PVCHR initiative supported by EU

Reducing police torture against Muslim at Grass root level by engaging and strengthening Human Rights institutions in India

Friday, June 28, 2013

PVCHR Receive response from Uttar Pradesh Congress Committee in Multi -stakeholder consultation in support of survivors of torture programme at Lucknowon 26 June, 2013


Peoples’ Vigilance Committee on Human Rights (PVCHR) in collaboration of Human Rights Law Network, Voice of People, Centre for Contemporary Studies Research with support from European Union and Dignity Danish Institute Against Torture organized Multi -stakeholder consultation in support of survivors of torture on 26th June, 2013 at 10: 30 am in Hotel Clark, Lucknow.





Peoples’ Vigilance Committee on Human Rights (PVCHR) in collaboration of Human Rights Law Network, Voice of People, Centre for Contemporary Studies Research with support from European Union and Dignity Danish Institute Against Torture organized Multi -stakeholder consultation in support of survivors of torture on 26th June, 2013 at 10: 30 am in Hotel Clark, Lucknow.

The Program started with the welcome speech and key note address by Lenin Raghuvanshi, Secretary General of PVCHR. In the second session survivors of torture Bhonu, Ranno, Aklakh, Ali Ahmad, Aslam Parvez, Sabbu Sahabuddin and Salauddin shared their experience.
Two books cashing in on prejudice & Grass-root reality Case reality communal violence in Uttar Pradesh, India were inaugurated by the speakers.
The multi stakeholders Ms. Vidyawati Rajbhar, Chairperson, Uttar Pradesh Shram Shalahkar Samiti, Prof. Ramesh Dixit, leader Nationalist Congress Party (NCP), Ms. Vandana Mishra, Secretary, People Union for Civil Liberty (PUCL), Shri. Sidharth Kalahant, Secretary, UP Press Club, Shri Anil Dubey, National Secretary, Rastriya Lok Dal, Shri Amitabh Thakur, IPS, Dr. Bahadur Singh Yadav, Chairperson, Uttar Pradesh Technical Education Board, Dr. Hans Van Villet, First Counsellor, Head of Development Section, European Union, Advocate K.K Roy, Director, HRLN, Shri Pancham Rai, Ex- Registrar, Hon’ble High Court, Allahabad gave speech.

In last Ms. Shruti Nagvanshi gave vote of thanks and program was moderated by Mr. Utkarsh Sinha, Editor, Awadhnama.

On same day at 2 pm the 8 delegates (Shruti Nagvanshi, Raghib Ali, Idrish Ansari, Utkarsh Sinha, Anup Kumar Srivastava, Shirin Shabana Khan and one survivor Ahmad Ali) of PVCHR in the leadership of Dr. Lenin met with Shri Akilesh Yadav, Chief Minister, U.P and Director General of Police Shri Deo Raj Nagar at CM house 5, Kali Das Marg, Lucknow. 

During half an hour many cases of communal riots, police firing, police torture were discussed and also discuss the fake case against Lenin Raghuvanshi and Shruti Nagvanshi. We received pro -human support





Wednesday, June 26, 2013

                                                                                                                26 जून, 2013
प्रकाशनार्थ
मानवाधिकार जननिगारानी समिति की 8 सदस्यीय प्रतिनिधि मण्डल लखनऊ में मुख्यमंत्री व पुलिस महानिदेशक उत्तर-प्रदेश से मिलकर उत्तर-प्रदेश में मुस्लिमो पर हो रहे पुलिस उत्पीडन और सामाजिक कार्यकर्ता डा0 लेनिन रघुवंशी व श्रुती नागवंशी पर लगे फर्जी मुक़दमे की निष्पक्ष जांच कराने हेतु ज्ञापन दिया.......
मुख्यमंत्री कार्यालय से पूर्व निर्धारित मीटिंग के तहत आज दोपहर 2 बजे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय श्री अखिलेश यादव के आवास (5 कालिदास मार्ग) पर मानवाधिकार जननिगरानी समिति के महासचिव डा0 लेनिन सहित आठ सदस्यों का प्रतिनिधि मण्डल मिलकर उनसे लगभग आधे घंटे तक मुलाक़ात कर बात-चीत किया | इस बात-चीत में प्रतिनिधियों ने उत्तर प्रदेश में मुसलमानों पर पुलिस यातना और दंगो में प्रताड़ित मुसलमानों के 40 केस उन्हें सौपा जिसपर उन्होंने त्वरित कार्यवाही का आश्वासन दिया | इसके साथ ही माननीय मुख्यमंत्री व पुलिस महानिदेशक उत्तर-प्रदेश श्री देवराज नागर ने डा0 लेनिन व अन्य 5 लोगो के ऊपर पूर्व में सन 2007 में 505 B के तहत लगे फर्जी मुकदमे व अभी वर्तमान में डा0 लेनिन व श्रुति पर लगे फर्जी मुकदमे की अपने स्तर से जांच कराकर तुरन्त कार्यवाही हेतु आश्वासन दिया | इसके साथ ही उत्तर-प्रदेश राज्य सरकार द्वारा बुनकरों के बिजली बिल माफी का आदेश होने के बावजूद भी बुनकरों का उत्पीडन किया जा रहा है इस विषय पर माननीय मुख्यमंत्री महोदय ने काफी गंभीरता से इस मामले की जांच की बात कही |

भवदीय

अनूप श्रीवास्तव
सीनियर मैनेजर
मानवाधिकार जननिगरानी समिति
+91-9935599335

प्रकाशनार्थ




मानवाधिकार जननिगारानी समिति की 8 सदस्यीय प्रतिनिधि मण्डल लखनऊ में मुख्यमंत्री व पुलिस महानिदेशक उत्तर-प्रदेश से मिलकर उत्तर-प्रदेश में मुस्लिमो पर हो रहे पुलिस उत्पीडन और सामाजिक कार्यकर्ता डा0 लेनिन रघुवंशी व श्रुती नागवंशी पर लगे फर्जी मुक़दमे की निष्पक्ष जांच कराने हेतु ज्ञापन दिया.......

