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Monday, August 27, 2012
असम मे हुये दंगो के बाद हिन्दू पक्ष द्वारा मुस्लिम पक्षो के साथ दुर्व्यवहार और ट्रेन मे आई कार्ड चेक करके उनके साथ मार-पीट और 14 लोगो को ट्रेन से फेके जाने पर 4 लोगो की मौत के सम्बन्ध मे।
सेवा मे, , 27/08/2012
गृह मंत्रालय,
भारत सरकार,
नई दिल्ली।
विषय : असम मे हुये दंगो के बाद हिन्दू पक्ष द्वारा मुस्लिम पक्षो के साथ दुर्व्यवहार और ट्रेन मे आई कार्ड चेक करके उनके साथ मार-पीट और 14 लोगो को ट्रेन से फेके जाने पर 4 लोगो की मौत के सम्बन्ध मे।
महोदय,
आप का ध्यान बी.बी.सी हिन्दी खबर की ओर आकृष्ट कराना चाहता हूँ, खबर के अनुसार पूर्वोत्तर ले लोगो के खिलाफ फैली अफवाह और दहशत के बीच बैंगलोर से असम के लिये जा रही विशेष ट्रेन मे शनिवार को पश्चिम बंगाल के जलपाईगुडी मे अचानक चलती ट्रेन के एक डिब्बे मे 40-50 की संख्या मे उग्र अराजक तत्वो द्वारा दोनो तरफ का दरवाजा बन्द कर दिया गया और लोगो से कहा गया कि वे अपना पहचान पत्र दिखाये जो भी इसका विरोध करेगा उसका गला काट दिया जायेगा। साथ ही सभी का मोबाईल, सामान और पैसा भी छीन लिया गया। फिर पहचान पत्र देखकर सारे मुस्लिमो को मारा पीटा गया। उस डिब्बे मे कुल 14 मुस्लिम व्यक्ति थे उनके साथ लगभग ढाई घंटे तक मार पीट की गयी और सभी 14 मुस्लिम व्यक्तियो को चलती ट्रेन से नीचे फेंक दिया गया। जिनमे से 4 लोगो की मृत्यु हो गयी और कई की हालत नाजुक बनी हुयी है उन्हे अस्पताल मे भर्ती कराया गया है जहाँ उनकी हालत नाजुक बनी हुयी है। ये सभी शव और घायलो को जलपाईगुडी के फलाकट और बेलाकोवा स्टेशनो के पास पाया गया है। उसमे बैठे लोगो का कहना है कि हिंसक हो चुकी भीड मे शामिल लोग उसी ट्रेन के यात्री थे और बैंगलोर से ही ट्रेन मे सवार हुये थे।
अतः आप से विनम्र निवेदन है कि कृपया इस मामले को संज्ञान मे लेते हुये इस घटना की उच्च स्तरीय जाँच करायी जाय और मृतको और घायलो को मुआवजा दिया जाय। साथ ही दोषियो के खिलाफ मुकद्दमा पंजिकृत कराया जाय।
संलग्नक : http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2012/08/120822_train_hatred_violance_tb.shtml
भवदीय
(डा0 लानिन)
महासचिव,
मानवाधिकार जननिगरानी समिति, वाराणसी - 221002
उत्तर प्रदेश - भारत !
मो0 - + 91-9935599333.
