PVCHR initiative supported by EU

Reducing police torture against Muslim at Grass root level by engaging and strengthening Human Rights institutions in India

Thursday, November 22, 2012

मानवाधिकार जन निगरानी समिति के पैरवी के बाद मुरादाबाद के २ मुस्लिम युवको के ऊपर से पुलिस ने हटाया रासुका




जिला मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश अगवानपुर (कांठ) के पुलिस चौकी इंचार्ज द्वारा धार्मिक चबूतरे को तोडने, महिलाओ के साथ दुर्व्यवहार करने व अन्य दोषियो द्वारा माहौल बिगाडने के सन्दर्भ मे।


PVCHR MINORITY minority.pvchr@gmail.com
4:04 PM (9 minutes ago)


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सेवा मे                                      दिनांक-22नवम्बर2012
श्रीमान अध्यक्ष
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग
नई दिल्ली 

विषय- जिला मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश  अगवानपुर (कांठ) के पुलिस चौकी इंचार्ज द्वारा धार्मिक चबूतरे को तोडने, महिलाओ के साथ दुर्व्यवहार करने व अन्य दोषियो द्वारा माहौल बिगाडने के सन्दर्भ मे।

महोदय
       मै आपका ध्यान दैनिक समाचार पत्र अमर उजाला के दिनांक-21-11-2012 के शीर्षक "धार्मिक स्थल की बेहुरमती को लेकर हंगामा” की ओर आकृष्ट कराना चाहता हू। कस्बा अगवानपुर (कांठ) मुरादाबाद के पंचायती इमामबाडा मनिहारान के विवादित भूमि के कुछ भूमि को कस्बे के कैलाश पुत्र रामरक्षपाल सिह ने मुहल्ला न्यारियान के मो0 रफी पुत्र मो0 शरीफ को बेच दिया उक्त रफी द्वारा निमार्ण कराया जाने लगा तो लोगो ने निर्माण को रोकवा दिया और दिनांक- 19-11-2012 की शाम साफ-सफाई कर चबूतरे पर ताजिया रख दिया। जानकारी होने पर चौकी इंचार्ज रमेश बाबू पहुंचे और महिला अजादारो से अभद्रता किये, ताजिये की बेहुरमती की और चबूतरे को भी तोड कर क्षतिग्रस्त कर दिया, जिससे दूसरे दिन वहा लोगो ने ताजिये के जुलूस को रोक दिया और चौकी इंचार्ज के विरुद्ध कार्यवाही की मांग कर नारेबाजी करने लगे। उच्च अधिकारियो के पहुचने व हस्तक्षेप करने व आश्वासन के बाद माहौल को शांत कराया गया। उक्त प्रकरण मे मुहर्रम जैसे मौके पर जिम्मेदार पुलिस चौकी इंचार्ज द्वारा व अन्य दोषी कैलाश, रफी द्वारा माहौल को तनाव पूर्ण बनाने की जांचकर दोषियो के विरुद्ध त्वरित कार्यवाही किया जाना आवश्यक है।
      अत: उक्त प्रकरण को संज्ञान मे लेते हुए त्वरित कार्यवाही करने की कृपा करे।


                                               भवदीय
                                     
                                             
                                           
                                             डा0 लेनिन
                                             (महासचिव)
                                      मानवाधिकार जन निगरानी समिति
                                       सा0 4/2 ए दौलतपुर वाराणसी 
                                          +91-9935599333                                           
                                          lenin@pvchr.asia



