PVCHR initiative supported by EU

Reducing police torture against Muslim at Grass root level by engaging and strengthening Human Rights institutions in India

Wednesday, December 21, 2011

बेगुनाह मो0 अकरम को 24 घंटे अधिक समय तक पुलिस हिरासत मे रखकर बुरी तरह से पीटने के समबन्ध मे

---------- Forwarded message ----------
From: PVCHR MINORITY <minority.pvchr@gmail.com>
Date: 2011/12/21
Subject: बेगुनाह मो0 अकरम को 24 घंटे अधिक समय तक पुलिस हिरासत मे रखकर बुरी तरह से पीटने के समबन्ध मे
To: jrlawnhrc@hub.nic.in, akpnhrc@yahoo.com
Cc: DIG Varanasi <sspvns-up@nic.in>, digcomplaint-up@nic.in, IG Zone Police Varanasi <igzonevns-up@nic.in>, igzonevns@up.nic.in



सेवा मे,                                                 21 दिसम्बर 2011

      अध्यक्ष,

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग

   नई दिल्ली

विषय:- डी.आई.जी.-वाराणसी से शिकायत करने पर बजरडीहा पुलिस चौकी ईंचार्ज रमाकांत यादव द्दारा मो0 अकरम की पुलिस हिरासत मे 24 घंटे से अधिक समय तक खम्भे से बाँध कर पीटने के सम्बन्ध में



महोदय,

           लेख है कि, उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले मे बजरडीहा चौकी, भेलुपुर थाना की पुलिस द्दारा कार्यवाही नही करने पर डी.आई.जी. से शिकायत करने के कारण बजरडीहा निवासी मो अकरम को स्थानीय चौकी प्रभारी रमाकांत यादव ने चौकी मे बाँध कर 24 घंटे से अधिक पिटाई की फिर उनका चालान कर दिया । विदित है कि, पीडि़त मुहम्मद अकरम पुत्र मो0 सुलेमान एन0 13/203 सी महफूजनगर बजरडीहा थाना-भेलूपुर, वाराणसी मे किराये पर रहते है । मो0 अकरम एवम मकान मालिक मोहम्मद मोहसिम पुत्र मो0 कयूम के बीच मुकदमा न्यायालय में विचाराधीन है। 14 नवम्बर 2011 को सुबह मकान मालिक मोहसिम अहमद पीडि़त के घर आया और तत्काल मकान खाली नही करने पर मार-पीट की अंजाम भुगतने की धमकी देने लगा, मो0 अकरम ने कुछ दिनों की मोहलत मांगी तो मो0 मोहसिम ने घर के बिजली का कनेक्शन काट दिया पुलिस से पिटवाने की धमकी दी। पुर्व मे स्थानीय पुलिस के असहयोगात्मक रवैया एवम मो0 मोहसिम की स्थानीय पुलिस के साथ समबन्धो को देखते हुए पीडि़त ने मारपीट और धमकी की शिकायत 15 नवम्बर 2011 को डी.आई.जी.-वाराणसी से की । पी.आर.ओ. (डी.आई.जी. कार्यालय) बजरडीहा चौकी पर कार्यवाही हेतु बात की तथा मो0 अकरम को बजरडीहा  पुलिस चौकी पर भेजा और कार्यवाही नही होने पर पुन: यहाँ आने या सुचना देने को कहा । पीडि़त जैसे ही घर पहुचा घर पहुँचा तो पता चला कि बजरडीहा पुलिस चौकी से दो सिपाही आये थे और तत्काल चौकी पर बुलाये है । पीडि़त शाम को अपनी पत्नी के साथ पुलिस चौकी बजरडीहा गया तो वहाँ पहले से ही मकान मालिक मोहसिन महताब व पुलिस मुखबीर एवम स्थानीय गुंडा मुसा चौकी इंचार्ज रमाकान्त यादव के साथ बैठकर बात चीत कर रहे थे। रमाकांत यादव ( चौकी इंचार्ज) ने पीडि़त को रुकने एवम पीडि़त की पत्नी को गाली देकर घर भगा दिया । पीडि़त को वो लोग भेलुपुर थाने पर आये, थाने पर आते ही चौकी इंचार्ज रमाकान्त यादव ने पीडि़त के गाल पर कई थप्पड़ जड़ दिये । उन्होने मो0 अकरम को खम्भे से बाँध दिया एवम लाठी से पीठ , कमर और कमर के नीचे(चुतड) पर बेतहाशा मारना शुरु कर दिया । पीडि़त को पुरी रात इसी तरह कई बार बुरी तरह मारा-पिटा गया।