मुख्यमंत्री कार्यालय से पूर्व निर्धारित मीटिंग के तहत आज दोपहर 2 बजे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय श्री अखिलेश यादव के आवास (5 कालिदास मार्ग) पर मानवाधिकार जननिगरानी समिति के महासचिव डा0 लेनिन सहित आठ सदस्यों का प्रतिनिधि मण्डल मिलकर उनसे लगभग आधे घंटे तक मुलाक़ात कर बात-चीत किया | इस बात-चीत में प्रतिनिधियों ने उत्तर प्रदेश में मुसलमानों पर पुलिस यातना और दंगो में प्रताड़ित मुसलमानों के 40 केस उन्हें सौपा जिसपर उन्होंने त्वरित कार्यवाही का आश्वासन दिया | 

इसके साथ ही माननीय मुख्यमंत्री व पुलिस महानिदेशक उत्तर-प्रदेश श्री देवराज नागर ने डा0 लेनिन व अन्य 5 लोगो के ऊपर पूर्व में सन 2007 में 505 B के तहत लगे फर्जी मुकदमे व अभी वर्तमान में डा0 लेनिन व श्रुति पर लगे फर्जी मुकदमे की अपने स्तर से जांच कराकर तुरन्त कार्यवाही हेतु आश्वासन दिया | इसके साथ ही उत्तर-प्रदेश राज्य सरकार द्वारा बुनकरों के बिजली बिल माफी का आदेश होने के बावजूद भी बुनकरों का उत्पीडन किया जा रहा है इस विषय पर माननीय मुख्यमंत्री महोदय ने काफी गंभीरता से इस मामले की जांच की बात कही |       
भवदीय
 
अनूप श्रीवास्तव
सीनियर मैनेजर
मानवाधिकार जननिगरानी समिति
+91-9935599335
anup Kumar Srivastava

Thursday, June 20, 2013

My statement before my death


The accused of this case is police officials. On 16th June, 2013 the police official who came to my house said that now police are investigating your case under section 307 (attempt to murder) and after few days we are going to investigate a case under section 309 (suicide)of the IPC. If you are not helping us in making compromise with Bhageran Mahto. 


The police gave me this information in threatening way and already yesterday I mentioned in the letter sent to NHRC and other concerned authorities. http://www.pvchr.net/2013/06/fake-case-against-lenin-raghuvanshi-and.html

Tuesday, June 11, 2013

वाराणसी निवासी अब्दुल कलाम उर्फ़ सुन्दर को पुलिस द्वारा बिना किसी अपराध के फर्जी केस में फ़साने के सन्दर्भ में |

सेवा में.                                          11 जून, 2013

माननीय प्रधानमंत्री महोदय ,

भारत सरकार,

नई दिल्ली |


विषय : वाराणसी निवासी अब्दुल कलाम उर्फ़ सुन्दर को पुलिस द्वारा बिना किसी अपराध के फर्जी केस में फ़साने के सन्दर्भ में |


महोदय,

      आपको यह अवगत करना कि पीड़ित अब्दुल कलाम उर्फ़ सुन्दर पुत्र श्री अब्दुल मन्नान, सी-16/72 लहंगपुरा, थाना-सिगरा, जिला-वाराणसी का रहने वाला है | पीड़ित एक सामाजिक व्यक्ति है और इसका कभी भी अपराध से कोइ भी लेना देना नहीं रहा है और न ही किसी थाने में कोइ शिकायत ही कभी दर्ज हुई है | पीड़ित जरदोजी का काम करता है व अपने मोहल्ले में प्रतिष्ठित व्यक्ति के रूप में जाना जाता है | परन्तु 26 फरवरी, 2013 को पीड़ित दुलहीपुर में अपने दोस्त के घर पर गया हुआ था और रात में सो रहा था लेकिन रात 1:00 बजे के करीब सादे कपड़ो में कुछ लोग पीड़ित को मलिक नाम का व्यक्ति समझकर उठा ले गए | बाद में पता चला कि वो लोग SOG वाले है | वो लोग पीड़ित को उठाकर वाराणसी स्थित होटल डी पेरिस में ले गए | वहां पर एक कमरे में पहले से एक व्यक्ति मौजूद था उससे SOG वालो ने पीड़ित को पहचानने को कहा तो उसने पहचानने से इनकार कर दिया कि वो पीड़ित को नहीं पहचानता | साथ ही पीड़ित से भी उक्त व्यक्ति को पहचानने के लिए कहा गया तो पीड़ित ने भी पहचानने से इनकार कर दिया | इसके बाद SOG वाले पीड़ित को बहुत मारे और बोले कि कबूल करो कि तुम ही मलिक हो लेकिन पीड़ित ने उन्हें अपना नाम अब्दुल कलाम उर्फ़ सुन्दर बताया तो वे लोग फिर मारने लगे और कहने लगे कि कहो कि तुम ही मलिक हो | पीड़ित को पूरी रात मारते रहे | दोपहर करीब 12:00 बजे कृष्णा सेठ उर्फ़ मलिक का मोबाईल चालू हुआ वो SOG वाले भी हैरान हो गए कि मलिक तो उनके सामने बैठा है तब यह मोबाईल कौन आपरेट कर रहा है | जल्द ही उस नंबर को ट्रेस करके SOG वाले उसे पकड़ने के लिए निकल गए | कृष्णा सेठ उर्फ़ मलिक को इलाहाबाद से गिरफ्तार कर लिया और उसने कबूल भी कर लिया कि वो ही मलिक है | इसके बाद रास्ते से ही एक और व्यक्ति हैदर को भी उन लोगो ने उठा लिया |

      इसके बाद वो लोग उन दोनों को लेकर पुनः होटल आये और मलिक से पीड़ित को पहचाने को कहा लेकिन मलिक ने नहीं पहचाना क्योकि पीड़ित का कोइ आपराधिक काम नहीं था | फिर पीड़ित और हैदर को एक कमरे में बंद कर दिया | दूसरे कमरे में मलिक से पूछ ताछ करने लगे उसके बाद रात में ही मलिक की निशानदेही पर कई लोगो को उन लोगो ने रात में उठाया | इसके बाद पीड़ित व अन्य लोगो को पुलिस लाइन ले कर गए | वहा पर मीडिया के सामने पेश करने के बाद 27 फरवरी, 2013 को कैंट थाने ले जा कर पीड़ित सहित 6 लोगो का चालान कर दिया |

      पीड़ित का दोस्त हैदर है जो उसके साथ पिछले 15 वर्षो से सउदिया अरब में रहा रहा था और साथ काम कर रहा था | उसके बाद दोनों भारत वापस आ गए और हैदर ने अपराधी किस्म के लोगो से दोस्ती कर ली लेकिन पीड़ित का उसके अपराधिक जीवन से कोइ भी लेना देना नहीं रहा | चुकी इतनी लम्बी दोस्ती होने के नाते उन लोगो में बोल चाल थी और साथ ही हैदर सिलाई का काम करता था और पीड़ित जरदोजी का काम तो काम के सिलसिले में भी बात चीत थी | लेकिन पुलिस और SOG ने पीड़ित को बिना किसी प्रमाण के ही इन लोगो के साथ फर्जी तरीके से मुकदमा दायर कर दिया | जबकि मोहल्ले में पता करने पे यह पता चल जाएगा कि पीड़ित निहायती शरीफ व्यक्ति है किसी भी आपराधिक गतिविधि या अपराधी प्रवृति के लोगो से कोइ भी लेना देना नहीं है | पुलिस और SOG के पास कोइ भी प्रमाण नहीं है कि पीड़ित का कोइ भी वास्ता इन अपराधियों के साथ है | केवल हैदर जो कि अपराधी प्रवृति का व्यक्ति है उससे बात चीत करने के कारण पुलिस व SOG वालो ने पीड़ित को झूठे मुक़दमे में फर्जी तरीके से फसाया है | साथ ही इसी मामले में SOG और पुलिस वालो ने पीड़ित के भाई शेरू, इमरान और तनवीर को भी उठाया था और तीन दिन के बाद उन्हें छोड़ा था वे सभी नाबालिग थे उसमे से एक मानसिक रूप से बीमार भी था |  

      अतः आपसे निवेदन है कि इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच उच्च अधिकारियो से कराते हुए दोषी SOG और पुलिस वालो पर न्यायोचित कार्यवाही और पीड़ित को राहत दिलाने की कृपा करे |

     

 

भवदीय

डा0 लेनिन

महासचिव,

मानवाधिकार जननिगरानी समिति

सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी

91-9935599333

 Please visit:
 

वाराणसी निवासी अब्दुल कलाम उर्फ़ सुन्दर को पुलिस द्वारा बिना किसी अपराध के फर्जी केस में फ़साने के सन्दर्भ में |

सेवा में.                                          11 जून, 2013

माननीय मुख्यमंत्री महोदय ,

उत्तर प्रदेश सरकार,

उत्तर प्रदेश |


विषय : वाराणसी निवासी अब्दुल कलाम उर्फ़ सुन्दर को पुलिस द्वारा बिना किसी अपराध के फर्जी केस में फ़साने के सन्दर्भ में |


महोदय,

      आपको यह अवगत करना कि पीड़ित अब्दुल कलाम उर्फ़ सुन्दर पुत्र श्री अब्दुल मन्नान, सी-16/72 लहंगपुरा, थाना-सिगरा, जिला-वाराणसी का रहने वाला है | पीड़ित एक सामाजिक व्यक्ति है और इसका कभी भी अपराध से कोइ भी लेना देना नहीं रहा है और न ही किसी थाने में कोइ शिकायत ही कभी दर्ज हुई है | पीड़ित जरदोजी का काम करता है व अपने मोहल्ले में प्रतिष्ठित व्यक्ति के रूप में जाना जाता है | परन्तु 26 फरवरी, 2013 को पीड़ित दुलहीपुर में अपने दोस्त के घर पर गया हुआ था और रात में सो रहा था लेकिन रात 1:00 बजे के करीब सादे कपड़ो में कुछ लोग पीड़ित को मलिक नाम का व्यक्ति समझकर उठा ले गए | बाद में पता चला कि वो लोग SOG वाले है | वो लोग पीड़ित को उठाकर वाराणसी स्थित होटल डी पेरिस में ले गए | वहां पर एक कमरे में पहले से एक व्यक्ति मौजूद था उससे SOG वालो ने पीड़ित को पहचानने को कहा तो उसने पहचानने से इनकार कर दिया कि वो पीड़ित को नहीं पहचानता | साथ ही पीड़ित से भी उक्त व्यक्ति को पहचानने के लिए कहा गया तो पीड़ित ने भी पहचानने से इनकार कर दिया | इसके बाद SOG वाले पीड़ित को बहुत मारे और बोले कि कबूल करो कि तुम ही मलिक हो लेकिन पीड़ित ने उन्हें अपना नाम अब्दुल कलाम उर्फ़ सुन्दर बताया तो वे लोग फिर मारने लगे और कहने लगे कि कहो कि तुम ही मलिक हो | पीड़ित को पूरी रात मारते रहे | दोपहर करीब 12:00 बजे कृष्णा सेठ उर्फ़ मलिक का मोबाईल चालू हुआ वो SOG वाले भी हैरान हो गए कि मलिक तो उनके सामने बैठा है तब यह मोबाईल कौन आपरेट कर रहा है | जल्द ही उस नंबर को ट्रेस करके SOG वाले उसे पकड़ने के लिए निकल गए | कृष्णा सेठ उर्फ़ मलिक को इलाहाबाद से गिरफ्तार कर लिया और उसने कबूल भी कर लिया कि वो ही मलिक है | इसके बाद रास्ते से ही एक और व्यक्ति हैदर को भी उन लोगो ने उठा लिया |

      इसके बाद वो लोग उन दोनों को लेकर पुनः होटल आये और मलिक से पीड़ित को पहचाने को कहा लेकिन मलिक ने नहीं पहचाना क्योकि पीड़ित का कोइ आपराधिक काम नहीं था | फिर पीड़ित और हैदर को एक कमरे में बंद कर दिया | दूसरे कमरे में मलिक से पूछ ताछ करने लगे उसके बाद रात में ही मलिक की निशानदेही पर कई लोगो को उन लोगो ने रात में उठाया | इसके बाद पीड़ित व अन्य लोगो को पुलिस लाइन ले कर गए | वहा पर मीडिया के सामने पेश करने के बाद 27 फरवरी, 2013 को कैंट थाने ले जा कर पीड़ित सहित 6 लोगो का चालान कर दिया |