धार्मिक स्थल की बेहुरमती को लेकर हंगामा


Moradabad | Last updated on: November 21, 2012 12:00 PM IST




अगवानपुर(कांठ)। पंचायती इमामबाड़ा मनिहारान पर ताजिये की बेहुरमती और महिला अजादारों के साथ गाली गलौच का आरोप लगाते हुए अजादारों ने जमकर हंगामा काटा। विरोध में उन्होंने मुहर्रम का जुलूस रोक दिया और चौकी इंचार्ज के खिलाफ नारेबाजी की। आरोप है कि इंचार्ज ने धार्मिक स्थल के चबूतरे को तोड़ दिया। सूचना पर पुलिस अधिकारियों के हाथ पैर फूल गए। देर शाम उन्होंने आश्वासन देकर सभी को शांत किया और जुलूस आगे बढ़वाया।
पंचायती इमामबाड़ा मनिहारान की भूमि को लेकर चल रहा विवाद सोमवार देर रात तूल पकड़ गया। बताते चलें कि कस्बे के कैलाश पुत्र रामरक्षपाल सिंह ने कुछ भूमि मुहल्ला न्यारियान के मौ. रफी पुत्र मौ. शरीफ को बेची थी। पंद्रह दिन पहले यह मामला जगजाहिर हुआ, जब मौ. रफी ने यहां निर्माण शुरू करा दिया। लेकिन विरोध होने पर निर्माण रोक दिया गया। पुलिस ने दोनों पक्षों को हिदायत दी थी।
सोमवार शाम मुहल्ले के लोग इस स्थान पर साफ सफाई व रोशनी करने पहुंचे। चबूतरे पर ताजिया रख दिया गया। जानकारी होने पर चौकी इंचार्ज राकेश बाबू पहुंचे। उन्होंने समझाने की कोशिश की तो मुहल्ले वालों से नोकझोंक हो गई। आरोप है कि इस दौरान चौकी इंचार्ज ने महिला अजादारों से अभद्रता की। ताजिये की बेहुरमती की और चबूतरे को भी तोड़ दिया। मंगलवार सुबह ग्रामीण एकत्र होकर कलक्ट्रेट पहुंचे और चौकी इंचार्ज को हटाने की मांग की। वापस लौटकर उन्होंने ताजियों का जुलूस रोक दिया। हंगामा करने लगे। सूचना पर फोर्स भेजी गई। सीओ, एसडीएम ने उन्हें जांच का आश्वासन देकर शांत किया। शांति व्यवस्था के लिए क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया। एसएसपी ने जांच में दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की बात कही है।
--
परंपरागत ढंग से निकला जुलूस
घटना के बाद मुहर्रम का जुलूस मुतालिब हुसैन के इमामबाडे और कस्बे के विभिन्न मार्गों से होता हुआ इमामबाडा मनिहारान पहुंचा। इस मौके पर हसनैन, हसन नबाव, डॉ अली रजा, आफताफ आलम, रईस आगा, शाने रजा, प्यारे नबाव, शहजाद, मौ. रजा आदि अनेकों लोग मौजूद थे।
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आपसी विवाद का रंग देने की कोशिश
अराजक तत्वों ने इस मामले को दो पक्षों के बीच विवाद का रंग देने की कोशिश भी की। शिया समुदाय के लोगों का कहना था कि इमामबाड़े से उसकी आस्था जुड़ी है। यहां उनके जलूस भी पहुंचते हैं। उन्होंने कहा कि मामले में पुलिस की गलती है। आपसी विवाद की कोई बात नहीं।

Monday, November 12, 2012

फैजाबाद दंगे में पूर्व देवकाली मंदिर की मूर्ति चोरी होने व बरामदगी में साम्प्रदायिक राजनीति के तहत पूर्व नियोजित दंगे की जांच व पूर्व प्रेषित खुफिया एजेंसी व इंटेलीजेंस ब्यूरो की खबर को ध्यान न देने में पुलिस व स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता के सन्दर्भ में |

सेवा में,                                         दिनांक : 12 नवम्बर, 2012
            माननीय मुख्यमंत्री महोदय,
            उत्तर-प्रदेश  शासन          
      लखनऊ |

विषय : फैजाबाद दंगे में पूर्व देवकाली मंदिर की मूर्ति चोरी होने व बरामदगी में साम्प्रदायिक राजनीति के तहत पूर्व नियोजित दंगे की जांच व पूर्व प्रेषित खुफिया एजेंसी व इंटेलीजेंस ब्यूरो की खबर को ध्यान न देने में पुलिस व स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता के सन्दर्भ में |

