्पक्ष जांच कराते हुए दोषियों के खिलाफ न्यायोचित कार्यवाही करने की कृपा करे |

 

भवदीय

डा0 लेनिन

महासचिव

मानवाधिकार जननिगरानी समिती

सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी

+91-9935599333

  

 
 

Fwd: लल्लापुरा, बादशाहबाग, थाना-सिगरा के निवासी दानिश की संदिग्ध अवस्था में लाश मिलने पर घरवालो को ह्त्या का शक है | मौत की जांच कराये जाने के सम्बन्ध में |



---------- Forwarded message ----------
From: anup srivastava <minority.pvchr@gmail.com>
Date: 2013/5/31
Subject: लल्लापुरा, बादशाहबाग, थाना-सिगरा के निवासी दानिश की संदिग्ध अवस्था में लाश मिलने पर घरवालो को ह्त्या का शक है | मौत की जांच कराये जाने के सम्बन्ध में |
To: DIG Varanasi <sspvns-up@nic.in>, sspvns@up.nic.in, digcomplaint-up@nic.in
Cc: Lenin Raghuvanshi <pvchr.india@gmail.com>, "Dr. Lenin Raghuvanshi" <lenin@pvchr.asia>


सेवा में,                                                      31 मई, 2013

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय,

वाराणसी,

उत्तर-प्रदेश |


विषय : लल्लापुरा, बादशाहबाग, थाना-सिगरा के निवासी दानिश की संदिग्ध अवस्था में लाश मिलने पर घरवालो को ह्त्या का शक है | मौत की जांच 

कराये जाने के सम्बन्ध में |


महोदय,

      आपको यह अवगत कराना है कि पीडिता सुल्ताना बानो पत्नी मो० फारुख निवासी C- 19/15 लल्लापुरा, बादशाहबाग़ है | पीडिता दूसरे के घरो में खाना बनाने का काम करती है | पीडिता का एक पुत्र व एक पुत्री है | पुत्री की शादी हो चुकी है | पीडिता व उसका पुत्र साथ में रहते है | पीडिता का पुत्र दानिश घर में ही पावरलूम चलाने का काम करता था | दानिश की उम्र लगभग 22 वर्ष थी | 17 मई 2013 को पीडिता सुबह 10 बजे के लगभग अपने काम पर चली गयी | उस समय उसका लड़का पावरलूम पर काम कर रहा था | पीडिता जहाँ काम करती है वहाँ पर मोहल्ले के कुछ लड़को ने दोपहर करीब 1:30 बजे आकर बताया कि दानिश की तबियत बहुत ख़राब हो गयी है | तभी एक छोटा लड़का लगभग 10 वर्ष का उसने बताया कि दानिश ने फाँसी लगा ली है | यह सुनते ही पीडिता तुरन्त अपने घर गयी लेकिन घर पहुचने पर पता चला कि लोग उसके बेटे को लेकर कबीर चौरा अस्पताल गए है तो पीडिता भी तुरन्त अस्पताल गयी | वहाँ लोगो ने बताया कि अभी अभी वो लोग उसके लडके को लेकर घर चले गए है | पीडिता वापस भागकर घर गयी | घर पर देखा तो उसका बेटा चौकी पर मरा पडा था | पीडिता यह देखकर बेहोश हो गयी | जिसके बाद सिगरा थाने को सूचना दी गयी | पुलिस आयी और लाश पोस्टमार्टम के लिए ले गयी | लेकिन आज तक मुझे पोस्टमार्टम की रिपोर्ट नहीं मिली |

      साथ ही यह शक है की पिडीत के पुत्र ने आत्महत्या नहीं की है बल्कि उसकी ह्त्या की गयी है | क्योकि आत्महत्या की कोइ भी वजह नहीं है | सब कुछ बिलकुल ठीक चल रहा था | तब वो आत्महत्या क्यों करता | आज तक यह भी पता नहीं चल पाया कि पीडिता के पुत्र को फाँसी के फंदे से नीचे कौन उतारा और सबसे पहले लाश किसने देखी थी |

      अतः आपसे अनुरोध है कि कृपया आप इस मामले को संज्ञान में लेते हुए इस मौत की निष्पक्ष जांच कराते हुए दोषियों के खिलाफ न्यायोचित कार्यवाही करने की कृपा करे |

 

भवदीय

डा0 लेनिन

महासचिव

मानवाधिकार जननिगरानी समिती

सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी

+91-9935599333

  

 
 


Thursday, May 30, 2013

Hope, Honour, Human Dignity, solidarity, justice based on secularism & rule of law and reconciliation

History of testimony to resist by women, Dalit, Indigenous people, Minority, marginalized people are very old. Feminist literature, dalit literature and hunger strike of Irom Sharmila are few best examples of testimonial campaign in South Asia. Thanks to Jan Ole Haagensen and Erik Wendt of Dignity:Danish Institute against Torture to bring the Inger Agger to PVCHR for realization of testimonial therapy in India. PVCHR introduced honour ceremony based on hope, honour and human dignity with strong process of justice and reconciliation against culture of silence based on conspiracy of caste, patriarchy and communal fascism. Hope, Honour, Human Dignity, solidarity, justice based on secularism & rule of law and reconciliation are main components to bring successful peoples’ testimonial movement on ground to contribute in global Human Rights campaign.

