PVCHR initiative supported by EU
Friday, June 28, 2013
PVCHR Receive response from Uttar Pradesh Congress Committee in Multi -stakeholder consultation in support of survivors of torture programme at Lucknowon 26 June, 2013
During half an hour many cases of communal riots, police firing, police torture were discussed and also discuss the fake case against Lenin Raghuvanshi and Shruti Nagvanshi. We received pro -human support
Wednesday, June 26, 2013
मुख्यमंत्री कार्यालय से पूर्व निर्धारित मीटिंग के तहत आज दोपहर 2 बजे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय श्री अखिलेश यादव के आवास (5 कालिदास मार्ग) पर मानवाधिकार जननिगरानी समिति के महासचिव डा0 लेनिन सहित आठ सदस्यों का प्रतिनिधि मण्डल मिलकर उनसे लगभग आधे घंटे तक मुलाक़ात कर बात-चीत किया | इस बात-चीत में प्रतिनिधियों ने उत्तर प्रदेश में मुसलमानों पर पुलिस यातना और दंगो में प्रताड़ित मुसलमानों के 40 केस उन्हें सौपा जिसपर उन्होंने त्वरित कार्यवाही का आश्वासन दिया | इसके साथ ही माननीय मुख्यमंत्री व पुलिस महानिदेशक उत्तर-प्रदेश श्री देवराज नागर ने डा0 लेनिन व अन्य 5 लोगो के ऊपर पूर्व में सन 2007 में 505 B के तहत लगे फर्जी मुकदमे व अभी वर्तमान में डा0 लेनिन व श्रुति पर लगे फर्जी मुकदमे की अपने स्तर से जांच कराकर तुरन्त कार्यवाही हेतु आश्वासन दिया | इसके साथ ही उत्तर-प्रदेश राज्य सरकार द्वारा बुनकरों के बिजली बिल माफी का आदेश होने के बावजूद भी बुनकरों का उत्पीडन किया जा रहा है इस विषय पर माननीय मुख्यमंत्री महोदय ने काफी गंभीरता से इस मामले की जांच की बात कही |
भवदीय
अनूप श्रीवास्तव
सीनियर मैनेजर
मानवाधिकार जननिगरानी समिति
+91-9935599335
प्रकाशनार्थ
Thursday, June 20, 2013
My statement before my death
Tuesday, June 11, 2013
वाराणसी निवासी अब्दुल कलाम उर्फ़ सुन्दर को पुलिस द्वारा बिना किसी अपराध के फर्जी केस में फ़साने के सन्दर्भ में |
सेवा में. 11 जून, 2013
माननीय प्रधानमंत्री महोदय ,
भारत सरकार,
नई दिल्ली |
विषय : वाराणसी निवासी अब्दुल कलाम उर्फ़ सुन्दर को पुलिस द्वारा बिना किसी अपराध के फर्जी केस में फ़साने के सन्दर्भ में |
महोदय,
आपको यह अवगत करना कि पीड़ित अब्दुल कलाम उर्फ़ सुन्दर पुत्र श्री अब्दुल मन्नान, सी-16/72 लहंगपुरा, थाना-सिगरा, जिला-वाराणसी का रहने वाला है | पीड़ित एक सामाजिक व्यक्ति है और इसका कभी भी अपराध से कोइ भी लेना देना नहीं रहा है और न ही किसी थाने में कोइ शिकायत ही कभी दर्ज हुई है | पीड़ित जरदोजी का काम करता है व अपने मोहल्ले में प्रतिष्ठित व्यक्ति के रूप में जाना जाता है | परन्तु 26 फरवरी, 2013 को पीड़ित दुलहीपुर में अपने दोस्त के घर पर गया हुआ था और रात में सो रहा था लेकिन रात 1:00 बजे के करीब सादे कपड़ो में कुछ लोग पीड़ित को मलिक नाम का व्यक्ति समझकर उठा ले गए | बाद में पता चला कि वो लोग SOG वाले है | वो लोग पीड़ित को उठाकर वाराणसी स्थित होटल डी पेरिस में ले गए | वहां पर एक कमरे में पहले से एक व्यक्ति मौजूद था उससे SOG वालो ने पीड़ित को पहचानने को कहा तो उसने पहचानने से इनकार कर दिया कि वो पीड़ित को नहीं पहचानता | साथ ही पीड़ित से भी उक्त व्यक्ति को पहचानने के लिए कहा गया तो पीड़ित ने भी पहचानने से इनकार कर दिया | इसके बाद SOG वाले पीड़ित को बहुत मारे और बोले कि कबूल करो कि तुम ही मलिक हो लेकिन पीड़ित ने उन्हें अपना नाम अब्दुल कलाम उर्फ़ सुन्दर बताया तो वे लोग फिर मारने लगे और कहने लगे कि कहो कि तुम ही मलिक हो | पीड़ित को पूरी रात मारते रहे | दोपहर करीब 12:00 बजे कृष्णा सेठ उर्फ़ मलिक का मोबाईल चालू हुआ वो SOG वाले भी हैरान हो गए कि मलिक तो उनके सामने बैठा है तब यह मोबाईल कौन आपरेट कर रहा है | जल्द ही उस नंबर को ट्रेस करके SOG वाले उसे पकड़ने के लिए निकल गए | कृष्णा सेठ उर्फ़ मलिक को इलाहाबाद से गिरफ्तार कर लिया और उसने कबूल भी कर लिया कि वो ही मलिक है | इसके बाद रास्ते से ही एक और व्यक्ति हैदर को भी उन लोगो ने उठा लिया |
