PVCHR initiative supported by EU
Thursday, March 29, 2012
पुलिसिया अत्याचार और समाज में व्याप्त साम्प्रादायिकता में कम करने के विकल्पों के मुद्दे पर साझा बैठक मदरसा, उस्मानियां बजरडीहा में
मानवाधिकार जननिगरानी समिति एवं यूरोपियन यूनियन के संयुक्त प्रयास से भारत में मुस्लिमों पर बढ़ते पुलिसियां उत्पीड़न को कम करने व जमीनी स्तर पर मानवाधिकार संगठनों में मजबूतीकरण के लिए यूरोपियन यूनियन (नई दिल्ली) की दो महिला प्रतिनिधि एवं राजनैतिक सामाजिक स्तर के वरिष्ठ प्रगतिशील बुद्धजीवियों के साथ मुस्लिमों की वर्तमान सामाजिक आर्थिक स्थिति, पुलिसिया अत्याचार और समाज में व्याप्त साम्प्रादायिकता में कम करने के विकल्पों के मुद्दे पर साझा बैठक मदरसा, उस्मानियां बजरडीहा में हुआ।
कार्यक्रम की शुरुआत में आये हुये प्रतिनिधियों का स्वागत मानवाधिकार जननिगरानी समिति के महासचिव डा0 लेनिन करते हुये मुस्लिमों की सामाजिक व आर्थिक स्थिति को साझा किये तथा मानवाधिकार मार्गदर्शिका पुस्तिका का विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया।
BHU के भूतपूर्व आइसा नेता सुनील यादव ने कहा कि उदारवाद के नाम पर जो बाजारवाद चल रहा हैं, उसके खिलाफ लड़ाई जारी रखते हुए इसकी दिशा तय करनी होगी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जब देश में कोई आतंकवादी घटना होती है तो उत्पीड़न मुस्लिमों के साथ ही होता हैं और राजनैतिक पार्टीयां लगातार तुष्टिकरण की बात करती हैं लेकिन सच्चर कमेटी ने इन सभी दावों की पोल खोल कर रख दी हैं। जिसमें साफ-साफ कहा गया हैं कि भारत में सबसे अधिक हासिये पर रही अनुसूचित जातियों एवं जनजातियों से भी अधिक बुरी एवं बदतर स्थिति आज मुस्लिमों की हैं।
आगे की कड़ी में कौमी एकता दल के अतहर जमाल लारी ने कहा हम होली मिलन, ईद मिलन कार्यक्रम करते है, लेकिन कभी आत्ममीयता के स्तर पर ये सब नही करते, सरकार व प्रशासन के साथ समाज को भी समझने की आवश्यकता है कि सामाजिक सेवा व सौहार्द के नाम पर सभी कार्यक्रम केवल रस्म अदायगी के लिए न किया जाय बल्कि ईमानदारी व दिली ज़ज्बे के साथ किया जाये। शिक्षा के मुद्दे पर उन्होने कहा कि मुस्लिमों के बच्चें इस लिए पढ़ने नही जा पाते हैं, क्योंकि उनके माता-पिता फीस देने में असमर्थ है। इस लिए वह कुछ पैसे कमाने के लिए बचपन से ही दस्तकारी व बुनकारी में लग जाते है, साथ ही उन्होंने कहा जुवान से धर्म निरपेक्ष न हो बल्कि दिल से बने एवं ऐसे समाज का निर्माण करें।
काग्रेस के अनील श्रीवास्तव ने कहा कि मैं छात्र जीवन से ही राजनीति से जुडा रहा हूँ लेकिन उस समय में वहा न तो इस तरह की साम्प्रादायिक बातें होती थी और न ही जाति धर्म का बहुत मतलब होता था। आज समाज में पहले के मुकाबले लोग जागरुक हो रहे है। बुनकर केवल मुस्लिम ही नही बल्कि बुनकारी का काम हिन्दू भी करते है।
बजरडीहा के मुख्तार अंसारी ने कहा कि बजरडीहा के गोली काण्ड में मेरे बेटे का इन्तकाल हो गया। पुलिस ने फाइनल रिर्पोट लगाकर फाईल बन्द कर दिया था, लेकिन मानवाधिकार जननिगरानी समिति ने इस लड़ाई में मेरा साथ दिया और इन्साफ मिला।
कार्यक्रम के इसी कडी में शहर-ए-मुफ्ती जनाब मौलाना अब्दुल बातीन साहब ने डायण्म होटल में यूरोपियन यूनियन के प्रतिनिधियों से मुलाकात किया उन्होंने कहा कि बेशक आज के इस माहौल में भाईचारे व यकजहती के लिए सभी लोगों को साथ मिलकर कोशिश करनी होगी ताकि लोगों के बिच में मोहब्बत भाईचारा व अम्नो-अमान बना रहे और फिरकावाना ताकतो को शिकस्त मिले।
अन्त में समाज के सभी लोगों से मिलकर आहवान करते हुये डा0 लेनिन ने कहा कि किसी भी लड़ाई या दगें में टूटे हुये लोगों को संगठीत होकर लड़ाई लड़ने की जरुरत हैं, जिससे उन दोषियों पर कार्यवाही हो तथा कानून का राज स्थापित हो। आगे इस कार्यक्रम के अन्तर्गत त्ज्प् व त्ज्म् पर मुस्लिमों को जानने हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जायेगा तथा साथ में यह भी कहा कि आगे के कार्यक्रम में डी0आई0जी0 व पुलिस के अन्य अधिकारियों को बुलाकर उनके सामने पीडितों का समस्याओं पर वार्ता करायेगी जायेगी।
कार्यक्रम में इद्रीश अंसारी, सिद्दीक हसन, मौ0 असलम अंसारी, मासूम रहमानी, मदरसा उस्मानियां के सदर, मेहताब अहमद, इरसाद अहमद, कादिर, उपेन्द्र, जयकुमार मिश्रा, कात्यायनी आदि उपस्थिति रहे। कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन श्रुति नागवंशी ने किया।
Monday, March 26, 2012
उत्तर प्रदेश के वाराणसी जनपद के सारनाथ थाने के लेढूपुर गांव के मज़दूर इस्माइल की 11 हज़ार वोल्ट करेंट से हुई मौत के सन्दर्भ मे !
सेवा मे,
श्रीमान अध्यक्ष महोदय,
राष्ट्रीय मानव मधिकार आयोग,
नई दिल्ली - भारत !
विषय - उत्तर प्रदेश के वाराणसी जनपद के सारनाथ थाने के लेढूपुर गांव के मज़दूर इस्माइल की 11 हज़ार वोल्ट करेंट से हुई मौत के सन्दर्भ मे !
महोदय,
हम आपका ध्यान उत्तर प्रदेश के वाराणसी जनपद के सारनाथ थाने के लेढूपुर गांव के मज़दूर इस्माइल की 11 हज़ार वोल्ट करेंट से हुई मौत की ओर आकृष्ट कराना चन्हुंगा !
संलगनक :- http://epaper.amarujala.com/svww_zoomart.php?Artname=20120323a_005190012&ileft=110&itop=449&zoomRatio=274&AN=20120323a_005190012
मज़दूर इस्माइल एक निर्माणाधीन मकान मे काम कर रहा था, तभी लोहे के राड 11 हज़ार वोल्ट के तार से टकराया और मृतक पूरी तरह से झुलस गया, यह निर्माणाधीन मकान गांव के ही कतवारू साव का है !