Monday, May 27, 2013

People's tribunal on police torture against Muslims in Uttar Pradesh


4 April 2013,VARANASI: The People's Vigilance Committee on Human Rights (PVCHR) in collaboration with Human Rights Law network, New Delhi held a two-day independent people's tribunal on police torture against Muslims in Uttar Pradesh on Wednesday and Friday.The specific objective of the event was to highlight and present a systematic account and assessment of the incidences of gross human rights violations.

बज़रडीहा निवासी वसीम अकरम को उसके बड़े भाई व अन्य लोगो द्वारा बटवारे के लिए जान से मारने की कोशिश के बाद पुलिस द्वारा दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज न कर उलटे पीड़ित को ही मार पीट कर चालान करने के सन्दर्भ में |


 <minority.pvchr@gmail.com>
4:49 PM (10 minutes ago)

to cmupcmupcsupyadavakhileshLeninLenin
सेवा में,                                                  25 मई, 2013
मुख्यमंत्री महोदय,
उत्तर-प्रदेश सरकार,
लखनऊ|

विषय बज़रडीहा निवासी वसीम अकरम को उसके बड़े भाई व अन्य लोगो द्वारा बटवारे के लिए जान से मारने की कोशिश के बाद पुलिस द्वारा दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज न कर उलटे पीड़ित को ही मार पीट कर चालान करने के सन्दर्भ में |
महोदय,
            आपको यह अवगत करना है कि पीड़ित वसीम अकरम पुत्र स्वर्गीय हाजी मजीमुल्लामकान नम्बर एन 13/203 का निवासी है |पीड़ित जिस मकान में रहता है उसमे उसके साथ भाई और बहने भी है घर का बटवारा अभी नहीं हुआ है लेकिन सभी कई वर्षो से सभी की सहमति से अपने अपने हिस्से में रहते है पीड़ित का एक भाई और तीन बहनों से बढ़िया सम्बन्ध है लेकिन मोहम्मद जमील व उसके परिवार के लोगो के व्यवहार के कारण किसी भी भाई बहनों से सम्बन्ध नहीं है मोहम्मद जमील उसकी पत्नी शबाना और उनका लड़का आये दिन किसी न किसी बात को लेकर झगड़ा व मार पीट करते रहते है जिससे पूरा परिवार तंग है |
इसी कड़ी में दिनांक मई, 2013 को रात 10.00 बजे बटवारे के हिस्से को लेकर पीड़ित का बड़ा भाई मोहम्मद जमीलभाभी शबाना,मेरा भतीजा सलमान और उनका एक कारीगर बाबू पीड़ित के घर पर आकर झगड़ा करने लगे पीडित के विरोध करने पर वे चारो मिलकर उसे लोहे के राड व डंडे से मारना शुरू कर दिए जिससे पीड़ित के ठुड्डी से खून बहाने लगा साथ ही उसके सीने और हाथ में भी चोट लगीइसके बाद वे लोग उसका गला दबाकर उसे जान से मारने की कोशिश करने लगे पीड़ित बेहोश हो गया तो वे लोग उसे मरा समझ कर वहा से चले गए और सभी को धमकी देने लगे कि यदि कोइ कुछ बोला तो उसे भी जान से मार देंगे |  
जब पीड़ित को होश आया तो वह किसी तरह चल कर बज़रडीहा चौकी पर गया लेकिन वहां पर जैसे ही पीड़ित ने अपनी बात चौकी इंचार्ज से बताई वे और कुछ सिपाही मिलकर उसे बुरी तरीके से मारने पीटने लगे और गाली देते हुए उसके कपडे उतरवाए जिसपर खून लगा था और उसके शरीर पर जहाँ भी खून लगा था सभी जगह पानी से धुलवाकर साफ़ करवाया गया इसके बाद उसे भेलूपुर थाने पर भेजा गयाजहाँ पर पीड़ित को रात भर थाने में बिठाये रखने के बाद दिनांक 10 मई, 2013 को सुबह उसका मेडिकल पुलिस ने कराया और पीड़ित को धारा 151 के तहत चालन करके कचहरी भेज दिया साथ ही पुलिस वालो नेयह भी कहा कि अब अगर थाने पर आओगे तो यहाँ से वापस नहीं जा पाओगे और इस बात की शिकायत कही की तो अंजाम बहुत बुरा होगा |
अतः श्रीमान जी से निवेदन है कि इस मामले को संज्ञान में लेते हुए दोषी मोहामद जमीलशबानासलमान और बाबू के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत और उनको गिरफतार करने का आदेश दे साथ ही दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध न्यायोचित कार्यवाही का आदेश दे  साथ ही पीड़ित को उचित मुआवजा दिलाने की कृपा करे |

