PVCHR initiative supported by EU

Reducing police torture against Muslim at Grass root level by engaging and strengthening Human Rights institutions in India

Friday, November 2, 2012


सेवा में,                                               04 अक्टूबर, 2012
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विषय:- उ0प्र0 में मुसलमानों की स्थिति पर सांसदों, केन्द्रीय मंत्रियों, जनप्रतिनिधियों, नौकरशाहों एवं बुद्धिजीवियों के साथ मंत्रणा एवं परामर्श कार्यक्रम में आपकी भागीदारी एवं सहयोग के सम्बंध में।

महोदय,

           मानवाधिकार जननिगरानी समिति/जनमि़त्र न्यास एक गैर राजनैतिक एवं अलाभकारी जनसंगठन है जो कि उत्तर प्रदेश व देश के अन्य राज्यों में मानवाधिकार हनन, जातीय व साम्प्रदायिक उत्पीड़न तथा समाज में अति दबे कुचले व हाशियें पर खडे लोगों के अधिकारों के मुद्दे पर विगत डेढ़ दशक से संधर्षरत व प्रयत्नशील है।  वर्तमान में संगठन यूरोपियन यूनियन के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश के चार अति संवेदनशीन शहर-अलीगढ़, मेरठ, मुरादाबाद तथा वाराणसी व प्रदेश अन्य नगरों में मुस्लिमों पर बढ़ते पुलिसियां अत्याचार धार्मिक व जातीय दंगे से प्रभावित अल्पसंख्यक तथा भारत में जमीनी मानवाधिकार संगठनों के मजबूतीकरण के मुद्दे पर कार्य कर रही है। इसके अलावा संगठन समाज में व्याप्त यातना व हिंसा की संस्कृति एवं चुप्पी को तोडने के मुद्दे पर डेनमार्क की संस्था रिहैबलिटेशन सेन्टर फार टार्चर विक्टिमस् (RCT)  के साथ मिलकर यातना से पीड़ित लोगों को मनोवैज्ञानिक पद्धति स्टीमोनियल थैरेपीश् के माध्यम से मनोसामाजिक सहायता एवं सम्बल प्रदान कर रही है। यातना व संगठित हिंसा में प्रभावित लोगों की चुप्पी तोड़ने व समाज में यातना के खिलाफ आवाज उठाने की प्रक्रिया में श्टेस्टीमोनियल थैरेपीश् के माध्यम से मुहिम चलाया जा रहा हैं। जिससें बडे पैमाने पर यातना से पीड़ित लोग अपनी चुप्पी को तोडते हुए न्याय व अधिकार के लिये अपनी आवाज शासन, प्रशासन व सरकार के सामने उठा रहें हैं।

         उ0प्र0 के परिपेक्ष्य में अल्पसंख्यक मुसलमानों की सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, स्थिति पर केन्द्र सरकार द्वारा करायी गयी जाॅच व सर्वेक्षण-सच्चर कमेटी एवं जस्टिस रंगनाथ मिश्र की सिफारिशों के आधार पर मुसलमानों के विकास के लिए तय बिन्दुओं पर केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा किये गये प्रयास के आइने में विभिन्न विषयों एवं मुद्दों पर क्या प्रभावी कदम उठाये जाये। इस दिशा में संस्था विभिन्न केन्द्रीय मंत्रियों, वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक अफसरों के साथ  मंत्रणा एवं परामर्श बैठक करना चाहती है।   
संस्था का यह प्रयास है कि यातना, संगठित हिंसा व साम्प्रदायिक घटनाओं में प्रभावित पीड़ितों दबे-कुचले लोगों की आवाज हमारे सभी सांसदो, केन्द्रीय एवं राज्य मंत्रियों, वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों, बडे नौकरशाहों तक पहुँचायी जाये। इन तमाम बिन्दुओं पर उक्त तमाम गणमान्य व्यक्तियों को वर्तमान वस्तु स्थिति से अवगत कराया जाये और शासन-प्रशासन तथा सरकार को यातना, संगठित हिंसा जैसे अहम विषय एवं मुद्दे पर अधिक सजग, जवाबदेह तथा संवेदनशील बनाते हुए साम्प्रदायिक एवं जातिय यातनारोधी कानून पर गम्भीरता से विचार विमर्श किया जाए ताकि नीति निर्माण स्तर पर आम जन के हक़ में आमूलचूल परिवर्तन किया जा सकें।

