सेवा में, 7 जनवरी, 2013
श्रीमान अध्यक्ष महोदय,
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,
नई दिल्ली |
विषय : केस संख्या 4511/24/72/2013-WC में माननीय आयोग के हस्तक्षेप से पीडिता रौशन जहाँ वाराणसी के बाल कल्याण समिति वाराणसी में 8 दिसम्बर, 2013 को प्राप्त होने के बावजूद उसे उसके माता पिता के सुपुर्द न किये जाने के सम्बन्ध में |
महोदय,
आपको यह अवगत कराना है कि पीड़िता रेहाना बानो पत्नी श्री मो0 साबिर, कनईसराय भोतू का मकान हरपालपुर लोहता वाराणसी की निवासिनी हैं। पीड़ित व उसका परिवार अत्यन्त गरीब और बड़ी मुश्किल से अपना जीवन यापन करता हैं। पीड़िता व उसका परिवार साड़ी कटाइ, चुना करने व मजदूरी का काम भरण पोषण करते हैं। पीड़िता की 16 वर्षीय पुत्री रौशन जहाँ उर्फ़ अनीसा, मदनपुरा निकट चश्मा फेयर के पास रहने वाले साड़ी व्यवसायी व गद्दीदार शाहिद जमाल मकान न0-डी0 31/331, डी01ए (ताज सिल्क सारीज) मदनपुरा वाराणसी के यहाँ बचपन से ही रहकर झाडू-पोछा, घरेलू देखभाल का काम करती थी। जिसके एवज में उक्त शाहिद जमाल द्वारा लड़की व उसके परिजनों को कोई वेतन व मेहनताना नही दिया जाता था। लड़की बचपन से वही रहकर रात-दिन झाडू-पोछा, चौका बर्तन का काम करती थी और कभी-कभी त्यौहार पर घर आती जाती थी। दिनांक 30 सितम्बर, 2012 को एक रिश्तेदार मोहसिन के माध्यम से उसके परिजनों को पता चला कि उसकी जवान लड़की उक्त गद्दीदार के यहाँ से गायब हैं । जब परिजन अपने लड़की का पता लगाने साड़ी व्यावसायी शाहिद जमाल के यहाँ पहुँचे तो वह लोग उल्टे लड़की पर चोरी का इल्जाम लगाकर पीड़ि़ता व उसके परिवार वालों को ही दोषी व चोरी में संलिप्त बताने लगे ।
इस घटना की नामजद FIR मु0 अ0 स0 124/12 धारा 363/506 भा0 द0 वि0 दर्ज कराई गयी लेकिन पुलिस द्वारा आरोपी को न तो गिरफ्तार किया गया उअर न ही आरोपी से कोइ पूछ ताछ ही की गए | बल्कि उलटे पुलिस वाले पीडिता को इस मामले में कोइ पैरवी न करने की धमकी देते रहे | जिसके पश्चात दिनाक 8 दिसम्बर, 2013 को एक पुलिस वाले ने फोन करके रेहाना को बताया कि उसकी लड़की वरनी के बाल कल्याण समिति में है जा कर उसकी पहचान कर लो |
जिसके बाद पीडिता रेहाना बानो अपने पति और कुछ लोगो के साथ बाल कल्याण समिति में गयी और वहा अपनी लड़की की पहचान की | साथ ही उन लोगो ने अपनी बच्ची सुपुर्दगी के लिए कहा तो बाल कल्याण समिति कि संयोजिका ने औपचारिकता पूरी करते हुए दस्तावेज की मांग की जिसे 2 दिनों बाद उन्हें दे दिया गया | लेकिन उन लोगो ने यह कहकर बच्ची नहीं दे कि अभी इसका मजिस्ट्रेट के सामने बयान होगा | जिसके बाद हर दुसरे दिन रेहाना बानो और उसका पति बाल कल्याण समिति के चक्कर काट रहे है और बाल कल्याण समिति की संयोजिका यह कहा कर उन लोगो को टरका दे रही है कि पुलिस ने अभी बच्ची की मेडिकल रिपोर्ट मही जमा की है जब पुलिस मेडिकल रिपोर्ट जमा करेगी तब बच्ची उनको सुपुर्द की जायेगी | इसके बाद रेहाना बानो थाने पर गयी तो पुलिसवालो ने बताया कि मेडिकल रिपोर्ट तो 10 दिन पहले ही जमा कर चुके है |
जिससे यह शक उत्पन्न हो रहा है कि माननीय आयोग के दबाव में लड़की को बरामद तो कर लिया गया ताकि पुलिस के ऊपर आरोपी को गिरफ्तार करने का दबाव न पड़े | लेकिन मिलीभगत कर बच्ची को उसके माता पिता को नहीं सौप रहे है | कही उस बच्ची के साथ कोइ हादसा न हो जाय |
अतः आपसे अनुरोध है कि बालाधिकार हनन के इस संवेदित मुद्दे को संज्ञान में लेते हुए त्वरित कार्यवाही का निर्देश दे | साथ ही बच्ची को उसके माता पिता को अविलम्ब सौपने और दोषियों के गिफ्तारी का भी निर्देश देने की कृपा करे |
भवदीय
डा0 लेनिन
महासचिव
मानवाधिकार जननिगरानी समिति
सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी
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