ई-मेल - lenin@pvchr.asia
असम मे हुये दंगो के बाद हिन्दू पक्ष द्वारा मुस्लिम पक्षो के साथ दुर्व्यवहार और ट्रेन मे आई कार्ड चेक करके उनके साथ मार-पीट और 14 लोगो को ट्रेन से फेके जाने पर 4 लोगो की मौत के सम्बन्ध मे।
असम मे हुये दंगो के बाद हिन्दू पक्ष द्वारा मुस्लिम पक्षो के साथ दुर्व्यवहार और ट्रेन मे आई कार्ड चेक करके उनके साथ मार-पीट और 14 लोगो को ट्रेन से फेके जाने पर 4 लोगो की मौत के सम्बन्ध मे।
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असम मे हुये दंगो के बाद हिन्दू पक्ष द्वारा मुस्लिम पक्षो के साथ दुर्व्यवहार और ट्रेन मे आई कार्ड चेक करके उनके साथ मार-पीट और 14 लोगो को ट्रेन से फेके जाने पर 4 लोगो की मौत के सम्बन्ध मे।
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Thursday, August 23, 2012
पुलिस द्वारा वाराणसी के गरीब मुस्लिम को बेवजह फर्जी मुकदमें फसाने व उत्पीड़न किये जाने के सन्दर्भ में।
23 अगस्त 2012
सेवा में,
श्रीमान् वरिष्ठ पुलिस अधिक्षक महोदय,
वाराणसी,
उत्तर प्रदेश।
विषय:- पुलिस द्वारा वाराणसी के गरीब मुस्लिम को बेवजह फर्जी मुकदमें फसाने व उत्पीड़न किये जाने के सन्दर्भ में।
महोदय,
पीड़ित मोहम्मद अहमद पुत्र मोहम्मद शरीफ उम्र-23 वर्ष निवासी-दनियाल, थाना-सारनाथ, जनपद-वाराणसी का मूल निवासी हैं। दनियालपुर निवासी अन्सार अहमद ने एक काम को शुरु करने के सम्बंध में पीड़ित मोहम्मद अहमद से 15600/- रुपये लिए और कहा कि इस काम में तुम और भी व्यक्तियों को जोडोगें तो इससे तुम्हें डबल फायदा होगा और तुम्हारा पैसा दूगुना हो जायेगा। चूँकि पीड़ित अन्सार अहमद को व्यक्तिगत तौर पर भली-भांती जानता था और उससे पीड़ित का अच्छा सम्बंध था। इसीलिए पीड़ित ने उन्हे किसी सुरत से पैसा जुटाकर 15600/ रुपये दिये। दिनांक 20 अगस्त 2012 को पीड़ित मोहम्मद अहमद ने उनसे अपने काम के तहत अपना पैसा मांगा, उस वक्त पीड़ित को ईद के त्यौहार की तैयारी के लिए 200/- रुपये की जरुरत थी जिसे पीड़ित ने अन्सार अहमद से मांगे ताकि घर पर परिवार के साथ त्यौहार मना सके। इतने में अन्सार अहमद ने पीड़ित को गालियां देते हुए मारना-पीटना शुरु कर दिया और बोला कि मैं तुम्हारा कोई भी पैसा नही दुंगा जो करते बने कर लो। इसके बाद अन्सार अहमद ने पीड़ित के खिलाफ पुरानापुल पुलिस चैकी पर झूठा रिपोर्ट लिखवाया। दूसरे दिन 21 अगस्त 2012 को ईद के दूसरे दिन एक पुलिस वाले पीड़ित के घर पर आये और बोले कि चलो चैकी इंचार्ज साहब बुलायें हैं। पुलिस की सूचना पर पीड़ित अपने पिता के साथ पुलिस चैकी पर सुबह 10:00 बजे पहुँचा। वहाँ पर बिना वजह पुलिस ने पीड़ित को 4:00 बजे शाम तक पुलिस चौकी पर भूखा-प्यासा बैठाये रखा। उसी समय अन्सार के पिता यासिन मुकादम आये और चौकी इंचार्ज साहब से बोले कि मोहम्मद अहमद को जाने दिजिए यह मामला हम पंचायत कर के सुलह करायेगें। उस दिन तो पीड़ित को पुलिस द्वारा छोड़ दिया गया। लेकिन दिनांक 23 अगस्त 2012 को लगभग सुबह 9:00 बजे पुनः पीड़ित के घर पर पुलिस आई और पीड़ित व उसके पिता को पुलिस चैकी पर बुलाया है। पीडित बहुत डरा हुआ है क्योकि इसके पहले जब वो चौकी पर गया था तो उसे पुलिस वालो ने बहुत गालिया दी थी इस लिये वो पुलिस चौकी नही जा रहा है।
पीडित अन्सार अहमद को बेवजह चैकी पर बुलाकर पीड़ित व उसके परिवार को लगातार पुलिस द्वारा परेशान व उत्पीड़न किया जा रहा है।
अतः आप से निवेदन है कि उक्त मामले की जाच करा कर दोषियों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही करें।
भवदीय
डा0 लेनिन
महासचिव
मानवाधिकार जननिगरानी समिती
Email: minority.pvchr@gmail.com
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पुलिस द्वारा वाराणसी के गरीब मुस्लिम को बेवजह फर्जी मुकदमें फसाने व उत्पीड़न किये जाने के सन्दर्भ में।
23 अगस्त 2012
सेवा में,
श्रीमान् पुलिस महानिदेशक महोदय,
लखनऊ, उत्तर प्रदेश।
विषय:- पुलिस द्वारा वाराणसी के गरीब मुस्लिम को बेवजह फर्जी मुकदमें फसाने व उत्पीड़न किये जाने के सन्दर्भ में।
महोदय,