भवदीय
डा0 लेनिन
महासचिव
मानवाधिकार जननिगरानी समिति
सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी

बज़रडीहा निवासी वसीम अकरम को उसके बड़े भाई व अन्य लोगो द्वारा बटवारे के लिए जान से मारने की कोशिश के बाद पुलिस द्वारा दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज न कर उलटे पीड़ित को ही मार पीट कर चालान करने के सन्दर्भ में |


 <minority.pvchr@gmail.com>
4:45 PM (13 minutes ago)

to akpnhrcionhrcjrlawnhrccovdnhrcLeninLenin
सेवा में,                                                  10 मई, 2013
अध्यक्षमहोदय,
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,
नई दिल्ली |

विषय बज़रडीहा निवासी वसीम अकरम को उसके बड़े भाई व अन्य लोगो द्वारा बटवारे के लिए जान से मारने की कोशिश के बाद पुलिस द्वारा दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज न कर उलटे पीड़ित को ही मार पीट कर चालान करने के सन्दर्भ में |
महोदय,
            आपको यह अवगत करना है कि पीड़ित वसीम अकरम पुत्र स्वर्गीय हाजी मजीमुल्लामकान नम्बर एन 13/203 का निवासी है |पीड़ित जिस मकान में रहता है उसमे उसके साथ भाई और बहने भी है घर का बटवारा अभी नहीं हुआ है लेकिन सभी कई वर्षो से सभी की सहमति से अपने अपने हिस्से में रहते है पीड़ित का एक भाई और तीन बहनों से बढ़िया सम्बन्ध है लेकिन मोहम्मद जमील व उसके परिवार के लोगो के व्यवहार के कारण किसी भी भाई बहनों से सम्बन्ध नहीं है मोहम्मद जमील उसकी पत्नी शबाना और उनका लड़का आये दिन किसी न किसी बात को लेकर झगड़ा व मार पीट करते रहते है जिससे पूरा परिवार तंग है |
इसी कड़ी में दिनांक मई, 2013 को रात 10.00 बजे बटवारे के हिस्से को लेकर पीड़ित का बड़ा भाई मोहम्मद जमीलभाभी शबाना,मेरा भतीजा सलमान और उनका एक कारीगर बाबू पीड़ित के घर पर आकर झगड़ा करने लगे पीडित के विरोध करने पर वे चारो मिलकर उसे लोहे के राड व डंडे से मारना शुरू कर दिए जिससे पीड़ित के ठुड्डी से खून बहाने लगा साथ ही उसके सीने और हाथ में भी चोट लगीइसके बाद वे लोग उसका गला दबाकर उसे जान से मारने की कोशिश करने लगे पीड़ित बेहोश हो गया तो वे लोग उसे मरा समझ कर वहा से चले गए और सभी को धमकी देने लगे कि यदि कोइ कुछ बोला तो उसे भी जान से मार देंगे |  
जब पीड़ित को होश आया तो वह किसी तरह चल कर बज़रडीहा चौकी पर गया लेकिन वहां पर जैसे ही पीड़ित ने अपनी बात चौकी इंचार्ज से बताई वे और कुछ सिपाही मिलकर उसे बुरी तरीके से मारने पीटने लगे और गाली देते हुए उसके कपडे उतरवाए जिसपर खून लगा था और उसके शरीर पर जहाँ भी खून लगा था सभी जगह पानी से धुलवाकर साफ़ करवाया गया इसके बाद उसे भेलूपुर थाने पर भेजा गयाजहाँ पर पीड़ित को रात भर थाने में बिठाये रखने के बाद दिनांक 10 मई, 2013 को सुबह उसका मेडिकल पुलिस ने कराया और पीड़ित को धारा 151 के तहत चालन करके कचहरी भेज दिया साथ ही पुलिस वालो नेयह भी कहा कि अब अगर थाने पर आओगे तो यहाँ से वापस नहीं जा पाओगे और इस बात की शिकायत कही की तो अंजाम बहुत बुरा होगा |
अतः श्रीमान जी से निवेदन है कि इस मामले को संज्ञान में लेते हुए दोषी मोहामद जमीलशबानासलमान और बाबू के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत और उनको गिरफतार करने का आदेश दे साथ ही दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध न्यायोचित कार्यवाही का आदेश दे  साथ ही पीड़ित को उचित मुआवजा दिलाने की कृपा करे |