महोदय,
            विदित हो कि दिनांक 24 अक्टूबर, 2012 को फ़ैजाबाद के रकाबगंज मोहल्ले में हुए दंगो के पीछे पुलिस विभाग और स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता के कारण कम समय में ही कई स्थानों पर टकराव व तनाव उत्पन्न हो गया व दंगे का रूप ले लिया |         
            इन दंगो की शुरूआत दिनांक 21-22 सितम्बर, 2012 की रात देवकाली मंदिर की मूर्ति चोरी होने पर हिंदूवादी समूहों के अफवाह तंत्रो ने आम जनमानस के भीतर मुस्लिम समुदाय द्वारा मूर्ति चोरी करने की अफवाह फैलाई साथ ही दुर्गा पूजा समिति फैजाबाद ने यह भी कहा कि वो पूजा पंडालो पर विरोध स्वरुप पंडालो को कुछ घंटो तक दर्शन के लिए बंद रखा जाएगा | लेकिन 23 अक्टूबर, 2012 को उस समय हिन्दूवादी ताकतों के मंसूबे पस्त हो गए जब मूर्ती चोरी में पकडे गए चोर हिन्दू मिले |
       इसके अलावा उत्तर-प्रदेश पुलिस की अपनी खुफिया एजेंसी और इंटेलिजेंस ब्यूरो की रिपोर्ट में फैजाबाद में दुर्गापूजा और मूर्ती विसर्जन के दौरान बवाल होने की आशंका जताते हुए प्रशासन को रिपोर्ट भेजी गयी थी | साथ ही स्थानीय प्रशासन ने जिले में धारा 144 भी लागू कर रखा था | इसके बावजूद विसर्जन के दौरान छेड़खानी और पत्थरबाजी की घटना कैसे घटित हो गयी ? यह एक बड़ा प्रश्न है ?
       बवाल भड़काने के दौरान मौके पर पुलिस के कार्य शैली व बेवजह चौकी प्रभारी द्वारा गोली चलाया जाना, स्थानीय इन्स्पेक्टर के बयान से धार्मिक भावना भड़काया जान व घटना में संलिप्त सभासद और ब्यूटी पार्लर के मालिक की गिरफ्तारी न करना तथा लगातार बवाल बढ़ने के बावजूद 12 घंटे बाद कर्फ्यू लगाया जाना, स्थानीय प्रशासन व पुलिसिया कार्यवाही पर सवालिया निशान खडा करती है कि पूर्व में खुफिया एजेंसी व इंटेलिजेंस की पुख्ता रिपोर्ट होने के बावजूद स्थानीय प्रशासन व पुलिस ने उक्त घटना में जिस तरह से कार्य किया है उससे प्रतीत होता है कि उक्त घटना पूर्व नियोजित व स्थानीय प्रशासन के शह पर जान बूझ कर कराया गया है |
साथ ही केन्द्रीय दुर्गा पूजा समिति की भूमिका संदिग्ध दिखाई देती है क्योकि उनके निमंत्रण पात्र पर 3 नंबर बिंदु में लिखा है की जूलूस में अधिक संख्या में लोग आये लिकिन महिलाओं व बच्चो को न लेकर आये | क्या उन्हें होने वाली हिंसा का अंदाजा पहले से ही था ?
हिंसा का कारण अभी तक यह निकलकर आया कि किसी नवयुवक द्वारा किसी लड़की को छेड़ना रहा तब वह नवयुवक कौन था ? क्या जूलूस के साथ मौजूद सुरक्षा बल ने उसे नहीं देखा ? इस घटना पर कोइ प्राथमिकी क्यों नहीं दर्ज की गयी |
अतः आपसे निवेदन है कि इन सभी बिन्दुओ को ध्यान में रखते हुए इस साम्प्रदायिक एवं निंदनीय घटना की स्वतन्त्र एजेंसी से जांच कराई जाए और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाय | मृतकों के परिवार व घायलों को जल्द से जल्द उचित मुआवजा दिलाया जाय | साथ ही दीपावली और मुहर्रम के त्यौहार को ध्यान में रखते हुए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की जाय |

                                                       भवदीय
                                                      डा० लेनिन
                                                       महासचिव
                                               मानवाधिकार जननिगरानी समिति
                                                 सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी
                                                                                            +91-993559933


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फैजाबाद दंगे में पूर्व देवकाली मंदिर की मूर्ति चोरी होने व बरामदगी में साम्प्रदायिक राजनीति के तहत पूर्व नियोजित दंगे की जांच व पूर्व प्रेषित खुफिया एजेंसी व इंटेलीजेंस ब्यूरो की खबर को ध्यान न देने में पुलिस व स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता के सन्दर्भ में |

सेवा में,                                         दिनांक : 12 नवम्बर, 2012
            श्रीमान पुलिस महानिदेशक,
            लखनऊ,
            उत्तर-प्रदेश |

विषय : फैजाबाद दंगे में पूर्व देवकाली मंदिर की मूर्ति चोरी होने व बरामदगी में साम्प्रदायिक राजनीति के तहत पूर्व नियोजित दंगे की जांच व पूर्व प्रेषित खुफिया एजेंसी व इंटेलीजेंस ब्यूरो की खबर को ध्यान न देने में पुलिस व स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता के सन्दर्भ में |

