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Reducing police torture against Muslim at Grass root level by engaging and strengthening Human Rights institutions in India

Sunday, September 22, 2013

उत्तर प्रदेश के जिला-अलीगढ़, थाना-सिविल लाइन में झूठे आरोप में 13 साल के नाबालिक बच्चे फसीह पर पुलिसिया यातना के सम्बंध में।

23 सितम्बर, 2013

सेवा में,

श्रीमान् अध्यक्ष महोदय

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,

नई दिल्ली |

 

विषय:- उत्तर प्रदेश के जिला-अलीगढ़, थाना-सिविल लाइन में झूठे आरोप में 13 साल के नाबालिक बच्चे फसीह पर पुलिसिया यातना के सम्बंध में।

 

महोदय,

आपको अवगत कराना है कि पीडित अब्दुर्रहमान खान उम्र-75 वर्ष, पुत्र-स्व0 मुजीबुर्रहमान उत्तर प्रदेश में जिला-अलीगढ़, थाना-सिविल लाइन के सुपर मार्केट का निवासी है। पीडित का 13 वर्षीय पोता फसीह है जो कक्षा 7 में सेन्ट केदालिस स्कूल में पढ़ता है। फसीब के पास मोबाइल था जो उसने अपने दोस्त अकबर को दिया था। अकबर का किसी व्यक्ति से झगडा होने पर थाना सिविल लाइन पुलिस ने अकबर को पकड लिया तथा उसके पास रखे फसीह का मोबाइल जब्त कर लिया |

28 फरवरी, 2013 को रात 01:30 बजे थाना सिविल पुलिस लाइन पुलिस ने फ़ोन कर फसीह को मोबाइल चोरी के झुठे आरोप में उक्त थाने पर बुलाया। फसीह वहाँ गया तो देखा उसका दोस्त अकबर वहाँ पहले से ही मौजुद था जिसे पुलिस मार रही थी। फसीह को देखते ही पुलिस ने उसी की मोबाइल का उसे चोर बताया फसीह के इन्कार करने पर उससे मोबाइल खरीद की रसीद मांगी रसीद खो जाने से फसीह ने दिखाने में असमर्थता जताई। जिस पर पुलिस उसे पेड़ से बांधकर पट्टे से मारना-पिटना शुरु कर दी। इतना ही नहीं उसका पैन्ट उताकर नाजुक अंगो पर भी हण्टर बरसाये। पुलिस की ऐसी यातनाओं से पीडित के पोते का कान खराब हो गया।

पीडित जब थाना-सिविल लाइन पहुँचा तो देखा उसका पोता और अकबर वहाँ बेसुध अचेत पडे है। पीडित के अनुरोध पर पुलिस उनके पोते केा 29 तारीख के रात 8:00  बजे रिहा कर दी परन्तु अकबर और उसके मित्र आदम को हवालात में बन्द रखी।

पुलिस की ऐसी अमानवीय यातनाओं से पीडित का पोता अभी भी दहशत से नही उबर पाया है। शरीर पर अभी भी यातनाओं के जख्म वैसे ही दिखाई दे रहे है है। पुनः पीडित असहाय है उसके दो बेटों का मर्डर 16 जनवरी, 2001 के कर दिया गया था। मुल्जिमो को हाईकोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुना दी परन्तु पुलिस हिरासत में अब तक नही ले पायी पीडित पुलिस के इस लापरवाही से जुझ ही रहा था कि पोते पर भी यातनाओ का कहर टुट पड़ा।

अतः आपसे निवेदन है कि उक्त प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए निर्दोष सासूम पर यातनाओं का कहर ढाने वाले थाना सिविल लाइन दोषी पुलिसों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने की कृपा करें। साथ ही पीड़ित को उचित मुआवजा दिलाने की कृपा करे |

 

संलग्नक : दैनिक अखबार हिन्दुस्तान में प्रकाशित खबर |

 

 

भवदीय

डा0 लेनिन

महासचिव

मानवाधिकार जननिगरानी समिति,

सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी

+91-9935599333

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