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Reducing police torture against Muslim at Grass root level by engaging and strengthening Human Rights institutions in India

Thursday, January 12, 2012

महाराष्ट्रा के ऎ.टी.एस. द्दारा बम विस्फोटो के सन्दिग्ध के रूप मे मुस्लिम युवको की गिरफ्तारी मे लगातार की जा रही सम्वैधानिक कानुनो की अवहेलना के सम्बन्ध में



---------- Forwarded message ----------
From: PVCHR MINORITY <minority.pvchr@gmail.com>
Date: 2012/1/7
Subject: महाराष्ट्रा के ऎ.टी.एस. द्दारा बम विस्फोटो के सन्दिग्ध के रूप मे मुस्लिम युवको की गिरफ्तारी मे लगातार की जा रही सम्वैधानिक कानुनो की अवहेलना के सम्बन्ध में
To: jrlawnhrc@hub.nic.in
Cc: akpnhrc@yahoo.com


सेवा मे,                                       7 जनवरी 2012

      अध्यक्ष,

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग

   नई दिल्ली

विषय:- महाराष्ट्रा के ऎ.टी.एस. द्दारा बम विस्फोटो के सन्दिग्ध के रूप मे मुस्लिम युवको की गिरफ्तारी मे लगातार की जा रही सम्वैधानिक कानुनो की अवहेलना के सम्बन्ध में

अभिनन्दन !!!

महोदय,

       मै, आपका ध्यान 4 जनवरी 2012 के टूसर्किल.काम की खबर " Mumbai ATS picks up four Muslim youths " पर आकृष्ट करना चाहता हुँ। [i]

        लेख है कि,  महाराष्ट्रा ए.टी.एस द्दारा बम बिस्फोट की घटनाओ मे लगातार मुस्लिम युवको को सन्दिग्ध अपराधीयो के रूप मे उठाया जा रहा है। पुलिस द्दारा युवको को गिरफ्तार (उठाते ) भारतीय सम्विधान एवम माननीय सर्वोच्च न्यायालय के हिरासत,पुछताछ एवम गिरफ्तारी के लिये दिये/जारी किये गये निर्देशो की अवहेलना की जा रही है । इसी क्रम मे मुम्बई एवम दिल्ली पुलिस द्दारा इस तरह की गैर कानुनी गतिविधिया अधिक की जा रही है। मुम्बई ए.टी.एस. इंसपेक्टर केदार पवार ने कमर आलम शेख, अब्दुल वहाब,तनवीर आलम तथा मो0 असरफ (सभी स्वामी परमानन्द इंजीयरिंग कालेज-मोहाली के बिधार्थी ) को 1 जनवरी 2012 को गिरफ्तार किया परंतु उनके परिवारवालो को सुचना नही दी । उन्होने दो दिन बाद 3 जनवरी 2012 को तनवीर आलम और मो0 असरफ को छोड दिया,परंतु अब्दुल वहाब एवम कमर आलम शेख के घर वालो को सुचना नही दी।

     पुलिस द्दारा उपरोक्त युवको को 24 घंटे के बाद भी मजिस्ट्रेट के समक्ष भी प्रस्तुत नही किया गया । कानुनी तौर पर भी पुलिस पुछताछ के लिये रिमांड पर न्यायालय की अनुमति पर ले सकती है । परंतु पुलिस द्दारा इस तरह की गैर कानुनी गतिविधिया करने से उसकी निश्पक्षता पर सवाल खडा होता है । पुलिस की इस कार्यवाही से रिहा हुए युवको का भविष्य अन्धकारमय हो गया तथा उनके कालेज व समाज मे भी उनके सम्मान को ठेस पहुचा है । पुलिस की इन गतिविधियो से मुस्लिम समुदाय के उक्त युवको एवम उनके परिवार वालो मे एक डर भी पैदा हो गया है ।

          महोदय, इस सम्बंध में निवेदन/मांग है कि पुलिस द्दारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय के डी.के.बसु गाईड लाईन का गिरफ्तारी , हिरासत एवम पुछताछ मे पालन नही करने एवम मजिस्ट्रेट के समक्ष 24 घंटे मे नही प्रस्तुत करने पर , सम्बन्धित पुलिस कर्मियो पर अपहरण का मुकद्दमा दर्ज हो तथा निर्दोष युवको को मुआवजा तथा समाज उनके सम्मान की स्थापना से सम्बन्धित कार्यवाही की जाय । कृपया, अतिशीध्र आवश्यक कार्यवाही करने का कष्ट करे सके ।  

 

डा लेनिन

(महा सचिव)

मानवाधिकार जन निगरानि समिति

एस.ए. 4 /2 ए,दौलतपुर,वाराणसी

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