महोदय,
            विदित हो कि दिनांक 24 अक्टूबर, 2012 को फ़ैजाबाद के रकाबगंज मोहल्ले में हुए दंगो के पीछे पुलिस विभाग और स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता के कारण कम समय में ही कई स्थानों पर टकराव व तनाव उत्पन्न हो गया व दंगे का रूप ले लिया |         
            इन दंगो की शुरूआत दिनांक 21-22 सितम्बर, 2012 की रात देवकाली मंदिर की मूर्ति चोरी होने पर हिंदूवादी समूहों के अफवाह तंत्रो ने आम जनमानस के भीतर मुस्लिम समुदाय द्वारा मूर्ति चोरी करने की अफवाह फैलाई साथ ही दुर्गा पूजा समिति फैजाबाद ने यह भी कहा कि वो पूजा पंडालो पर विरोध स्वरुप पंडालो को कुछ घंटो तक दर्शन के लिए बंद रखा जाएगा | लेकिन 23 अक्टूबर, 2012 को उस समय हिन्दूवादी ताकतों के मंसूबे पस्त हो गए जब मूर्ती चोरी में पकडे गए चोर हिन्दू मिले |
       इसके अलावा उत्तर-प्रदेश पुलिस की अपनी खुफिया एजेंसी और इंटेलिजेंस ब्यूरो की रिपोर्ट में फैजाबाद में दुर्गापूजा और मूर्ती विसर्जन के दौरान बवाल होने की आशंका जताते हुए प्रशासन को रिपोर्ट भेजी गयी थी | साथ ही स्थानीय प्रशासन ने जिले में धारा 144 भी लागू कर रखा था | इसके बावजूद विसर्जन के दौरान छेड़खानी और पत्थरबाजी की घटना कैसे घटित हो गयी ? यह एक बड़ा प्रश्न है ?
       बवाल भड़काने के दौरान मौके पर पुलिस के कार्य शैली व बेवजह चौकी प्रभारी द्वारा गोली चलाया जाना, स्थानीय इन्स्पेक्टर के बयान से धार्मिक भावना भड़काया जान व घटना में संलिप्त सभासद और ब्यूटी पार्लर के मालिक की गिरफ्तारी न करना तथा लगातार बवाल बढ़ने के बावजूद 12 घंटे बाद कर्फ्यू लगाया जाना, स्थानीय प्रशासन व पुलिसिया कार्यवाही पर सवालिया निशान खडा करती है कि पूर्व में खुफिया एजेंसी व इंटेलिजेंस की पुख्ता रिपोर्ट होने के बावजूद स्थानीय प्रशासन व पुलिस ने उक्त घटना में जिस तरह से कार्य किया है उससे प्रतीत होता है कि उक्त घटना पूर्व नियोजित व स्थानीय प्रशासन के शह पर जान बूझ कर कराया गया है |
साथ ही केन्द्रीय दुर्गा पूजा समिति की भूमिका संदिग्ध दिखाई देती है क्योकि उनके निमंत्रण पात्र पर 3 नंबर बिंदु में लिखा है की जूलूस में अधिक संख्या में लोग आये लिकिन महिलाओं व बच्चो को न लेकर आये | क्या उन्हें होने वाली हिंसा का अंदाजा पहले से ही था ?
हिंसा का कारण अभी तक यह निकलकर आया कि किसी नवयुवक द्वारा किसी लड़की को छेड़ना रहा तब वह नवयुवक कौन था ? क्या जूलूस के साथ मौजूद सुरक्षा बल ने उसे नहीं देखा ? इस घटना पर कोइ प्राथमिकी क्यों नहीं दर्ज की गयी |
अतः आपसे निवेदन है कि इन सभी बिन्दुओ को ध्यान में रखते हुए इस साम्प्रदायिक एवं निंदनीय घटना की स्वतन्त्र एजेंसी से जांच कराई जाए और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाय | मृतकों के परिवार व घायलों को जल्द से जल्द उचित मुआवजा दिलाया जाय | साथ ही दीपावली और मुहर्रम के त्यौहार को ध्यान में रखते हुए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की जाय |

                                                       भवदीय
                                                      डा० लेनिन
                                                       महासचिव
                                               मानवाधिकार जननिगरानी समिति
                                                 सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी
                                                                                           +91-9935599333


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सेवा में,                                         दिनांक : 12 नवम्बर, 2012
            अध्यक्ष महोदय,
            राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,
            नई दिल्ली |

विषय : फैजाबाद दंगे में पूर्व देवकाली मंदिर की मूर्ति चोरी होने व बरामदगी में साम्प्रदायिक राजनीति के तहत पूर्व नियोजित दंगे की जांच व पूर्व प्रेषित खुफिया एजेंसी व इंटेलीजेंस ब्यूरो की खबर को ध्यान न देने में पुलिस व स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता के सन्दर्भ में |