अत: महोदय से निवेदन है की मामले मे स्वत: संज्ञान लेते हुए पीडित मज़दूर परिवार को उचित मुआवजा प्रदान कराने की कृपा करे !
भवदीय
डा0 लेनिन
महासचिव
PVCHR/JMN.
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Saturday, March 24, 2012
मऊ के जेलमें जेल प्रसाशन के लापरवाही से बंदी सईदुर्रहमान के मौत के सम्बन्ध में.
अध्यक्ष,
राष्ट्रीयमानवाधिकार आयोग,
नई दिल्ली,
विषय : मऊ के जेलमें जेल प्रसाशन के लापरवाही से बंदी के मौत के सम्बन्ध में.
महोदय,
आपका ध्यान २३मार्च २०१२ के अमर उजाला के इस खबर की ओर आकृष्ट कराना चाहता हूँ जिसमे मऊ जिले केजेल में बंद कैदी सईदुर्रहमान की मौत जेल प्रसाशन की लापरवाही से हुयी.
मामला यह है किसईदुर्रहमान शहर कोतवाली क्षेत्र के भिखारीपुर मोहल्ले का निवासी था जो जेल मेंबंद था. मंगलवार रात ११ बजे बंदी को दस्त के साथ उल्टी शुरू हुयी. जिसकी सूचनातत्काल बंदी रक्षको को दी,लेकिन कोई सुनवाईनहीं हुयी. बुधवार को करीब ५ बजे सुबह बंदी की बैरक में ही मौत हो गयी.
खबर में छपेएड़ीजी कारागार एम एल प्रकाश के मुताबिक पूर्वांचल की आजमगढ़, मऊ, बलिया और बस्तीकी जेलों की दशा काफी ख़राब है. आगे उन्होंने कहा है कि बुधवार की रात को चेकिंगके दौरान पुलिस चौकी जेल से अवैध खाद्य सामग्री और अन्य सामान बरामद किये गये थे.
इसके साथ हीसईदुर्रहमान की मौत का कारण पोस्टमार्टम में स्पष्ट नहीं हो सका है.
अतः इस मामले कोगंभीरता से लेते हुए व एड़ीजी कारागारके रिपोर्ट के मुताबिक पूर्वांचल के जेलों की उच्च स्तरीय जांच कराकर सुधारात्मककार्यवाही का निर्देश दे और जेल प्रसाशन केलापरवाही पर मृत बंदी सईदुर्रहमान के परिवार वालो को ५ लाख रुपये मुआवजा दिलवानेकी कृपा करे.
संलग्नक : दिनांक २३ मार्च २०१२ के अमर उजाला अखबार की कापी
http://www.scribd.com/doc/86559675/Amar-Ujala-News-About-Mau-Jail-22-March-20121
http://www.scribd.com/doc/86559675/Amar-Ujala-News-About-Mau-Jail-22-March-20121#page=1
भवदीय
डॉ लेनिन
महासचिव
मानवाधिकारजननिगरानी समिति
Statement of Lenin Raghuvanshi against torture of Philistines'citizens(Urdu News Paper)
http://www.scribd.com/doc/86552687/Statement-of-Lenin-Raghuvanshi-against-torture-of-Philistines-citizens-Urdu-News-Paper
Statement of Lenin Raghuvanshi against torture of Philistines'citizens(Urdu News Paper)
Friday, March 23, 2012
Women Folk School on neo-dalit
http://www.mynews.in/News/women_folk_school_on_neo_dalit_campaign_N439118.html
In this context the PVCHR and Savitri Bai Phule Mahila Panchayat organized a debate on Neo-dalit campaign in context of gender perspective at the Pararkar Bhavan of Varanasi district on March 22. During the programme women folk school passed the Banaras declaration on Neo dalit Movement.
Aligarh Press News about candle light march on 21 March 2012:UN anti-racism Day
Thursday, March 22, 2012
विभाजन के खिलाफ एकता के नारे के साथ नवदलित आंदोलन पर महिला सम्मेलन
Wednesday, March 21, 2012
Peace with out justice is culture of silence with impunity
Please light the candle on UN anti-Racism Day(21 March) in support of Neo-Dalit Movement: broader unity of broken people against Caste system,Communal Fascism and neo-liberal policy. It is in support of justice,secularism,peace,non-violence and prosperity.
Peace with out justice is culture of silence with impunity.Lenin Raghuvanshi
Event of Facebook:
http://www.facebook.com/#!/events/360196254002876/
Tuesday, March 20, 2012
उत्तर प्रदेश के सीतापुर् जनपद मे तम्बौर इलाके के अकबरपुर गांव मे करंट आने से एक युवक की मौत, तीन झुलसे गये के सन्दर्भ मे !
सेवा मे,
श्रीमान अध्यक्ष महोदय,
राष्ट्रीय मानव मधिकार आयोग,
नई दिल्ली - भारत !
विषय - उत्तर प्रदेश के सीतापुर् जनपद मे तम्बौर इलाके के अकबरपुर गांव मे करंट आने से एक युवक की मौत, तीन झुलसे गये के सन्दर्भ मे !
महोदय,
हम आपका ध्यान उत्तर प्रदेश के सीतापुर् जनपद मे तम्बौर इलाके के अकबरपुर गांव की ओर आकृष्ट कराना चाहुंगा, जहा मोबाइल में करंट आने से एक युवक की मौत, तीन झुलसे गये ! हादसे के शिकार युवक का बिना पोस्टमार्टम ही अंतिम संस्कार कर दिया गया।
कई माह से ट्रांसफार्मर खराब होने की वजह से बिजली आपूर्ति नहीं हो पा रही थी। शुक्रवार को बिजली विभाग की ओर से ट्रांसफार्मर बदला गया और गूलर की पेड. की शाखाओं से उसके एंगल कसे गए।
शनिवार सुबह अकबरपुर के कहार, वसीर, शफीउर्रहमान व आठ साल की तबस्सुम के घरों में मोबाइल फोन चार्जिंग पर लगे हुए थे। इन चारों ने जैसे ही मोबाइल सेट उठाया उसमें दौड़ रहे करंट से सभी झुलस गए। चीख-पुकार सुन मौके पर पहुंचे परिवार के लोग करंट से झुलसे चारों लोगों को अस्पताल ले जाने की तैयारी कर रहे थे तब ही कहार की मौत हो गई। और जिस गूलर के पेड़ से विद्युत खंभों को कसा गया था, उसकी टहनियां झुलस गईं।
जिसकी सूचना पुलिस और विद्युत अधिकारियों को दी गई, लेकिन बिजली का कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा था।
गलत तरीके से लगाया गया ट्रांसफार्मर बना हादसे का सबब। प्रधान अब्दुल सत्तार ने बताया कि अचानक तेज बिजली आने से हादसा हुआ।
महोदय, इस मामले मे विभागीय लपरवाही अमानवीय प्रथा को उजागर करती है, तथा एक ओर मृतक को बिना पोस्टमार्टम किये दाह संस्कार करना पुलिस - प्रशासन की दबंगई !
अत: महोदय से निवेदन है की मृतक के परिवार के साथ घायलो को उचित मुआवजा और सुरक्षा प्रदान कराने के साथ सम्भावित दोषियो तथा जिम्मेदार अधिकारियो, जिन्होने मामले मे लिपा पोती की है उन पर मुकदमा दर्ज कराते हुए दण्डित करने की कृपा करे !