इसके बाद वो लोग उन दोनों को लेकर पुनः होटल आये और मलिक से पीड़ित को पहचाने को कहा लेकिन मलिक ने नहीं पहचाना क्योकि पीड़ित का कोइ आपराधिक काम नहीं था | फिर पीड़ित और हैदर को एक कमरे में बंद कर दिया | दूसरे कमरे में मलिक से पूछ ताछ करने लगे उसके बाद रात में ही मलिक की निशानदेही पर कई लोगो को उन लोगो ने रात में उठाया | इसके बाद पीड़ित व अन्य लोगो को पुलिस लाइन ले कर गए | वहा पर मीडिया के सामने पेश करने के बाद 27 फरवरी, 2013 को कैंट थाने ले जा कर पीड़ित सहित 6 लोगो का चालान कर दिया |
पीड़ित का दोस्त हैदर है जो उसके साथ पिछले 15 वर्षो से सउदिया अरब में रहा रहा था और साथ काम कर रहा था | उसके बाद दोनों भारत वापस आ गए और हैदर ने अपराधी किस्म के लोगो से दोस्ती कर ली लेकिन पीड़ित का उसके अपराधिक जीवन से कोइ भी लेना देना नहीं रहा | चुकी इतनी लम्बी दोस्ती होने के नाते उन लोगो में बोल चाल थी और साथ ही हैदर सिलाई का काम करता था और पीड़ित जरदोजी का काम तो काम के सिलसिले में भी बात चीत थी | लेकिन पुलिस और SOG ने पीड़ित को बिना किसी प्रमाण के ही इन लोगो के साथ फर्जी तरीके से मुकदमा दायर कर दिया | जबकि मोहल्ले में पता करने पे यह पता चल जाएगा कि पीड़ित निहायती शरीफ व्यक्ति है किसी भी आपराधिक गतिविधि या अपराधी प्रवृति के लोगो से कोइ भी लेना देना नहीं है | पुलिस और SOG के पास कोइ भी प्रमाण नहीं है कि पीड़ित का कोइ भी वास्ता इन अपराधियों के साथ है | केवल हैदर जो कि अपराधी प्रवृति का व्यक्ति है उससे बात चीत करने के कारण पुलिस व SOG वालो ने पीड़ित को झूठे मुक़दमे में फर्जी तरीके से फसाया है | साथ ही इसी मामले में SOG और पुलिस वालो ने पीड़ित के भाई शेरू, इमरान और तनवीर को भी उठाया था और तीन दिन के बाद उन्हें छोड़ा था वे सभी नाबालिग थे उसमे से एक मानसिक रूप से बीमार भी था |
अतः आपसे निवेदन है कि इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच उच्च अधिकारियो से कराते हुए दोषी SOG और पुलिस वालो पर न्यायोचित कार्यवाही और पीड़ित को राहत दिलाने की कृपा करे |
भवदीय
डा0 लेनिन
महासचिव,
मानवाधिकार जननिगरानी समिति
सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी
वाराणसी निवासी अब्दुल कलाम उर्फ़ सुन्दर को पुलिस द्वारा बिना किसी अपराध के फर्जी केस में फ़साने के सन्दर्भ में |
सेवा में. 11 जून, 2013
माननीय मुख्यमंत्री महोदय ,
उत्तर प्रदेश सरकार,
उत्तर प्रदेश |
विषय : वाराणसी निवासी अब्दुल कलाम उर्फ़ सुन्दर को पुलिस द्वारा बिना किसी अपराध के फर्जी केस में फ़साने के सन्दर्भ में |
महोदय,
आपको यह अवगत करना कि पीड़ित अब्दुल कलाम उर्फ़ सुन्दर पुत्र श्री अब्दुल मन्नान, सी-16/72 लहंगपुरा, थाना-सिगरा, जिला-वाराणसी का रहने वाला है | पीड़ित एक सामाजिक व्यक्ति है और इसका कभी भी अपराध से कोइ भी लेना देना नहीं रहा है और न ही किसी थाने में कोइ शिकायत ही कभी दर्ज हुई है | पीड़ित जरदोजी का काम करता है व अपने मोहल्ले में प्रतिष्ठित व्यक्ति के रूप में जाना जाता है | परन्तु 26 फरवरी, 2013 को पीड़ित दुलहीपुर में अपने दोस्त के घर पर गया हुआ था और रात में सो रहा था लेकिन रात 1:00 बजे के करीब सादे कपड़ो में कुछ लोग पीड़ित को मलिक नाम का व्यक्ति समझकर उठा ले गए | बाद में पता चला कि वो लोग SOG वाले है | वो लोग पीड़ित को उठाकर वाराणसी स्थित होटल डी पेरिस में ले गए | वहां पर एक कमरे में पहले से एक व्यक्ति मौजूद था उससे SOG वालो ने पीड़ित को पहचानने को कहा तो उसने पहचानने से इनकार कर दिया कि वो पीड़ित को नहीं पहचानता | साथ ही पीड़ित से भी उक्त व्यक्ति को पहचानने के लिए कहा गया तो पीड़ित ने भी पहचानने से इनकार कर दिया | इसके बाद SOG वाले पीड़ित को बहुत मारे और बोले कि कबूल करो कि तुम ही मलिक हो लेकिन पीड़ित ने उन्हें अपना नाम अब्दुल कलाम उर्फ़ सुन्दर बताया तो वे लोग फिर मारने लगे और कहने लगे कि कहो कि तुम ही मलिक हो | पीड़ित को पूरी रात मारते रहे | दोपहर करीब 12:00 बजे कृष्णा सेठ उर्फ़ मलिक का मोबाईल चालू हुआ वो SOG वाले भी हैरान हो गए कि मलिक तो उनके सामने बैठा है तब यह मोबाईल कौन आपरेट कर रहा है | जल्द ही उस नंबर को ट्रेस करके SOG वाले उसे पकड़ने के लिए निकल गए | कृष्णा सेठ उर्फ़ मलिक को इलाहाबाद से गिरफ्तार कर लिया और उसने कबूल भी कर लिया कि वो ही मलिक है | इसके बाद रास्ते से ही एक और व्यक्ति हैदर को भी उन लोगो ने उठा लिया |
इसके बाद वो लोग उन दोनों को लेकर पुनः होटल आये और मलिक से पीड़ित को पहचाने को कहा लेकिन मलिक ने नहीं पहचाना क्योकि पीड़ित का कोइ आपराधिक काम नहीं था | फिर पीड़ित और हैदर को एक कमरे में बंद कर दिया | दूसरे कमरे में मलिक से पूछ ताछ करने लगे उसके बाद रात में ही मलिक की निशानदेही पर कई लोगो को उन लोगो ने रात में उठाया | इसके बाद पीड़ित व अन्य लोगो को पुलिस लाइन ले कर गए | वहा पर मीडिया के सामने पेश करने के बाद 27 फरवरी, 2013 को कैंट थाने ले जा कर पीड़ित सहित 6 लोगो का चालान कर दिया |
पीड़ित का दोस्त हैदर है जो उसके साथ पिछले 15 वर्षो से सउदिया अरब में रहा रहा था और साथ काम कर रहा था | उसके बाद दोनों भारत वापस आ गए और हैदर ने अपराधी किस्म के लोगो से दोस्ती कर ली लेकिन पीड़ित का उसके अपराधिक जीवन से कोइ भी लेना देना नहीं रहा | चुकी इतनी लम्बी दोस्ती होने के नाते उन लोगो में बोल चाल थी और साथ ही हैदर सिलाई का काम करता था और पीड़ित जरदोजी का काम तो काम के सिलसिले में भी बात चीत थी | लेकिन पुलिस और SOG ने पीड़ित को बिना किसी प्रमाण के ही इन लोगो के साथ फर्जी तरीके से मुकदमा दायर कर दिया | जबकि मोहल्ले में पता करने पे यह पता चल जाएगा कि पीड़ित निहायती शरीफ व्यक्ति है किसी भी आपराधिक गतिविधि या अपराधी प्रवृति के लोगो से कोइ भी लेना देना नहीं है | पुलिस और SOG के पास कोइ भी प्रमाण नहीं है कि पीड़ित का कोइ भी वास्ता इन अपराधियों के साथ है | केवल हैदर जो कि अपराधी प्रवृति का व्यक्ति है उससे बात चीत करने के कारण पुलिस व SOG वालो ने पीड़ित को झूठे मुक़दमे में फर्जी तरीके से फसाया है | साथ ही इसी मामले में SOG और पुलिस वालो ने पीड़ित के भाई शेरू, इमरान और तनवीर को भी उठाया था और तीन दिन के बाद उन्हें छोड़ा था वे सभी नाबालिग थे उसमे से एक मानसिक रूप से बीमार भी था |
अतः आपसे निवेदन है कि इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच उच्च अधिकारियो से कराते हुए दोषी SOG और पुलिस वालो पर न्यायोचित कार्यवाही और पीड़ित को राहत दिलाने की कृपा करे |
भवदीय
डा0 लेनिन
महासचिव,
मानवाधिकार जननिगरानी समिति
सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी
वाराणसी निवासी अब्दुल कलाम उर्फ़ सुन्दर को पुलिस द्वारा बिना किसी अपराध के फर्जी केस में फ़साने के सन्दर्भ में |
सेवा में. 11 जून, 2013
पुलिस महानिदेशक महोदय,
वाराणसी,
उत्तर प्रदेश |
विषय : वाराणसी निवासी अब्दुल कलाम उर्फ़ सुन्दर को पुलिस द्वारा बिना किसी अपराध के फर्जी केस में फ़साने के सन्दर्भ में |
महोदय,
आपको यह अवगत करना कि पीड़ित अब्दुल कलाम उर्फ़ सुन्दर पुत्र श्री अब्दुल मन्नान, सी-16/72 लहंगपुरा, थाना-सिगरा, जिला-वाराणसी का रहने वाला है | पीड़ित एक सामाजिक व्यक्ति है और इसका कभी भी अपराध से कोइ भी लेना देना नहीं रहा है और न ही किसी थाने में कोइ शिकायत ही कभी दर्ज हुई है | पीड़ित जरदोजी का काम करता है व अपने मोहल्ले में प्रतिष्ठित व्यक्ति के रूप में जाना जाता है | परन्तु 26 फरवरी, 2013 को पीड़ित दुलहीपुर में अपने दोस्त के घर पर गया हुआ था और रात में सो रहा था लेकिन रात 1:00 बजे के करीब सादे कपड़ो में कुछ लोग पीड़ित को मलिक नाम का व्यक्ति समझकर उठा ले गए | बाद में पता चला कि वो लोग SOG वाले है | वो लोग पीड़ित को उठाकर वाराणसी स्थित होटल डी पेरिस में ले गए | वहां पर एक कमरे में पहले से एक व्यक्ति मौजूद था उससे SOG वालो ने पीड़ित को पहचानने को कहा तो उसने पहचानने से इनकार कर दिया कि वो पीड़ित को नहीं पहचानता | साथ ही पीड़ित से भी उक्त व्यक्ति को पहचानने के लिए कहा गया तो पीड़ित ने भी पहचानने से इनकार कर दिया | इसके बाद SOG वाले पीड़ित को बहुत मारे और बोले कि कबूल करो कि तुम ही मलिक हो लेकिन पीड़ित ने उन्हें अपना नाम अब्दुल कलाम उर्फ़ सुन्दर बताया तो वे लोग फिर मारने लगे और कहने लगे कि कहो कि तुम ही मलिक हो | पीड़ित को पूरी रात मारते रहे | दोपहर करीब 12:00 बजे कृष्णा सेठ उर्फ़ मलिक का मोबाईल चालू हुआ वो SOG वाले भी हैरान हो गए कि मलिक तो उनके सामने बैठा है तब यह मोबाईल कौन आपरेट कर रहा है | जल्द ही उस नंबर को ट्रेस करके SOG वाले उसे पकड़ने के लिए निकल गए | कृष्णा सेठ उर्फ़ मलिक को इलाहाबाद से गिरफ्तार कर लिया और उसने कबूल भी कर लिया कि वो ही मलिक है | इसके बाद रास्ते से ही एक और व्यक्ति हैदर को भी उन लोगो ने उठा लिया |
इसके बाद वो लोग उन दोनों को लेकर पुनः होटल आये और मलिक से पीड़ित को पहचाने को कहा लेकिन मलिक ने नहीं पहचाना क्योकि पीड़ित का कोइ आपराधिक काम नहीं था | फिर पीड़ित और हैदर को एक कमरे में बंद कर दिया | दूसरे कमरे में मलिक से पूछ ताछ करने लगे उसके बाद रात में ही मलिक की निशानदेही पर कई लोगो को उन लोगो ने रात में उठाया | इसके बाद पीड़ित व अन्य लोगो को पुलिस लाइन ले कर गए | वहा पर मीडिया के सामने पेश करने के बाद 27 फरवरी, 2013 को कैंट थाने ले जा कर पीड़ित सहित 6 लोगो का चालान कर दिया |
पीड़ित का दोस्त हैदर है जो उसके साथ पिछले 15 वर्षो से सउदिया अरब में रहा रहा था और साथ काम कर रहा था | उसके बाद दोनों भारत वापस आ गए और हैदर ने अपराधी किस्म के लोगो से दोस्ती कर ली लेकिन पीड़ित का उसके अपराधिक जीवन से कोइ भी लेना देना नहीं रहा | चुकी इतनी लम्बी दोस्ती होने के नाते उन लोगो में बोल चाल थी और साथ ही हैदर सिलाई का काम करता था और पीड़ित जरदोजी का काम तो काम के सिलसिले में भी बात चीत थी | लेकिन पुलिस और SOG ने पीड़ित को बिना किसी प्रमाण के ही इन लोगो के साथ फर्जी तरीके से मुकदमा दायर कर दिया | जबकि मोहल्ले में पता करने पे यह पता चल जाएगा कि पीड़ित निहायती शरीफ व्यक्ति है किसी भी आपराधिक गतिविधि या अपराधी प्रवृति के लोगो से कोइ भी लेना देना नहीं है | पुलिस और SOG के पास कोइ भी प्रमाण नहीं है कि पीड़ित का कोइ भी वास्ता इन अपराधियों के साथ है | केवल हैदर जो कि अपराधी प्रवृति का व्यक्ति है उससे बात चीत करने के कारण पुलिस व SOG वालो ने पीड़ित को झूठे मुक़दमे में फर्जी तरीके से फसाया है | साथ ही इसी मामले में SOG और पुलिस वालो ने पीड़ित के भाई शेरू, इमरान और तनवीर को भी उठाया था और तीन दिन के बाद उन्हें छोड़ा था वे सभी नाबालिग थे उसमे से एक मानसिक रूप से बीमार भी था |
अतः आपसे निवेदन है कि इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच उच्च अधिकारियो से कराते हुए दोषी SOG और पुलिस वालो पर न्यायोचित कार्यवाही और पीड़ित को राहत दिलाने की कृपा करे |
भवदीय
डा0 लेनिन
महासचिव,
मानवाधिकार जननिगरानी समिति
सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी
वाराणसी निवासी अब्दुल कलाम उर्फ़ सुन्दर को पुलिस द्वारा बिना किसी अपराध के फर्जी केस में फ़साने के सन्दर्भ में |
सेवा में. 11 जून, 2013
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय,
वाराणसी,
उत्तर प्रदेश |
विषय : वाराणसी निवासी अब्दुल कलाम उर्फ़ सुन्दर को पुलिस द्वारा बिना किसी अपराध के फर्जी केस में फ़साने के सन्दर्भ में |
महोदय,
आपको यह अवगत करना कि पीड़ित अब्दुल कलाम उर्फ़ सुन्दर पुत्र श्री अब्दुल मन्नान, सी-16/72 लहंगपुरा, थाना-सिगरा, जिला-वाराणसी का रहने वाला है | पीड़ित एक सामाजिक व्यक्ति है और इसका कभी भी अपराध से कोइ भी लेना देना नहीं रहा है और न ही किसी थाने में कोइ शिकायत ही कभी दर्ज हुई है | पीड़ित जरदोजी का काम करता है व अपने मोहल्ले में प्रतिष्ठित व्यक्ति के रूप में जाना जाता है | परन्तु 26 फरवरी, 2013 को पीड़ित दुलहीपुर में अपने दोस्त के घर पर गया हुआ था और रात में सो रहा था लेकिन रात 1:00 बजे के करीब सादे कपड़ो में कुछ लोग पीड़ित को मलिक नाम का व्यक्ति समझकर उठा ले गए | बाद में पता चला कि वो लोग SOG वाले है | वो लोग पीड़ित को उठाकर वाराणसी स्थित होटल डी पेरिस में ले गए | वहां पर एक कमरे में पहले से एक व्यक्ति मौजूद था उससे SOG वालो ने पीड़ित को पहचानने को कहा तो उसने पहचानने से इनकार कर दिया कि वो पीड़ित को नहीं पहचानता | साथ ही पीड़ित से भी उक्त व्यक्ति को पहचानने के लिए कहा गया तो पीड़ित ने भी पहचानने से इनकार कर दिया | इसके बाद SOG वाले पीड़ित को बहुत मारे और बोले कि कबूल करो कि तुम ही मलिक हो लेकिन पीड़ित ने उन्हें अपना नाम अब्दुल कलाम उर्फ़ सुन्दर बताया तो वे लोग फिर मारने लगे और कहने लगे कि कहो कि तुम ही मलिक हो | पीड़ित को पूरी रात मारते रहे | दोपहर करीब 12:00 बजे कृष्णा सेठ उर्फ़ मलिक का मोबाईल चालू हुआ वो SOG वाले भी हैरान हो गए कि मलिक तो उनके सामने बैठा है तब यह मोबाईल कौन आपरेट कर रहा है | जल्द ही उस नंबर को ट्रेस करके SOG वाले उसे पकड़ने के लिए निकल गए | कृष्णा सेठ उर्फ़ मलिक को इलाहाबाद से गिरफ्तार कर लिया और उसने कबूल भी कर लिया कि वो ही मलिक है | इसके बाद रास्ते से ही एक और व्यक्ति हैदर को भी उन लोगो ने उठा लिया |
इसके बाद वो लोग उन दोनों को लेकर पुनः होटल आये और मलिक से पीड़ित को पहचाने को कहा लेकिन मलिक ने नहीं पहचाना क्योकि पीड़ित का कोइ आपराधिक काम नहीं था | फिर पीड़ित और हैदर को एक कमरे में बंद कर दिया | दूसरे कमरे में मलिक से पूछ ताछ करने लगे उसके बाद रात में ही मलिक की निशानदेही पर कई लोगो को उन लोगो ने रात में उठाया | इसके बाद पीड़ित व अन्य लोगो को पुलिस लाइन ले कर गए | वहा पर मीडिया के सामने पेश करने के बाद 27 फरवरी, 2013 को कैंट थाने ले जा कर पीड़ित सहित 6 लोगो का चालान कर दिया |
पीड़ित का दोस्त हैदर है जो उसके साथ पिछले 15 वर्षो से सउदिया अरब में रहा रहा था और साथ काम कर रहा था | उसके बाद दोनों भारत वापस आ गए और हैदर ने अपराधी किस्म के लोगो से दोस्ती कर ली लेकिन पीड़ित का उसके अपराधिक जीवन से कोइ भी लेना देना नहीं रहा | चुकी इतनी लम्बी दोस्ती होने के नाते उन लोगो में बोल चाल थी और साथ ही हैदर सिलाई का काम करता था और पीड़ित जरदोजी का काम तो काम के सिलसिले में भी बात चीत थी | लेकिन पुलिस और SOG ने पीड़ित को बिना किसी प्रमाण के ही इन लोगो के साथ फर्जी तरीके से मुकदमा दायर कर दिया | जबकि मोहल्ले में पता करने पे यह पता चल जाएगा कि पीड़ित निहायती शरीफ व्यक्ति है किसी भी आपराधिक गतिविधि या अपराधी प्रवृति के लोगो से कोइ भी लेना देना नहीं है | पुलिस और SOG के पास कोइ भी प्रमाण नहीं है कि पीड़ित का कोइ भी वास्ता इन अपराधियों के साथ है | केवल हैदर जो कि अपराधी प्रवृति का व्यक्ति है उससे बात चीत करने के कारण पुलिस व SOG वालो ने पीड़ित को झूठे मुक़दमे में फर्जी तरीके से फसाया है | साथ ही इसी मामले में SOG और पुलिस वालो ने पीड़ित के भाई शेरू, इमरान और तनवीर को भी उठाया था और तीन दिन के बाद उन्हें छोड़ा था वे सभी नाबालिग थे उसमे से एक मानसिक रूप से बीमार भी था |
अतः आपसे निवेदन है कि इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच उच्च अधिकारियो से कराते हुए दोषी SOG और पुलिस वालो पर न्यायोचित कार्यवाही और पीड़ित को राहत दिलाने की कृपा करे |
