PVCHR initiative supported by EU

Reducing police torture against Muslim at Grass root level by engaging and strengthening Human Rights institutions in India

Saturday, December 28, 2013

Interface and Meeting with Parliamentarians and Different Political Parties Leaders on 9 December, 2013 at Constitution Club, New Delhi

Interface and Meeting with Parliamentarians and Different Political Parties Leaders

नई दिल्ली, 9 दिसम्बर, 2013 मानवाधिकार कार्यकर्ता दिवस एवं अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस 10 दिसम्बर की पूर्व संध्या पर नई दिल्ली के रफी मार्ग स्थर्त कान्स्टीटूशन क्लब के स्पीकर हाल में मानवाधिकार जननिगरानी समिति (PVCHR) एवं ह्यूमन राईट्स ला नेटवर्क (HRLN) के संयुक्त तत्वाधान में उत्तर प्रदेश में अल्पसंख्यक मुस्लिमो के मुद्दे पर विभिन्न राजनैतिक पार्टियों एवं सांसदों के साथ संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया | इस मौके पर मुस्लिम और पुलिस : एक परिप्रेक्ष्य” (Muslim and Police : a perspective) डाक्यूमेंट्री फिल्म को रिलीज एवं “Repression, Despair and Hope” (mapping of police torture in four districts of Uttar Pradesh and strengthening human rights institutions ) Respect Survivor & Abolish Torture नामक रिपोर्ट का विमोचन किया गया | इस रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश के चार जिलो अलीगढ़, मेरठ, मुरादाबाद और वाराणसी के पुलिसिया अत्याचार के 1000 मामलों को फैक्ट फाईंडिंग का विश्लेष्णात्मक अध्ययन को प्रकाशित किया गया | इस संवाद कार्यक्रम में देश के विभिन्न राजनैतिक दलों के प्रमुख और सांसद शामिल हुए |
संवाद कार्यक्रम का विषयवस्तु मानवाधिकार जननिगरानी समिति के निदेशक डा0 लेनिन रघुवंशी ने रखते हुए बताया कि दक्षिण एशिया में अल्पसंख्यकों पर लगातार हो रहे हमले सांगठनिक हिंसा, पुलिसिया अत्याचार लोकतंत्र के ऊपर खतरा है | सांझा संस्कृति व धर्मनिरपेक्षता की परम्परा को मजबूत करने की दिशा में भारत में बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक समुदाय के मुसलमान नागरिको पर पुलिसिया अत्याचार साम्प्रदायिक हिंसा के रूप में होने वाले हमलों पर मानवाधिकार जननिगरानी समिति  एवं ह्यूमन राईट लॉ नेटवर्क द्वारा विगत 3 वषो में संयुक्त रूप से तकरीबन 1500 मामलों पर सघन फैक्ट फाईंडिंग करते हुए हस्तक्षेप किया गया है और उन तथ्यों और पैरवियो के अनुभवो  पर “Repression, Despair and Hope” विश्लेष्णात्मक रिपोर्ट तैयार किया गया | उन्ही अनुभवों को रखते हुए उन्होंने आगे बताया कि मुस्लिम और गैर मुस्लिम के एक जैसे केस थे जिसमे राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने गैर मुस्लिम को राहत पहुचाई और मुस्लिम केस में कोइ भी कार्यवाही नहीं की | यह बात राजनैतिक पार्टियों से बिलकुल अलग है क्योकि इसमे प्रशासन भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है | ये लड़ाई साधारण नहीं है | यह कौम और मुल्क को बचाने की लड़ाई है | हम लोगो ने इस लड़ाई के जरिये बनारस में दंगे नहीं होने दिया | उत्तर प्रदेश की पुलिस मुसलमानों से बिलकुल अलग व्यवहार करती है | पुलिस वाले भी इंसान है लेकिन क्या वर्दी पहनने से उनकी इंसानियत बदल जाती है |
