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Reducing police torture against Muslim at Grass root level by engaging and strengthening Human Rights institutions in India

Thursday, September 26, 2013

उत्तर प्रदेश के जिला-सम्भल, थाना-बहजोई में दबंगों का अल्पसंख्यक पर कहर के कारण अल्पसंख्यको द्वारा गाँव छोड़कर पलायन करने व पुलिस को शिकायत कराने के बाद भी कोइ कार्यवाही न करने के सम्बंध में।

25 सितम्बर, 2013

सेवा में,

श्रीमान् अध्यक्ष महोयद,

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग

नई दिल्ली।

 

विषय:- उत्तर प्रदेश के जिला-सम्भल, थाना-बहजोई में दबंगों का अल्पसंख्यक पर कहर के कारण अल्पसंख्यको द्वारा गाँव छोड़कर पलायन करने व पुलिस को शिकायत कराने के बाद भी कोइ कार्यवाही न करने के सम्बंध में।

 

महोदय,

आपको अवगत कराना चाहता हूँ कि पीडित पतंगे उर्फ जियाजुद्दीन पुत्र-शाहबरुश उत्तर प्रदेश में जिला-सम्भल, थाना-बहजोई के ग्राम-कैलमंडी का निवासी है। पीडित गांव में ही दांती, खुरपी आदि को धार देने का काम करता है । उक्त गांव में यादवों की संख्या ज्यादा होने से उनका ही बोलबाला हैं । गांव का दबंग राम भरोसे अपना काम पीडित से करवा कर मजदूरी देने से इन्कार कर दिया । पीडित द्वारा मजदूरी मांगने पर उसे गाली-गलौज देते हुए मारने-पिटने लगा । इसा बात की शिकायत पीडित ने गांव के कुछ गणमान्य लोगो से की परन्तु उन्होने राम भरोसे के खिलाफ जाने की हिम्मत नहीं की । पीडित हताश हो इसकी शिकायत थाना-बहजोई में की परन्तु पुलिस रामभरोसे का नाम सुनते ही कार्यवाही से मुकर गयी।

पीडित की 12 वर्षीय बेटी रुबी अपने पिता व चाचा हेतु भोजन लेकर खेतो पर जा रही थी कि रास्ते में उसे राम भरोसे के पुत्र शिवकुमार ने रोक लिया तथा उल्टा-सीधा बोलते हुए छेडखानी करने लगा, पीडित की बेटी द्वारा चिल्लाने पर आस-पास के लोगों को आता देख अभियुक्त उनसे भी बहशबाजी कर फरार हो गया।

रुबी ने इस घटना की जानकारी अपने परिजनों को दी जिससे पीडित जीमल, रियासुद्दीन, जलाउद्दीन व कुछ अन्य लोग शिकायत लेकर थाना-बहजोई पहुँचे परन्तु पुलिस उन्हे डाट-फटकार कर भगा दिया |

पुलिस के इस नकारात्मक रवैये से पीडित व उसका परिवार अत्यन्त दहशत में है । जिससे अभियुक्तो का हौसला और अधिक बढ़ गया और उनका कहर दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है । जिससे भयभीत पीडित परिवार सहित हयातनगर थाना क्षेत्र में आकर रहने लगा । ऐसे ही गांव के ही मुल्ला जी जमील गांव छोडकर हयातनगर चले गये।

इस कहर से मुस्लिम समुदाय के पास दबगों से आत्मरक्षा हेतु पलायन के अलावा कोई रास्ता नहीं है।

अतः आसपे निवेदन है कि उक्त प्रकरण को गम्भीरता से लेते हुए अभियुक्तो के खिलाफ सख्त कार्यवाही कर पीडित हेतु न्यायोचित कार्यवाही करने की कृपा करें जिससे भय समाप्त हो सके और उनका पलायन रुक सके |

 

संलग्नक :

1.      अखबार में छपी खबर की छाया प्रति |

  

भवदीय

डा0 लेनिन

महासचिव,

मानवाधिकार जननिगरानी समिति,

सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी,

+91-9935599333

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