सेवा में, 26 अगस्त, 2013
श्रीमान पुलिस महानिदेशक महोदय,
उत्तर-प्रदेश,
लखनऊ |
विषय : उत्तर प्रदेश के जिला अलीगढ़, थाना-क्वार्सी, के गली न0 7 नगला
पटवारी की नगीना (विधवा) की 8 वर्षीय पुत्री के साथ सामूहिक बलात्कार पर
पुलिस द्वारा कोइ भी कार्यवाही न किया जाना और पुलिस और बदमाशो की
मिलीभगत से मेडिकल रिपोर्ट में भी छेड़-छाड़ किये जाने के सम्बन्ध में |
महोदय,
आपका ध्यान इस संवेदनशील सामूहिक बलात्कार की घटना की और करना
चाहता हूँ कि नगीना (विधवा) अपनी 8 वर्षीय पुत्री के साथ अकेले उत्तर
प्रदेश के अलीगढ़ जिले के थाना-क्वार्सी के गली न0 7 नगला पटवारी में रहती
है | दिनांक 16 जनवरी, 2013 को उसकी 8 वर्षीया पुत्री अपने चचेरे भाई के
साथ दोपहर 12:30 बजे के करीब पास के ही रियाज कालोनी में गेहूँ के खेत से
बथुआ लेने गयी थी | वहा पर इशरत पुत्र गुलाम रसूल, आरीफ पुत्र इरशाद अली
निवासी मिर्जापुर, थाना-जंवा पहले से मौजूद थे | दोनों ने उस लड़की के साथ
छेड़-छाड़ करना शुरू किया जब उसका चचेरा भाई इसका विरोध करने लगा तो दोने
ने उसे मारा पीटा और जान से मारने की धमकी देकर वहां से भगा दिया | जिसके
बाद उन दोनों ने मिलकर उस 8 वर्षीया बच्ची के साथ बलात्कार किया | बच्ची
के शोर को सुनकर और उसके भाई द्वारा अन्य लोगो को बताने के बाद कालोनी के
कुछ लोग वहा पहुचे पर तब तक इशरत और आरिफ वहा से भाग गए थे | लोगो ने
देखा कि लड़की के कपडे खून से सने हुए थे और व अर्धनग्न अवस्था में थी और
दर्द से चिल्ला रही थी | जिसे देखकर स्थानीय लोगो ने 100 नंबर पर फोन कर
इस घटना की सूचना पुलिस को दी | सूचना मिलने के 1 घंटे के बाद पुलिस
घटनास्थल पर पहुँची |
इसके बाद पुलिस ने FIR केवल इशरत के नाम से दर्ज की जबकि आरीफ के
नाम का जिक्र उस FIR में नहीं किया गया | उसके बाद पुलिस ने उस पीड़ित
बच्ची का मेडिकल करवाने के लिए दोपहर 1:15 मिनट पर लेकर गयी और रात 10
बजे उसे उसकी माँ को सौपा | मेडिकल रिपोर्ट में बलात्कार की पुष्टी नहीं
हुई | लेकिन यह प्रश्न खडा होता है कि जब बच्ची को घटनास्थल से पुलिस
लेकर गयी तब उसके कपडे खून से सने हुए थे लेकिन मेडिकल रिपोर्ट में
बलात्कार के साथ साथ किसी चोट का भी जिक्र नहीं किया गया है जिससे मेडिकल
रिपोर्ट व पुलिस के कार्यवाही पर भी प्रश्न खड़े होते है |
घटना के अगले दिन जब स्थानीय लोग थाने पर जाकर दोषियों के
गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे तब वहा तैनात सिपाही दुर्गेश ने उन सभी लोगो
को झूठे केस में फ़साने की धमकी दी व पिडीता नगीना देवी से उसने एक सादे
कागज़ पर जबर्दस्ती धमकाते हुए अंगूठा लगवा लिया और उन लोगो को वहा से भगा
दिया |
अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि कृपया आप इस गंभीर मामले को संज्ञान
में लेते हुए पुनः मेडिकल बोर्ड का गठन कराकर दुबारा से मेडिकल जांच
कराने का निर्देश दे | साथ ही दोषियों की गिरफ्तारी हेतु पुलिस को
निर्देशित करे व दोषी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध मुकद्दमा पंजीकृत करने
का निर्देश दे | यदि मेडिकल रिपोर्ट गलत प्रस्तुत की गयी है तो उन
डाक्टरों के ऊपर मुकद्दमा पंजीकृत कर उनका मेडिकल लाईसेंस रद्द करने का
आदेश दे | साथ ही पीडिता को शारारिक और मानसिक आघात से उभरने हेतु मुआवजा
दिलाने का कष्ट करें |
भवदीय
डा0 लेनिन
महासचिव
मानवाधिकार जननिगरानी समिति
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