भवदीय
डा0 लेनिन
महासचिव
मानवाधिकार जननिगरानी समिति
सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी


बज़रडीहा निवासी वसीम अकरम को उसके बड़े भाई व अन्य लोगो द्वारा बटवारे के लिए जान से मारने की कोशिश के बाद पुलिस द्वारा दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज न कर उलटे पीड़ित को ही मार पीट कर चालान करने के सन्दर्भ में |

4:55 PM (1 minute ago)

to dgpLeninLenin
सेवा में,                                                  27 मई, 2013
पुलिस महानिदेशक महोदय,
उत्तर-प्रदेश,
लखनऊ |

विषय बज़रडीहा निवासी वसीम अकरम को उसके बड़े भाई व अन्य लोगो द्वारा बटवारे के लिए जान से मारने की कोशिश के बाद पुलिस द्वारा दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज न कर उलटे पीड़ित को ही मार पीट कर चालान करने के सन्दर्भ में |
महोदय,
            आपको यह अवगत करना है कि पीड़ित वसीम अकरम पुत्र स्वर्गीय हाजी मजीमुल्लामकान नम्बर एन 13/203 का निवासी है |पीड़ित जिस मकान में रहता है उसमे उसके साथ भाई और बहने भी है घर का बटवारा अभी नहीं हुआ है लेकिन सभी कई वर्षो से सभी की सहमति से अपने अपने हिस्से में रहते है पीड़ित का एक भाई और तीन बहनों से बढ़िया सम्बन्ध है लेकिन मोहम्मद जमील व उसके परिवार के लोगो के व्यवहार के कारण किसी भी भाई बहनों से सम्बन्ध नहीं है मोहम्मद जमील उसकी पत्नी शबाना और उनका लड़का आये दिन किसी न किसी बात को लेकर झगड़ा व मार पीट करते रहते है जिससे पूरा परिवार तंग है |
इसी कड़ी में दिनांक मई, 2013 को रात 10.00 बजे बटवारे के हिस्से को लेकर पीड़ित का बड़ा भाई मोहम्मद जमीलभाभी शबाना,मेरा भतीजा सलमान और उनका एक कारीगर बाबू पीड़ित के घर पर आकर झगड़ा करने लगे पीडित के विरोध करने पर वे चारो मिलकर उसे लोहे के राड व डंडे से मारना शुरू कर दिए जिससे पीड़ित के ठुड्डी से खून बहाने लगा साथ ही उसके सीने और हाथ में भी चोट लगीइसके बाद वे लोग उसका गला दबाकर उसे जान से मारने की कोशिश करने लगे पीड़ित बेहोश हो गया तो वे लोग उसे मरा समझ कर वहा से चले गए और सभी को धमकी देने लगे कि यदि कोइ कुछ बोला तो उसे भी जान से मार देंगे |  
जब पीड़ित को होश आया तो वह किसी तरह चल कर बज़रडीहा चौकी पर गया लेकिन वहां पर जैसे ही पीड़ित ने अपनी बात चौकी इंचार्ज से बताई वे और कुछ सिपाही मिलकर उसे बुरी तरीके से मारने पीटने लगे और गाली देते हुए उसके कपडे उतरवाए जिसपर खून लगा था और उसके शरीर पर जहाँ भी खून लगा था सभी जगह पानी से धुलवाकर साफ़ करवाया गया इसके बाद उसे भेलूपुर थाने पर भेजा गयाजहाँ पर पीड़ित को रात भर थाने में बिठाये रखने के बाद दिनांक 10 मई, 2013 को सुबह उसका मेडिकल पुलिस ने कराया और पीड़ित को धारा 151 के तहत चालन करके कचहरी भेज दिया साथ ही पुलिस वालो नेयह भी कहा कि अब अगर थाने पर आओगे तो यहाँ से वापस नहीं जा पाओगे और इस बात की शिकायत कही की तो अंजाम बहुत बुरा होगा |
अतः श्रीमान जी से निवेदन है कि इस मामले को संज्ञान में लेते हुए दोषी मोहामद जमीलशबानासलमान और बाबू के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत और उनको गिरफतार करने का आदेश दे साथ ही दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध न्यायोचित कार्यवाही का आदेश दे  साथ ही पीड़ित को उचित मुआवजा दिलाने की कृपा करे |