भवदीय
डा0 लेनिन
महासचिव
PVCHR/JMN.
lenin@pvchr.asia
संलगनक :-
1 ) http://epaper.amarujala.com/svww_zoomart.php?Artname=20120318a_001163007&ileft=226&itop=936&zoomRatio=179&AN=20120318a_001163007
मोबाइल में करंट, युवक की मौत, तीन झुलसे
सीतापुर (ब्यूरो)। चार्जिंग के दौरान मोबाइल में करंट दौड़ने से शनिवार सुबह एक युवक की मौत हो गई, जबकि तीन बुरी तरह झुलस गए। हादसे के शिकार युवक का बिना पोस्टमार्टम ही अंतिम संस्कार कर दिया गया।
तम्बौर के अकबरपुर गांव में कई माह से ट्रांसफार्मर खराब होने की वजह से बिजली आपूर्ति नहीं हो पा रही थी। शुक्रवार को बिजली विभाग की ओर से ट्रांसफार्मर बदला गया और गूलर की शाखाओं से उसके एंगल कसे गए। बताते हैं कि शनिवार सुबह अकबरपुर के कहार, वसीर, शफीउर्रहमान व आठ साल की तबस्सुम के घरों में मोबाइल फोन चार्जिंग पर लगे हुए थे। इन चारों ने जैसे ही मोबाइल सेट उठाया उसमें दौड़ रहे करंट से सभी झुलस गए। चीख-पुकार सुन मौके पर पहुंचे परिवार के लोग करंट से झुलसे चारों लोगों को अस्पताल ले जाने की तैयारी कर रहे थे तब ही कहार की मौत हो गई।
नया ट्रांसफार्मर बना हादसे का सबब ः पेज 7 पर
2) http://epaper.amarujala.com/svww_zoomart.php?Artname=20120318a_007163004&ileft=232&itop=718&zoomRatio=289&AN=20120318a_007163004
नया ट्रांसफार्मर बना हादसे का सबब
मोबाइल में करंट से मौत का मामला
•अमर उजाला ब्यूरो
सीतापुर। तम्बौर इलाके के अकबरपुर गांव में एक दिन पूर्व गांव में लगे जिस विद्युत ट्रांसफार्मर से ग्रामीणों में बिजली मिलने का जश्न था। उसी ने शनिवार सुबह एक युवक की जान ले ली। माना जा रहा है कि इसी ट्रांसफार्मर में आयी ख्ाराबी से ही हादसा हुआ।
ेसुबह ग्रामीणों ने मोबाइल चार्जिंग पर लगाया, तो विद्युत लाइनों में करंट इस तरह प्रवाह हो रहा था कि जिस गूलर के पेड़ से विद्युत खंभों को कसा गया था, उसकी टहनियां झुलस गईं। सूचना पुलिस और विद्युत अधिकारियों को दी गई। लेकिन बिजली का कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा था। इस संबंध में विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता का कहना है कि मामला अभी उनके संज्ञान में नहीं आया है। लेकिन टीम भेजकर मामले की जांच कराई जाएगी।
सुबह के छह बजे थे। विद्युतापूर्ति हो रही थी, उसी दौरान ग्रामीणों ने मोबाइल चार्जिंग पर लगा दिए। कुछ देर बाद जब ग्रामीणों ने मोबाइल चार्जिंग का हाल देखने के लिए जैसे ही मोबाइल को हाथ में उठाया। वैसे ही यहां के निवासी कहार, वशीर, शफीउर्रहमान, तबस्सुम झुलस गए। इस दौरान युवक कहार की अपनी जान गंवानी पड़ी। वसीर, शफीउर्रहमान, तबस्सुम को अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों के अनुसार तीनों घायलों की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। प्रधान अब्दुल सत्तार ने बताया कि अचानक तेज बिजली आने से हादसा हुआ।
•सूचना पर भी नहीं पहुंचा कोई अफसर
गलत तरीके से लगाया गया ट्रांसफार्मर बना हादसे का सबब।
--
Upendra Kumar
Manager Model Block,
PVCHR/JMN,
Sa 4/2A, Daulatpur, Varanasi,
U.P.-India-221002.
Mob:- +91-9935599338
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दिलशाद, निवासी :- जिला - प्रबुद्धनगर, राज्य - उत्तर प्रदेश के कथित फर्जी मुठभेड. मे मौत पर शिकायत के सन्दर्भ मे !
सेवा मे,
श्रीमान अध्यक्ष,
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग,
नई दिल्ली – भारत !
विषय :- दिनांक - 11/12/2011 को श्री / सुश्री दिलशाद, निवासी :- जिला - प्रबुद्धनगर, राज्य - उत्तर प्रदेश के कथित फर्जी मुठभेड. मे मौत पर शिकायत के सन्दर्भ मे !
महोदय / महोदया,
आपको उपरोक्त घटना के बारे में Detention Watch “ गिरफ्तारी पर गश्त ” के तहत मानावाधिकार जन निगरानी समिति ( PVCHR ) सूचित करा रहा है कि इस घटित उपरोक्त घटना की हालात के बारे में संदेह है ! इसलिए कानून के राज के तहत जबाबदेही के लिए आवश्यक कार्यवाही जरूरी हैं !
मैं राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग से अनुरोध करता हू कि इस मामले में हो चुकी जांच पर यदि आवश्यक हो तो न्यायिक जांच गठित कर हस्तक्षेप करें ! यह भी जरूरी है की राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा जारी दिशा - निर्देशों के तहत सक्षम प्राधिकारी द्वारा पालन करने और विधिवत सूचना दिया गया या नही ? मामले मे दोषी अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू किया जाना चाहिए !
मृतक के निकट आश्रित को न केवल पर्याप्त रूप से मुआवजा दिया जाना चाहिए, साथ ही साथ प्रशिक्षित मनोवैज्ञानिक – सामाजिक कार्यकर्ता से मनोवैज्ञानिक सहायता देना भी जरूरी है !
धन्यवाद !
भवदीय / भवदीया
( डा0 लेनिन )
निदेशक –
Detention Watch “गिरफ्तारी पर गश्त”
C/O:- मानवाधिकार जन निगरानी समिति (PVCHR)
सा 4/2ए., दौलतपुर, वाराणसी, उत्तर प्रदेश – 221002.
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दिनांक - 01/09/2011 को श्री / सुश्री उसमान उर्फ लादेन, निवासी :- जिला - बान्दा, राज्य - उत्तर प्रदेश के कथित फर्जी मुठभेड. मे मौत पर शिकायत के सन्दर्भ
सेवा मे,
श्रीमान अध्यक्ष,
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग,
नई दिल्ली – भारत !
विषय :- दिनांक - 01/09/2011 को श्री / सुश्री उसमान उर्फ लादेन, निवासी :- जिला - बान्दा, राज्य - उत्तर प्रदेश के कथित फर्जी मुठभेड. मे मौत पर शिकायत के सन्दर्भ मे !
महोदय / महोदया,
आपको उपरोक्त घटना के बारे में Detention Watch “ गिरफ्तारी पर गश्त ” के तहत मानावाधिकार जन निगरानी समिति ( PVCHR ) सूचित करा रहा है कि इस घटित उपरोक्त घटना की हालात के बारे में संदेह है ! इसलिए कानून के राज के तहत जबाबदेही के लिए आवश्यक कार्यवाही जरूरी हैं !
