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Wednesday, October 19, 2011

वारानसी प्रशासन की कुव्यवस्था व अन्याय पुर्ण कार्यवाही से अल्पसंख्यक महिला द्दारा आत्मह्त्या करने की कोशिश के समबन्ध मे



---------- Forwarded message ----------
From: PVCHR MINORITY <minority.pvchr@gmail.com>
Date: 2011/10/19
Subject: वारानसी प्रशासन की कुव्यवस्था व अन्याय पुर्ण कार्यवाही से अल्पसंख्यक महिला द्दारा आत्मह्त्या करने की कोशिश के समबन्ध मे
To: jrlawnhrc@hub.nic.in
Cc: akpnhrc@yahoo.com


 

सेवा मे,                                           19 अक्तुबर 2011

अध्यक्ष,

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग

नई दिल्ली,

विषय:- वाराणसी प्रशासन की पीडिता की शिकायत पर टालमटोल और कब्जा करने वालो को सह्योग करने के कारण अल्पसंख्यक महिला ने तहसील मे की जान देने की कोशिश के सम्बन्ध मे

महोदय,

             मै, आपका ध्यान 19 अक्टुबर 2011 के राष्ट्रीय सहारा की खबर ' फरियादनी ने खाया जहर ' पर आकृष्ट करना चाहता हुँ। [i] http://rashtriyasahara.samaylive.com/newsview.aspx?eddate=10/19/2011%2012:00:00%20AM&pageno=1&edition=22&prntid=52090&bxid=165645734&pgno=1

http://rashtriyasahara.samaylive.com/newsview.aspx?eddate=10/19/2011%2012:00:00%20AM&pageno=15&edition=22&prntid=52096&bxid=34851781&pgno=15

            लेख है कि, उत्तर प्रदेश के जिला वाराणसी के थानाक्षेत्र रोहनिया के गाँव हासापुर (फरीदपुर) की  मुस्तरी पत्नी अब्दुल कलाम पिछले 1 साल से वाराणसी प्रशासन के हर अधिकारी के यन्हा अपनी फरियाद लेकर गिडगिडा रही थी परंतु वाराणसी प्रशासन के पुलिस विभाग से लेकर अन्य विभाग के कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी तो भुले ही मानवीय सवेदना भी भुल गये । कुछ सरकारी नुमाईन्दे आये भी तो नोटो की खुशुबु मे पीडिता की फरियाद को भुल गये ।

            महोदय, मुस्तरी के घर के सामने की आबादी के जमीन को कब्जा कर कुछ लोगो ने चारो तरफ से दिवाल खडी कर दी है, परिणामत: मुस्तरी के घर से निकलने वाले रास्ते बन्द हो गये । रास्ते को लेकर मुस्तरी एक साल से वाराणसी प्रशासन के हर अधिकारी के पास गयी परंतु वह प्रशासनिक कुब्यवस्था का शिकार हो गयी । प्रशासन ने कब्जा करने वालो पर कोई कार्यवाही नही की । 14 अक्टुबर 2011 कब्जा करने वालो ने मुस्तरी के घर मे घुसकर उसे और उसके बच्चो को पीटा और धमकाया । मुस्तरी उसी दिन रात को 10.30 बजे डी.एम. आवास पर गयी, शनिवार को वह थाना दिवस पर शिकायत करने गयी परंतु कोई कार्यवाही नही हुई । 18 अक्टुबर 2011 ( मंगलवार ) को वह तहसील दिवस पर न्याय की उम्मीद से फिर पहुची लेकिन वन्हा पर अधिकारियो ने पुन: उसे उन्ही अधिकारियो (रोहनिया थाना,तहसीलदार,कानुनंगो आदि ) के पास भेजा जबकि उक्त अधिकारी पहले ही उसके शिकायत पर कोई कार्यवाही नही कर प्रताडित कर रहे थे , इस प्रशासनिक कुव्यवस्था और व्यवहार से उसकी न्याय की आखिरी उम्मीद भी टुट गयी और उसने तहसील परिसर मे ही अपने जीवन को समाप्त करने के लिये मौत (प्रशासनिक ह्त्या) का सहारा ले लिया ।       

               महोदय, इस सम्बंध में निवेदन/मांग है कि मुस्तरी द्दारा की गयी आत्मह्त्या की कोशिश का मुल कारण प्रशासनिक लापरवाही और कुब्यवस्था है अत: दोषी अधिकारियो एवम कर्मचारियो को बर्खास्त किया,  कब्जा करने वालो के खिलाफ मुकद्दमा दर्ज किया जाय तथा पीडिता को मुआवजा दिया जाय । कृपया ,  अतिशीध्र आवश्यक कार्यवाही करने का कष्ट करे जिससे पीडिता के साथ न्याय हो सके ।

 

भवदीय

डा लेनिन

(महा सचिव)

मानवाधिकार जन निगरानि समिति

एस.ए. 4 /2 ए,दौलतपुर,वाराणसी
मोबा.न0:+91-9935599333

pvchr.india@gmail.com

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