पीड़ित मोहम्मद अहमद पुत्र मोहम्मद शरीफ उम्र-23 वर्ष निवासी-दनियाल, थाना-सारनाथ, जनपद-वाराणसी का मूल निवासी हैं। दनियालपुर निवासी अन्सार अहमद ने एक काम को शुरु करने के सम्बंध में पीड़ित मोहम्मद अहमद से 15600/- रुपये लिए और कहा कि इस काम में तुम और भी व्यक्तियों को जोडोगें तो इससे तुम्हें डबल फायदा होगा और तुम्हारा पैसा दूगुना हो जायेगा। चूँकि पीड़ित अन्सार अहमद को व्यक्तिगत तौर पर भली-भांती जानता था और उससे पीड़ित का अच्छा सम्बंध था। इसीलिए पीड़ित ने उन्हे किसी सुरत से पैसा जुटाकर 15600/ रुपये दिये। दिनांक 20 अगस्त 2012 को पीड़ित मोहम्मद अहमद ने उनसे अपने काम के तहत अपना पैसा मांगा, उस वक्त पीड़ित को ईद के त्यौहार की तैयारी के लिए 200/- रुपये की जरुरत थी जिसे पीड़ित ने अन्सार अहमद से मांगे ताकि घर पर परिवार के साथ त्यौहार मना सके। इतने में अन्सार अहमद ने पीड़ित को गालियां देते हुए मारना-पीटना शुरु कर दिया और बोला कि मैं तुम्हारा कोई भी पैसा नही दुंगा जो करते बने कर लो। इसके बाद अन्सार अहमद ने पीड़ित के खिलाफ पुरानापुल पुलिस चैकी पर झूठा रिपोर्ट लिखवाया। दूसरे दिन 21 अगस्त 2012 को ईद के दूसरे दिन एक पुलिस वाले पीड़ित के घर पर आये और बोले कि चलो चैकी इंचार्ज साहब बुलायें हैं। पुलिस की सूचना पर पीड़ित अपने पिता के साथ पुलिस चैकी पर सुबह 10:00 बजे पहुँचा। वहाँ पर बिना वजह पुलिस ने पीड़ित को 4:00 बजे शाम तक पुलिस चौकी पर भूखा-प्यासा बैठाये रखा। उसी समय अन्सार के पिता यासिन मुकादम आये और चौकी इंचार्ज साहब से बोले कि मोहम्मद अहमद को जाने दिजिए यह मामला हम पंचायत कर के सुलह करायेगें। उस दिन तो पीड़ित को पुलिस द्वारा छोड़ दिया गया। लेकिन दिनांक 23 अगस्त 2012 को लगभग सुबह 9:00 बजे पुनः पीड़ित के घर पर पुलिस आई और पीड़ित व उसके पिता को पुलिस चैकी पर बुलाया है। पीडित बहुत डरा हुआ है क्योकि इसके पहले जब वो चौकी पर गया था तो उसे पुलिस वालो ने बहुत गालिया दी थी इस लिये वो पुलिस चौकी नही जा रहा है।
पीडित अन्सार अहमद को बेवजह चैकी पर बुलाकर पीड़ित व उसके परिवार को लगातार पुलिस द्वारा परेशान व उत्पीड़न किया जा रहा है।
अतः आप से निवेदन है कि उक्त मामले की जाच करा कर दोषियों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही करें।
भवदीय
डा0 लेनिन
महासचिव
मानवाधिकार जननिगरानी समिती
डा0 लेनिन
(महासचिव)
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Mobile no.+91- 9935599335
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Tuesday, August 21, 2012
Muslim threats, nationalist fantasies and the 'Great Assam Exodus'
» 08/21/2012 16:10 INDIA - PAKISTAN Muslim threats, nationalist fantasies and the 'Great Assam Exodus' Nirmala Carvalho Almost 300,000 people from north-eastern India flee Karnataka and Maharashtra. New Delhi blames Islamabad for circulating revenge text messages following sectarian violence between tribal Bodos and Muslims settlers in Assam. For activist Raghuvanshi, the problem is rooted in tensions generated by Hindu nationalist forces. Mumbai (AsiaNews) - New Delhi and Islamabad could be facing another diplomatic crisis as a result of a recent major population displacement within India. Hundreds of thousands of people from Assam have in fact fled Bangalore (Karnataka), Mumbai and Pune (Maharashtra) after they received death threats via the Internet. The messages, which were posted mostly on Facebook and Twitter, warned workers from north-eastern India that Indian Muslims would take revenge against them forsectarian clashes last month in the state of Assam. For India, Pakistan is behind this hate campaign, but Islamabad has denied any involvement, calling on New Delhi to back up its claims with evidence. In Assam, violence between tribal Bodos and Muslim settlers left 80 people dead in July. This has sparked the panicked flight of about 400,000 people from both communities, some finding shelter in refugee camps set up by the local Catholic