महोदय,
            विदित हो कि दिनांक 24 अक्टूबर, 2012 को फ़ैजाबाद के रकाबगंज मोहल्ले में हुए दंगो के पीछे पुलिस विभाग और स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता के कारण कम समय में ही कई स्थानों पर टकराव व तनाव उत्पन्न हो गया व दंगे का रूप ले लिया |         
            इन दंगो की शुरूआत दिनांक 21-22 सितम्बर, 2012 की रात देवकाली मंदिर की मूर्ति चोरी होने पर हिंदूवादी समूहों के अफवाह तंत्रो ने आम जनमानस के भीतर मुस्लिम समुदाय द्वारा मूर्ति चोरी करने की अफवाह फैलाई साथ ही दुर्गा पूजा समिति फैजाबाद ने यह भी कहा कि वो पूजा पंडालो पर विरोध स्वरुप पंडालो को कुछ घंटो तक दर्शन के लिए बंद रखा जाएगा | लेकिन 23 अक्टूबर, 2012 को उस समय हिन्दूवादी ताकतों के मंसूबे पस्त हो गए जब मूर्ती चोरी में पकडे गए चोर हिन्दू मिले |
       इसके अलावा उत्तर-प्रदेश पुलिस की अपनी खुफिया एजेंसी और इंटेलिजेंस ब्यूरो की रिपोर्ट में फैजाबाद में दुर्गापूजा और मूर्ती विसर्जन के दौरान बवाल होने की आशंका जताते हुए प्रशासन को रिपोर्ट भेजी गयी थी | साथ ही स्थानीय प्रशासन ने जिले में धारा 144 भी लागू कर रखा था | इसके बावजूद विसर्जन के दौरान छेड़खानी और पत्थरबाजी की घटना कैसे घटित हो गयी ? यह एक बड़ा प्रश्न है ?
       बवाल भड़काने के दौरान मौके पर पुलिस के कार्य शैली व बेवजह चौकी प्रभारी द्वारा गोली चलाया जाना, स्थानीय इन्स्पेक्टर के बयान से धार्मिक भावना भड़काया जान व घटना में संलिप्त सभासद और ब्यूटी पार्लर के मालिक की गिरफ्तारी न करना तथा लगातार बवाल बढ़ने के बावजूद 12 घंटे बाद कर्फ्यू लगाया जाना, स्थानीय प्रशासन व पुलिसिया कार्यवाही पर सवालिया निशान खडा करती है कि पूर्व में खुफिया एजेंसी व इंटेलिजेंस की पुख्ता रिपोर्ट होने के बावजूद स्थानीय प्रशासन व पुलिस ने उक्त घटना में जिस तरह से कार्य किया है उससे प्रतीत होता है कि उक्त घटना पूर्व नियोजित व स्थानीय प्रशासन के शह पर जान बूझ कर कराया गया है |
साथ ही केन्द्रीय दुर्गा पूजा समिति की भूमिका संदिग्ध दिखाई देती है क्योकि उनके निमंत्रण पात्र पर 3 नंबर बिंदु में लिखा है की जूलूस में अधिक संख्या में लोग आये लिकिन महिलाओं व बच्चो को न लेकर आये | क्या उन्हें होने वाली हिंसा का अंदाजा पहले से ही था ?
हिंसा का कारण अभी तक यह निकलकर आया कि किसी नवयुवक द्वारा किसी लड़की को छेड़ना रहा तब वह नवयुवक कौन था ? क्या जूलूस के साथ मौजूद सुरक्षा बल ने उसे नहीं देखा ? इस घटना पर कोइ प्राथमिकी क्यों नहीं दर्ज की गयी |
अतः आपसे निवेदन है कि इन सभी बिन्दुओ को ध्यान में रखते हुए इस साम्प्रदायिक एवं निंदनीय घटना की स्वतन्त्र एजेंसी से जांच कराई जाए और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाय | मृतकों के परिवार व घायलों को जल्द से जल्द उचित मुआवजा दिलाया जाय | साथ ही दीपावली और मुहर्रम के त्यौहार को ध्यान में रखते हुए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की जाय |

                                                       भवदीय
                                                      डा० लेनिन
                                                       महासचिव
                                               मानवाधिकार जननिगरानी समिति
                                                 सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी
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Wednesday, November 7, 2012

PVCHR: Congratulation Mr. Barack Obama.

PVCHR: Congratulation Mr. Barack Obama.: Congratulation Mr. Barack Obama. The ‘Doctrine of National Security’ must be changed to the ‘Doctrine of Human Security’ based on Rule of...

Tuesday, November 6, 2012

मेरठ जिले में पीड़ित को बंधक बना कर पिटाई किये जाने व जान लेने की नियत से फायर करने के सन्दर्भ में ।

सेवा में                                                            06नवम्बर 2012

श्रीमान  अध्यक्ष,  
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,  
नई दिल्ली |

विषय - मेरठ जिले में पीड़ित को बंधक बना कर पिटाई किये जाने व जान लेने की नियत से फायर करने के सन्दर्भ में ।