दूसरे दिन पीडि़त का धारा 107/116/151  के अन्तर्गत  चालान कर दिया गया। शाम को पीडि़त की जमानत हो गयी । उसी दिन मो0 मौसिम व गुण्डे महताब, मुशा व अन्य के साथ पीडित की पत्नी व बच्चो के साथ बदतमीजि , मार-पीट की और मकान के एक हिस्से की दिवार गिरा दी । उसने धमकी दी कि जल्दी से मकान खाली कर दो नही तो चौकी इंचार्ज से बोलकर अबकी हिरोइन और कट्टा दिखाकर पुरी जिन्दगी जेल मे कटवा दूँगा, ज्यादा उडे तो जान से मरवा दुँगा मैने पुलिस को इतना पैसा दे दिया हूँ कि मैं जो बोलूँगा वही होगा। पीडि़त ने हिम्मत जुटाकर  22 नवम्बर 2011 को अपनी पुलिस के मारपीट के दौरान लगी चोटो का मेडि़कल मुआयना कराया और डी.आई.जी. वाराणसी से शिकायत की । मो0 अकरम तथा उनका परिवार मकान मालिक व चौकी इंचार्ज बजरडीहा, रमाकान्त यादव तथा पुलिस मुखबीर महताब,मुसा आदि के इस कृत्य एवम भविष्य में भी किसी अनहोनी घटना की आशंका तथा पुलिस अधिकारियो द्दारा सहयोग नही करने के कारण डरा व सहमा हुआ है।

        महोदय , चौकी ईंचार्ज रमाकांत यादव द्दारा बेगुनाहो की रक्षा के बजाय दोषीयो के साथ मिलकर गैर कानुनी कृत्य करना उनके वैधिक जिम्मेदारी एवम डी.के.बसु के समबन्ध मे माननीय सर्वोच्च न्यायालय के दिये निर्देशो के खिलाफ है । स्थानीय पुलिस एवम मो0 मौसिम आदि दोषियो पर अपराधिक मुकद्दमा दर्ज किया जाय । घटना की स्वत्ंत्र जांच करायी जाय तथा पीडित एवम उसके परिवार को सुरक्षा एवम मुआवजा दिया जाय । महोदय से अनुरोध है कृप्या अतिशीध्र कार्यवाही करे जिससे पीडित को शीध्र न्याय मिल सके जिससे आम आदमी के अधिकारो एवम न्याय व सविधान मे आस्था बनी रहे ।

भवदीय



डा लेनिन

(महा सचिव)

मानवाधिकार जन निगरानि समिति

एस.ए. 4 /2 ए,दौलतपुर,वाराणसी

  मोबा.न0:+91-9935599333








Sign of police brutality on a Muslim

PVCHR: Merry Christmas

PVCHR: Merry Christmas: Dear All, This Christmas, on behalf of all the marginalized people we work with, we would like to say a huge thank you for your support. ...

"To get in touch with the many problems, still existing in Indian society, this Brochure should be a Symbol to “feel” and don’t forget, what’s still worth to fighting for – the beauty and variety of India and its people. Don’t leave them behind!" – Dr. Lenin Raghuvanshi, CEO PVCHR

Friday, December 9, 2011

Convention of human right defenders held



http://timesofindia.indiatimes.com/city/varanasi/Convention-of-human-right-defenders-held/articleshow/11049967.cms

VARANASI: On the eve of Human Rights Day (December 10), a convention of human right defenders was held at Paradkar Bhawan by the People's Vigilance Committee on Human Rights (PVCHR) on Friday.

Addressing the convention, the speakers expressed concern on the increasing threats to human right defenders. The state president of People's Union for Civil Liberties (PUCL), Chittaranjan Singh, advocated for proper security to human right activists and said the state and democratic forces should come forward for their protection and establish rule of law. The people should be informed about the Human Rights Day and Human Rights Defender's Day to know their rights, he said. Speaking on the occasion, other speakers also pointed out the cases of human rights violation by police. They also condemned the life threat given to PVCHR general secretary Lenin Raghuvanshi.

The National Human Rights Commission (NHRC) in its message believes that December 9, which is the day when the Declaration on Human Rights Defenders was adopted by the United Nations on December 9, 1998, be declared as Human Rights Defenders Day to acknowledge and pledge continued support to the human right defenders who are working for the creation and sustenance of a rights aware and rights respecting civil society.

The message of NHRC was also circulated on the occasion. According to NHRC message, the nation as well as international community around the world are increasingly realising and acknowledging the role and contribution of human rights defenders in strengthening the human rights regime throughout the globe. The NHRC considers the human rights defenders as its partners in the endeavour to fulfill its role as an institution for promotion and protection of rights of common man. The NHRC understands that there are many security risks for human rights defenders and they have to tread a very risky and difficult path to perform their tasks. The problems and harassment of the human rights defenders are in the knowledge of the NHRC and it has always made sincere efforts to ameliorate the problems.

The inaugural session was followed by the testimonials of human rights defenders. Many human rights defenders including Duryodhan Reddy from Orissa, Mahatm Mushahar from Jaunpur, Mangala Rajbhar from Varanasi, Mohammed Salim Ansari from Mordabad, Ram Kripal and Muharram Ali from Ambedkar Nagar and Managal Singh from Mahoba were also felicitated on the occasion for their works. The PVCHR will also organise rally and a march at the district headquarters on Saturday on the Human Rights Day.




Monday, December 5, 2011

गौहर अजीज खुमानी के गिरफ्तारी मे दिल्ली पुलिस द्दारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशो की अवहेलना करने के सम्बन्ध में



---------- Forwarded message ----------
From: PVCHR MINORITY <minority.pvchr@gmail.com>
Date: 2011/12/6
Subject: गौहर अजीज खुमानी के गिरफ्तारी मे दिल्ली पुलिस द्दारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशो की अवहेलना करने के सम्बन्ध में
To: jrlawnhrc@hub.nic.in
Cc: akpnhrc@yahoo.com


सेवा मे,                                                 6 दिसम्बर 2011

      अध्यक्ष,

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग

   नई दिल्ली

विषय:- गौहर अजीज खुमानी के गिरफ्तारी मे दिल्ली पुलिस द्दारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशो की अवहेलना करने के सम्बन्ध में

अभिनन्दन !!!

महोदय,

       मै, आपका ध्यान 3 दिसम्बर 2011 के टुसर्किल.नेट की खबर " Police violated Supreme Court guidelines while arresting terror accused " पर आकृष्ट करना चाहता हुँ.[i] http://twocircles.net/2011dec03/police_violated_supreme_court_guidelines_while_arresting_terror_accused.html

        लेख है कि,  दिल्ली एवम अन्य जगहो पर हुए बम विस्फोट की साजिश मे दिल्ली पुलिस शक के आधार पर लोगो को (विषेशकर मुस्लमानो को) उठा रही है । इसी प्रकरण मे दिल्ली पुलिस ने गौहर अजीज खुमानी, सामाजिक कार्यकर्ता एवम व्यावसायी को कथित इंडियन मुजाहिद्दिन को वित्तीय सहायता पहुचाने के लिये उठाया है । एक सप्ताह बाद भी पुलिस ने गौहर के घरवालो या रिश्तेदारो को उठाये जाने (गिरफ्तारी) की सुचना नही दी । दिल्ली पुलिस का यह कृत्य माननीय सर्वोच्च न्यायालय के डी.के.बसु बनाम पश्चिम बंगाल केस मे जारी निर्देशो का उलंघन है।

          महोदय, इस सम्बंध में निवेदन/मांग है कि पुलिस द्दारा गौहर के घर वालो को सुचित नही करना गैर कानुनी कृत्य है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशो का पालन नही करने वाले पुलिसकर्मियो पर कार्यवाही की जाय। कृपया, अतिशीध्र आवश्यक कार्यवाही करने का कष्ट करे ।  

 

डा लेनिन

(महा सचिव)

मानवाधिकार जन निगरानि समिति

एस.ए. 4 /2 ए,दौलतपुर,वाराणसी

  मोबा.न0:+91-9935599333

pvchr.india@gmail.com

www.pvchr.org

www.pvchr.net

 