कार्यक्रम में उपस्थित योजना आयोग की सदस्या सईदा हमीद, सभी राजनैतिक पार्टियों के प्रतिनिधि और विभिन्न दलो के सांसदों ने पुस्तक का अनावरण किया जो मुस्लिमों के उपर 1000 मामलो को एकत्रित किया है |
आज एक ख़ास दौर है जब साम्प्रदायिकता की लहर चल रही है | मीडिया को भी बदलने का प्रयास चल रहा है | लेकिन पत्रकारिता में भी कुछ ऐसे मजबूत और इमानदार लोग है जो तमाम मुश्किलों को झेलते हुए भी आज निष्पक्ष पत्रकारिता कर रहे है और समाज में उनकी एक अलग पहचान है | ऐसे ही उत्तर प्रदेश के जाने माने पत्रकार दैनिक जागरण लखनऊ के विशेष संवाददाता श्रीपरवेज अहमद और जनासंदेश टाइम्स वाराणसी के उप सम्पादक श्री विजय विनीत को उत्तर प्रदेश में अल्पसंख्यकों के मानवाधिकार उल्लंघन को रोकने के क्षेत्र में अतुलनीय प्रयास के लिए जनमित्र सम्मान से सम्मानित किया गया |
कार्यक्रम में उपस्थित सामाजिक संस्था क्राई के जनरल मैनेजर शुभेन्दु जी ने सभी का स्वागत किया और मुस्लिम बच्चों के मुद्दे संसद में उठे इस बात पर जोर दिया | मुस्लिम देश की कुल आबादी 40 प्रतिशत है, आदिवासी के बाद मुस्लिम के बच्चों में कुपोषिण की संख्या बढ़ती जा रही है | उन्होंने अपनी रिपोर्ट के आधार पर बताया कि देश में 54% प्रतिशत बच्चें 5 साल की आयु पूरी नहीं कर पाते है | 60% प्रतिशत मुस्लिम बच्चें टीकाकरण से दूर है | 8 में से 1 मुस्लिम बच्चे स्कुल से बाहर हो जाते है | मुस्लिम बच्चे साढे तीन साल के बाद गरीबी के कारण स्कुल छोड रहे है | इसलिए गुणवत्तापूर्ण सरकारी स्कूल मुस्लिम बच्चो के लिए खोला जाए | साथ ही उन्होंने यह अनुरोध किया संसद में यह मुद्दा उठना चाहिए |
कार्यक्रम में उपस्थित कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी ने सभी का इस्तकबाल करते हुए खुशी जाहिर किया कि उन्हें यहाँ बुलाया गया | ऐसा नही कि हम पहली बार एक जगह इकट्ठा बात कर रहे है | किसी राजनैतिक पार्टी के रूप में नहीं बल्कि एक भाई के रूप में दिल से बात करुगा | बड़े दुःख की बात है कि सियासी पार्टी में मुस्लिम लोगो का इस्तेमाल सिर्फ 5 वर्ष में एक बार होता हैं | इसके जिम्मेदार हम भी है | जब तक हम आंख खोल कर फैसला नही करेगें हमारे अपने हालात नहीं सुधरेंगे इस लिए आँखे खोलकर फैसला कीजिए | मेरे एक भाई कह रहे थे कि  उत्तर प्रदेश के अन्दर फर्जी मुकदमें में बन्द हुए है | हर जगह पूरे प्रदेश में यह मसला है | अगर मै गुजरात से लेकर मुजफ्फरनगर की बात करू तो आपको और मुझे बेहद तकलीफ होगी जख्मों से निकलने वाले पीप न तुम देख पाओगे न हम देख पायेगे | यह बहुत जालिम दुनिया है | कमजोर कौम कमजोर लोग कमजोर आदमी की इज्जत नही करती है | सद्दाम कमजोर था अमेरिका की ताकत मजबुत थी । खास बकरा ईद के दिन उनको फासी दी गयी | पिछले 70 साल से हमने अपने बीच से कोइ लीडर नही पैदा किया | मौलाना अब्दुल कलाम की बात अभी तक नही मानी यह कौम अपने आप को नही समझ पा रहा है |  हर कौम ने अपना लीडर पैदा किया लेकिन हमारी कौम ने कोइ भी लीडर पैदा नहीं किया | आप अपनी ताकत पैदा करे जिससे आप अपनी मुस्तकबील खुद करें।