भवदीय
डा0 लेनिन
महासचिव,
मानवाधिकार जननिगरानी समिति
सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी
वाराणसी निवासी अब्दुल कलाम उर्फ़ सुन्दर को पुलिस द्वारा बिना किसी अपराध के फर्जी केस में फ़साने के सन्दर्भ में |
सेवा में. 11 जून, 2013
अध्यक्ष महोदय,
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,
नई दिल्ली |
विषय : वाराणसी निवासी अब्दुल कलाम उर्फ़ सुन्दर को पुलिस द्वारा बिना किसी अपराध के फर्जी केस में फ़साने के सन्दर्भ में |
महोदय,
आपको यह अवगत करना कि पीड़ित अब्दुल कलाम उर्फ़ सुन्दर पुत्र श्री अब्दुल मन्नान, सी-16/72 लहंगपुरा, थाना-सिगरा, जिला-वाराणसी का रहने वाला है | पीड़ित एक सामाजिक व्यक्ति है और इसका कभी भी अपराध से कोइ भी लेना देना नहीं रहा है और न ही किसी थाने में कोइ शिकायत ही कभी दर्ज हुई है | पीड़ित जरदोजी का काम करता है व अपने मोहल्ले में प्रतिष्ठित व्यक्ति के रूप में जाना जाता है | परन्तु 26 फरवरी, 2013 को पीड़ित दुलहीपुर में अपने दोस्त के घर पर गया हुआ था और रात में सो रहा था लेकिन रात 1:00 बजे के करीब सादे कपड़ो में कुछ लोग पीड़ित को मलिक नाम का व्यक्ति समझकर उठा ले गए | बाद में पता चला कि वो लोग SOG वाले है | वो लोग पीड़ित को उठाकर वाराणसी स्थित होटल डी पेरिस में ले गए | वहां पर एक कमरे में पहले से एक व्यक्ति मौजूद था उससे SOG वालो ने पीड़ित को पहचानने को कहा तो उसने पहचानने से इनकार कर दिया कि वो पीड़ित को नहीं पहचानता | साथ ही पीड़ित से भी उक्त व्यक्ति को पहचानने के लिए कहा गया तो पीड़ित ने भी पहचानने से इनकार कर दिया | इसके बाद SOG वाले पीड़ित को बहुत मारे और बोले कि कबूल करो कि तुम ही मलिक हो लेकिन पीड़ित ने उन्हें अपना नाम अब्दुल कलाम उर्फ़ सुन्दर बताया तो वे लोग फिर मारने लगे और कहने लगे कि कहो कि तुम ही मलिक हो | पीड़ित को पूरी रात मारते रहे | दोपहर करीब 12:00 बजे कृष्णा सेठ उर्फ़ मलिक का मोबाईल चालू हुआ वो SOG वाले भी हैरान हो गए कि मलिक तो उनके सामने बैठा है तब यह मोबाईल कौन आपरेट कर रहा है | जल्द ही उस नंबर को ट्रेस करके SOG वाले उसे पकड़ने के लिए निकल गए | कृष्णा सेठ उर्फ़ मलिक को इलाहाबाद से गिरफ्तार कर लिया और उसने कबूल भी कर लिया कि वो ही मलिक है | इसके बाद रास्ते से ही एक और व्यक्ति हैदर को भी उन लोगो ने उठा लिया |
इसके बाद वो लोग उन दोनों को लेकर पुनः होटल आये और मलिक से पीड़ित को पहचाने को कहा लेकिन मलिक ने नहीं पहचाना क्योकि पीड़ित का कोइ आपराधिक काम नहीं था | फिर पीड़ित और हैदर को एक कमरे में बंद कर दिया | दूसरे कमरे में मलिक से पूछ ताछ करने लगे उसके बाद रात में ही मलिक की निशानदेही पर कई लोगो को उन लोगो ने रात में उठाया | इसके बाद पीड़ित व अन्य लोगो को पुलिस लाइन ले कर गए | वहा पर मीडिया के सामने पेश करने के बाद 27 फरवरी, 2013 को कैंट थाने ले जा कर पीड़ित सहित 6 लोगो का चालान कर दिया |
पीड़ित का दोस्त हैदर है जो उसके साथ पिछले 15 वर्षो से सउदिया अरब में रहा रहा था और साथ काम कर रहा था | उसके बाद दोनों भारत वापस आ गए और हैदर ने अपराधी किस्म के लोगो से दोस्ती कर ली लेकिन पीड़ित का उसके अपराधिक जीवन से कोइ भी लेना देना नहीं रहा | चुकी इतनी लम्बी दोस्ती होने के नाते उन लोगो में बोल चाल थी और साथ ही हैदर सिलाई का काम करता था और पीड़ित जरदोजी का काम तो काम के सिलसिले में भी बात चीत थी | लेकिन पुलिस और SOG ने पीड़ित को बिना किसी प्रमाण के ही इन लोगो के साथ फर्जी तरीके से मुकदमा दायर कर दिया | जबकि मोहल्ले में पता करने पे यह पता चल जाएगा कि पीड़ित निहायती शरीफ व्यक्ति है किसी भी आपराधिक गतिविधि या अपराधी प्रवृति के लोगो से कोइ भी लेना देना नहीं है | पुलिस और SOG के पास कोइ भी प्रमाण नहीं है कि पीड़ित का कोइ भी वास्ता इन अपराधियों के साथ है | केवल हैदर जो कि अपराधी प्रवृति का व्यक्ति है उससे बात चीत करने के कारण पुलिस व SOG वालो ने पीड़ित को झूठे मुक़दमे में फर्जी तरीके से फसाया है | साथ ही इसी मामले में SOG और पुलिस वालो ने पीड़ित के भाई शेरू, इमरान और तनवीर को भी उठाया था और तीन दिन के बाद उन्हें छोड़ा था वे सभी नाबालिग थे उसमे से एक मानसिक रूप से बीमार भी था |
