सेवा मे,
अध्यक्ष महोदय,
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग,
नई दिल्ली।
विषय : उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के भेलूपुर थाने मे दरोगा द्वारा मुस्लिम महिलाओ के साथ मारपीट व बद्सलूकी के सम्बन्ध मे।
महोदय,
आपका ध्यान दिनांक 6 अगस्त, 2012 के राष्ट्रीय सहारा दैंनिक अखबार के इस खबर की ओर दिलाना चाहता हू। जिसके अनुसार उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले गौरीगंज के रहने वाले इम्ब्राडरी का काम करने वाले फिरदौस को भेलूपुर थाने की पुलिस ने बिना कोई क़ारण बताये उसको जबरदस्ती शक के आधार पर उठा लिया। जब इस बात की सूचना उसके घर वालो को मिली तब उसकी बहन रूबी, शबाना और उसका भाई अफरोज़ भेलूपुर थाने यह जानने के लिये गये कि उनके भाई को पुलिस ने क्यो उठाया है। थाने के गेत पर पहुचते ही एक दरोगा ने उनसे पूछा कि वे लोग थाने मे अन्दर क्यो जा रहे है? रूबी द्वारा अपने भाई के गिरफ्तारी के बारे मे पूछते ही दरोगा उनके उपर भडक गया और उनसे बोला कि उन्हे यह पूछने का अधिकार नही है। लेकिन फिर भी रूबी और शाबाना नही मानी और थाने के अन्दर घूसने लगी तो दरोगा जी गुस्से से बौखला गये और उसका हाथ पकडकर उसे थप्पड मारते हुये उन्हे थाने से बाहर धकेल दिया। यह सब देखकर जब उनका भाई अफरोज़ ने इसका विरोध किया तो दरोगा ने उसे भी मारा। इसके बाद वे लोग थाने के बाहर ही खडे हो गये। यह परिवार पुलिस के इस दुर्व्यव्हार से इतना डरा हुआ है कि किसी से इसकी शिकायत करने की भी हिम्मत नही जुता पा रहा है।
अतः आप से विनम्र निवेदन है कि इस मामले को संज्ञान मे लेते हुये उन पुलिसकर्मियो के खिलाफ मुकद्दमा पंजिकृत करने का आदेश दे जिन्होने गिरफ्तारी के समय डी. के. बसु गाईड लाईन व माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशो का उल्लंघन किया और महिला के साथ मारपीट और दुर्व्यव्हार किया है। साथ ही आपसे यह भी निवेदन है कि इस तरह से सरे राह किसी ईजतदार परिवार को जलील करने वाले पुलिस कर्मियो के वेतन से मुआवजा दिलाने का आदेश दे।
संलग्नक: राष्ट्रीय सहारा मे प्रकाशित खबर का लिंक
भवदीय
डा0 लेनिन
महासचिव
मानवाधिकार जननिगरानी समिती
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