From: Mreetyunjay Rai <mreetyunjay@gmail.com>
Date: 2011/8/6
Subject: बुनकर द्वारा गरीबी के कारण आत्महत्या तथा बुनकरो की स्थिति
To: "akpnhrc@yahoo.com" <jrlawnhrc@hub.nic.in>
सेवा मे, 6 अगस्त 2011
अध्यक्ष,
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग
नई दिल्ली
अभिनन्दन !!!
विषय:- आर्थिक तंगहाली की वजह से बुनकर द्वारा आत्महत्या एवम बुनकरो की दशा के सम्बन्ध में।
महोदय,
मै, आपका ध्यान 6 अगस्त 2011 के दैनिक जागरण की खबर 'तंगहाली मे बुनकर ने दी जान' पर आकृष्ट करना चाहुगा। (अखबार की कतरन – संलग्न) 65 वर्षीय बुनकर चाँद अंसारी का परिवार बुनकरी के कार्य लगातार मन्दा होने से हो रहे आर्थिक नुकसान से तंगहाल हो गया।केन्द्र तथा राज्य प्रशासन द्वारा कोई सहायता नही मिल पायी।परेशान होकर चाँद अंसारी ने आत्मह्त्या कर ली ।
महोदय, लेख है कि बुनकरो की हालत दिन-प्रतिदिन बदतर होती जा रही है।बुनकरो के आर्थिक सहयोग हेतु चल रही समस्त परियोजनाओ का सही किर्यावयन नही हो रहा है। बैंको द्वारा इन परियोजनाओ मे कर्ज भी लगभग नही दिया जा रहा है। सरकार एवम जनप्रतिनिधियो द्वारा बिजली बिल माफी पर मात्र आस्वासन ही दिया जा रहा है ।बुनकरी एवम दस्तकारी का कार्य मन्दा होने की वजह से वो अपने बिजली का बिल नही चुका पा रहे है ।
महोदय अनुरोध है कि जीवन जीने की न्युनतम सुविधाओ के लिये संघर्ष कर रहे बुनकरो के लिये मौजुद सभी परियोजनाओ के यथार्थ किर्यांवयन समबन्धी,बिजली बिल माफी सम्बन्धी तथा मृतक बुनकर के परिवार के मुआवजा हेतु आवश्यक कार्यवाही का कष्ट करे ।
सलग्नक – अखबार की कतरन डा लेनिन
(महा सचिव)
मानवाधिकार जन निगरानि समिति
एस.ए. 4 /2 ए,दौलतपुर,वाराणसी
मोबा.न0:+91-9935599333
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