Church. Tensions eventually spread to other Indian states where Bodos and other ethnic groups moved in search of work. Last week, panic began spreading when text messages and photos on social networks began fuelling rumours. About 300,000 people from north-eastern India, mostly students, crammed railway stations trying to escape, fearful they might be targeted by Muslims for retaliation. At present, the exodus has stopped and things are getting back to normal thanks to cooperation among the various Indian states involved. However, it is unclear who posted the first intimidating messages online. For New Delhi, the culprits are in Pakistan. Islamabad has denied the accusations, calling on India to show its evidence, which has not been forthcoming. "Violence in Assam is localised with its particular history and context," human rights activist Lenin Raghuvanshi told AsiaNews. However, for Raghuvanshi, who is director of the People's Vigilance Committee on Human Rights (PVCHR), such conflicts "have repercussions that explode in internal conflicts fuelled by the nationalism of fascist forces." In his view, "India's greatest threat is an internal exodus provoked by internal nationalist groups (supporters of the Hindutva ideology) or external groups like Muslim fundamentalists. |
After 14 yrs, Aamir celebrates at home
After 14 yrs, Aamir celebrates at home
IHis excitement was palpable as went about cleaning his one-room house. After all, he was spending the festival with his family after languishing in jail for a long time, fighting the tag of a 'terrorist'.
After getting things in order, he gently woke up his ammi, taking great care in dressing her in the new salwar kameez he had bought her. The pampering didn't end here. He treated her to a wholesome breakfast consisting of omelette, tea, bread and butter. "I know exactly what to do because I have imagined it for years," he laughed, before hurrying off to Idgah in Jhandewalan to offer his Eid namaaz in the morning.
On his way back home, he stopped to buy two slender metal bangles for his ammi. "These are made of artificial metal. But if allah wants, I will have enough means one day to buy her real gold bangles. That is my hope," he said with a smile.
At home he was joined by his elder sister and her four children. Coming from her home in Chandni Chowk, she had brought biryani, sheer khurma, sweets and fruit. Her children clamoured around uncle Aamir for their eidi. Overwhelmed, Aamir smiled as he looked at the scene around him. His ammi could be seen nodding away, slightly disoriented — it has been a while since she has been surrounded by family.
Through the day, some neighbours dropped in to offer Eid greetings. While not everyone in the locality has welcomed Aamir with open arms, they stopped to smile politely, with some going one step ahead and giving him the customary warm embrace. For now, this much is enough, said Aamir. As he offered us special masala kachori and sevaiyan, a look of contentment and ease settled on his face.
For the 32-year-old, life finally seems to be returning to normalcy. He has applied for admission in undergraduate studies in political science and sociology from IGNOU, has a steady job at NGO Anhad, and is writing a book on his life ever since he was picked up by cops under allegations of being a terrorist. Six months ago, a mobile phone was a mystery to him. Today, he's active on Facebook and email. "The outside world is exciting," he said, with a sparkle in his eyes.