कार्यक्रम में उपस्थित जनता दल यूनाईटेड के अली अनवर ने कहा कि जब फिल्म दिखाया जा रहा था तो ऐसा लग रहा था कि मेरे परिवार में घर की मेरे भाई की कहानी दिखाई जा रही है | हमारे मुसलमान भाई से पहले डा0 लेनिन खबर देते है | जैसे बजरडीहा में कुपोषित बच्चे मरे तो सबसे पहले डा लेनिन ने इसकी पैरवी की और मामले को प्रकाश में लाये | आजमगढ़ में ऐसे लोगों की आज जरुरत है | हमारी कमजोरी यह है कि हम मसलक में बटे है | यह बीमारी हमको अपने मुआसरे को ठीक करना है | तो जो घुन की तरह हमें चाट रही है हमे उसे छिपाना नही तथा दुसरो पर थोपना नही होगा अगर हम अपनी बीमारी छिपायेगे तो वह नासुर बन जायेगी | आपने अपने फिल्म में देखा कि किस तरह RSS और किस तरह मुस्लिम लीग बनी मजहब की बुनियाद पर मुल्क का बटवारा मत करो सरहद के इस पार कुछ उस पार सबको सियायत पाने की जल्दी है | पाकिस्तान के मुस्लिम से ज्यादा अच्छे हम हिन्दुस्तान में है | यदि मजहब के नाम पर सियासत करेगे तो हम भी खत्म हो जायेगे | सारे मुसलमान को एक करने की बात करोगे तो हिन्दु भी एक करने की बात कहेगे जज्बाती बात कहके हमको कदम नही उठाना है, नही तो सब खत्म हो जायेगा | हमे एकता की लडाई लडना है | आजादी के 65 साल में लोगों का चाल चलन और नीति देखा है | हमकों दर्द का रिश्ता कायम करना होगा हमारे जैसे और गरीब लोग चाहे वह उस धर्म का हो या किसी भी मजहब का हमे उसके साथ खडा होना है | रंगनाथ मिश्रा ने सिफारिश की है कि दलित मुस्लिम की बात कही है |
सांसद मोहम्मद अदीब जी ने कहा कि ऐसे वक्त में जब पुलिस कम्यूनल हो जाये तो इस वक्त का माहौल है कितना भयानक होगा | इस समय हालत यह है कि पुलिस किसी भी नौजवान को सन्देह के आधार पर जेल में बंद कर देती है और  15 वर्ष जेल में रहने के बाद यह सामने आता है कि इन्होंने कुछ नही किया वे निर्दोष है और उन्हें छोड़ दिया जाता है | वह 15 साल उसे कौन लौटाएगा यह कहाँ का न्याय है यह मुल्क जहन्नुम बन गया है | 65 साल के बाद भी मुजफ्फर नगर में जब दंगा हुआ तो कहा गया कि जाओं 5 लाख लो अपना बचपन और जवानी मत बचाओ | क्या आज देश में दंगे के रोकथाम के लिए कुछ नहीं किया जाएगा केवल मुआवजा के ऐलान करने के ? सपा ने कहा था कि सरकार आने के बाद स्पेशल कोर्ट बनाकर निर्दोष मुसलमान युवको को बरी किया जाएगा | हम कहते है कि अगर वह मुजरिम है तो उसे सजा दो, यदि वह निर्दोष है तो उसे जेल भेजने वाले अधिकारियो को सजा दो | हिन्दु मुस्लिम को मिलकर चलना पडेगा | 15 अगस्त की रात में मुल्क को दोनों पार्टी ने दो हिस्सा में बाटा इल्जाम हमें मिला कि हमने मुल्क को बाटा यह सियासी पार्टी हमें क्यों निचा दिखाती है | मुझे बहुत अफसोस है इस बात का कि जिन्दगी गुजर गयी | यह मुल्क हम पर ऐतबार कर ले जो हाथो के काम करने वाले थे वह घर पर बैठ गये तालीम और इज्जत में पिछड गये | कोई ऐसा महात्मा लाओं जो इस मुल्क को बचा सकें।
