सेवा में, 7 मई, 2013
अध्यक्ष महोदय,
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,
नई दिल्ली |
विषय : उत्तर-प्रदेश के अमरोहा जिले में नाबालिग लड़की से छेड़छाड़ करने वाले युवको का विरोध करने पर घर में घुसकर पूरे परिवार पर जानलेवा हमला करने वालो के खिलाफ पुलिस द्वारा कोइ कार्यवाही न किये जाने के सन्दर्भ में |
महोदय,
आपको यह अवगत कराना है कि पीड़ित इस्माईल खान पुत्र आलिम खान उत्तर-प्रदेश के जिला अमरोहा अन्तर्गत अहमदनगर (बारी सराय) नायाब टाकिज रोड कोतवाली अमरोहा का निवासी है | इस्माईल का अपना पौधों का नर्सरी है जिससे परिवार की आजीविका चलाती है | इस्माईल की 13 वर्षीय पुत्री सोनी जो कि कक्षा 9 की छात्रा है | विगत कुछ महीनो से मोहल्ले का ही एक लड़का दानिश अपने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर सोनी के साथ स्कूल आते जाते रास्ते में छेड़खानी के रहा था | जिसकी शिकायत कई बार सोनी ने अपनी माँ से की और सोनी की माँ ने दानिश के घरवालो से की लेकिन दानिश के घरवाले उल्टे उन लोगो से ही लड़ने लगे और इस मामले में चुप रहने की धमकी देने लगे | जिसकी शिकायत पुलिस से भी की गयी लेकिन पुलिस ने अनसुना करके उन्हें भगा दिया | एक दिन रास्ते में दानिश ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर सोनी के साथ छेडछाड़ करने लगा और सोनी से जबरदस्ती शादी करने के लिए कहने लगा और अपने दोस्तों से बोला कि उसकी और सोनी की शादी हो चुकी है | जिससे तंग आकर सोनी ने घर में रखा विषैला पदार्थ खा लिया जिससे उसकी हालत बिगड़ने लगी | उसे पास के प्राईवेट अस्पताल में लेकर गए लेकिन वहा से जिला अस्पताल रिफर कर दिया गया | सोनी की जान तो बच गयी लेकिन इतना होने के बाद भी पुलिस ने दोषियों के खिलाफ FIR तक दर्ज नहीं की | इस्माईल थाने से लेकर हर उच्च अधिकारियों से गुहार लगाता रहा परन्तु उसका मुकदमा दर्ज नहीं किया गया | जिससे तंग आकर इस्माईल ने आत्मदाह करने की बात की जिसके बाद आलाधिकारियो के हस्तक्षेप से दानिश, भोलू, इशरत, कमरजहाँ रहमत के नाम से FIR दर्ज हुयी | लेकिन वो भी मामूली धाराओं में दर्ज कर खानापूर्ति की गयी | दोषियों को तुरन्त जमानत मिल गयी और वे बाहर आ गए |
इस केस से गुस्साए दानिश और उसके साथियो ने दिनांक 7 जनवरी, 2013 को इस्माईल के घर में घुसकर उसको इस केस में सुलह करने की धमकी देने लगे और सुलह न करने पर उसे व उसके परिवार को जान से मारने की धमकी देने लगे और गालिया देते हुए मार-पीट करने लगे | लेकिन इस्माईल ने केस वापस न लेकर केस लड़ने का फैसला किया | जब इस बात की शिकायत इस्माईल ने थाने पर की तो पुलिस ने अनसुना कर दिया | पुलिस ने कोइ भी गंभीरता नहीं दिखाई |
जिससे अपराधियों के हौसले और बढ़ गए और दिनांक 8 जनवरी, 2013 को दिनदहाड़े दानिश, रहमत, कमरजहाँ, बब्बू, इशरत व नफीस आदि लोग इस्माईल के घर में धारदार हथियार लेकर घुस गए और इस्माईल के ऊपर गड़ासे व धारदार हथियार से हमला कर दिया जिससे इस्माईल, उसकी पत्नी रानी सबा, बेटी सोनी लहुलुहान हो गए | साथ ही घर में मौजूद ससुर शरीफ, सास इदरीसा और साले सनव्वर को भी बुरी तरह मार पीट कर घायल कर दिया | इस पूरी घटना से मोहल्ले में दहशत फ़ैल गयी | पुलिस की सायरन की आवाज सुनकर बदमाश परिवार को और भी बुरा अंजाम भुगतने की धमकी देते हुए भाग गए | पुलिस ने सभी घायलों को सीएचसी में भर्ती करवाया लेकिन इस्मैल की हालत नाजुक होने से उसे मेरठ रिफर कर दिया गया |
इस केस में सबसे चौकाने वाली बात यह है कि पुलिस ने दोषियों के साथ साथ पीड़ित पक्ष के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कर दिया | जिससे पुलिस के कार्यशैली पर बड़ा प्रश्न खडा होता है |
अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि इस मामले को संज्ञान में लेते हुए इसकी उच्च स्तरीय जांच कराई जाय और दोषियों कए खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाय साथ ही दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध भी मुकदमा पंजीकृत हो | पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा दिलाते हुए उसके इलाज का पूरा खर्च सरकार वहन करे | जिससे पीड़ित को न्याय मिल सके |
संलग्नक :
1. 1. घटना की अखबार में छपी खबर की कापी |
2. 2. पूर्व में पीड़ित इस्माईल द्वारा दिए गए प्रार्थनापत्र की कापी |
3. 3. दर्ज FIR की कापी |
भवदीय
डा0 लेनिन
महासचिव
मानवाधिकार जननिगरानी समिती,
सा 4/21 ए दौलतपुर, वाराणसी,
+919935599333
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