महोदय 

         विदित हो कि पीड़ित मोहम्मद आमिर पुत्र हसन मेहंदी निवासी अब्दुल्लापुर थाना भावनपुर जिला मेरठ के घर पर दिनांक 02नवम्बर 2012को मुशायरा था तो पीड़ित पड़ोस के ही एक युवक को 
बुलाने गया तो मोहल्ले के ही कुछ युवको ने पीड़ित को दुकान में बंधक बना कर मारा पीटा तथा जन से मारने की नियत से पीड़ित पर तमंचे से फायर भी किया ।पीड़ित के परिजनों ने किसी तरह पीड़ित को 
मुक्त करा कर घटना की सूचना स्थानीय थाने  पर दिया परन्तु पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही न करने पर पीड़ित के परिजन ने घटना की सूचना वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को दी गयी ।उक्त प्रकरण की जांच 
कर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही किया जाना आवश्यक है ।
    
      अत:उक्त प्रकरण में उचित कार्यवाही करने की कृपा करे ।

                                                                                                                                                                भवदीय 
                                                                                                                                                              डॉ लेनिन 
                                                                                                                                                             (महासचिव )
                                                                                                                                                  मानवाधिकार जन निगरानी                                                                                                                      
                                                                                                                                                  सा 4/2 ए दौलतपुर वाराणसी 
                              +91-9935599333




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Re: जिला अम्बेडकरनगर में पीड़ित की एफ .आई .आर दर्ज करने के बाबत थाना प्रभारी द्वारा घूस मांग कर प्रताड़ित करने के सन्दर्भ में ।

सेवा में                                                                06नवम्बर 2012

श्रीमान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय 
अम्बेडकर नगर,
उत्तर-प्रदेश  |

विषय - जिला अम्बेडकरनगर में पीड़ित की एफ .आई .आर  दर्ज करने के बाबत थाना प्रभारी द्वारा घूस मांग कर प्रताड़ित करने के सन्दर्भ में ।
महोदय 
     
  विदित हो कि पीड़ित दलित भभूति  निवासी गाँव कूर्चा थाना बेवाना जिला अम्बेडकर नगर का  दिनांक 29अक्टूबर 2012को कुछ लोगो से जमीनी विवाद हो गया था जिसमे विपक्षी गण द्वारा लाठी डंडे से पिटाई कर दी गई जिससे पीड़ित की हाँथ की अंगूली व पीड़ित के भाई राजाराम के पैर की हड्डी टूट गयी थी ।जिसके बाबत पीड़ित रिपोर्ट लिखाने थाना बेवाना गया तो थानाध्यक्ष द्वारा रिपोर्ट लिखे जाने में आना कानी की गयी , और पीड़ित से रिपोर्ट दर्ज करने के एवज में 5000/-रुपये की मांग की गयी ,पीड़ित द्वारा अपनी गरीबी का हवाला देते हुए रुपये देने में असमर्थता जताई गई तो थानाध्यक्ष द्वारा गाली गुप्ता देते हुए कहा गया कि बिना रुपये का इंतजाम किये तुम्हारी प्राथमिकी नहीं दर्ज की जायेगी ।तब पीड़ित वापस अपने गाँव आया और अपना खेत बंधक रख रुपये का इंतजाम किया ।परन्तु विपक्षियो के प्रभाव व प्रलोभन के कारण खेत गिरवी रख रुपये का इंतजाम करने के बावजूद पीड़ित की प्राथमिकी नहीं दर्ज की गई तो पीड़ित ने पूरे घटना क्रम से पुलिस अधीक्षक को अवगत कराया गया तथा बताया गया कि थानाध्यक्ष गंगाधर चौहान ने 2500/-रूपया व जाँच के नाम पर नायब दरोगा ने 600/-रुपये लिए है तथा पीड़ित को मानसिक रूप से प्रताड़ित भी किये है।ऐसी स्तिथि में पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कर दोषी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध कार्यवाही किया जाना आवश्यक व न्याय संगत है ।

       अत:निवेदन है कि उक्त प्रकरण में उचित कार्यवाही करने की कृपा करे ।
                                                                                                                                                    
http://www.amarujala.com/page.php?c=ambedkar-nagar&n=AmbedkarNagar-45965-149                                          

 भवदीय 
डॉ लेनिन रघुवंशी 
महासचिव 
मानवाधिकार जन निगरानी समिति 
सा 4/2ए दौलतपुर वाराणसी 

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जिला अम्बेडकरनगर में पीड़ित की एफ .आई .आर दर्ज करने के बाबत थाना प्रभारी द्वारा घूस मांग कर प्रताड़ित करने के सन्दर्भ में ।

सेवा में                                                                04नवम्बर 2012

श्रीमान अध्यक्ष महोदय 
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग 
नई दिल्ली 

विषय - जिला अम्बेडकरनगर में पीड़ित की एफ .आई .आर  दर्ज करने के बाबत थाना प्रभारी द्वारा घूस मांग कर प्रताड़ित करने के सन्दर्भ में ।
महोदय 
     