कार्यक्रम में उपस्थित कमाल फारुखी ने कहा कि हिन्दु और मुसलमानों में इस समय जो तकलीफ है वह दंगो के कारण है, दोनों समुदाय उतनी ही पीड़ा झेल रहा है | मुजफ्फनगर में जो इस हुकुमत में हुआ है उससे हिन्दू और मुस्लिम दोनों समुदाय परेशान है | जिनके माँ-बाप को मारा गया है जिनके बच्चियों के साथ रेप किया गया है | मुजफ्फरनगर दंगे के बाद राहत शिविर में 40 बच्चें 2 दिन के अन्दर खत्म हो गये | कुछ लोगों ने घर जाने की कोशिश किया तो उन्हें मार दिया गया | सुप्रीम कोर्ट ने सही कहा कि मुस्लिम को मुआवजा क्यों हिन्दु को क्यों नही ? गुजरात के वाक्या आज भी हमारे सामने है | फसाद कराने में जिन लोगो का नाम आ रहा है उन्हें पार्टियों द्वारा सार्वजनिक रूप से सम्मानित करके घाव को और उकेरा जा रहा है और लोगो के बीच दरार डालने का काम किया जा रहा है | मै इस मंच के माध्यम से कम्युनल वायलेंस बिल लाने का आह्वान करता हूँ यहाँ पर कई पार्टियों के सांसद मौजूद है मै उनसे अनुरोध करता हूँ कि वो सभी अपने स्तर से अपनी पार्टियों को यह बिल लाने के लिए प्रेरित करे |
कार्यक्रम में उपस्थित बसपा के वरिष्ठ नेता दद्दू प्रसाद ने कहा कि मानवाधिकार की इस दुनिया में पहली बार यह रेखा खीची 1600 वर्ष से पहले हजरत मुहम्मद साहब ने मानवाधिकार को बराबरी और 2500 वर्ष पहले गौतम बुद्ध ने खीची थी | इसलिए आज मै इस कार्यक्रम के संयोजक को सराहुँगा कि इस मौके पर जब देश में दंगे हो रहे है इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है | 600 वर्षों तक मुसलमान को हुकुमत करने का मौका मिला आज आजादी के 66 वर्ष बाद हुवही मुसलमान हुक्कमरानो के उपेक्षापूर्ण रवैये का सामना कर रहे है | जब अग्रेज देश छोड गये मुस्लिम 35 प्रतिशत नौकरी में थे आज 2 प्रतिशत हो गया है | क्या पहले योग्य थे आज अयोग्य हो गये | मुझे बहुत डर लगता है कि आप कह रहे है हमारे शिक्षा का स्तर गिरा है | जब मैं सरकारी नौकरी की बात छेडी है । तो सरकरी नौकरी रोजगार का साधन नही है | प्राइवेट में रोजगार है | भारत के व्यूरोक्रेसी में सरकारी नौकरी में केवल रोजगार नही सत्ता में बराबर का हक से है | मोहम्मद साहब ने यह पैगाम हिन्दुस्तान को दिया जो जिल्लत है जिन्दगी से छुटकारा पाने के लिए कलमा पड़कर कबुल किया | मैं जिस दल से मतलब रखता हूँ काशीराम जी ने कहा कि तुम जिसका गला काटने जा रहे हो वह तुम्हारे भाई है | माइनारिटी स्पेशल एक्ट बनाया जाय | हमारे प्रशासन और शासन के अन्दर सही नुमाइन्दे नेचुरल लीडर को हटा दिया जाता है | चापलुस को चमचे को जीता दिया जाता है | दंगा, गरीबी, अशिक्षा जो हमारी समस्या है | हमारी शासन प्रशासन में भागीदारी है | शिक्षा में भी हमें खड़ा होना है |
कार्यक्रम में उपस्थित भारत के सुप्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता व राईट लावालीहुड अवार्ड विजेता स्वामी अग्निवेश ने कहा कि जब मै बिस्मिल्लाह हिररहमाने रहीम कहता हूँ तो कुछ लोग कहते है कि ॐ भुर्वभुवस्व: क्यों नहीं कहते | मै कहता हूँ दोनों का मतलब एक ही है | दाढ़ी आगे होती है तो मुस्लिम और पीछे हो तो हिन्दू | मैं अपने को हिन्दु नही कहता है मै मानवतावादी हूँ वेदो उपनिवेषों से यही प्रेरणा मिली है कि इंसान को इन्सान समझो | मैं पत्थर के खदानों में काम करता हूँ बधुआ मजदूरो को छुडाता हूँ | हम गरीबों की आवाज उठाने के लिए आगे आये | शाम को जब माँ बच्चें को गोद मे लेती है बच्चा रोता है तो माँ बोलती है कि आज मजदूरी नही मिली है इसलिए कल रोटी मिलेगी | माँ मैं तुमसे रोटी मांगता हूँ तो तुम मुझ को मारती हो माँ का दिल उस समय हिन्दु और मुस्लिम का दिल नहीं होता वह तो बस रोता है | मुझे लगता था इनकलाब आएगा लेकिन अभी सब अलग है दूर-दूर है | मै सब जगह जाता हॅू और देखता हॅू कि गरीब के साथ हर जगह जुल्म होता है | अम्बडे़कर जी कहना है कि गुलामी को सिर्फ थोड़ी सी उनकी गुलामी के बारे में बता दो तो वह लोहा बनकर खडें हो जाये | जब मजहब के नाम नेता बनेंगे तो हमें धोखा मिलेगा। जिन-जिन लोगों ने वादा किया था कि हम जात पात मिटा देगें वह भी नहीं कुछ कर पाये काफी गैप हो गया | इसी तरह मुसलमानों में भी  एक होने की बात कही गयी लेकिन सिर्फ नमाज में ही उन्हें बराबरी का दर्जा मिलता है बाहर आकर इसी तरह वह बता देता कि उनमें कितना फर्क है | दलित ईसाई की बात हमने सुनी लेकिन दलित मुसलमान अभी तक नहीं सुना | राशिद अल्वी ने कहा कि तुम मुसलमानों को अपना नेता चुनो बहुत नेता चुना अब्दुल कलाम के बाद कोई और नेता नहीं चुना | सूरज की धूप के सबके लिए बराबर है जिस हवा में आप सास लेते है सब बराबर है जो कुदरत की चीज है उसमें जो आदमी बनाता है वहीं उसे बाटता है | 4 नवम्बर को मुजफ्फरनगर में गया 75% मुसलमानो की हालत को बिगाड़ा गया | आप जानते है कि कौन हिन्दु और मुस्लिम की पार्टी है | हमे और आपको मिलकर इस गन्दी सियासत को नकार सकते है | 20 साल हो गये मालयाना,  मेरठ में 45 प्रतिशत मुसलमानो को PSC ने नहर के पास गोली मारकर उड़ाया | अभी तक केस चल रहा है कोई न्याय नहीं मिला | हम लोगो ने मानवता को बचाने और आपसे प्रेम बढाने के लिए 1 जनवरी से मानव श्रृखंला हरिद्वार से दिल्ली तक बनाने का फैसला किया है | जिन्होंने सियासत की रोटी मुजफ्फरनगर में सेकी है उन्हें हम रिजेक्ट करने का तरीका अपनायेंगे |
                कार्यक्रम में उपस्थित शफीकुर्ररहमान ने कहा कि इस सच्चाई से कोइ इन्कार नहीं कर सकता कि मुस्लमानों के साथ नाइसाफी होती है | मुजफ्फरनगर में जो हुआ वह सबके सामने है मौजुदा हालत इस बात की मुस्तजबी है जब तक हम अपना मुस्तजबी नहीं बनाये मुसलमानों का नुकसान 100 प्रतिशत हुआ | ऐसे लोग है जिनके पास सोने के लिए मकान नहीं है और न खाने के लिए रोटी और न पहनने के लिए कपड़ा ही है | मुसलमानों को साथ लिए बिना देश नहीं चल सकता | देश की आजादी के लिए मुसलमानों ने भी बहुत कुर्वानिया दिया है | हमसे वाफादारी का सर्टीफिकेट माँगा जाता है हमने कभी नाइंसाफी नहीं की |