मैं राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग से अनुरोध करता हू कि इस मामले में हो चुकी जांच पर यदि आवश्यक हो तो न्यायिक जांच गठित कर हस्तक्षेप करें ! यह भी जरूरी है की राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा जारी दिशा - निर्देशों के तहत सक्षम प्राधिकारी द्वारा पालन करने और विधिवत सूचना दिया गया या नही ? मामले मे दोषी अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू किया जाना चाहिए !
मृतक के निकट आश्रित को न केवल पर्याप्त रूप से मुआवजा दिया जाना चाहिए, साथ ही साथ प्रशिक्षित मनोवैज्ञानिक – सामाजिक कार्यकर्ता से मनोवैज्ञानिक सहायता देना भी जरूरी है !
धन्यवाद !
भवदीय / भवदीया
( डा0 लेनिन )
निदेशक –
Detention Watch “गिरफ्तारी पर गश्त”
C/O:- मानवाधिकार जन निगरानी समिति (PVCHR)
सा 4/2ए., दौलतपुर, वाराणसी, उत्तर प्रदेश – 221002.
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सईद, पुत्र - साद्दिक, निवासी :- जिला - आगरा, राज्य - उत्तर प्रदेश के न्यायिक हिरासत सेंट्रल जेल - आगरा के अन्दर मौत पर शिकायत के सन्दर्भ मे !
सेवा मे,
श्रीमान अध्यक्ष,
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग,
नई दिल्ली – भारत !
विषय :- दिनांक - 13/02/2012 को श्री / सुश्री सईद, पुत्र - साद्दिक, निवासी :- जिला - आगरा, राज्य - उत्तर प्रदेश के न्यायिक हिरासत सेंट्रल जेल - आगरा के अन्दर मौत पर शिकायत के सन्दर्भ मे !
महोदय / महोदया,
आपको उपरोक्त घटना के बारे में Detention Watch “ गिरफ्तारी पर गश्त ” के तहत मानावाधिकार जन निगरानी समिति ( PVCHR ) सूचित करा रहा है कि इस घटित उपरोक्त घटना की हालात के बारे में संदेह है ! इसलिए कानून के राज के तहत जबाबदेही के लिए आवश्यक कार्यवाही जरूरी हैं !
मैं राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग से अनुरोध करता हू कि इस मामले में हो चुकी जांच पर यदि आवश्यक हो तो न्यायिक जांच गठित कर हस्तक्षेप करें ! यह भी जरूरी है की राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा जारी दिशा - निर्देशों के तहत सक्षम प्राधिकारी द्वारा पालन करने और विधिवत सूचना दिया गया या नही ? मामले मे दोषी अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू किया जाना चाहिए !
मृतक के निकट आश्रित को न केवल पर्याप्त रूप से मुआवजा दिया जाना चाहिए, साथ ही साथ प्रशिक्षित मनोवैज्ञानिक – सामाजिक कार्यकर्ता से मनोवैज्ञानिक सहायता देना भी जरूरी है !
धन्यवाद !
भवदीय / भवदीया
( डा0 लेनिन )
निदेशक –
Detention Watch “गिरफ्तारी पर गश्त”
C/O:- मानवाधिकार जन निगरानी समिति (PVCHR)
सा 4/2ए., दौलतपुर, वाराणसी, उत्तर प्रदेश – 221002.
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फिरासत उर्फ फिराक़ौत, पुत्र - मेहन्दी हसन, निवासी :- जिला - बदायू, राज्य - उत्तर प्रदेश के न्यायिक हिरासत जिला जेल - बदायू के अन्दर मौत पर शिकायत के सन
सेवा मे,
श्रीमान अध्यक्ष,
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग,
नई दिल्ली – भारत !
विषय :- दिनांक - 02/02/2012 को श्री / सुश्री फिरासत उर्फ फिराक़ौत, पुत्र - मेहन्दी हसन, निवासी :- जिला - बदायू, राज्य - उत्तर प्रदेश के न्यायिक हिरासत जिला जेल - बदायू के अन्दर मौत पर शिकायत के सन्दर्भ मे !
महोदय / महोदया,
आपको उपरोक्त घटना के बारे में Detention Watch “ गिरफ्तारी पर गश्त ” के तहत मानावाधिकार जन निगरानी समिति ( PVCHR ) सूचित करा रहा है कि इस घटित उपरोक्त घटना की हालात के बारे में संदेह है ! इसलिए कानून के राज के तहत जबाबदेही के लिए आवश्यक कार्यवाही जरूरी हैं !
मैं राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग से अनुरोध करता हू कि इस मामले में हो चुकी जांच पर यदि आवश्यक हो तो न्यायिक जांच गठित कर हस्तक्षेप करें ! यह भी जरूरी है की राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा जारी दिशा - निर्देशों के तहत सक्षम प्राधिकारी द्वारा पालन करने और विधिवत सूचना दिया गया या नही ? मामले मे दोषी अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू किया जाना चाहिए !
मृतक के निकट आश्रित को न केवल पर्याप्त रूप से मुआवजा दिया जाना चाहिए, साथ ही साथ प्रशिक्षित मनोवैज्ञानिक – सामाजिक कार्यकर्ता से मनोवैज्ञानिक सहायता देना भी जरूरी है !
धन्यवाद !
भवदीय / भवदीया
( डा0 लेनिन )
निदेशक –
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Friday, March 16, 2012
MINORITIES IN SOUTH ASIA
ASSOCIATION FOR COMMUNAL HARMONY IN ASIA (ACHA)
www.asiapeace.org & www.indiapakistanpeace.org
MINORITIES IN SOUTH ASIA
Pritam K. Rohila, Ph. D.
Most minorities in South Asia are relatively poor and quite marginalized. Situation in some nations has worsened since fundamentalists gained access to state power and influence over government policies.
Minority people are often demonized and persecuted in most South Asian countries. They face discrimination at workplaces, educational institutions and neighborhoods. They are denied equal protection of law, and some laws are used unfairly to humiliate and terrorize them.
In some South Asian nations, they have been subjected to communal riots from time to time. In others, they also get kidnapped for ransom, shot to death, or burnt alive; their places of worship are attacked, and their property usurped. And if that were not enough, their women are gang-raped, forcibly converted to the offenders' religion, and married to the perpetrators or sold away.
Plagued by a sense of uncertainty and insecurity, they are forced to live in ghettos, or seek refuge in other countries.
Governments are indifferent to the plight of minorities, and the civil society seems unwilling to intervene.
They fail to realize that, as some authorities have pointed out, "the struggle for the rights of the minorities should be integral to the struggle for democratization, secularization and for social justice."
No nation can realize its full potential, without also safeguarding the right of minorities to enjoy their own culture, to profess and practice their own religion, or to use their own language.
__
Dr. Rohila is Executive Director of the Association for Communal Harmony in Asia (www.asiapeace.org). He can be reached at asiapeace@comcast.net.
Pritam K. Rohila, Ph.D.
Executive Director
Association for Communal Harmony in Asia (ACHA)
दिनांक - 12/01/2012 को श्री / सुश्री रफीक अहमद, पुत्र - जमिल अहमद, निवासी :- जिला - वाराणसी, राज्य - उत्तर प्रदेश के वाराणसी के सेंट्रल जेल मे न्यायिक
सेवा मे,
श्रीमान अध्यक्ष,
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग,
नई दिल्ली – भारत !
विषय :- दिनांक - 12/01/2012 को श्री / सुश्री रफीक अहमद, पुत्र - जमिल अहमद, निवासी :- जिला - वाराणसी, राज्य - उत्तर प्रदेश के वाराणसी के सेंट्रल जेल मे न्यायिक हिरासत मे मौत पर शिकायत के सन्दर्भ मे !
