PVCHR initiative supported by EU

Reducing police torture against Muslim at Grass root level by engaging and strengthening Human Rights institutions in India

Thursday, March 29, 2012

पुलिसिया अत्याचार और समाज में व्याप्त साम्प्रादायिकता में कम करने के विकल्पों के मुद्दे पर साझा बैठक मदरसा, उस्मानियां बजरडीहा में




मानवाधिकार जननिगरानी समिति एवं यूरोपियन यूनियन के संयुक्त प्रयास से भारत में मुस्लिमों पर बढ़ते पुलिसियां उत्पीड़न को कम करने व जमीनी स्तर पर मानवाधिकार संगठनों में मजबूतीकरण के लिए यूरोपियन यूनियन (नई दिल्ली) की दो महिला प्रतिनिधि एवं राजनैतिक सामाजिक स्तर के वरिष्ठ प्रगतिशील बुद्धजीवियों के साथ मुस्लिमों की वर्तमान सामाजिक आर्थिक स्थिति, पुलिसिया अत्याचार और समाज में व्याप्त साम्प्रादायिकता में कम करने के विकल्पों के मुद्दे पर साझा बैठक मदरसा, उस्मानियां बजरडीहा में हुआ।

कार्यक्रम की शुरुआत में आये हुये प्रतिनिधियों का स्वागत मानवाधिकार जननिगरानी समिति के  महासचिव डा0 लेनिन करते हुये मुस्लिमों की सामाजिक व आर्थिक स्थिति को साझा किये तथा मानवाधिकार मार्गदर्शिका पुस्तिका का विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया।

BHU के  भूतपूर्व आइसा नेता सुनील यादव ने कहा कि उदारवाद के नाम पर जो बाजारवाद चल रहा हैं, उसके खिलाफ लड़ाई जारी रखते हुए इसकी दिशा तय करनी होगी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जब देश में कोई आतंकवादी घटना होती है तो उत्पीड़न मुस्लिमों के साथ ही होता हैं और राजनैतिक पार्टीयां लगातार तुष्टिकरण की बात करती हैं लेकिन सच्चर कमेटी ने इन सभी दावों की पोल खोल कर रख दी हैं। जिसमें साफ-साफ कहा गया हैं कि भारत में सबसे अधिक हासिये पर रही अनुसूचित जातियों एवं जनजातियों से भी अधिक बुरी एवं बदतर स्थिति आज मुस्लिमों की हैं।

आगे की कड़ी में कौमी एकता दल के अतहर जमाल लारी ने कहा हम होली मिलन, ईद मिलन कार्यक्रम करते है, लेकिन कभी आत्ममीयता के स्तर पर ये सब नही करते, सरकार व प्रशासन के साथ समाज को भी समझने की आवश्यकता है कि सामाजिक सेवा व सौहार्द के नाम पर सभी कार्यक्रम केवल रस्म अदायगी के लिए न किया जाय बल्कि ईमानदारी व दिली ज़ज्बे के साथ किया जाये। शिक्षा के मुद्दे पर उन्होने कहा कि मुस्लिमों के बच्चें इस लिए पढ़ने नही जा पाते हैं, क्योंकि उनके माता-पिता फीस देने में असमर्थ है। इस लिए वह कुछ पैसे कमाने के लिए बचपन से ही दस्तकारी व बुनकारी में लग जाते है, साथ ही उन्होंने कहा जुवान से धर्म निरपेक्ष न हो बल्कि दिल से बने एवं ऐसे समाज का निर्माण करें।

काग्रेस के अनील श्रीवास्तव ने कहा कि मैं छात्र जीवन से ही राजनीति से जुडा रहा हूँ लेकिन उस समय में वहा न तो इस तरह की साम्प्रादायिक बातें होती थी और न ही जाति धर्म का बहुत मतलब होता था। आज समाज में पहले के मुकाबले लोग जागरुक हो रहे है। बुनकर केवल मुस्लिम ही नही बल्कि बुनकारी का काम हिन्दू भी करते है। 

बजरडीहा के मुख्तार अंसारी ने कहा कि बजरडीहा के गोली काण्ड में मेरे बेटे का इन्तकाल हो गया। पुलिस ने फाइनल रिर्पोट लगाकर फाईल बन्द कर दिया था, लेकिन मानवाधिकार जननिगरानी समिति ने इस लड़ाई में मेरा साथ दिया और इन्साफ मिला। 

कार्यक्रम के इसी कडी में शहर-ए-मुफ्ती जनाब मौलाना अब्दुल बातीन साहब ने डायण्म होटल में यूरोपियन यूनियन के प्रतिनिधियों से मुलाकात किया उन्होंने कहा कि बेशक आज के इस माहौल में भाईचारे व यकजहती के लिए सभी लोगों को साथ मिलकर कोशिश करनी होगी ताकि लोगों के बिच में मोहब्बत भाईचारा व अम्नो-अमान बना रहे और फिरकावाना ताकतो को शिकस्त मिले।

अन्त में समाज के सभी लोगों से मिलकर आहवान करते हुये डा0 लेनिन ने कहा कि किसी भी लड़ाई या दगें में टूटे हुये लोगों को संगठीत होकर लड़ाई लड़ने की जरुरत हैं, जिससे उन दोषियों पर कार्यवाही हो तथा कानून का राज स्थापित हो। आगे इस कार्यक्रम के अन्तर्गत त्ज्प् व त्ज्म् पर मुस्लिमों को जानने हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जायेगा तथा साथ में यह भी कहा कि आगे के कार्यक्रम में डी0आई0जी0 व पुलिस के अन्य अधिकारियों को बुलाकर उनके सामने पीडितों का समस्याओं पर वार्ता करायेगी जायेगी।

कार्यक्रम में इद्रीश अंसारी, सिद्दीक हसन, मौ0 असलम अंसारी, मासूम रहमानी, मदरसा उस्मानियां के सदर, मेहताब अहमद, इरसाद अहमद, कादिर, उपेन्द्र, जयकुमार मिश्रा, कात्यायनी आदि उपस्थिति रहे। कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन श्रुति नागवंशी ने किया। 

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