सेवा में, 7 सितम्बर, 2013
श्रीमान् अध्यक्ष महोदय
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,
नई दिल्ली।
विषय:- उत्तर प्रदेश में जिला-अलीगढ़, थाना-देहलीगेट में एक युवक द्वारा अपने पशुओं के चोरी के आरोप मे एफ0आई0आर0 दर्ज करने से नाराज अभियुक्त द्वारा तमंचे व लोहे की सरियन से जान लेवा हमला की शिकायत पुलिस प्रशासन से करने के बाद कोई कार्यवाही नहीं। इसके विपरित पीडित पर पुलिस द्वारा केस वापस लेने का दबाव बनाने के सन्दर्भ में।
महोदय,
आपको अवगत कराना है कि पीडित मो0 अशफाक उम्र-55 वर्ष, पुत्र-इशाक खां,उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिला थाना-देहलीगेट में मुहल्ला-उस्मानवाडों का निवासी हैं।
पीडित व पीडित का भाई मिलकर पशुओं का ब्यापार करते हैं। 31 दिसम्बर, 2012 को रात उनके कुछ पशुओं को जंगलगढी, थाना-देहलीगेट निवासी-मुजाहिद व गऊवा पुत्र-सुल्तान द्वारा चुरा लिया गया। पीडि़त ने अभियुक्तो के खिलाफ 1 जनवरी, 2013 को थाना-देहलीगेट में एफ0आई0आर0 दर्ज करायी।
नाराज अभियुक्त मुजाहिद गऊवा व उनके साथी अज्जु व शाहिद ने मिलकर उसी रात पीडित के भाई दिलशाद व भतीजा सलमान को लोहे की सरिया व लाठी-डण्डे से मारा-पीटा हत्या के इरादे से तमंचे से प्रहार किया जिससे दिलशाद की मौसी जख्मी हो गयी। इसके बाद पीडित ने थाना-देहलीगेट में उक्त अभियुक्त के खिलाफ एफ0आई0आर0 धारा 147,148,149,307 IPC के तहत दर्ज करायी। अभियुक्त पर इन धाराओं के लगने के बावजुद भी पुलिस गिरफ्तार नही कर रही हैं। तथा पीडि़त के ऊपर केस वापस लेने व समझौता करने का दबाव बना रही हैं।
उक्त अभियुक्त पर पहले से ही धारा 307 के तहत मुकदमा चल रहा है। अभियुक्त गणों द्वारा पीडित के केस वापस न लेने से बराबर जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं।
अतः आपसे निवेदन है कि इन प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए पीडि़त व पीडि़त की जान-माल की सुरक्षा तथा अभियुक्तो के खिलाफ उचित कार्यवाही का आदेश दे।
भवदीय
डा0 लेनिन
महासचिव
मानवाधिकार जननिगरानी समिति,
सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी
+91-9935599333
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