भवदीय
डा0 लेनिन
महासचिव
मानवाधिकार जननिगरानी समिति
सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी

बज़रडीहा निवासी वसीम अकरम को उसके बड़े भाई व अन्य लोगो द्वारा बटवारे के लिए जान से मारने की कोशिश के बाद पुलिस द्वारा दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज न कर उलटे पीड़ित को ही मार पीट कर चालान करने के सन्दर्भ में |

<minority.pvchr@gmail.com>
4:54 PM (1 minute ago)

to DIGsspvnsdigcomplaint-upLeninLenin
सेवा में,                                                  27 मई, 2013
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय,
वाराणसी,
उत्तर-प्रदेश |

विषय बज़रडीहा निवासी वसीम अकरम को उसके बड़े भाई व अन्य लोगो द्वारा बटवारे के लिए जान से मारने की कोशिश के बाद पुलिस द्वारा दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज न कर उलटे पीड़ित को ही मार पीट कर चालान करने के सन्दर्भ में |
महोदय,
            आपको यह अवगत करना है कि पीड़ित वसीम अकरम पुत्र स्वर्गीय हाजी मजीमुल्लामकान नम्बर एन 13/203 का निवासी है |पीड़ित जिस मकान में रहता है उसमे उसके साथ भाई और बहने भी है घर का बटवारा अभी नहीं हुआ है लेकिन सभी कई वर्षो से सभी की सहमति से अपने अपने हिस्से में रहते है पीड़ित का एक भाई और तीन बहनों से बढ़िया सम्बन्ध है लेकिन मोहम्मद जमील व उसके परिवार के लोगो के व्यवहार के कारण किसी भी भाई बहनों से सम्बन्ध नहीं है मोहम्मद जमील उसकी पत्नी शबाना और उनका लड़का आये दिन किसी न किसी बात को लेकर झगड़ा व मार पीट करते रहते है जिससे पूरा परिवार तंग है |
इसी कड़ी में दिनांक मई, 2013 को रात 10.00 बजे बटवारे के हिस्से को लेकर पीड़ित का बड़ा भाई मोहम्मद जमीलभाभी शबाना,मेरा भतीजा सलमान और उनका एक कारीगर बाबू पीड़ित के घर पर आकर झगड़ा करने लगे पीडित के विरोध करने पर वे चारो मिलकर उसे लोहे के राड व डंडे से मारना शुरू कर दिए जिससे पीड़ित के ठुड्डी से खून बहाने लगा साथ ही उसके सीने और हाथ में भी चोट लगीइसके बाद वे लोग उसका गला दबाकर उसे जान से मारने की कोशिश करने लगे पीड़ित बेहोश हो गया तो वे लोग उसे मरा समझ कर वहा से चले गए और सभी को धमकी देने लगे कि यदि कोइ कुछ बोला तो उसे भी जान से मार देंगे |  
जब पीड़ित को होश आया तो वह किसी तरह चल कर बज़रडीहा चौकी पर गया लेकिन वहां पर जैसे ही पीड़ित ने अपनी बात चौकी इंचार्ज से बताई वे और कुछ सिपाही मिलकर उसे बुरी तरीके से मारने पीटने लगे और गाली देते हुए उसके कपडे उतरवाए जिसपर खून लगा था और उसके शरीर पर जहाँ भी खून लगा था सभी जगह पानी से धुलवाकर साफ़ करवाया गया इसके बाद उसे भेलूपुर थाने पर भेजा गयाजहाँ पर पीड़ित को रात भर थाने में बिठाये रखने के बाद दिनांक 10 मई, 2013 को सुबह उसका मेडिकल पुलिस ने कराया और पीड़ित को धारा 151 के तहत चालन करके कचहरी भेज दिया साथ ही पुलिस वालो नेयह भी कहा कि अब अगर थाने पर आओगे तो यहाँ से वापस नहीं जा पाओगे और इस बात की शिकायत कही की तो अंजाम बहुत बुरा होगा |
अतः श्रीमान जी से निवेदन है कि इस मामले को संज्ञान में लेते हुए दोषी मोहामद जमीलशबानासलमान और बाबू के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत और उनको गिरफतार करने का आदेश दे साथ ही दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध न्यायोचित कार्यवाही का आदेश दे  साथ ही पीड़ित को उचित मुआवजा दिलाने की कृपा करे |

भवदीय
डा0 लेनिन
महासचिव
मानवाधिकार जननिगरानी समिति
सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी