सेवा में, दिनांक 5 जनवरी, 2013
श्रीमान् अध्यक्ष महोदय,
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,
नई दिल्ली।
विषय:- वाराणसी जिले के वरुणा नदी में प्रदूषण और प्रसाशन की लापरवाही के
कारण जानलेवा बिमारियों का शिकार होने के बाद बुनकर परिवारों के
महिलाओं एवं बच्चों की हो रही मौत के सन्दर्भ में।
महोदय,
उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में वरुणा नदी के किनारे दीनदयालपुर क्षेत्र में बुनकर बाहुल्य क्षेत्र है जहाँ एक तरफ बुनकरी से जुडे छोटे मोटे कार्यो के जरिये आजिविका कमा रहे है, वही कुछ परिवार रिक्शा चलाकर ठेला या खोमचा लगाकर अपनी आजिविका किसी तरह-तरह चला रहे है | ये परिवार हाडतोड़ मेहनत के बाद भी इतना नही कमा पाते कि अपने परिवार का पेट भर सकें। ऐसे में दवा इलाज करने पौष्टिक आहार का उपलब्ध हो पाना मुश्किल है, ऐसी परिस्थिति में ये गरीब मुस्लिम परिवार वरुणा नही के प्रदूषण के प्रकोप टी0बी0, दमा, चर्म रोग जैसी गम्भीर बिमारियों का शिकार हो जा रहे है, आखों में जलन, पानी बहना इस क्षेत्र में एक हफ्ते के बीच एक ही परिवार के दो सदस्य शाहिदा (उम्र-22 वर्ष), वसीम (उम्र-11 वर्ष) की मौत हो गयी | बुनकर मुख्तार अहमद (उम्र-38 वर्ष) के बिमारी से आखों की रोशनी मंद पड रही है। चिकित्सा विभाग इस मौतों के बाद आज भी इन परिवारो के लिये सचेत नही हुआ हैं।
श्रीमान् महोदय, से अनुरोध है कि घटना को संज्ञान लेकर जिससे अविलम्ब जॉच कराते हुये उन्हे निःशुल्क चिकित्सिय सुविधा उपलब्ध कराने एवं वरुणा नदी के प्रदूषण को रोकने के स्थायी उपाय किये जाए। इन बुनकर परिवारों के महिलाओं और बच्चों के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन जीने के अधिकारों की रक्षा हो सकें।
भवदीया
श्रुति
मैनेजिंग ट्रस्टी
मानवाधिकार जननिगरानी समिती,
सा 4/2 ए, दौलतपुर, वाराणसी, उत्तर-प्रदेश
+91-9935599330
No comments:
Post a Comment