       अतः संस्था कार्यक्रम की इसी कडी में नई दिल्ली में सांसदों, केन्द्रीय एवं राज्य मंत्रीयों, वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों व प्रशासनिक अफसरशाहों के साथ उ0प्र0 में मुसलमानों की स्थिति पर एक मंत्रणा एवं परामर्श बैठक कार्यक्रम का आयोजन करना चाहती हैं। जिसमें संस्था आपके मूल्यावान व अतुलनीय सहयोग एवं भागीदारी की आंकाक्षी हैं।  

          कृप्या आप अपना बहुमूल्य विचार देने की कृपा करें, जिससे हम इस कार्यक्रम की रुपरेखा तैयार कर कार्यक्रम दिसम्बर, 2012 के दौरान नई दिल्ली में आयोजित कर सकें।


                                                                            भवदीय
   
डा0 मोहम्मद आरिफ                                                         डा0 लेनिन                
 (सदस्य)                                                                         (महासचिव)
गर्वर्निंग बोर्ड मानवाधिकार जननिगरानी समिति,     2007, ग्वांजू ह्यूमन राइट्स अवार्डी (द0 कोरिया)
2010, आचा पीस स्टार अवार्डी (यू0एस0ए0),          2008, आचा पीस स्टार अवार्ड (यू0एस0ए0),                                                                                              
                                                                             2010, वाइमर ह्यूमन राइट्स अवार्ड (जर्मनी)




To                                                     October 04, 2012
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Sub: For your participation and support in the discussion and symposium programme upon the status of Muslims with the MPs, union ministers, public representatives, bureaucrats and intellectuals

Sir,
People’s Vigilance Committee on Human Rights (PVCHR)/ Jan Mitra Nyas (JMN) is a non political and non profit organization that in working for the past 15 years in Uttar Pradesh and other states on human rights violation, castist and communal exploitation and for those living on the verge in the society and are suppressed. At present the organization in association with the European Union is working in four most sensitive districts of Uttar Pradesh—Aligarh, Meerut, Muradabad and Varanasi against police atrocity upon Muslims, strengthening of the human rights network at the grassroots level and for those effected by communal violence.
Apart from this the organization is also working in association with Denmark based organization rehabilitation centre for torture Victims (RCT) to help people speak up against violence. PVCHR is providing help to people/victims through testimonial therapy in psycho-social manner. There is a campaign being running through testimonial therapy to break the silence on the violence, atrocity which has helped many to break the silence and raise their voice before the state and administration for their rights.
What can be the effective steps in Uttar Pradesh for the development of the Muslims as per the recommendations by the Sachchar and Ranganath committees reports that was made for a change in the social, economic, political status of the muslims? The organization wants to hold discussion on the topic with the MPs, union ministers senior public representatives, state officers.
The organization is making efforts that the voice of those suppressed and victims of organized violence, torture, communal violence should reach the MPs, union ministers, state ministers, senior public representatives, and senior bureaucrats. All the responsible people should get to know all the above points. Also that state and administration should be made accountable/answerable on the issue of torture, violence. There is a need to sensitized them on the issue through thorough thinking and thereafter a policy be thus derived against castist violence/torture and communal violence.
Therefore, the organization aims to hold a discussion convention on the issue in New Delhi with MPs. Union ministers, state ministers, senior public representatives, and state officers in which we seek your valuable support and participation.
Please let us know your valuable thoughts so that we may prepare the outline of the programme accordingly to be held in December 2012 in New Delhi.

Mohd Arif                                                            Dr Lenin
(member)                                                         (general secretary)
Governing board PVCHR,                 Gwanju Human RightsAwardee, South Korea
 2010, Achcha peace star Awardee (USA)         Achcha Peace Star Award 2008,  
                                                           2010, Wimer Human Rights Award (Germany)              



                                   

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