  विदित हो कि पीड़ित दलित भभूति  निवासी गाँव कूर्चा थाना बेवाना जिला अम्बेडकर नगर का  दिनांक 29अक्टूबर 2012को कुछ लोगो से जमीनी विवाद हो गया था जिसमे विपक्षी गण द्वारा लाठी डंडे से पिटाई कर दी गई जिससे पीड़ित की हाँथ की अंगूली व पीड़ित के भाई राजाराम के पैर की हड्डी टूट गयी थी ।जिसके बाबत पीड़ित रिपोर्ट लिखाने थाना बेवाना गया तो थानाध्यक्ष द्वारा रिपोर्ट लिखे जाने में आना कानी की गयी , और पीड़ित से रिपोर्ट दर्ज करने के एवज में 5000/-रुपये की मांग की गयी ,पीड़ित द्वारा अपनी गरीबी का हवाला देते हुए रुपये देने में असमर्थता जताई गई तो थानाध्यक्ष द्वारा गाली गुप्ता देते हुए कहा गया कि बिना रुपये का इंतजाम किये तुम्हारी प्राथमिकी नहीं दर्ज की जायेगी ।तब पीड़ित वापस अपने गाँव आया और अपना खेत बंधक रख रुपये का इंतजाम किया ।परन्तु विपक्षियो के प्रभाव व प्रलोभन के कारण खेत गिरवी रख रुपये का इंतजाम करने के बावजूद पीड़ित की प्राथमिकी नहीं दर्ज की गई तो पीड़ित ने पूरे घटना क्रम से पुलिस अधीक्षक को अवगत कराया गया तथा बताया गया कि थानाध्यक्ष गंगाधर चौहान ने 2500/-रूपया व जाँच के नाम पर नायब दरोगा ने 600/-रुपये लिए है तथा पीड़ित को मानसिक रूप से प्रताड़ित भी किये है।ऐसी स्तिथि में पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कर दोषी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध कार्यवाही किया जाना आवश्यक व न्याय संगत है ।

       अत:निवेदन है कि उक्त प्रकरण में उचित कार्यवाही करने की कृपा करे ।
                                                                                                                                                    
http://www.amarujala.com/page.php?c=ambedkar-nagar&n=AmbedkarNagar-45965-149                                          

 भवदीय 
डॉ लेनिन रघुवंशी 
महासचिव 
मानवाधिकार जन निगरानी समिति 
सा 4/2ए दौलतपुर वाराणसी 
+91-9935599333

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वाराणसी जिले में गर्भवती पीडि़ता की रिपोर्ट दर्ज न कर, नशे की हालत में थाने के दीवान द्वारा बदसलूकी करने के सन्दर्भ में।

सेवा में,                                                                  6,  नवम्बर, 2012

श्रीमान पुलिस महानिदेशक महोदय,

लखनऊ,

उत्तर प्रदेश | 



विषय:- वाराणसी जिले में गर्भवती पीडि़ता की रिपोर्ट दर्ज न कर, नशे की हालत में थाने के दीवान द्वारा बदसलूकी करने के सन्दर्भ में।


महोदय,

मैं आपका ध्यान दैनिक समाचार पत्र दैनिक जागरण दिनांक 06 नवम्बर, 2012 के शीर्षक श्गर्भवती को पीटा दीवान का मेडि़कलश् की ओर आकृष्ट कराना चाहता हूँ। ज्ञात हो कि पीडि़ता शमीमा नाजनीन पत्नी सगीर अहमद, निवासी-अंबिया मंडी, थाना-कोतवाली, जिला-वाराणसी को घरेलू विवाद में परिवारी जनों ने मार-पीट कर घायल कर दिया। घायल गर्भवती पीडि़ता अपने पति के साथ घटना की रिपोर्ट दर्ज कराने कोतवाली पहुँची तो वहाँ नशे में मौजूद थाने के मुशी ने पीडि़ता के साथ बदसलूकी कर रिपोर्ट दर्ज नहीं की जिसके बाबत पीडि़ता ने उच्च अधिकारियों से शिकायत की तो पीडि़ता व थाने के मुशी का मेडि़कल परीक्षण कराया गया। ऐसी स्थिति में उक्त प्रकरण में दोषी पुलिस कर्मी के विरुद्ध कार्यवाही किया जाना आवश्यक हैं।


अतः उक्त प्रकरण में उचित कार्यवाही करने की कृपा करें।


संलग्नक:-

http://epaper.jagran.com/story1.aspx?id=1515&boxid=104242888&ed_date=06-nov-2012&ed_code=45&ed_page=9

 

 

भवदीय 

 

