सेवा मे, दिनांक : 15/5/2012
अध्यक्ष,
राष्ट्रीय अल्प संख्यक आयोग,
नई दिल्ली.
विषय :थाना – सम्भल, जिला – भीम नगर की पुलिस द्वारा बिना जांच किये शक के आधार पर शानू को अवैध ढंग से उठाया गया और प्रताडित करके अपहरण के झूठे मुकद्दमे मे जेल भेजने के सम्बन्ध मे.
महोदय,
आप का ध्यान भीमनगर जिले के थाना सम्भल के इस घटना की ओर कराना चाहता हू कि पुलिस द्वारा बिना जांच किये अपहरण के मामले मे शानू को गिरफ्तार करके प्रताडित किया गया. घटना दिनांक 19/11/2011 को घटित हुयी और इसके साथ ही सबसे चौकाने वाली बात यह है कि इस घटना की एफ.आई.आर. दिनांक 14/12/2011 को दर्ज की गयी और शानू को दिनांक 9/11/2011 को अवैध तरीके से पुलिस ने 12 बजे दोपहर मे उसके मामा के कोल्ड स्टोरेज से उठा लिया और उसे बुरी तरह से मारा पीटा साथ ही उसे अवैध तरीके से थाने मे भी रखा.
घटना इस प्रकार है कि दिनांक 19/11/2011 को रशीद पुत्र मसात निवासी- आदमपुर रोड बदायू दरवाजा, थाना – सम्भल, जिला – भीम नगर का पोता फैजल 6 वर्ष पडोस के यहा शादी मे खाना खाने दिन मे 3.30 बजे गया था. वही से अचानक गायब हो गया. परिजनो के काफी ढूढने के बाद जब वो नही मिला तो बच्चे के गुम होने की सूचना कोतवाली पुलिस को दी गयी. इसी बीच दिनांक 21/11/2011 को वादी रशीद के पडोस मे रहने वाले रफत के मोबाईल पर एक अज्ञात व्यक्ति के मोबाईल नम्बर 8859172062 से पांच लाख की फिरौती का फोन आया. पडोसी रफत ने इस सम्बन्ध मे वादी राशीद को सूचना दी. राशीद के परिवार वालो ने रकम देने मे असमर्थता जताई. तभी कोतवाली सम्भल से राशीद को सूचना दी गयी कि तुम्हारा पोता फैजल गजरौला पुलिस के पास है. सम्पर्क करके ले लो. जब राशीद गजरौला पहुंचा तो वहा से बच्चे को ईलाज हेतु मेरठ भेज दिया गया था. राशीद मेरठ पहुंचा तो उसने देखा कि उसके पोते का पैर घुटने के नीचे से कट चुका था. वहा से लौट कर राशीद ने सम्भल कोतवाली को यह सूचना दी कि शानू पुत्र सईद, निवासी मोहल्ला नाला, थाना सम्भल, जिला भीम नगर को फैजल के अपहरण मे आरोपित कर दिया. थाना सम्भल पुलिस बगैर किसी जांच पडताल के दिनांक 9/12/2011 को 12 बजे कोल्ड स्टोरेज से उठा लिया बिना कुछ पूछ ताछ के मारना – पीटना शुरू कर दिया. बन्दूक के वट से सर पर मारा जिससे गम्भीर चोटे आयी. शानू के पूरे कपडे खून से लथ-पथ हो गये. पुलिस शानू को कोतवाली ले गयी और रात मे एक क्रीम कलर की चार पहिया वाहन स्कार्पियो जीप मे डालकर रास्ते मे बुरी तरह मारते हुये मेरठ के पास ले जाकर चौधरी सराय पुलिस चौकी के दरोगा ने रास्ते मे गाडी रोककर पीडीत शानू को गाडी से उतार कर उसके उपर रिवाल्वर तान लिया और उसके साथियो का पता पूछने लगे. चौकी इंचार्ज ने कहा कि अगर अपने साथियो का नाम नही बताया तो तुझे इंकाउंटर कर दूंगा. पीडित शानू को कुछ समझ मे नही आ रहा था वह लगातार रोये जा रहा था. फिर पुलिस द्वारा उसे मेरठ अस्पताल ले जाया गया जहा फैजल का ईलाज चल रहा था.
बालक फैजल से पुलिस द्वारा पूछा गया कि तुम इसे पहचानते हो तो उसने उसे पहचानते हुये यह कहा कि यह शानू है और मेरे पापा के साथ काम करता है. पुलिस द्वारा अपहरण मे शामिल होने के सम्बन्ध मे फैजल से कुछ भी नही पूछा और शानू को फिर से बुरी तरह से मारना शुरू कर दिया और उसका चालान कर दिया गया.
कुछ महीनो बाद पुलिस ने ही खुलासा किया कि असली दोषी अपहरणकर्ता पकड लिये गये है और शानू बेकसूर है.
जबकी शानू को प्रताडित करने के साथ साथ उसे जेल मे भी रखा गय. यह बात इस तरफ इशरा करती है कि पुलिस ने जांच निष्पक्ष तरीके से नही की और केस सुलझाने के लिये आनन फानन मे शानू को ही दोषी साबित करके उसे जेल भेज दिया.
अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि कृपया आप इस मामले को संज्ञान मे लेते हुये इस मामले की जांच निष्पक्ष कराते हुये दोषी पुलिस कर्मियो के खिलाफ मुकद्दमा दर्ज कराया जाय और शानू के समाजिक प्रतिष्ठा को ठेस पहुचाने वाले पुलिस कर्मियो को सजा दिलाया जाय और शानू को मुआवजा दिलाया जाय.
संलग्नक :
1. एफ.आई.आर की कापी
2. अमर उजाला मे छपी खबर के कापी.
भवदीय
डा0 लेनिन
महासचिव
Police ko bahut badalne ki jaroorat hai lekin in par chhap to satta ki hi rahti hai .Isliye shasan aur suraksha ke bybhar men pariwartan satta ke charitra men badlaw se hi sambhw hai .
ReplyDeleteCongrats friendz for your effort in this direction !