लेनिन रघुवंशी को मिली जान से मारने की धमकी

http://www.sarokar.net/2011/12/%e0%a4%b2%e0%a5%87%e0%a4%a8%e0%a4%bf%e0%a4%a8-%e0%a4%b0%e0%a4%98%e0%a5%81%e0%a4%b5%e0%a4%82%e0%a4%b6%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%ae%e0%a4%bf%e0%a4%b2%e0%a5%80-%e0%a4%9c%e0%a4%be%e0%a4%a8/

Thursday, December 1, 2011

Death threats to human rights defender Dr. Lenin Raghuvanshi

http://smashfascism.net/archives/849

Death threats to human rights defender Dr. Lenin Raghuvanshi

 
Death threats to human rights defender Dr. Lenin Raghuvanshi | TwoCircles.net
 
http://twocircles.net/2011dec01/death_threats_human_rights_defender_dr_lenin_raghuvanshi.html
December 1, 2011

By TCN News,

Varanasi: Eminent human rights activist and Secretary General of Peoples' Vigilance Committee on Human Rights (PVCHR), Dr Lenin Raghuvanshi has received threat calls from one J.P. Mishra, a resident of Gorakhpur. Dr. Lenin is pursuing the case of murder of one Sohrab Ahmed, also resident of the same district. Regarding the murder, Dr. Lenin in August this year had written to Uttar Pradesh Governor, NHRC and others highlighting anti-Muslim activities of Hindu Wahini group supported by Gorakhpur BJP MP Yogi Adityanath.

Talking to TCN, Dr. Lenin said the caller described himself as J.P. Mishra and resident of Gorakhpur and connected with goons. He perceived him (Dr Lenin) as a government officer. In the first call, the caller gave threats and next he gave some missed calls.


Sohrab Ahmed

On 29th November, 2011 around 5:27 pm Dr. Lenin received threatening call from a mobile number on his mobile. The caller was using filthy words after using the words Human Rights. He also gave life threat saying "You will be towed" and "if you speak too much you will be shot out". At that time, Dr. Lenin was busy in the meeting with its associates in his office.

At mean time around 5: 42 pm Dr. Lenin immediately released an urgent release in facebook. Around 6:22 pm Dr. Lenin rang on the caller's number but he did not receive any response from that side. Then again he ranged this time he succeed to know the identity of the caller. The caller said, "My name is J.P. Mishra, I am resident of Gorakhpur. You did not know about my power. I can do anything. Son, I have relation with many person you know Tulsi Singh. Now you understand what type of person I am. I lived in Mumbai I can do anything. If you are Governor or Chief Minister of the state, understand I have worth to do anything. Then he threat what is your worth monthly earning of only 10 thousand and 20 thousand". The caller was speaking in Bhojpuri mixed Hindi language.

Immediately letter through email was sent to Chairperson, National Human Rights Commission and Director General of Police and on 30th November, 2011 same letter was sent through post.

It is noted that in the wake of Dr Lenin's letter dated 4th August 2011, Governor, Uttar Pradesh had asked the chief secretary to look into the murder case. And later an enquiry was conducted under the supervision of state DGP.

Mr Mritunjay, office in-charge of PVCHR, gave details about Sohrab's case to TCN. Sohrab Khan, son of Jameel Khan, was murdered in the intervening night of 23-24 March 2011. He was coming home from Haryana to attend a marriage ceremony scheduled at home on 26th March. Till 10 pm he was in contact with his brother at home. At that time he was at Bargadwan area of the district. Then his mobile went silent. Next day the family members went out in search of him. Local police first asked them to look for him at auto stands and elsewhere but meanwhile a low-level policeman told them about a dead body found early morning on that day. When they asked the station in-charge about the dead body, then he showed them his picture and they identified him.

According to Mirtunjay, the area where Sohrab was killed is the stronghold of Hindu Vahini and Muslim can't dare to entre those areas after sunset. He said many such incidents have occurred with Muslims in recent past.

He further said that Hindu Vahini has full support of the BJP MP. When any member of the group is caught by police for any wrongdoing, the MP calls or appears at the police station and threatens them and secure release of Vahini member.