महोदय / महोदया,
आपको उपरोक्त घटना के बारे में Detention Watch “ गिरफ्तारी पर गश्त ” के तहत मानावाधिकार जन निगरानी समिति ( PVCHR ) सूचित करा रहा है कि इस घटित उपरोक्त घटना की हालात के बारे में संदेह है ! इसलिए कानून के राज के तहत जबाबदेही के लिए आवश्यक कार्यवाही जरूरी हैं !
मैं राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग से अनुरोध करता हू कि इस मामले में हो चुकी जांच पर यदि आवश्यक हो तो न्यायिक जांच गठित कर हस्तक्षेप करें ! यह भी जरूरी है की राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा जारी दिशा - निर्देशों के तहत सक्षम प्राधिकारी द्वारा पालन करने और विधिवत सूचना दिया गया या नही ? मामले मे दोषी अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू किया जाना चाहिए !
मृतक के निकट आश्रित को न केवल पर्याप्त रूप से मुआवजा दिया जाना चाहिए, साथ ही साथ प्रशिक्षित मनोवैज्ञानिक – सामाजिक कार्यकर्ता से मनोवैज्ञानिक सहायता देना भी जरूरी है !
धन्यवाद !
भवदीय / भवदीया
( उपेन्द्र कुमार )
समन्वयक –
Detention Watch “गिरफ्तारी पर गश्त”
C/O:- मानवाधिकार जन निगरानी समिति (PVCHR)
सा 4/2ए., दौलतपुर, वाराणसी, उत्तर प्रदेश – 221002.
ईमेल – pvchr.adv@gmail.com
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दिनांक - 03/06/2011 को श्री / सुश्री शकील, निवासी :- जिला - बहराइच, राज्य - उत्तर प्रदेश के पुलिस हिरासत मे मौत पर शिकायत के सन्दर्भ मे !
सेवा मे,
श्रीमान अध्यक्ष,
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग,
नई दिल्ली – भारत !
विषय :- दिनांक - 03/06/2011 को श्री / सुश्री शकील, निवासी :- जिला - बहराइच, राज्य - उत्तर प्रदेश के पुलिस हिरासत मे मौत पर शिकायत के सन्दर्भ मे !
महोदय / महोदया,
आपको उपरोक्त घटना के बारे में Detention Watch “ गिरफ्तारी पर गश्त ” के तहत मानावाधिकार जन निगरानी समिति ( PVCHR ) सूचित करा रहा है कि इस घटित उपरोक्त घटना की हालात के बारे में संदेह है ! इसलिए कानून के राज के तहत जबाबदेही के लिए आवश्यक कार्यवाही जरूरी हैं !
मैं राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग से अनुरोध करता हू कि इस मामले में हो चुकी जांच पर यदि आवश्यक हो तो न्यायिक जांच गठित कर हस्तक्षेप करें ! यह भी जरूरी है की राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा जारी दिशा - निर्देशों के तहत सक्षम प्राधिकारी द्वारा पालन करने और विधिवत सूचना दिया गया या नही ? मामले मे दोषी अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू किया जाना चाहिए !
मृतक के निकट आश्रित को न केवल पर्याप्त रूप से मुआवजा दिया जाना चाहिए, साथ ही साथ प्रशिक्षित मनोवैज्ञानिक – सामाजिक कार्यकर्ता से मनोवैज्ञानिक सहायता देना भी जरूरी है !
धन्यवाद !
भवदीय / भवदीया
( श्रुति नागवंशी )
मैनेजिंग ट्र्स्ट्री
Detention Watch “गिरफ्तारी पर गश्त”
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गुलजार अहमद, निवासी :- जिला - मुजफ्फरपुर, राज्य - उत्तर प्रदेश के पुलिस मुठभेड. मे मौत पर शिकायत के सन्दर्भ मे !
सेवा मे,
श्रीमान अध्यक्ष,
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग,
नई दिल्ली – भारत !
विषय :- दिनांक - 15/10/1988 को श्री / सुश्री गुलजार अहमद, निवासी :- जिला - मुजफ्फरपुर, राज्य - उत्तर प्रदेश के पुलिस मुठभेड. मे मौत पर शिकायत के सन्दर्भ मे !
महोदय / महोदया,
आपको उपरोक्त घटना के बारे में Detention Watch “ गिरफ्तारी पर गश्त ” के तहत मानावाधिकार जन निगरानी समिति ( PVCHR ) सूचित करा रहा है कि इस घटित उपरोक्त घटना की हालात के बारे में संदेह है ! इसलिए कानून के राज के तहत जबाबदेही के लिए आवश्यक कार्यवाही जरूरी हैं !
मैं राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग से अनुरोध करता हू कि इस मामले में हो चुकी जांच पर यदि आवश्यक हो तो न्यायिक जांच गठित कर हस्तक्षेप करें ! यह भी जरूरी है की राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा जारी दिशा - निर्देशों के तहत सक्षम प्राधिकारी द्वारा पालन करने और विधिवत सूचना दिया गया या नही ? मामले मे दोषी अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू किया जाना चाहिए !
मृतक के निकट आश्रित को न केवल पर्याप्त रूप से मुआवजा दिया जाना चाहिए, साथ ही साथ प्रशिक्षित मनोवैज्ञानिक – सामाजिक कार्यकर्ता से मनोवैज्ञानिक सहायता देना भी जरूरी है !
धन्यवाद !
भवदीय / भवदीया
( श्रुति नागवंशी )
मैनेजिंग ट्र्स्ट्री –
Detention Watch “गिरफ्तारी पर गश्त”
C/O:- मानवाधिकार जन निगरानी समिति (PVCHR)
सा 4/2ए., दौलतपुर, वाराणसी, उत्तर प्रदेश – 221002.
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सब्बीर, पुत्र - नवाब अली, निवासी :- जिला - रामाबाई नगर, राज्य - उत्तर प्रदेश के जिला जेल के अन्दर न्यायिक हिरासत मे मौत पर शिकायत के सन्दर्भ मे !
सेवा मे,
श्रीमान अध्यक्ष,
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग,
नई दिल्ली – भारत !
विषय :- दिनांक - 04/01/2012 को श्री / सुश्री सब्बीर, पुत्र - नवाब अली, निवासी :- जिला - रामाबाई नगर, राज्य - उत्तर प्रदेश के जिला जेल के अन्दर न्यायिक हिरासत मे मौत पर शिकायत के सन्दर्भ मे !
महोदय / महोदया,
आपको उपरोक्त घटना के बारे में Detention Watch “ गिरफ्तारी पर गश्त ” के तहत मानावाधिकार जन निगरानी समिति ( PVCHR ) सूचित करा रहा है कि इस घटित उपरोक्त घटना की हालात के बारे में संदेह है ! इसलिए कानून के राज के तहत जबाबदेही के लिए आवश्यक कार्यवाही जरूरी हैं !
मैं राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग से अनुरोध करता हू कि इस मामले में हो चुकी जांच पर यदि आवश्यक हो तो न्यायिक जांच गठित कर हस्तक्षेप करें ! यह भी जरूरी है की राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा जारी दिशा - निर्देशों के तहत सक्षम प्राधिकारी द्वारा पालन करने और विधिवत सूचना दिया गया या नही ? मामले मे दोषी अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू किया जाना चाहिए !