However, the best was yet to come. Taking us shyly to a corner, he proclaimed, "My marriage has been fixed. She's an English graduate from Delhi University, and teaches girls in a community school in Walled City, encouraging them to continue their education. I am very lucky." The date has been fixed for later this year, and preparations are already underway. "There is much to do — wedding cards have to be printed, venue has to be fixed — this has really been a blessed Eid. I have a lot to be thankful for," he murmured, looking off at the distance.
As we got up to leave, Aamir helped his mother rest against the wall. The crack in the wall that had come up as the family fought the legal battle to free Aamir was hard to miss. However, it has been roughly plastered; the room marginally repaired. Perhaps, the real wounds will heal soon.
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Monday, August 13, 2012
उत्तर प्रदेश जिले के बरेली क्षेत्र मे लग्र कर्फयू के दौरान पुलिस प्रशासन द्वारा मुस्लिम समुदाय की महिलाओ के साथ बद्सलूकी और मुस्लिम समुदाय के निर्दोष लोगो के साथ भेद-भाव पूर्ण व्यवहार कर उन्हे परेशान करने के सम्बन्ध मे।
From: UP Police Computer Cetre Lucknow <uppcc-up@nic.in>
Date: Mon, Aug 13, 2012 at 8:57 AM
Subject: Fwd: उत्तर प्रदेश जिले के बरेली क्षेत्र मे लग्र कर्फयू के दौरान पुलिस प्रशासन द्वारा मुस्लिम समुदाय की महिलाओ के साथ बद्सलूकी और मुस्लिम समुदाय के निर्दोष लोगो के साथ भेद-भाव पूर्ण व्यवहार कर उन्हे परेशान करने के सम्बन्ध मे।
To: digcomplaint-up@nic.in
Cc: PVCHR ED <pvchr.india@gmail.com>
---------- Forwarded message ----------
From: PVCHR ED <pvchr.india@gmail.com>
To: bharat-chintan <bharat-chintan@googlegroups.com>
Cc:
Date: Mon, 13 Aug 2012 00:35:30 +0530
Subject: उत्तर प्रदेश जिले के बरेली क्षेत्र मे लग्र कर्फयू के दौरान पुलिस प्रशासन द्वारा मुस्लिम समुदाय की महिलाओ के साथ बद्सलूकी और मुस्लिम समुदाय के निर्दोष लोगो के साथ भेद-भाव पूर्ण व्यवहार कर उन्हे परेशान करने के सम्बन्ध मे।
http://muslim-minority.blogspot.in/2012/08/blog-post_8788.html
उत्तर प्रदेश जिले के बरेली क्षेत्र मे लग्र कर्फयू के दौरान पुलिस प्रशासन द्वारा मुस्लिम समुदाय की महिलाओ के साथ बद्सलूकी और मुस्लिम समुदाय के निर्दोष लोगो के साथ भेद-भाव पूर्ण व्यवहार कर उन्हे परेशान करने के सम्बन्ध मे।
Open Letter to the Government of South Asian Countries
Thanking You
Secretary General
Peoples' Vigilance Committee on Human Rights
Sa 4/2 A Daulatpur, Varanasi - 221002
Mobile No: +91-9935599333
Sunday, August 12, 2012
उत्तर प्रदेश जिले के बरेली क्षेत्र मे लग्र कर्फयू के दौरान पुलिस प्रशासन द्वारा मुस्लिम समुदाय की महिलाओ के साथ बद्सलूकी और मुस्लिम समुदाय के निर्दोष लोगो के साथ भेद-भाव पूर्ण व्यवहार कर उन्हे परेशान करने के सम्बन्ध मे।
सेवा मे,
डी.जी.पी महोदय,
लखनऊ।
विषय: उत्तर प्रदेश जिले के बरेली क्षेत्र मे लग्र कर्फयू के दौरान पुलिस प्रशासन द्वारा मुस्लिम समुदाय की महिलाओ के साथ बद्सलूकी और मुस्लिम समुदाय के निर्दोष लोगो के साथ भेद-भाव पूर्ण व्यवहार कर उन्हे परेशान करने के सम्बन्ध मे।
महोदय,