      पीड़ित का दोस्त हैदर है जो उसके साथ पिछले 15 वर्षो से सउदिया अरब में रहा रहा था और साथ काम कर रहा था | उसके बाद दोनों भारत वापस आ गए और हैदर ने अपराधी किस्म के लोगो से दोस्ती कर ली लेकिन पीड़ित का उसके अपराधिक जीवन से कोइ भी लेना देना नहीं रहा | चुकी इतनी लम्बी दोस्ती होने के नाते उन लोगो में बोल चाल थी और साथ ही हैदर सिलाई का काम करता था और पीड़ित जरदोजी का काम तो काम के सिलसिले में भी बात चीत थी | लेकिन पुलिस और SOG ने पीड़ित को बिना किसी प्रमाण के ही इन लोगो के साथ फर्जी तरीके से मुकदमा दायर कर दिया | जबकि मोहल्ले में पता करने पे यह पता चल जाएगा कि पीड़ित निहायती शरीफ व्यक्ति है किसी भी आपराधिक गतिविधि या अपराधी प्रवृति के लोगो से कोइ भी लेना देना नहीं है | पुलिस और SOG के पास कोइ भी प्रमाण नहीं है कि पीड़ित का कोइ भी वास्ता इन अपराधियों के साथ है | केवल हैदर जो कि अपराधी प्रवृति का व्यक्ति है उससे बात चीत करने के कारण पुलिस व SOG वालो ने पीड़ित को झूठे मुक़दमे में फर्जी तरीके से फसाया है | साथ ही इसी मामले में SOG और पुलिस वालो ने पीड़ित के भाई शेरू, इमरान और तनवीर को भी उठाया था और तीन दिन के बाद उन्हें छोड़ा था वे सभी नाबालिग थे उसमे से एक मानसिक रूप से बीमार भी था |  

      अतः आपसे निवेदन है कि इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच उच्च अधिकारियो से कराते हुए दोषी SOG और पुलिस वालो पर न्यायोचित कार्यवाही और पीड़ित को राहत दिलाने की कृपा करे |

     

 

भवदीय

डा0 लेनिन

महासचिव,

मानवाधिकार जननिगरानी समिति

सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी

91-9935599333

 Please visit:
 



वाराणसी निवासी अब्दुल कलाम उर्फ़ सुन्दर को पुलिस द्वारा बिना किसी अपराध के फर्जी केस में फ़साने के सन्दर्भ में |

सेवा में.                                          11 जून, 2013

पुलिस महानिदेशक महोदय,

वाराणसी,

उत्तर प्रदेश |


विषय : वाराणसी निवासी अब्दुल कलाम उर्फ़ सुन्दर को पुलिस द्वारा बिना किसी अपराध के फर्जी केस में फ़साने के सन्दर्भ में |


महोदय,

      आपको यह अवगत करना कि पीड़ित अब्दुल कलाम उर्फ़ सुन्दर पुत्र श्री अब्दुल मन्नान, सी-16/72 लहंगपुरा, थाना-सिगरा, जिला-वाराणसी का रहने वाला है | पीड़ित एक सामाजिक व्यक्ति है और इसका कभी भी अपराध से कोइ भी लेना देना नहीं रहा है और न ही किसी थाने में कोइ शिकायत ही कभी दर्ज हुई है | पीड़ित जरदोजी का काम करता है व अपने मोहल्ले में प्रतिष्ठित व्यक्ति के रूप में जाना जाता है | परन्तु 26 फरवरी, 2013 को पीड़ित दुलहीपुर में अपने दोस्त के घर पर गया हुआ था और रात में सो रहा था लेकिन रात 1:00 बजे के करीब सादे कपड़ो में कुछ लोग पीड़ित को मलिक नाम का व्यक्ति समझकर उठा ले गए | बाद में पता चला कि वो लोग SOG वाले है | वो लोग पीड़ित को उठाकर वाराणसी स्थित होटल डी पेरिस में ले गए | वहां पर एक कमरे में पहले से एक व्यक्ति मौजूद था उससे SOG वालो ने पीड़ित को पहचानने को कहा तो उसने पहचानने से इनकार कर दिया कि वो पीड़ित को नहीं पहचानता | साथ ही पीड़ित से भी उक्त व्यक्ति को पहचानने के लिए कहा गया तो पीड़ित ने भी पहचानने से इनकार कर दिया | इसके बाद SOG वाले पीड़ित को बहुत मारे और बोले कि कबूल करो कि तुम ही मलिक हो लेकिन पीड़ित ने उन्हें अपना नाम अब्दुल कलाम उर्फ़ सुन्दर बताया तो वे लोग फिर मारने लगे और कहने लगे कि कहो कि तुम ही मलिक हो | पीड़ित को पूरी रात मारते रहे | दोपहर करीब 12:00 बजे कृष्णा सेठ उर्फ़ मलिक का मोबाईल चालू हुआ वो SOG वाले भी हैरान हो गए कि मलिक तो उनके सामने बैठा है तब यह मोबाईल कौन आपरेट कर रहा है | जल्द ही उस नंबर को ट्रेस करके SOG वाले उसे पकड़ने के लिए निकल गए | कृष्णा सेठ उर्फ़ मलिक को इलाहाबाद से गिरफ्तार कर लिया और उसने कबूल भी कर लिया कि वो ही मलिक है | इसके बाद रास्ते से ही एक और व्यक्ति हैदर को भी उन लोगो ने उठा लिया |

      इसके बाद वो लोग उन दोनों को लेकर पुनः होटल आये और मलिक से पीड़ित को पहचाने को कहा लेकिन मलिक ने नहीं पहचाना क्योकि पीड़ित का कोइ आपराधिक काम नहीं था | फिर पीड़ित और हैदर को एक कमरे में बंद कर दिया | दूसरे कमरे में मलिक से पूछ ताछ करने लगे उसके बाद रात में ही मलिक की निशानदेही पर कई लोगो को उन लोगो ने रात में उठाया | इसके बाद पीड़ित व अन्य लोगो को पुलिस लाइन ले कर गए | वहा पर मीडिया के सामने पेश करने के बाद 27 फरवरी, 2013 को कैंट थाने ले जा कर पीड़ित सहित 6 लोगो का चालान कर दिया |

      पीड़ित का दोस्त हैदर है जो उसके साथ पिछले 15 वर्षो से सउदिया अरब में रहा रहा था और साथ काम कर रहा था | उसके बाद दोनों भारत वापस आ गए और हैदर ने अपराधी किस्म के लोगो से दोस्ती कर ली लेकिन पीड़ित का उसके अपराधिक जीवन से कोइ भी लेना देना नहीं रहा | चुकी इतनी लम्बी दोस्ती होने के नाते उन लोगो में बोल चाल थी और साथ ही हैदर सिलाई का काम करता था और पीड़ित जरदोजी का काम तो काम के सिलसिले में भी बात चीत थी | लेकिन पुलिस और SOG ने पीड़ित को बिना किसी प्रमाण के ही इन लोगो के साथ फर्जी तरीके से मुकदमा दायर कर दिया | जबकि मोहल्ले में पता करने पे यह पता चल जाएगा कि पीड़ित निहायती शरीफ व्यक्ति है किसी भी आपराधिक गतिविधि या अपराधी प्रवृति के लोगो से कोइ भी लेना देना नहीं है | पुलिस और SOG के पास कोइ भी प्रमाण नहीं है कि पीड़ित का कोइ भी वास्ता इन अपराधियों के साथ है | केवल हैदर जो कि अपराधी प्रवृति का व्यक्ति है उससे बात चीत करने के कारण पुलिस व SOG वालो ने पीड़ित को झूठे मुक़दमे में फर्जी तरीके से फसाया है | साथ ही इसी मामले में SOG और पुलिस वालो ने पीड़ित के भाई शेरू, इमरान और तनवीर को भी उठाया था और तीन दिन के बाद उन्हें छोड़ा था वे सभी नाबालिग थे उसमे से एक मानसिक रूप से बीमार भी था |  

      अतः आपसे निवेदन है कि इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच उच्च अधिकारियो से कराते हुए दोषी SOG और पुलिस वालो पर न्यायोचित कार्यवाही और पीड़ित को राहत दिलाने की कृपा करे |

     

 

भवदीय

डा0 लेनिन

महासचिव,

मानवाधिकार जननिगरानी समिति

सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी

91-9935599333

 Please visit:
 


वाराणसी निवासी अब्दुल कलाम उर्फ़ सुन्दर को पुलिस द्वारा बिना किसी अपराध के फर्जी केस में फ़साने के सन्दर्भ में |

सेवा में.                                          11 जून, 2013

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय,

वाराणसी,

उत्तर प्रदेश |


विषय : वाराणसी निवासी अब्दुल कलाम उर्फ़ सुन्दर को पुलिस द्वारा बिना किसी अपराध के फर्जी केस में फ़साने के सन्दर्भ में |


महोदय,

      आपको यह अवगत करना कि पीड़ित अब्दुल कलाम उर्फ़ सुन्दर पुत्र श्री अब्दुल मन्नान, सी-16/72 लहंगपुरा, थाना-सिगरा, जिला-वाराणसी का रहने वाला है | पीड़ित एक सामाजिक व्यक्ति है और इसका कभी भी अपराध से कोइ भी लेना देना नहीं रहा है और न ही किसी थाने में कोइ शिकायत ही कभी दर्ज हुई है | पीड़ित जरदोजी का काम करता है व अपने मोहल्ले में प्रतिष्ठित व्यक्ति के रूप में जाना जाता है | परन्तु 26 फरवरी, 2013 को पीड़ित दुलहीपुर में अपने दोस्त के घर पर गया हुआ था और रात में सो रहा था लेकिन रात 1:00 बजे के करीब सादे कपड़ो में कुछ लोग पीड़ित को मलिक नाम का व्यक्ति समझकर उठा ले गए | बाद में पता चला कि वो लोग SOG वाले है | वो लोग पीड़ित को उठाकर वाराणसी स्थित होटल डी पेरिस में ले गए | वहां पर एक कमरे में पहले से एक व्यक्ति मौजूद था उससे SOG वालो ने पीड़ित को पहचानने को कहा तो उसने पहचानने से इनकार कर दिया कि वो पीड़ित को नहीं पहचानता | साथ ही पीड़ित से भी उक्त व्यक्ति को पहचानने के लिए कहा गया तो पीड़ित ने भी पहचानने से इनकार कर दिया | इसके बाद SOG वाले पीड़ित को बहुत मारे और बोले कि कबूल करो कि तुम ही मलिक हो लेकिन पीड़ित ने उन्हें अपना नाम अब्दुल कलाम उर्फ़ सुन्दर बताया तो वे लोग फिर मारने लगे और कहने लगे कि कहो कि तुम ही मलिक हो | पीड़ित को पूरी रात मारते रहे | दोपहर करीब 12:00 बजे कृष्णा सेठ उर्फ़ मलिक का मोबाईल चालू हुआ वो SOG वाले भी हैरान हो गए कि मलिक तो उनके सामने बैठा है तब यह मोबाईल कौन आपरेट कर रहा है | जल्द ही उस नंबर को ट्रेस करके SOG वाले उसे पकड़ने के लिए निकल गए | कृष्णा सेठ उर्फ़ मलिक को इलाहाबाद से गिरफ्तार कर लिया और उसने कबूल भी कर लिया कि वो ही मलिक है | इसके बाद रास्ते से ही एक और व्यक्ति हैदर को भी उन लोगो ने उठा लिया |

      इसके बाद वो लोग उन दोनों को लेकर पुनः होटल आये और मलिक से पीड़ित को पहचाने को कहा लेकिन मलिक ने नहीं पहचाना क्योकि पीड़ित का कोइ आपराधिक काम नहीं था | फिर पीड़ित और हैदर को एक कमरे में बंद कर दिया | दूसरे कमरे में मलिक से पूछ ताछ करने लगे उसके बाद रात में ही मलिक की निशानदेही पर कई लोगो को उन लोगो ने रात में उठाया | इसके बाद पीड़ित व अन्य लोगो को पुलिस लाइन ले कर गए | वहा पर मीडिया के सामने पेश करने के बाद 27 फरवरी, 2013 को कैंट थाने ले जा कर पीड़ित सहित 6 लोगो का चालान कर दिया |