अतः आपसे निवेदन है कि इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच उच्च अधिकारियो से कराते हुए दोषी SOG और पुलिस वालो पर न्यायोचित कार्यवाही और पीड़ित को राहत दिलाने की कृपा करे |
भवदीय
डा0 लेनिन
महासचिव,
मानवाधिकार जननिगरानी समिति
सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी
91-9935599333
Saturday, June 8, 2013
उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले की पीडिता नईमा अख्तरी को दहेज़ के लिए पति व उसके घरवालो द्वारा मार पीट व जान लेने का प्रयास |
सेवा में, 8 जून, 2013
अध्यक्ष महोदय,
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,
नई दिल्ली |
विषय : उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले की पीडिता नईमा अख्तरी को दहेज़ के लिए पति व उसके घरवालो द्वारा मार पीट व जान लेने का प्रयास |
महोदय,
विषय : उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले की पीडिता नईमा अख्तरी को दहेज़ के लिए पति व उसके घरवालो द्वारा मार पीट व जान लेने का प्रयास |
महोदय,
आपको ध्यान इस और आकृष्ट कराना चाहता हूँ कि पीडिता नईमा अख्तरी पुत्री श्री वलीउल्लाह निवासिनी पुरानेपुल आम की बारी, वाराणसी की रहने वाली है | पीडिता की शादी मोहम्मद हारून पुत्र श्री मोहम्मद फारूक निवासी शक्कर तालाब, वाराणसी के साथ अप्रैल 2012 में मुस्लिम रीती रिवाज के साथ हुई थी | विदाई के बाद कुछ दिनों तक सब कुछ ठीक चलता रहह परन्तु कुछ दिनों बाद ही पीडिता के पति व उसके घरवाले उसे दहेज़ लाने के लिए प्रताणित करने लगे पहले तो केवल ताने मारते थे पर धीरे धीरे मार-पीट करने लगे | पीडिता का पति शराब पीने आ आदती है इसलिए वो हर समय पीडिता से पैसे की मांग करता रहता है | कई बार पीडिता के घरवालो ने पैसे से मदद भी की परन्तु उन लोगो की मांग दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही थी | अब उसका पति मोहम्मद हारून, सास जमीलन निशा, ससुर मोहम्मद फारूक पीडिता को कमरे में बंद करके डंडो, लात, घूसों से पिटाई करते व खाना पीना भी नहीं देते थे | एक दिन तो हद हो गयी पीडिता को बुरी तरह से मार पीट कर घर से निकाल दिए |
जिसके बाद पीडिता अब अपने माँ-बाप के घर पर रह रही है लेकिन फिर भी उसका पति उसे उसके घर पर आकर धमाकी देता है कि रुपये लेकर नहीं आओगी तो तुम्हे जान से मार दूंगा कोइ मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता है | पुलिस भी मेरा कुछ नहीं कर सकती है क्योकि पुलिस से मेरी जान पहचान है | इन लोगो की दूकान भी वही पर है जो कि फारूक पूड़ी वाले के नाम से मशहूर है |
पीडिता ने अपना लिखित शिकायती पत्र 30 मई, 2013 को महिला थाने में दिया था परन्तु अभी तक उस पर कोइ भी कार्यवाही नहीं की गयी |
अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि कृपया इस मामले की गंभीरता को देखते हुए महिला थाने को आदेशित करे कि पीडिता का मुकदमा घरेलू महिला हिंसा अधिनियम के अन्तर्गत दर्ज करे और उसके पति मोहम्मद हारुर, सास जमीलन निशा व ससुर मोहम्मद फारूक को गिरफ्तार करे | ताकि पीड़ित महिला को न्याय मिल सके |
संलग्नक : पीडिता द्वारा दिनांक 30/5/2013 को महिला थाने में दिए गए पत्र की प्रति |
भवदीय
डा0 लेनिन
महासचिव
मानवाधिकार जननिगरानी समिती
सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी
www.youtube.com/pvchrindia
www.pvchr.blogspot.com
www.sapf.blogspot.www.
उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले की पीडिता नईमा अख्तरी को दहेज़ के लिए पति व उसके घरवालो द्वारा मार पीट व जान लेने का प्रयास |
सेवा में, 8 जून, 2013
श्रीमान पुलिस महानिदेशक महोदय,
उत्तर प्रदेश,
लखनऊ |
विषय : उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले की पीडिता नईमा अख्तरी को दहेज़ के लिए पति व उसके घरवालो द्वारा मार पीट व जान लेने का प्रयास |
महोदय,
आपको ध्यान इस और आकृष्ट कराना चाहता हूँ कि पीडिता नईमा अख्तरी पुत्री श्री वलीउल्लाह निवासिनी पुरानेपुल आम की बारी, वाराणसी की रहने वाली है | पीडिता की शादी मोहम्मद हारून पुत्र श्री मोहम्मद फारूक निवासी शक्कर तालाब, वाराणसी के साथ अप्रैल 2012 में मुस्लिम रीती रिवाज के साथ हुई थी | विदाई के बाद कुछ दिनों तक सब कुछ ठीक चलता रहह परन्तु कुछ दिनों बाद ही पीडिता के पति व उसके घरवाले उसे दहेज़ लाने के लिए प्रताणित करने लगे पहले तो केवल ताने मारते थे पर धीरे धीरे मार-पीट करने लगे | पीडिता का पति शराब पीने आ आदती है इसलिए वो हर समय पीडिता से पैसे की मांग करता रहता है | कई बार पीडिता के घरवालो ने पैसे से मदद भी की परन्तु उन लोगो की मांग दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही थी | अब उसका पति मोहम्मद हारून, सास जमीलन निशा, ससुर मोहम्मद फारूक पीडिता को कमरे में बंद करके डंडो, लात, घूसों से पिटाई करते व खाना पीना भी नहीं देते थे | एक दिन तो हद हो गयी पीडिता को बुरी तरह से मार पीट कर घर से निकाल दिए |
जिसके बाद पीडिता अब अपने माँ-बाप के घर पर रह रही है लेकिन फिर भी उसका पति उसे उसके घर पर आकर धमाकी देता है कि रुपये लेकर नहीं आओगी तो तुम्हे जान से मार दूंगा कोइ मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता है | पुलिस भी मेरा कुछ नहीं कर सकती है क्योकि पुलिस से मेरी जान पहचान है | इन लोगो की दूकान भी वही पर है जो कि फारूक पूड़ी वाले के नाम से मशहूर है |
पीडिता ने अपना लिखित शिकायती पत्र 30 मई, 2013 को महिला थाने में दिया था परन्तु अभी तक उस पर कोइ भी कार्यवाही नहीं की गयी |
अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि कृपया इस मामले की गंभीरता को देखते हुए महिला थाने को आदेशित करे कि पीडिता का मुकदमा घरेलू महिला हिंसा अधिनियम के अन्तर्गत दर्ज करे और उसके पति मोहम्मद हारुर, सास जमीलन निशा व ससुर मोहम्मद फारूक को गिरफ्तार करे | ताकि पीड़ित महिला को न्याय मिल सके |
संलग्नक : पीडिता द्वारा दिनांक 30/5/2013 को महिला थाने में दिए गए पत्र की प्रति |
भवदीय
डा0 लेनिन
महासचिव
मानवाधिकार जननिगरानी समिती
सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी
www.youtube.com/pvchrindia
www.pvchr.blogspot.com
www.sapf.blogspot.www.
उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले की पीडिता नईमा अख्तरी को दहेज़ के लिए पति व उसके घरवालो द्वारा मार पीट व जान लेने का प्रयास |
सेवा में, 8 जून, 2013
श्रीमान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय,
वाराणसी,
उत्तर प्रदेश |
विषय : उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले की पीडिता नईमा अख्तरी को दहेज़ के लिए पति व उसके घरवालो द्वारा मार पीट व जान लेने का प्रयास |
महोदय,
आपको ध्यान इस और आकृष्ट कराना चाहता हूँ कि पीडिता नईमा अख्तरी पुत्री श्री वलीउल्लाह निवासिनी पुरानेपुल आम की बारी, वाराणसी की रहने वाली है | पीडिता की शादी मोहम्मद हारून पुत्र श्री मोहम्मद फारूक निवासी शक्कर तालाब, वाराणसी के साथ अप्रैल 2012 में मुस्लिम रीती रिवाज के साथ हुई थी | विदाई के बाद कुछ दिनों तक सब कुछ ठीक चलता रहह परन्तु कुछ दिनों बाद ही पीडिता के पति व उसके घरवाले उसे दहेज़ लाने के लिए प्रताणित करने लगे पहले तो केवल ताने मारते थे पर धीरे धीरे मार-पीट करने लगे | पीडिता का पति शराब पीने आ आदती है इसलिए वो हर समय पीडिता से पैसे की मांग करता रहता है | कई बार पीडिता के घरवालो ने पैसे से मदद भी की परन्तु उन लोगो की मांग दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही थी | अब उसका पति मोहम्मद हारून, सास जमीलन निशा, ससुर मोहम्मद फारूक पीडिता को कमरे में बंद करके डंडो, लात, घूसों से पिटाई करते व खाना पीना भी नहीं देते थे | एक दिन तो हद हो गयी पीडिता को बुरी तरह से मार पीट कर घर से निकाल दिए |
जिसके बाद पीडिता अब अपने माँ-बाप के घर पर रह रही है लेकिन फिर भी उसका पति उसे उसके घर पर आकर धमाकी देता है कि रुपये लेकर नहीं आओगी तो तुम्हे जान से मार दूंगा कोइ मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता है | पुलिस भी मेरा कुछ नहीं कर सकती है क्योकि पुलिस से मेरी जान पहचान है | इन लोगो की दूकान भी वही पर है जो कि फारूक पूड़ी वाले के नाम से मशहूर है |
पीडिता ने अपना लिखित शिकायती पत्र 30 मई, 2013 को महिला थाने में दिया था परन्तु अभी तक उस पर कोइ भी कार्यवाही नहीं की गयी |
अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि कृपया इस मामले की गंभीरता को देखते हुए महिला थाने को आदेशित करे कि पीडिता का मुकदमा घरेलू महिला हिंसा अधिनियम के अन्तर्गत दर्ज करे और उसके पति मोहम्मद हारुर, सास जमीलन निशा व ससुर मोहम्मद फारूक को गिरफ्तार करे | ताकि पीड़ित महिला को न्याय मिल सके |
संलग्नक : पीडिता द्वारा दिनांक 30/5/2013 को महिला थाने में दिए गए पत्र की प्रति |
भवदीय
डा0 लेनिन
महासचिव
मानवाधिकार जननिगरानी समिती
सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी
+91-9935599333
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