PVCHR initiative supported by EU

Reducing police torture against Muslim at Grass root level by engaging and strengthening Human Rights institutions in India

Friday, June 29, 2012

प्रतापगढ जिले के नवाबगंज थाना क्षेत्र के अस्थान गाव मे हुये दलित बालिका के साथ गैंग रेप और हत्या के बाद पुलिस की भूमिका की वजह से दो सम्प्रदाय मे खून-खराबा और आगजनी के साथ स्थिति तनावपूर्ण होने व गाव वालो के पलयान करने के सम्बन्ध मे।

सेवा मे,

माननीय मुख्य मंत्री महोदय,

उत्तर प्रदेश शासन,

लखनऊ।   

विषय : प्रतापगढ जिले के नवाबगंज थाना क्षेत्र के अस्थान गाव मे हुये दलित बालिका के साथ गैंग रेप और हत्या के बाद पुलिस की भूमिका की वजह से दो सम्प्रदाय मे खून-खराबा और  

आगजनी के साथ स्थिति तनावपूर्ण होने व गाव वालो के पलयान करने के सम्बन्ध मे।

महोदय,

आपका ध्यान प्रतापगढ जिले के नवाबगंज थाना के अस्थान गाव मे हुये दलित बालिका के साथ गैंग रेप और हत्या की तरफ आकर्षित कराना चाहता हू कि अस्थान गाव के निवासी राम सजीवन का परिवार रहता था। राम सजीवन दिल्ली मे नौकरी करता था। गाव मे उसकी पत्नी सुनीता थी दिनांक 20 जून 2012 को सुनीता गाव के समीप स्थित डिहवा जंगल मे बकरी चराने गयी थी। शाम लगभग 6 बजे उसकी बेटी रेखा जो 11 वर्ष की थी और कक्षा 4 की छात्रा थी अपनी मा को बुलाने डिहवा जंगल की ओर गयी। इसी दौरान सुनीता दूसरे रास्ते से घर पहुच गयी। रेखा को जंगल मे अकेला देख कर कुछ युवक ने उसे दबोच लिया और मुह मे कपडा ठूस कर बारी-बारी से उसके साथ बलत्कार किया। भेद खुलने के डर से बालिका की हत्या कर शव जंगल मे फेक दिया और फरार हो गये। देर शाम तक रेखा के घर न लौटने पर उस्की मा और अन्य ग्रामीण ने उसकी खोज शूरू की लेकिन उसका पता कही नही चला। गाव की चान्दनी पुत्री रामदेव एव् ज्ञानेन्द्र ने जंगल की ओर से शाम के समय चार युवको को भागते देखा जिसकी पुष्टी उन लोगो ने पुलिस के सामने भी की थी। काफी रात तक खोजने के बाद भी रेखा का कुछ पता नही चला। सुबह पुनः खोज शुरू हुयी तो गाव के ही श्यामलाल के ट्युबेल के समीप जंगल मे रेखा का शव पडा मिला। गले मे नारे से फन्दा लगा हुआ था तथा उसका ही कपडा मुह मे ठूंसा हुआ था। बडी संख्या मे ग्रामीण जमा हो गये और पुलिस को इसकी सूचना दी। स्थानीय पुलिस के साथ ही एस पी ओ पी सागर और सी ओ वी एस राणा भी पहुंचे तथा ग्रमीणो से पूछ ताछ के आधार पर भागते देखे गये युवको को हिरासत मे ले लिया। मगर बाद मे उन्हे छोड दिया। घटना से ग्रामीणो मे भारी आक्रोश है। गाव ही नही दूसरे गांव के लोगो ने नाराजगी जताई। साथ ही यह भी आरोप लगाया कि मृतका के भाई समरजीत पर दबाव डालकर पुलिस ने नामजद तहरीर बदलवाकर अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली। वे सभी चारो आरोपी मुस्लिम समुदाय से थे।

जिससे गुस्साये ग्रामिणो ने मुस्लिम बस्ती मे घुस कर तोड-फोड, मार-पीट और आगजनी की। जिससे पूरा गांव दहशत मे है औरतो और बच्चो के साथ भी मार पीट की गयी। जिसके बाद वहा साम्प्रदायिक हिंसा जैसी स्थिति पैदा हो गयी इस सब की जिम्मेदार पुलिस के उपर भी ग्रमीणो ने हमला बोल दिया। जिसे देखते हुये प्रसाशन ने वहा पर अतिरिक्त पुलिस फोर्स तैनात कर दिया। इस मामले के तूल पकडने पर पुलिस ने कुछ लोगो के खिलाफ आगजनी और मार पीट का मामला दर्ज किया।

यदि उन सभी के नाम पर गौर करे तो उनमे अधिकतर पंडित ही दिखायी दे रहे है। जिससे यह लग रहा है कि यह हमला जान बूझ कर किसी सजिश के तहत किया गया है।

इसके बाद भी पुलिस धर पकड के नाम पर शाम होते ही घरो मे घुसकर वहा की महिलाओ के साथ बदसलूकी कर रही है। काफी गांव वाले गांव छोड कर पलायन कर चुके है। बहुत से मुस्लिम परिवार अभी भी अपना घर छोड कर कही अन्य जगह रहने को मजबूर है।

यदि पुलिस ने कार्यवाही मे लापरवाही न की होती तो यह घटना नही होती। इस घटना की पूरी जिम्मेदार सीधे तौर पर पुलिस ही है और इतनी बडी घटना होने के बाद भी पुलिस अभी भी अपने जिम्मेदारी को सही तरीके से नही निभा रही है और निर्दोष ग्रमीणो और उंके परिवार वालो को परेशान कर रही है औरतो के साथ बदसलूकी कर रही है।

अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि इस घटना की उच्च स्तरीय जांच कराते हुये दोषी पुलिस कर्मी और अन्य के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कराने का निर्देश दे और साथ ही घटना मे पीडित लोगो को मुआवजा दिलाने की कृपा करे।

संलग्नक : अखबार मे छपे खबर की प्रतिलिपी

 

 

 

 

भवदीय

डा0 लेनिन

महासचिव

मानवाधिकार जननिगरानी समिती

        



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