मृतक के निकट आश्रित को न केवल पर्याप्त रूप से मुआवजा दिया जाना चाहिए, साथ ही साथ प्रशिक्षित मनोवैज्ञानिक – सामाजिक कार्यकर्ता से मनोवैज्ञानिक सहायता देना भी जरूरी है !
धन्यवाद !
भवदीय / भवदीया
( डा0 लेनिन )
निदेशक –
Detention Watch “गिरफ्तारी पर गश्त”
C/O:- मानवाधिकार जन निगरानी समिति (PVCHR)
सा 4/2ए., दौलतपुर, वाराणसी, उत्तर प्रदेश – 221002.
ईमेल – lenin@pvchr.asia
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दिनांक - 22/01/2012 को श्री / सुश्री अली वारीश, पुत्र - मोहम्मद शाफी, निवासी :- जिला - गाजियाबाद, राज्य - उत्तर प्रदेश के जिला जेल के अन्दर न्यायिक मौ
सेवा मे,
श्रीमान अध्यक्ष,
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग,
नई दिल्ली – भारत !
विषय :- दिनांक - 22/01/2012 को श्री / सुश्री अली वारीश, पुत्र - मोहम्मद शाफी, निवासी :- जिला - गाजियाबाद, राज्य - उत्तर प्रदेश के जिला जेल के अन्दर न्यायिक मौत पर शिकायत के सन्दर्भ मे !
महोदय / महोदया,
आपको उपरोक्त घटना के बारे में Detention Watch “ गिरफ्तारी पर गश्त ” के तहत मानावाधिकार जन निगरानी समिति ( PVCHR ) सूचित करा रहा है कि इस घटित उपरोक्त घटना की हालात के बारे में संदेह है ! इसलिए कानून के राज के तहत जबाबदेही के लिए आवश्यक कार्यवाही जरूरी हैं !
मैं राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग से अनुरोध करता हू कि इस मामले में हो चुकी जांच पर यदि आवश्यक हो तो न्यायिक जांच गठित कर हस्तक्षेप करें ! यह भी जरूरी है की राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा जारी दिशा - निर्देशों के तहत सक्षम प्राधिकारी द्वारा पालन करने और विधिवत सूचना दिया गया या नही ? मामले मे दोषी अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू किया जाना चाहिए !
मृतक के निकट आश्रित को न केवल पर्याप्त रूप से मुआवजा दिया जाना चाहिए, साथ ही साथ प्रशिक्षित मनोवैज्ञानिक – सामाजिक कार्यकर्ता से मनोवैज्ञानिक सहायता देना भी जरूरी है !
धन्यवाद !
भवदीय / भवदीया
( डा0 लेनिन )
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दिनांक - 11/01/2012 को श्री / सुश्री अदील अहमद, निवासी :- जिला - कौशाम्बी, राज्य - उत्तर प्रदेश के पुलिस हिरासत मे मौत पर शिकायत के सन्दर्भ मे !
सेवा मे,
श्रीमान अध्यक्ष,
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग,
नई दिल्ली – भारत !
विषय :- दिनांक - 11/01/2012 को श्री / सुश्री अदील अहमद, निवासी :- जिला - कौशाम्बी, राज्य - उत्तर प्रदेश के पुलिस हिरासत मे मौत पर शिकायत के सन्दर्भ मे !
महोदय / महोदया,
आपको उपरोक्त घटना के बारे में Detention Watch “ गिरफ्तारी पर गश्त ” के तहत मानावाधिकार जन निगरानी समिति ( PVCHR ) सूचित करा रहा है कि इस घटित उपरोक्त घटना की हालात के बारे में संदेह है ! इसलिए कानून के राज के तहत जबाबदेही के लिए आवश्यक कार्यवाही जरूरी हैं !
मैं राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग से अनुरोध करता हू कि इस मामले में हो चुकी जांच पर यदि आवश्यक हो तो न्यायिक जांच गठित कर हस्तक्षेप करें ! यह भी जरूरी है की राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा जारी दिशा - निर्देशों के तहत सक्षम प्राधिकारी द्वारा पालन करने और विधिवत सूचना दिया गया या नही ? मामले मे दोषी अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू किया जाना चाहिए !
मृतक के निकट आश्रित को न केवल पर्याप्त रूप से मुआवजा दिया जाना चाहिए, साथ ही साथ प्रशिक्षित मनोवैज्ञानिक – सामाजिक कार्यकर्ता से मनोवैज्ञानिक सहायता देना भी जरूरी है !
धन्यवाद !
भवदीय / भवदीया
( डा0 लेनिन )
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Detention Watch “गिरफ्तारी पर गश्त”
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अलताफ, पुत्र - मैनुद्दीन, निवासी :- जिला - मेरठ, राज्य - उत्तर प्रदेश के जिला जेल मे न्यायिक हिरासत मे मौत पर शिकायत के सन्दर्भ मे !
सेवा मे,
श्रीमान अध्यक्ष,
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग,
नई दिल्ली – भारत !
विषय :- दिनांक - 24/01/2012 को श्री / सुश्री अलताफ, पुत्र - मैनुद्दीन, निवासी :- जिला - मेरठ, राज्य - उत्तर प्रदेश के जिला जेल मे न्यायिक हिरासत मे मौत पर शिकायत के सन्दर्भ मे !
महोदय / महोदया,
आपको उपरोक्त घटना के बारे में Detention Watch “ गिरफ्तारी पर गश्त ” के तहत मानावाधिकार जन निगरानी समिति ( PVCHR ) सूचित करा रहा है कि इस घटित उपरोक्त घटना की हालात के बारे में संदेह है ! इसलिए कानून के राज के तहत जबाबदेही के लिए आवश्यक कार्यवाही जरूरी हैं !
मैं राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग से अनुरोध करता हू कि इस मामले में हो चुकी जांच पर यदि आवश्यक हो तो न्यायिक जांच गठित कर हस्तक्षेप करें ! यह भी जरूरी है की राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा जारी दिशा - निर्देशों के तहत सक्षम प्राधिकारी द्वारा पालन करने और विधिवत सूचना दिया गया या नही ? मामले मे दोषी अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू किया जाना चाहिए !
मृतक के निकट आश्रित को न केवल पर्याप्त रूप से मुआवजा दिया जाना चाहिए, साथ ही साथ प्रशिक्षित मनोवैज्ञानिक – सामाजिक कार्यकर्ता से मनोवैज्ञानिक सहायता देना भी जरूरी है !
धन्यवाद !
भवदीय / भवदीया
( श्रुति नागवंशी )
मैनेजिंग ट्र्स्ट्री –
Detention Watch “गिरफ्तारी पर गश्त”
C/O:- मानवाधिकार जन निगरानी समिति (PVCHR)
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नबी शेर, कली शेर, पुत्र - मेहबूब, निवासी :- जिला - फतेहगढ, राज्य - उत्तर प्रदेश के जिला जेल मे न्यायिक हिरासत मे मौत पर शिकायत के सन्दर्भ मे !
सेवा मे,
श्रीमान अध्यक्ष,
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग,
नई दिल्ली – भारत !
विषय :- दिनांक - 20/01/2012 को श्री / सुश्री नबी शेर, कली शेर, पुत्र - मेहबूब, निवासी :- जिला - फतेहगढ, राज्य - उत्तर प्रदेश के जिला जेल मे न्यायिक हिरासत मे मौत पर शिकायत के सन्दर्भ मे !