आपको यह अवगत कराना चाहता हू कि उत्तर प्रदेश के बरेली मे पिछले कई दीनो से लगातार स्थिति काफी नाजुक है दो सम्प्रदाय के बीच खूनी संघर्ष चल रहा था जिसके कारण वहा कर्फ्यू लगा हुआ था कुछ दिन मे स्थिति सामान्य हुयी लेकिन जन्माष्टमी के दिन फिर से कुछ घटना होने के कारण पुनः कर्फ्यू लगा जिससे आज फहासवानी टोला मे 11 से 12 बजे दिन मे पुलिस वालो ने अमानवीय व्यवहार करते हुये मुस्लिम घरो मे घुसकर आदमियो को गिरफ्तार किया और मुस्लिम समुदाय की महिलाओ के साथ बद्सलूकी करते हुये उनके आबरू पर हमला किया साथ ही घर की बुजुर्ग महिलाओ के साथ अभद्र व्यवहार किया। जिसका उदाहरण फहासवानी टोला मे 70 वर्ष की एक महिला के साथ हाथा पाई और मार पीट किये साथ ही बेकसूर मोहम्मद सलीम और उनके भाई मोहम्मद अलिम के घर मे घुसकर उन्हे खोजने के बहाने से उनके घर की महिलाओ के साथ बद्सलूकी की। पुलिस वालो की इस हरकत से पूरे मोह्हल्ले के आदमी घर छोड कर कही और रह रहे है।
अतः आपसे विनम्र नि\वेदन है की इस मामले को संज्ञान मे लेते हुये कृपया पुलिस +विभाग के उच्च अधिकारियो को निर्देषित करे की निर्दोष लोगो को धार्मिक आधाअर पर न परेशान करे और जिन पुलिस वालो ने ऐसा कृत्य किया है उनके खिलाफ कठोर कार्यवाही का निर्देश दे साथ ही जि परिवारो के मान सम्मान के साथ पुलिस वालो ने खिल्वाड किया है उन परिवारो को मुआवजा दिलाने की कृपा करे।
भवदीय
डा0 लेनिन
महासचिव
मानवाधिकार जन निगरानी समिती
sa4/2a Daulatpur, Varanasi
Email: minority.pvchr@gmail.in
उत्तर प्रदेश जिले के बरेली क्षेत्र मे लग्र कर्फयू के दौरान पुलिस प्रशासन द्वारा मुस्लिम समुदाय की महिलाओ के साथ बद्सलूकी और मुस्लिम समुदाय के निर्दोष लोगो के साथ भेद-भाव पूर्ण व्यवहार कर उन्हे परेशान करने के सम्बन्ध मे।
सेवा मे,
अध्यक्ष महोदय,
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग,
नई दिल्ली।
विषय: उत्तर प्रदेश जिले के बरेली क्षेत्र मे लग्र कर्फयू के दौरान पुलिस प्रशासन द्वारा मुस्लिम समुदाय की महिलाओ के साथ बद्सलूकी और मुस्लिम समुदाय के निर्दोष लोगो के साथ भेद-भाव पूर्ण व्यवहार कर उन्हे परेशान करने के सम्बन्ध मे।
महोदय,
आपको यह अवगत कराना चाहता हू कि उत्तर प्रदेश के बरेली मे पिछले कई दीनो से लगातार स्थिति काफी नाजुक है दो सम्प्रदाय के बीच खूनी संघर्ष चल रहा था जिसके कारण वहा कर्फ्यू लगा हुआ था कुछ दिन मे स्थिति सामान्य हुयी लेकिन जन्माष्टमी के दिन फिर से कुछ घटना होने के कारण पुनः कर्फ्यू लगा जिससे आज फहासवानी टोला मे 11 से 12 बजे दिन मे पुलिस वालो ने अमानवीय व्यवहार करते हुये मुस्लिम घरो मे घुसकर आदमियो को गिरफ्तार किया और मुस्लिम समुदाय की महिलाओ के साथ बद्सलूकी करते हुये उनके आबरू पर हमला किया साथ ही घर की बुजुर्ग महिलाओ के साथ अभद्र व्यवहार किया। जिसका उदाहरण फहासवानी टोला मे 70 वर्ष की एक महिला के साथ हाथा पाई और मार पीट किये साथ ही बेकसूर मोहम्मद सलीम और उनके भाई मोहम्मद अलिम के घर मे घुसकर उन्हे खोजने के बहाने से उनके घर की महिलाओ के साथ बद्सलूकी की। पुलिस वालो की इस हरकत से पूरे मोह्हल्ले के आदमी घर छोड कर कही और रह रहे है।
अतः आपसे विनम्र नि\वेदन है की इस मामले को संज्ञान मे लेते हुये कृपया पुलिस +विभाग के उच्च अधिकारियो को निर्देषित करे की निर्दोष लोगो को धार्मिक आधाअर पर न परेशान करे और जिन पुलिस वालो ने ऐसा कृत्य किया है उनके खिलाफ कठोर कार्यवाही का निर्देश दे साथ ही जि परिवारो के मान सम्मान के साथ पुलिस वालो ने खिल्वाड किया है उन परिवारो को मुआवजा दिलाने की कृपा करे।
भवदीय
डा0 लेनिन
महासचिव
मानवाधिकार जन निगरानी समिती
www.youtube.com/pvchrindia
www.pvchr.blogspot.com
www.sapf.blogspot.www.