      पीड़ित का दोस्त हैदर है जो उसके साथ पिछले 15 वर्षो से सउदिया अरब में रहा रहा था और साथ काम कर रहा था | उसके बाद दोनों भारत वापस आ गए और हैदर ने अपराधी किस्म के लोगो से दोस्ती कर ली लेकिन पीड़ित का उसके अपराधिक जीवन से कोइ भी लेना देना नहीं रहा | चुकी इतनी लम्बी दोस्ती होने के नाते उन लोगो में बोल चाल थी और साथ ही हैदर सिलाई का काम करता था और पीड़ित जरदोजी का काम तो काम के सिलसिले में भी बात चीत थी | लेकिन पुलिस और SOG ने पीड़ित को बिना किसी प्रमाण के ही इन लोगो के साथ फर्जी तरीके से मुकदमा दायर कर दिया | जबकि मोहल्ले में पता करने पे यह पता चल जाएगा कि पीड़ित निहायती शरीफ व्यक्ति है किसी भी आपराधिक गतिविधि या अपराधी प्रवृति के लोगो से कोइ भी लेना देना नहीं है | पुलिस और SOG के पास कोइ भी प्रमाण नहीं है कि पीड़ित का कोइ भी वास्ता इन अपराधियों के साथ है | केवल हैदर जो कि अपराधी प्रवृति का व्यक्ति है उससे बात चीत करने के कारण पुलिस व SOG वालो ने पीड़ित को झूठे मुक़दमे में फर्जी तरीके से फसाया है | साथ ही इसी मामले में SOG और पुलिस वालो ने पीड़ित के भाई शेरू, इमरान और तनवीर को भी उठाया था और तीन दिन के बाद उन्हें छोड़ा था वे सभी नाबालिग थे उसमे से एक मानसिक रूप से बीमार भी था |  

      अतः आपसे निवेदन है कि इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच उच्च अधिकारियो से कराते हुए दोषी SOG और पुलिस वालो पर न्यायोचित कार्यवाही और पीड़ित को राहत दिलाने की कृपा करे |

     

 

भवदीय

डा0 लेनिन

महासचिव,

मानवाधिकार जननिगरानी समिति

सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी

91-9935599333

 Please visit:
 


वाराणसी निवासी अब्दुल कलाम उर्फ़ सुन्दर को पुलिस द्वारा बिना किसी अपराध के फर्जी केस में फ़साने के सन्दर्भ में |

सेवा में.                                          11 जून, 2013

अध्यक्ष महोदय,

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,

नई दिल्ली |


विषय : वाराणसी निवासी अब्दुल कलाम उर्फ़ सुन्दर को पुलिस द्वारा बिना किसी अपराध के फर्जी केस में फ़साने के सन्दर्भ में |


महोदय,

      आपको यह अवगत करना कि पीड़ित अब्दुल कलाम उर्फ़ सुन्दर पुत्र श्री अब्दुल मन्नान, सी-16/72 लहंगपुरा, थाना-सिगरा, जिला-वाराणसी का रहने वाला है | पीड़ित एक सामाजिक व्यक्ति है और इसका कभी भी अपराध से कोइ भी लेना देना नहीं रहा है और न ही किसी थाने में कोइ शिकायत ही कभी दर्ज हुई है | पीड़ित जरदोजी का काम करता है व अपने मोहल्ले में प्रतिष्ठित व्यक्ति के रूप में जाना जाता है | परन्तु 26 फरवरी, 2013 को पीड़ित दुलहीपुर में अपने दोस्त के घर पर गया हुआ था और रात में सो रहा था लेकिन रात 1:00 बजे के करीब सादे कपड़ो में कुछ लोग पीड़ित को मलिक नाम का व्यक्ति समझकर उठा ले गए | बाद में पता चला कि वो लोग SOG वाले है | वो लोग पीड़ित को उठाकर वाराणसी स्थित होटल डी पेरिस में ले गए | वहां पर एक कमरे में पहले से एक व्यक्ति मौजूद था उससे SOG वालो ने पीड़ित को पहचानने को कहा तो उसने पहचानने से इनकार कर दिया कि वो पीड़ित को नहीं पहचानता | साथ ही पीड़ित से भी उक्त व्यक्ति को पहचानने के लिए कहा गया तो पीड़ित ने भी पहचानने से इनकार कर दिया | इसके बाद SOG वाले पीड़ित को बहुत मारे और बोले कि कबूल करो कि तुम ही मलिक हो लेकिन पीड़ित ने उन्हें अपना नाम अब्दुल कलाम उर्फ़ सुन्दर बताया तो वे लोग फिर मारने लगे और कहने लगे कि कहो कि तुम ही मलिक हो | पीड़ित को पूरी रात मारते रहे | दोपहर करीब 12:00 बजे कृष्णा सेठ उर्फ़ मलिक का मोबाईल चालू हुआ वो SOG वाले भी हैरान हो गए कि मलिक तो उनके सामने बैठा है तब यह मोबाईल कौन आपरेट कर रहा है | जल्द ही उस नंबर को ट्रेस करके SOG वाले उसे पकड़ने के लिए निकल गए | कृष्णा सेठ उर्फ़ मलिक को इलाहाबाद से गिरफ्तार कर लिया और उसने कबूल भी कर लिया कि वो ही मलिक है | इसके बाद रास्ते से ही एक और व्यक्ति हैदर को भी उन लोगो ने उठा लिया |

      इसके बाद वो लोग उन दोनों को लेकर पुनः होटल आये और मलिक से पीड़ित को पहचाने को कहा लेकिन मलिक ने नहीं पहचाना क्योकि पीड़ित का कोइ आपराधिक काम नहीं था | फिर पीड़ित और हैदर को एक कमरे में बंद कर दिया | दूसरे कमरे में मलिक से पूछ ताछ करने लगे उसके बाद रात में ही मलिक की निशानदेही पर कई लोगो को उन लोगो ने रात में उठाया | इसके बाद पीड़ित व अन्य लोगो को पुलिस लाइन ले कर गए | वहा पर मीडिया के सामने पेश करने के बाद 27 फरवरी, 2013 को कैंट थाने ले जा कर पीड़ित सहित 6 लोगो का चालान कर दिया |

      पीड़ित का दोस्त हैदर है जो उसके साथ पिछले 15 वर्षो से सउदिया अरब में रहा रहा था और साथ काम कर रहा था | उसके बाद दोनों भारत वापस आ गए और हैदर ने अपराधी किस्म के लोगो से दोस्ती कर ली लेकिन पीड़ित का उसके अपराधिक जीवन से कोइ भी लेना देना नहीं रहा | चुकी इतनी लम्बी दोस्ती होने के नाते उन लोगो में बोल चाल थी और साथ ही हैदर सिलाई का काम करता था और पीड़ित जरदोजी का काम तो काम के सिलसिले में भी बात चीत थी | लेकिन पुलिस और SOG ने पीड़ित को बिना किसी प्रमाण के ही इन लोगो के साथ फर्जी तरीके से मुकदमा दायर कर दिया | जबकि मोहल्ले में पता करने पे यह पता चल जाएगा कि पीड़ित निहायती शरीफ व्यक्ति है किसी भी आपराधिक गतिविधि या अपराधी प्रवृति के लोगो से कोइ भी लेना देना नहीं है | पुलिस और SOG के पास कोइ भी प्रमाण नहीं है कि पीड़ित का कोइ भी वास्ता इन अपराधियों के साथ है | केवल हैदर जो कि अपराधी प्रवृति का व्यक्ति है उससे बात चीत करने के कारण पुलिस व SOG वालो ने पीड़ित को झूठे मुक़दमे में फर्जी तरीके से फसाया है | साथ ही इसी मामले में SOG और पुलिस वालो ने पीड़ित के भाई शेरू, इमरान और तनवीर को भी उठाया था और तीन दिन के बाद उन्हें छोड़ा था वे सभी नाबालिग थे उसमे से एक मानसिक रूप से बीमार भी था |  

      अतः आपसे निवेदन है कि इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच उच्च अधिकारियो से कराते हुए दोषी SOG और पुलिस वालो पर न्यायोचित कार्यवाही और पीड़ित को राहत दिलाने की कृपा करे |

     

 

भवदीय

डा0 लेनिन

महासचिव,

मानवाधिकार जननिगरानी समिति

सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी

91-9935599333

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Saturday, June 8, 2013

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले की पीडिता नईमा अख्तरी को दहेज़ के लिए पति व उसके घरवालो द्वारा मार पीट व जान लेने का प्रयास |

सेवा में,                                           8 जून, 2013

अध्यक्ष महोदय,

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,

नई दिल्ली |

विषय : उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले की पीडिता नईमा अख्तरी को दहेज़ के लिए पति व उसके घरवालो द्वारा मार पीट व जान लेने का प्रयास |

महोदय,


विषय : उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले की पीडिता नईमा अख्तरी को दहेज़ के लिए पति व उसके घरवालो द्वारा मार पीट व जान लेने का प्रयास |


महोदय,

      आपको ध्यान इस और आकृष्ट कराना चाहता हूँ कि पीडिता नईमा अख्तरी पुत्री श्री वलीउल्लाह निवासिनी पुरानेपुल आम की बारी, वाराणसी की रहने वाली है | पीडिता की शादी मोहम्मद हारून पुत्र श्री मोहम्मद फारूक निवासी शक्कर तालाब, वाराणसी के साथ अप्रैल 2012 में मुस्लिम रीती रिवाज के साथ हुई थी | विदाई के बाद कुछ दिनों तक सब कुछ ठीक चलता रहह परन्तु कुछ दिनों बाद ही पीडिता के पति व उसके घरवाले उसे दहेज़ लाने के लिए प्रताणित करने लगे पहले तो केवल ताने मारते थे पर धीरे धीरे मार-पीट करने लगे | पीडिता का पति शराब पीने आ आदती है इसलिए वो हर समय पीडिता से पैसे की मांग करता रहता है | कई बार पीडिता के घरवालो ने पैसे से मदद भी की परन्तु उन लोगो की मांग दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही थी | अब उसका पति मोहम्मद हारून, सास जमीलन निशा, ससुर मोहम्मद फारूक पीडिता को कमरे में बंद करके डंडो, लात, घूसों से पिटाई करते व खाना पीना भी नहीं देते थे | एक दिन तो हद हो गयी पीडिता को बुरी तरह से मार पीट कर घर से निकाल दिए |

      जिसके बाद पीडिता अब अपने माँ-बाप के घर पर रह रही है लेकिन फिर भी उसका पति उसे उसके घर पर आकर धमाकी देता है कि रुपये लेकर नहीं आओगी तो तुम्हे जान से मार दूंगा कोइ मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता है | पुलिस भी मेरा कुछ नहीं कर सकती है क्योकि पुलिस से मेरी जान पहचान है | इन लोगो की दूकान भी वही पर है जो कि फारूक पूड़ी वाले के नाम से मशहूर है |

      पीडिता ने अपना लिखित शिकायती पत्र 30 मई, 2013 को महिला थाने में दिया था परन्तु अभी तक उस पर कोइ भी कार्यवाही नहीं की गयी |

      अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि कृपया इस मामले की गंभीरता को देखते हुए महिला थाने को आदेशित करे कि पीडिता का मुकदमा घरेलू महिला हिंसा अधिनियम के अन्तर्गत दर्ज करे और उसके पति मोहम्मद हारुर, सास जमीलन निशा व ससुर मोहम्मद फारूक को गिरफ्तार करे | ताकि पीड़ित महिला को न्याय मिल सके |

संलग्नक : पीडिता द्वारा दिनांक 30/5/2013 को महिला थाने में दिए गए पत्र की प्रति |

 

भवदीय

डा0 लेनिन

महासचिव

मानवाधिकार जननिगरानी समिती

सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी

+91-9935599333

 

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उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले की पीडिता नईमा अख्तरी को दहेज़ के लिए पति व उसके घरवालो द्वारा मार पीट व जान लेने का प्रयास |

सेवा में,                                           8 जून, 2013

श्रीमान पुलिस महानिदेशक महोदय,

उत्तर प्रदेश,

लखनऊ |


विषय : उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले की पीडिता नईमा अख्तरी को दहेज़ के लिए पति व उसके घरवालो द्वारा मार पीट व जान लेने का प्रयास |