डा० लेनिन

महासचिव

मानवाधिकार जननिगरानी समिती 

सा ४/२ ए दौलतपुर, वाराणसी 

+91-9935599333

lenin@pvchr.asia

 


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वाराणसी जिले में गर्भवती पीडि़ता की रिपोर्ट दर्ज न कर, नशे की हालत में थाने के दीवान द्वारा बदसलूकी करने के सन्दर्भ में।

सेवा में,                                                                  6,  नवम्बर, 2012

श्रीमान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय,

वाराणसी |



विषय:- वाराणसी जिले में गर्भवती पीडि़ता की रिपोर्ट दर्ज न कर, नशे की हालत में थाने के दीवान द्वारा बदसलूकी करने के सन्दर्भ में।


महोदय,

मैं आपका ध्यान दैनिक समाचार पत्र दैनिक जागरण दिनांक 06 नवम्बर, 2012 के शीर्षक श्गर्भवती को पीटा दीवान का मेडि़कलश् की ओर आकृष्ट कराना चाहता हूँ। ज्ञात हो कि पीडि़ता शमीमा नाजनीन पत्नी सगीर अहमद, निवासी-अंबिया मंडी, थाना-कोतवाली, जिला-वाराणसी को घरेलू विवाद में परिवारी जनों ने मार-पीट कर घायल कर दिया। घायल गर्भवती पीडि़ता अपने पति के साथ घटना की रिपोर्ट दर्ज कराने कोतवाली पहुँची तो वहाँ नशे में मौजूद थाने के मुशी ने पीडि़ता के साथ बदसलूकी कर रिपोर्ट दर्ज नहीं की जिसके बाबत पीडि़ता ने उच्च अधिकारियों से शिकायत की तो पीडि़ता व थाने के मुशी का मेडि़कल परीक्षण कराया गया। ऐसी स्थिति में उक्त प्रकरण में दोषी पुलिस कर्मी के विरुद्ध कार्यवाही किया जाना आवश्यक हैं।


अतः उक्त प्रकरण में उचित कार्यवाही करने की कृपा करें।


संलग्नक:-

http://epaper.jagran.com/story1.aspx?id=1515&boxid=104242888&ed_date=06-nov-2012&ed_code=45&ed_page=9

 

 

भवदीय 

 

डा० लेनिन

महासचिव

मानवाधिकार जननिगरानी समिती 

सा ४/२ ए दौलतपुर, वाराणसी 

+91-9935599333

lenin@pvchr.asia

 


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वाराणसी जिले में गर्भवती पीडि़ता की रिपोर्ट दर्ज न कर, नशे की हालत में थाने के दीवान द्वारा बदसलूकी करने के सन्दर्भ में।

सेवा में,                                                                  6,  नवम्बर, 2012

श्रीमान् अध्यक्ष महोदय,

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,

नई दिल्ली।


विषय:- वाराणसी जिले में गर्भवती पीडि़ता की रिपोर्ट दर्ज न कर, नशे की हालत में थाने के दीवान द्वारा बदसलूकी करने के सन्दर्भ में।


महोदय,

मैं आपका ध्यान दैनिक समाचार पत्र दैनिक जागरण दिनांक 06 नवम्बर, 2012 के शीर्षक श्गर्भवती को पीटा दीवान का मेडि़कलश् की ओर आकृष्ट कराना चाहता हूँ। ज्ञात हो कि पीडि़ता शमीमा नाजनीन पत्नी सगीर अहमद, निवासी-अंबिया मंडी, थाना-कोतवाली, जिला-वाराणसी को घरेलू विवाद में परिवारी जनों ने मार-पीट कर घायल कर दिया। घायल गर्भवती पीडि़ता अपने पति के साथ घटना की रिपोर्ट दर्ज कराने कोतवाली पहुँची तो वहाँ नशे में मौजूद थाने के मुशी ने पीडि़ता के साथ बदसलूकी कर रिपोर्ट दर्ज नहीं की जिसके बाबत पीडि़ता ने उच्च अधिकारियों से शिकायत की तो पीडि़ता व थाने के मुशी का मेडि़कल परीक्षण कराया गया। ऐसी स्थिति में उक्त प्रकरण में दोषी पुलिस कर्मी के विरुद्ध कार्यवाही किया जाना आवश्यक हैं।


अतः उक्त प्रकरण में उचित कार्यवाही करने की कृपा करें।


संलग्नक:-

http://epaper.jagran.com/story1.aspx?id=1515&boxid=104242888&ed_date=06-nov-2012&ed_code=45&ed_page=9

 

 

भवदीय 

 

डा० लेनिन

महासचिव

मानवाधिकार जननिगरानी समिती 

सा ४/२ ए दौलतपुर, वाराणसी 

+91-9935599333

lenin@pvchr.asia

 


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