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Reducing police torture against Muslim at Grass root level by engaging and strengthening Human Rights institutions in India

Wednesday, August 31, 2011

पुलिस द्दारा कानुन की जद मे महजबीन का उत्पीडन,आनर कीलिंग की सम्भावना



---------- Forwarded message ----------
From: PVCHR MINORITY <minority.pvchr@gmail.com>
Date: 2011/8/31
Subject: पुलिस द्दारा कानुन की जद मे महजबीन का उत्पीडन,आनर कीलिंग की सम्भावना
To: jrlawnhrc@hub.nic.in, DIG Varanasi <sspvns-up@nic.in>, IG Zone Police Varanasi <igzonevns-up@nic.in>
Cc: akpnhrc@yahoo.com, "pvchr.india" <pvchr.india@gmail.com>


सेवा मे,                                                             31 अगस्त 2011

      अध्यक्ष,

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,

     नई दिल्ली

बिषय:- प्रेम विवाह करने वाली महजबीन का विगत 4 दिनो से पुलिस अभिरक्षा मे मानसिक उत्पीड़न करने एवं बयान बदलने हेतु धमकी देने के सम्बन्ध में।

महोदय,

        उपरोक्त विषयान्तर्गत लेख है कि मजहबीन (पूर्व नाम- मेघा नागर), पुत्री अभय राम नागर, निवासी मकान न0-एन-015/104 सी सुदामापुर, वार्ड-नगवां, थाना-भेलुपुर, जिला-वाराणसी की रहने वाली है। पीडि़ता ने 27 जुलाई 2011 को अपने पैतृक धर्म हिन्दु को छोडकर इस्लाम धर्म ग्रहण कर लिया। अपने धर्म – परिवर्तन की सुचना उसने जिलाधिकारी –वाराणसी ( 27 अगस्त 2011 को रजिस्ट्रड डाक से) एवम जन साधारण को समाचार – पत्रो मे बिज्ञापन (7 अगस्त 2011) के माध्यम से दे दिया था।

         महोदय, लेख है कि महजबीन के द्वारा अपने पैतृक धर्म (हिन्दु) बदलने एवम मुस्लिम युवक फैजुर रहमान से निकाह करने की इच्छा ब्यक्त करने पर पिता अभय राम नागर द्वारा शारीरिक एवम मानसिक प्रताडि़त किया जाना लगा। परेशान होकर 21 अगस्त 2011 को पीडिता ने अपना घर छोड दिया और पुलिस चौकी –बजरडीहा,थाना –वाराणसी, पुलिस से सम्पर्क किया परन्तु पुलिस से सहायता नही मिली। महजबीन ने 21 अगस्त 2011 की शाम को फैजुर रहमान पुत्र लियाकत गनी, 00 एन 15/117-डी-3 सुदामापुर, बँजरडीहा, थाना-भेलुपुर, जिला-वाराणसी से मुस्लिम रीति-रिवाज से निकाह कर लिया। उसके बाद वह अपने पिता के घर नही गयी। बजरडीहा चौकी के ईंचार्ज द्दारा परेशान करने पर उन्होने मानवाधिकार जन निगरानी समिति को सुचित किया।मानाधिकार जन निगरानी समिति ने इस सम्बन्ध मे  23 अगस्त 2011 को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग एवम स्थानीय पुलिस अधिकारीयो को पुलिस की कार्यवाही के समबन्ध मे सुचित कर दिया था।  महजबीन ने अपने निकाह एवम सुरक्षा हेतु 24 अगस्त 2011 को डी.आई.जी. वाराणसी,जिलाधिकारी- वाराणसी, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भेज दिया था ।पीडि़ता के पिता अभय नागर ने 24 अगस्त 2011 को भेलुपुर थाना में अपनी पुत्री मेघा नागर के अपहरण के लिए फैजुर रहमान एवं उसके परिवार वालों पर आई.पी.सी. 363,366,506  के अंतर्गत मुकदमा कर दिया है। एफ.आई.आर. मे उनके द्दारा फैजुर पर पुर्व मे छेडखाने के आरोप लगाये गये है जबकि महजबीन (मेघा नागर) ने जुलाई 2011 मे ही अपना धर्म- परिवर्तन कर लिया है। पीडि़ता के पिता अभय राम नागर एक सरकारी एवं दबंग व्यक्ति है।

          भेलुपुर पुलिस ने उनके दबाव में आकर 27/28 अगस्त 2011 की रात 12.30 बजे को महजबीन को उसके रिश्तेदारी से उठा लिया। मध्य रात मे की गयी कार्यवाही मे पुलिस के साथ कोई भी महिला सिपाही नही थी।भेलुपुर पुलिस ने महजबीन का सामान्य मेडिकल 28 अगस्त 2011 को दोपहर 2.00 बजे कराया तथा लगभग 16 घंटे बाद महिला थाने की अभिरक्षा मे दिया ।.इस दौरान महजबीन के पिता और उनके परिचित पुलिस अभिरक्षा मे ही महजबीन पर दबाव बना रहे थे। जबकि महजबीन उनका बिरोध कर रही थी।

            भेलुपुर पुलिस अभिरक्षा मे महजबीन के मुल अधिकारों की अनदेखी कर रही है।भेलुपुर पुलिस द्वारा 31 अगस्त 2011 तक भी महजबीन को मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान के लिये प्रस्तुत नही किया है ।पुलिस अभिरक्षा के नाम पर महजबीन का उत्पीडन कर रही है। महजबीन को उसके ससुराल पक्ष मे किसी से मिलने नही दिया जा रहा है।पुलिस अभिरक्षा मे 4 दिन से उपर रख चुकी है।

            महोदय, इस सम्बन्ध में निवेदन/मांग है कि महजबीन पर पुलिस अभिरक्षा मे हो रहे उत्पीड़न को बन्द किया जाय तथा उसे उसके ससुराल पक्ष मे ही दिया। उसके ससुराल पक्ष को डर है कि अभय राम नागर, महजबीन एवम जैफुर को मरवा सकते है । महोदय, लगभग 4 दिन बाद भी पुलिस द्दारा बयान के महजबीन को प्रस्तुत नही करना पुलिस की कार्यवाही और ईमानदारी पर प्रश्न खडा करता है।पुलिस द्दारा इतना समय बयान मे लगाने से पीडिता एवम उसके ससुराल के सदस्य मानसिक दबाव एवम भय मे जी रहे है,सभी लोग रोजा और ईद के पाक और मुबारक समय से वंचित हो गये। अनुरोध है कि कृप्या इस सम्बन्ध में अतिशीध्र आवश्यक कार्यवाही की जाय तथा महजबीन के मुल अधिकारो की रक्षा की जाय।

 

       भवदीय

डा0 लेनिन

(महासचिव)



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