उत्तर प्रदेश जिले के बरेली क्षेत्र मे लग्र कर्फयू के दौरान पुलिस प्रशासन द्वारा मुस्लिम समुदाय की महिलाओ के साथ बद्सलूकी और मुस्लिम समुदाय के निर्दोष लोगो के साथ भेद-भाव पूर्ण व्यवहार कर उन्हे परेशान करने के सम्बन्ध मे।
सेवा मे,
अध्यक्ष महोदय,
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,
नई दिल्ली।
विषय: उत्तर प्रदेश जिले के बरेली क्षेत्र मे लग्र कर्फयू के दौरान पुलिस प्रशासन द्वारा मुस्लिम समुदाय की महिलाओ के साथ बद्सलूकी और मुस्लिम समुदाय के निर्दोष लोगो के साथ भेद-भाव पूर्ण व्यवहार कर उन्हे परेशान करने के सम्बन्ध मे।
महोदय,
आपको यह अवगत कराना चाहता हू कि उत्तर प्रदेश के बरेली मे पिछले कई दीनो से लगातार स्थिति काफी नाजुक है दो सम्प्रदाय के बीच खूनी संघर्ष चल रहा था जिसके कारण वहा कर्फ्यू लगा हुआ था कुछ दिन मे स्थिति सामान्य हुयी लेकिन जन्माष्टमी के दिन फिर से कुछ घटना होने के कारण पुनः कर्फ्यू लगा जिससे आज फहासवानी टोला मे 11 से 12 बजे दिन मे पुलिस वालो ने अमानवीय व्यवहार करते हुये मुस्लिम घरो मे घुसकर आदमियो को गिरफ्तार किया और मुस्लिम समुदाय की महिलाओ के साथ बद्सलूकी करते हुये उनके आबरू पर हमला किया साथ ही घर की बुजुर्ग महिलाओ के साथ अभद्र व्यवहार किया। जिसका उदाहरण फहासवानी टोला मे 70 वर्ष की एक महिला के साथ हाथा पाई और मार पीट किये साथ ही बेकसूर मोहम्मद सलीम और उनके भाई मोहम्मद अलिम के घर मे घुसकर उन्हे खोजने के बहाने से उनके घर की महिलाओ के साथ बद्सलूकी की। पुलिस वालो की इस हरकत से पूरे मोह्हल्ले के आदमी घर छोड कर कही और रह रहे है।
अतः आपसे विनम्र नि\वेदन है की इस मामले को संज्ञान मे लेते हुये कृपया पुलिस +विभाग के उच्च अधिकारियो को निर्देषित करे की निर्दोष लोगो को धार्मिक आधाअर पर न परेशान करे और जिन पुलिस वालो ने ऐसा कृत्य किया है उनके खिलाफ कठोर कार्यवाही का निर्देश दे साथ ही जि परिवारो के मान सम्मान के साथ पुलिस वालो ने खिल्वाड किया है उन परिवारो को मुआवजा दिलाने की कृपा करे।
भवदीय
डा0 लेनिन
महासचिव
मानवाधिकार जन निगरानी समिती
--
PVCHR/JMN
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