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Reducing police torture against Muslim at Grass root level by engaging and strengthening Human Rights institutions in India

Monday, May 27, 2013

बज़रडीहा निवासी वसीम अकरम को उसके बड़े भाई व अन्य लोगो द्वारा बटवारे के लिए जान से मारने की कोशिश के बाद पुलिस द्वारा दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज न कर उलटे पीड़ित को ही मार पीट कर चालान करने के सन्दर्भ में |


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4:45 PM (13 minutes ago)

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सेवा में,                                                  10 मई, 2013
अध्यक्षमहोदय,
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,
नई दिल्ली |

विषय बज़रडीहा निवासी वसीम अकरम को उसके बड़े भाई व अन्य लोगो द्वारा बटवारे के लिए जान से मारने की कोशिश के बाद पुलिस द्वारा दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज न कर उलटे पीड़ित को ही मार पीट कर चालान करने के सन्दर्भ में |
महोदय,
            आपको यह अवगत करना है कि पीड़ित वसीम अकरम पुत्र स्वर्गीय हाजी मजीमुल्लामकान नम्बर एन 13/203 का निवासी है |पीड़ित जिस मकान में रहता है उसमे उसके साथ भाई और बहने भी है घर का बटवारा अभी नहीं हुआ है लेकिन सभी कई वर्षो से सभी की सहमति से अपने अपने हिस्से में रहते है पीड़ित का एक भाई और तीन बहनों से बढ़िया सम्बन्ध है लेकिन मोहम्मद जमील व उसके परिवार के लोगो के व्यवहार के कारण किसी भी भाई बहनों से सम्बन्ध नहीं है मोहम्मद जमील उसकी पत्नी शबाना और उनका लड़का आये दिन किसी न किसी बात को लेकर झगड़ा व मार पीट करते रहते है जिससे पूरा परिवार तंग है |
इसी कड़ी में दिनांक मई, 2013 को रात 10.00 बजे बटवारे के हिस्से को लेकर पीड़ित का बड़ा भाई मोहम्मद जमीलभाभी शबाना,मेरा भतीजा सलमान और उनका एक कारीगर बाबू पीड़ित के घर पर आकर झगड़ा करने लगे पीडित के विरोध करने पर वे चारो मिलकर उसे लोहे के राड व डंडे से मारना शुरू कर दिए जिससे पीड़ित के ठुड्डी से खून बहाने लगा साथ ही उसके सीने और हाथ में भी चोट लगीइसके बाद वे लोग उसका गला दबाकर उसे जान से मारने की कोशिश करने लगे पीड़ित बेहोश हो गया तो वे लोग उसे मरा समझ कर वहा से चले गए और सभी को धमकी देने लगे कि यदि कोइ कुछ बोला तो उसे भी जान से मार देंगे |  
जब पीड़ित को होश आया तो वह किसी तरह चल कर बज़रडीहा चौकी पर गया लेकिन वहां पर जैसे ही पीड़ित ने अपनी बात चौकी इंचार्ज से बताई वे और कुछ सिपाही मिलकर उसे बुरी तरीके से मारने पीटने लगे और गाली देते हुए उसके कपडे उतरवाए जिसपर खून लगा था और उसके शरीर पर जहाँ भी खून लगा था सभी जगह पानी से धुलवाकर साफ़ करवाया गया इसके बाद उसे भेलूपुर थाने पर भेजा गयाजहाँ पर पीड़ित को रात भर थाने में बिठाये रखने के बाद दिनांक 10 मई, 2013 को सुबह उसका मेडिकल पुलिस ने कराया और पीड़ित को धारा 151 के तहत चालन करके कचहरी भेज दिया साथ ही पुलिस वालो नेयह भी कहा कि अब अगर थाने पर आओगे तो यहाँ से वापस नहीं जा पाओगे और इस बात की शिकायत कही की तो अंजाम बहुत बुरा होगा |
अतः श्रीमान जी से निवेदन है कि इस मामले को संज्ञान में लेते हुए दोषी मोहामद जमीलशबानासलमान और बाबू के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत और उनको गिरफतार करने का आदेश दे साथ ही दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध न्यायोचित कार्यवाही का आदेश दे  साथ ही पीड़ित को उचित मुआवजा दिलाने की कृपा करे |

भवदीय
डा0 लेनिन
महासचिव
मानवाधिकार जननिगरानी समिति
सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी


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