महोदय,

      आपको ध्यान इस और आकृष्ट कराना चाहता हूँ कि पीडिता नईमा अख्तरी पुत्री श्री वलीउल्लाह निवासिनी पुरानेपुल आम की बारी, वाराणसी की रहने वाली है | पीडिता की शादी मोहम्मद हारून पुत्र श्री मोहम्मद फारूक निवासी शक्कर तालाब, वाराणसी के साथ अप्रैल 2012 में मुस्लिम रीती रिवाज के साथ हुई थी | विदाई के बाद कुछ दिनों तक सब कुछ ठीक चलता रहह परन्तु कुछ दिनों बाद ही पीडिता के पति व उसके घरवाले उसे दहेज़ लाने के लिए प्रताणित करने लगे पहले तो केवल ताने मारते थे पर धीरे धीरे मार-पीट करने लगे | पीडिता का पति शराब पीने आ आदती है इसलिए वो हर समय पीडिता से पैसे की मांग करता रहता है | कई बार पीडिता के घरवालो ने पैसे से मदद भी की परन्तु उन लोगो की मांग दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही थी | अब उसका पति मोहम्मद हारून, सास जमीलन निशा, ससुर मोहम्मद फारूक पीडिता को कमरे में बंद करके डंडो, लात, घूसों से पिटाई करते व खाना पीना भी नहीं देते थे | एक दिन तो हद हो गयी पीडिता को बुरी तरह से मार पीट कर घर से निकाल दिए |

      जिसके बाद पीडिता अब अपने माँ-बाप के घर पर रह रही है लेकिन फिर भी उसका पति उसे उसके घर पर आकर धमाकी देता है कि रुपये लेकर नहीं आओगी तो तुम्हे जान से मार दूंगा कोइ मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता है | पुलिस भी मेरा कुछ नहीं कर सकती है क्योकि पुलिस से मेरी जान पहचान है | इन लोगो की दूकान भी वही पर है जो कि फारूक पूड़ी वाले के नाम से मशहूर है |

      पीडिता ने अपना लिखित शिकायती पत्र 30 मई, 2013 को महिला थाने में दिया था परन्तु अभी तक उस पर कोइ भी कार्यवाही नहीं की गयी |

      अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि कृपया इस मामले की गंभीरता को देखते हुए महिला थाने को आदेशित करे कि पीडिता का मुकदमा घरेलू महिला हिंसा अधिनियम के अन्तर्गत दर्ज करे और उसके पति मोहम्मद हारुर, सास जमीलन निशा व ससुर मोहम्मद फारूक को गिरफ्तार करे | ताकि पीड़ित महिला को न्याय मिल सके |

संलग्नक : पीडिता द्वारा दिनांक 30/5/2013 को महिला थाने में दिए गए पत्र की प्रति |

 

भवदीय

डा0 लेनिन

महासचिव

मानवाधिकार जननिगरानी समिती

सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी

+91-9935599333

 

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उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले की पीडिता नईमा अख्तरी को दहेज़ के लिए पति व उसके घरवालो द्वारा मार पीट व जान लेने का प्रयास |

सेवा में,                                           8 जून, 2013

श्रीमान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय,

वाराणसी,

उत्तर प्रदेश |


विषय : उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले की पीडिता नईमा अख्तरी को दहेज़ के लिए पति व उसके घरवालो द्वारा मार पीट व जान लेने का प्रयास |


महोदय,

      आपको ध्यान इस और आकृष्ट कराना चाहता हूँ कि पीडिता नईमा अख्तरी पुत्री श्री वलीउल्लाह निवासिनी पुरानेपुल आम की बारी, वाराणसी की रहने वाली है | पीडिता की शादी मोहम्मद हारून पुत्र श्री मोहम्मद फारूक निवासी शक्कर तालाब, वाराणसी के साथ अप्रैल 2012 में मुस्लिम रीती रिवाज के साथ हुई थी | विदाई के बाद कुछ दिनों तक सब कुछ ठीक चलता रहह परन्तु कुछ दिनों बाद ही पीडिता के पति व उसके घरवाले उसे दहेज़ लाने के लिए प्रताणित करने लगे पहले तो केवल ताने मारते थे पर धीरे धीरे मार-पीट करने लगे | पीडिता का पति शराब पीने आ आदती है इसलिए वो हर समय पीडिता से पैसे की मांग करता रहता है | कई बार पीडिता के घरवालो ने पैसे से मदद भी की परन्तु उन लोगो की मांग दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही थी | अब उसका पति मोहम्मद हारून, सास जमीलन निशा, ससुर मोहम्मद फारूक पीडिता को कमरे में बंद करके डंडो, लात, घूसों से पिटाई करते व खाना पीना भी नहीं देते थे | एक दिन तो हद हो गयी पीडिता को बुरी तरह से मार पीट कर घर से निकाल दिए |

      जिसके बाद पीडिता अब अपने माँ-बाप के घर पर रह रही है लेकिन फिर भी उसका पति उसे उसके घर पर आकर धमाकी देता है कि रुपये लेकर नहीं आओगी तो तुम्हे जान से मार दूंगा कोइ मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता है | पुलिस भी मेरा कुछ नहीं कर सकती है क्योकि पुलिस से मेरी जान पहचान है | इन लोगो की दूकान भी वही पर है जो कि फारूक पूड़ी वाले के नाम से मशहूर है |

      पीडिता ने अपना लिखित शिकायती पत्र 30 मई, 2013 को महिला थाने में दिया था परन्तु अभी तक उस पर कोइ भी कार्यवाही नहीं की गयी |

      अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि कृपया इस मामले की गंभीरता को देखते हुए महिला थाने को आदेशित करे कि पीडिता का मुकदमा घरेलू महिला हिंसा अधिनियम के अन्तर्गत दर्ज करे और उसके पति मोहम्मद हारुर, सास जमीलन निशा व ससुर मोहम्मद फारूक को गिरफ्तार करे | ताकि पीड़ित महिला को न्याय मिल सके |

संलग्नक : पीडिता द्वारा दिनांक 30/5/2013 को महिला थाने में दिए गए पत्र की प्रति |

 

भवदीय

डा0 लेनिन

महासचिव

मानवाधिकार जननिगरानी समिती

सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी

+91-9935599333

 

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Friday, June 7, 2013