कार्यक्रम में उपस्थित चिन्तन सभा के माध्यम दीपक मिश्रा ने कहा कि हर दृष्टिकोण से बहुत बाते रखी गयी न तेरा है न मेरा है यह हिन्दुतानी सब का है | 21वीं सदी मे हम आ गये आज भी पाकिस्तान, अफगानिस्तान बम बनाता है और अमेरिका और जर्मनी में फटता है | मौलाना अब्दुल के किताब में कहा गया था कि हमें अपने आप को बदलना होगा अस्फाक उल्लाह, राम प्रसाद बिस्मिल मुसलमान के पूरखे थे | सत्ता का एक चरित्र होता है और एक चेहरा होता है जो एक अच्छा इंसान नहीं हो सकता है जो अच्छा हिन्दू और मुस्लिम नहीं हो सकता है | कहा है कि आज हिन्दुतान 135 देशों से पीछे है लेकिन जनसंख्या के हिसाब से दुसरे स्थान पर है अगर आप धर्मनिपेक्ष नहीं है तो एक अच्छे देश की कल्पना नहीं कर सकते है |  बहुत ऐसे मुस्लिम है जो हमारे दोस्त है दुनिया के किसी हिस्से में दर्द हो उसे हमें महसूस होना चाहिए | भगत सिंह से कहा गया फासी पर चढ जाओंगें कल का सूरज नहीं देख पाओगें तब वह बोले कि कल के बच्चों को सूरज दिखाएगें जब तक गरीब और अमीर की बीच की दूरी नहीं खत्म होगी तब तक अच्छा हिन्दुतान नहीं बनेगा।
कार्यक्रम में उपस्थित समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व उत्तर प्रदेश शासन में टेक्नीकल एजुकेशन एड्वाईसरी बोर्ड के अध्यक्ष बहादूर सिंह यादव ने कहा कि बहादूर शाह जफर की भी बात आयी और सम्प्रदायिकता की भी बात आयी | यदि धर्म के आधार पर यह राष्ट्र बनता है तो ईराक और ईरान एक धर्म के मानने वाले देश है वहा पर कितनी लड़ाई हुई कितने बच्चें दफ़न हुए | 1965 में जब भारत और पाकिस्तान की लड़ाई हो रही थी तो गाजीपुर के वीर अब्दुल हमीर अपने देश के लिए लड़ रहे थे | डा0 लोहिया ने कहा था कि बलिदान और राहत की आधी जहाँ चलेगी विकास वहीं होगा |
कार्यक्रम में उपस्थित सीपीआई के वरिष्ठ नेता व राष्ट्रीय सचिव अतुल अंजान ने कहा कि सभी राजनैतिक साथियों ने कुछ न कुछ मुद्दो को रेखांकित किया परन्तु मानवाधिकार को जानना भी बहुत जरूरी है | 67 साल की आजादी के बाद उत्तर प्रदेश से 68 मुस्लिम नेता चुने गये तो क्या हालत सुधर गये इसकी वजय क्या है ? जजबात की बात बहुत बार होती है मै इसे महत्व नहीं देता हॅू | मेरठ में कैची उद्योग क्यों खत्म हो गया है, मुरादाबाद में नक्काशी क्यो खत्म हो गयी, फिरोजाबाद की चूड़ी, अलीगढ़ की ताला क्यों बंद हो गया उसका लिंक नहीं मिल रहा है जो करधे पर हाथ चलाता था वह कहा चला गया | अगल-बगल सब चारो तरफ देशो से घिरे है जो धर्म आधारित है आखिर कब तक हम इससे बचेगें हम सबने मिलकर ब्रिटिश सामाराज्य के खिलाफ जो लड़ाई लड़ी लड़ी वह आज बट गयी है | हिन्दुस्तान का बटवारा बहुत आसानी से नहीं हुआ था जिसे हम आज झेल रहे है |
कार्यक्रम के अंत में डा0 महेन्द्र प्रताप जी ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि हम इसी एकजुटता से इस लड़ाई और संघर्ष को जारी रखेगे |
कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार व अवधनामा के वरिष्ठ सम्पादक उत्कर्ष सिन्हा जी एवं परमार्थ के संस्थापक श्री संजय सिंह ने किया |













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