महोदय / महोदया,
आपको उपरोक्त घटना के बारे में Detention Watch “ गिरफ्तारी पर गश्त ” के तहत मानावाधिकार जन निगरानी समिति ( PVCHR ) सूचित करा रहा है कि इस घटित उपरोक्त घटना की हालात के बारे में संदेह है ! इसलिए कानून के राज के तहत जबाबदेही के लिए आवश्यक कार्यवाही जरूरी हैं !
मैं राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग से अनुरोध करता हू कि इस मामले में हो चुकी जांच पर यदि आवश्यक हो तो न्यायिक जांच गठित कर हस्तक्षेप करें ! यह भी जरूरी है की राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा जारी दिशा - निर्देशों के तहत सक्षम प्राधिकारी द्वारा पालन करने और विधिवत सूचना दिया गया या नही ? मामले मे दोषी अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू किया जाना चाहिए !
मृतक के निकट आश्रित को न केवल पर्याप्त रूप से मुआवजा दिया जाना चाहिए, साथ ही साथ प्रशिक्षित मनोवैज्ञानिक – सामाजिक कार्यकर्ता से मनोवैज्ञानिक सहायता देना भी जरूरी है !
धन्यवाद !
भवदीय / भवदीया
( श्रुति नागवंशी )
मैनेजिंग ट्र्स्ट्री –
Detention Watch “गिरफ्तारी पर गश्त”
C/O:- मानवाधिकार जन निगरानी समिति (PVCHR)
सा 4/2ए., दौलतपुर, वाराणसी, उत्तर प्रदेश – 221002.
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राजकीय बाल सुधार गृह, मेरठ, उत्तर प्रदेश में १५ वर्षीय बालक ने उसके साथ हो रहे दुर्व्यवहार से निजात पाने के लिए आत्म हत्या करने के प्रयास के सम्बन्ध
अध्यक्ष राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,
नई दिल्ली,
विषय : राजकीय बाल सुधार गृह,मेरठ, उत्तर प्रदेश में १५ वर्षीय बालक ने उसके साथ हो रहेदुर्व्यवहार से निजात पाने के लिए आत्म हत्या करने के प्रयास के सम्बन्ध में
महोदय,
आपका ध्यान २० जनवरी,२०१२ के दैनिक अख़बार"दैनिक जनवाणी" मेरठ में प्रकाशित खबर " जेल कर्मी पीटते थे,लगा ली फांसी" की ओर आकर्षित कराना चाहता हूँ.जिसमे १५ वर्षीय चाँद पुत्र कदीर,निवासी मिर्जापुर, थाना विजय नगर(गाजियाबाद) का रहने वाला है. वह ५अप्रैल २०१० से चोरी के एक मामले राजकीय बाल सुधार गृह मेरठ में बंद था. उसने १९जनवरी,२०१२ को अचानक फांसी लगाने काप्रयास किया,जिससे वह बेहोश हो गया. उसेआनन-फानन में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहाँ पर उसने एसओ नौचंदी अलकापवार के सामने यह बयान दिया की आये दिन उसकी बंदी गृह में पिटाई की जाती थी क्योकिउसके पास बंदी गृह के कर्मियों को देने के लिए रुपये नहीं थे. चार दिन पहले भीउसकी खूब पिटाई की गई थी.उसने आगे बताया की १० माह से उसका उत्पीडन किया जा रहाथा.
लेकिन आज तक पुलिस द्वारा कोई भी कार्यवाही नहीं की गई.
कृपया इस मामले को संज्ञान में लेते हुए मामले की जाँच कराते हुए दोषियों केखिलाफ न्यायोचित कार्यवाही का निर्देश दे. ताकि दोषियों को सजा मिल सके और चाँदजैसे और भी बंद बच्चो को राहत मिल सके.
संलग्नक : दैनिक अखबार कि कापी
डा लेनिन
(महा सचिव)
मानवाधिकार जननिगरानि समिति
एस.ए. 4 /2 ए,दौलतपुर,वाराणसी
मोबा.न0:+91-9935599333
Lenin@pvchr.asia
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www.pvchr.asia
www.pvchr.net
NHRC notice to DM and SP, Sitapur, Uttar Pradesh in a case of death in custodial torture
New Delhi, March 15th, 2012
The National Human Rights Commission has issued notices to the District Magistrate and Superintendent of Police, district Sitapur, Uttar Pradesh calling for report into the allegations of merciless beating of two persons in police custody resulting in death of one and serious injuries to the other on the 13th March, 2012.
They have been directed to take appropriate action with regard to the investigation of the case as per the extant guidelines of the Commission and send within eight weeks the inquest report, magisterial inquiry report, post-mortem report along with the report of independent investigation report.
The Commission has also asked the Superintendent of Police to explain as to why he did not inform the Commission about the death in police action within 24 hours as per the NHRC guidelines.
The Commission took cognizance of this complaint lodged on the basis of a media report alleging that the police personnel of Tambour Police Station, District Sitapur, Uttar Pradesh called two persons namely Sartaj and Jabbar for interrogation in connection with a case of murder.
Allegedly, during interrogation both were mercilessly beaten and tortured by the Station Officer and SOG police. Around mid-night they brought severely injured Jabbar to the district hospital who was almost counting his last breath and was declared dead.
*****
सीतापुर मे सकरन थाना के पुलिसकर्मी के पिटाई से एक युवक मरा और दूसरा गम्भीर रूप से घायल होने के सन्दर्भ मे
01मार्च, 2012.
अध्यक्ष महोदय,
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग,
नई दिल्ली,भारत !
विषय :- सीतापुर मे सकरन थाना के पुलिसकर्मी के पिटाई से एक युवक मरा और दूसरा गम्भीर रूप से घायल होने के सन्दर्भ मे
महोदय,
हम आपका ध्यान उत्तर प्रदेश के सीतापुर जनपद मे सकरन थाना की ओर आकृष्ट कराना चाहूंगा, जहा तम्बौर थाना के एसो0 व एसओजी पुलिस द्वारा सरताज, पुत्र - सम्मीउल्ला व चचेरे भाई जब्बर, पुत्र - हफीजुल्ला को बेरहमी के साथ पीटा, जिससे जब्बर की मृत्यु हो गयी और दूसरा युवक सरताज गम्भीर रूप से घायल हो गया है. इस सन्दर्भ मे पांच पुलिसकर्मियो को सस्पेंड कर उनके विरूद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है ! कृप्या ईमेल के साथ संलगनक फाईल देंखे !
दोनो पीडित ग्राम - गडौसा, थाना - सकरन के रहने वाले है. 18 फरवरी को एक महिला की सिर कटी लाश बरामद हुई थी, जिसकी शिनाख्त पुत्री - समीउल्ला के रूप मे हुआ था, और मामले मे गांव के ही चार लोंगो के विरूध्द मुकदमा दर्ज किया गया था !
इसी मामले मे मृतिका के दस परिजनो को पूछ्ताछ हेतु सकरन थाने बुलाया गया था, जहा पुलिस पिटाई के कारण एक युवक जब्बर की मौत हो गयी !
अत: महोदय से निवेदन है कि मामला को स्वत: संज्ञान मे लेते हुए पीडित परिवार को सुरक्षा के साथ मुआवजा प्रदान कराते हुए मामले मे निष्पक्ष जांच करायी जाय, क्योकि स्थानीय पुलिस द्वारा सम्भावित दोषियो के साथ मिलीभगत का सन्देह है, इसलिए पीडित परिवारो की जान - माल की सुरक्षा प्रदान कराने की कृपा करे !
डा0 लेनिन
(महासचिव)
मानवाधिकार जन निगरानि समिति
एस.ए. 4 /2 ए,दौलतपुर,वाराणसी
Tuesday, March 6, 2012
चुनाव जीतने के जश्न में चलाई गई गोली से सम्भल, मुरादाबाद में १२ वर्ष के बच्चे की मौत के सम्बन्ध में.
From: PVCHR MINORITY <minority.pvchr@gmail.com>
Date: 2012/3/7
Subject: चुनाव जीतने के जश्न में चलाई गई गोली से सम्भल, मुरादाबाद में १२ वर्ष के बच्चे की मौत के सम्बन्ध में.
To: jrlawnhrc@hub.nic.in, akpnhrc@yahoo.com
सेवा में,
अध्यक्ष,
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,
नई दिल्ली.
विषय : चुनाव जीतने के जश्न में चलाई गई गोली से सम्भल, मुरादाबाद में १२ वर्ष के बच्चे की मौत के सम्बन्ध में.
महोदय,
आपका ध्यान इस खबर पर दिलाना चाहता हूँ कि कल चुनाव के नतीजे आने पर जितने वाली पार्टिया जश्न में डूब गई थी और जगह जगह जूलूस निकाल कर फायर भी किया गया. इसी कड़ी में मुरादाबाद जिले के सम्भल ब्लाक में भी सपा कार्यकर्ताओ द्वारा जश्न मनाते हुए फायरिंग की गई जिससे १२ वर्षीय बालक दानिश कि गोली लगने से मौत हो गई. लेकिन अभी तक किसी के ऊपर कोई भी कार्यवाही नहीं कि गई.
अतः आपसे निवेदन है कि आप इस मामले को संज्ञान में लेते हुए मामले में दोषियों के विरुद्ध न्यायोचित कार्यवाही का निर्देश देने व मृतक दानिश के परिवार को मुआवजा दिलवाने की कृपा करें.
भवदीय
डॉ लेनिन
महासचिव
मानवाधिकार जन निगरानी समिति
Women leaders appeal for Neo -Dalit movement
UP police crosses limit of barbarism
From: Shabana - <shabana@pvchr.asia>
Date: Mon, Mar 5, 2012 at 12:24 PM
Subject: re: UP police crosses limit of barbarism
To: jrlawnhrc@hub.nic.in
Cc: akpnhrc@yahoo.com, lenin <lenin@pvchr.asia>
The police allegedly wanted him to own up the murder of his cousin Raheemun whose headless body was recovered from the farm field of Chetram of Parwatpur Kodra village under Tambaour police station on the outskirts of Sitapur, some 100 kilometres from Lucknow on February 18. "They kept on saying that we must own-up Raheemum's murder and also that it was a case of honour killing," says Sartaj, Jabbar's elder brother who too was subjected to the same torture.
Raheemum's (19) cousin Khurshid lodged submitted a signed complaint regarding the murder expressing suspicion on the involvement of four local youths Rizwan, Mehraj, Waseem and Madari behind the crime. Investigations failed to take off for the next one week because the police was reportedly busy with polling in the ongoing elections. After the victim's family approached the senior police officers seeking their intervention for speedy action, the cops got in action, which ended up in another tragedy for the family.
"First we lost our sister and then we are being accused of killing her. This is injustice," Sartaj said. He was hurriedly let off by the police after Jabbar died in the lock-up. Ironically, the brother duo was picked-up despite Raheemum's family accusing four local youngsters as suspects in their written complaint to the police. However, the Sitapur police was somehow convinced that the four were innocent, for reasons best known to them. Police did not even brother to summon the suspects even once, sources said. Police too confirmed that the brother duo did not have any criminal case pending against them.
"This is plain and cold-blooded murder," says Atul Verma, a senior criminal lawyer practicing in the Lucknow bench of Allahabad High Court. "They don't have any reason to summon and torture two innocents who have nothing to do which the crime. More serious is the issue that the police allegedly wanted to paint the incident as that of honour killing," Verma says.
Though the accused cops - sub inspector Trishideo - the station officer (SO) incharge of Tambaour police station, SI Anjani Kumar - incharge of the special operations group (SOG) which was helping the cops to crack the case along with constables Birpal Singh, Abdul Rafe and Anil Kumar also of the SOG have been suspended, no arrests were made till late Thursday night. Sources said that multiple ante-mortem injuries on Jabbar's body have been confirmed.
"We have ordered a magisterial probe into the incident," said Sitapur district police chief Piyush Mordia. Additional director general of police (ADG) Law & Order and Crime Subesh Kumar Singh said that incident is being monitored by the top officials and action will follow. "The incident has been taken very seriously and the guilty will be brought to book," Singh said.
Therefore it is kind request
1. To conduct an inquiry in this incident of custodial death under section 176(1) A Cr.PC by a Judicial Magistrate.
2. To provide compensation to the victim's family.
Secretary General
Peoples' Vigilance Committee on Human Rights
Sa 4/2 A Daulatpur, Varanasi - 221002
Mobile No: +91-9935599333
Thursday, March 1, 2012
शकील, निवासी :- जिला - बहराइच, राज्य - उत्तर प्रदेश के पुलिस हिरासत मे मौत पर शिकायत के सन्दर्भ मे !
From: Detention Watch <pvchr.adv@gmail.com>
Date: 2012/3/1
Subject: शकील, निवासी :- जिला - बहराइच, राज्य - उत्तर प्रदेश के पुलिस हिरासत मे मौत पर शिकायत के सन्दर्भ मे !
To: Anil Kumar Parashar <jrlawnhrc@hub.nic.in>, akpnhrc@yahoo.com
Cc: lenin@pvchr.asia
दिनांक - 01 मार्च, 2012
सेवा मे,
श्रीमान अध्यक्ष,
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग,
नई दिल्ली – भारत !
विषय :- दिनांक - 03/06/2011 को श्री / सुश्री शकील, निवासी :- जिला - बहराइच, राज्य - उत्तर प्रदेश के पुलिस हिरासत मे मौत पर शिकायत के सन्दर्भ मे !
महोदय / महोदया,
आपको उपरोक्त घटना के बारे में Detention Watch " गिरफ्तारी पर गश्त " के तहत मानावाधिकार जन निगरानी समिति ( PVCHR ) सूचित करा रहा है कि इस घटित उपरोक्त घटना की हालात के बारे में संदेह है ! इसलिए कानून के राज के तहत जबाबदेही के लिए आवश्यक कार्यवाही जरूरी हैं !
मैं राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग से अनुरोध करता हू कि इस मामले में हो चुकी जांच पर यदि आवश्यक हो तो न्यायिक जांच गठित कर हस्तक्षेप करें ! यह भी जरूरी है की राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा जारी दिशा - निर्देशों के तहत सक्षम प्राधिकारी द्वारा पालन करने और विधिवत सूचना दिया गया या नही ? मामले मे दोषी अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू किया जाना चाहिए !
मृतक के निकट आश्रित को न केवल पर्याप्त रूप से मुआवजा दिया जाना चाहिए, साथ ही साथ प्रशिक्षित मनोवैज्ञानिक – सामाजिक कार्यकर्ता से मनोवैज्ञानिक सहायता देना भी जरूरी है !
धन्यवाद !
भवदीय / भवदीया
( श्रुति नागवंशी )
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Detention Watch "गिरफ्तारी पर गश्त"
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